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ਦੀਵਾਲPunjabi Essay on "Diwali Festival", “ਦੀਵਾਲੀ ਦਾ ਤਿਉਹਾਰ ਦਾ ਲੇਖ”, “Diwali Da Lekh Punjabi Vich”, Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and 10

Essay on Diwali Festival in Punjabi Language : In this article, we are providing  ਦੀਵਾਲੀ ਦਾ ਤਿਉਹਾਰ ਦਾ ਲੇਖ  for students. Diwali Da Lekh Pu...

Punjabi Essay on "Diwali Festival", “ਦੀਵਾਲੀ ਦਾ ਤਿਉਹਾਰ ਦਾ ਲੇਖ”, “Diwali Da Lekh Punjabi Vich”, Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and 10

ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਭਾਰਤ ਅੰਦਰ ਤਿਉਹਾਰ ਜਿੰਨੇ ਖੁਸ਼ੀ ਨਾਲ ਮਨਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਉਨੇ ਕਿਸੇ ਦੂਜੇ ਦੇਸ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਮਨਾਏ ਜਾਂਦੇ । ਦੀਵਾਲੀ ਸਾਰੇ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਬੜੀ ਹੀ ਧੂਮ ਧਾਮ ਨਾਲ ਮਨਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । 

ਕਤੱਕ ਦੀ ਹਨੇਰੀ ਰਾਤ ਨੂੰ ਦੀਵਿਆਂ ਦੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਨਾਲ ਹਨੇਰੇ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਦੀਵਾਲੀ ਦੁਸ਼ਹਿਰੇ ਤੋਂ ਠੀਕ 20 ਦਿਨ ਪਿੱਛੋਂ ਮਨਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦਿਨ ਹੀ ਅਯੁੱਧਿਆ ਦੇ ਰਾਜਾ ਸੀ ਰਾਮ ਚੰਦਰ ਜੀ ਚੌਦਾ ਵਰਿਆਂ ਦਾ ਬਨਵਾਸ ਕੱਟ ਕੇ ਅਯੁੱਧਿਆ ਵਿੱਚ ਵਾਪਸ ਆਏ ਸਨ ਇਸ ਕਰਕੇ ਅਯੁੱਧਿਆ ਵਾਸੀਆਂ ਨੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਆਉਣ ਦੀ ਖੁਸ਼ੀ ਵਿੱਚ ਘਿਉ ਦੇ ਦੀਵੇ ਬਾਲੇ ਸਨ । 

ਜੈਨੀਆਂ ਦੇ ਗੁਰੂ ਮਹਾਵੀਰ ਜੀ ਨੂੰ ਇਸ ਦਿਨ ਨਿਰਵਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਇਆ ਸੀ । ਇਸ ਕਰਕੇ ਜੈਨੀ ਲੋਕ ਦੀਵਾਲੀ ਨੂੰ ਧੂਮ ਧਾਮ ਨਾਲ ਮਨਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਛੇਵੇਂ ਗੁਰੂ ਹਰਿਗੋਬਿੰਦ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਗਵਾਲੀਅਰ ਦੇ ਕਿਲੇ ਤੋਂ 52 ਪਹਾੜੀ ਰਾਜਿਆਂ ਨੂੰ ਛਡਾਇਆ ਸੀ ਤੇ ਦੀਵਾਲੀ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਉਹ ਹਰਿਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ (ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ) ਪਹੁੰਚੇ ਸਨ । ਇਸ ਕਰਕੇ ਸਿੱਖ ਲੋਕ ਦੀਵਾਲੀ ਨੂੰ ਧੂਮਧਾਮ ਨਾਲ ਮਨਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਦੀਵਾਲੀ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਭਾਰਤ ਦੇ ਹਰ ਸ਼ਹਿਰ ਪਿੰਡ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਚਹਿਲ ਪਹਿਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਚਾਰੋ ਪਾਸੇ ਰੌਣਕਾਂ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਬਾਜ਼ਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਲੋਕੀ ਦੀਵਾਲੀ ਤੋਂ ਠੀਕ ਮਹੀਨਾ ਪਹਿਲਾਂ ਆਪਣੇ ਘਰਾਂ ਦੀ ਸਾਫ਼ ਸਫ਼ਾਈ ਤੇ ਰੰਗ ਰੋਗਨ ਕਰਾਉਣਾ ਬਰੂ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ। ਉਹ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੌਰ ਤੇ ਆਪਣੇ ਘਰਾਂ ਨੂੰ ਰੰਗ ਬਿਰੰਗੀ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਲਾਈਟਾਂ ਨਾਲ ਸਜਾਉਂਦੇ ਹਨ । 

ਦੀਵਾਲੀ ਤਾਂ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਦੀ ਕਾਫੀ ਮਸ਼ਹੂਰ ਮੰਨੀ ਗਈ ਹੈ । ਸ਼ਾਮ ਨੂੰ ਹਰਿਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਹੁੰਦੀ ਦੀਪਮਾਲਾ ਨੂੰ ਵੇਖਣ ਲਈ ਸਾਰੇ ਸੰਸਾਰ 'ਭਰ ਵਿੱਚੋਂ ਲੋਕ ਆਉਂਦੇ ਹਨ । ਸਰੋਵਰ ਦੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਜਗਦੇ ਹੋਏ ਦੀਵਿਆਂ ਦਾ ਨਜ਼ਾਰਾ ਇੱਕ ਅਦਭੁੱਤ ਦ੍ਰਿਸ਼ ਪੇਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਦੀਵਾਲੀ ਭਾਵੇਂ ਕਿ ਰਾਤ ਨੂੰ ਮਨਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਲੇਕਿਨ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ' ਵਿੱਚ ਇਸ ਨੂੰ ਮਨਾਉਣ ਦਾ ਚਾਅ,ਸਵੇਰ ਤੋਂ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਲੋਕ ਬਾਜ਼ਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮਠਿਆਈ, ਆਤਿਸ਼ਬਾਜੀ ਖਰੀਦਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਿਨ ਆਪਣੇ ਯਾਰਾਂ ਦੋਸਤਾਂ, ਰਿਸ਼ਤੇਦਾਰਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਦਿਨ ਮਿਠਾਈ ਦੇ ਡਿੱਬੇ ਦੇ ਕੇ ਖੁਸ਼ੀ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਰਾਤ ਨੂੰ ਲੋਕ ਲੱਛਮੀ ਦੀ ਪੂਜਾ ਕਰਦੇ* ਹਨ ਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਵਿਚਾਰ ਜੇਕਰ ਰਾਤ ਨੂੰ ਘਰ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਖਿੜਕੀਆਂ ਖੁੱਲ੍ਹੀਆਂ ਰੱਖ ਕੇ ਸੈਵਾਂਗੇ ਤਾਂ ਲੱਛਮੀ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਘਰ ਜਰੂਰ ਆਵੇਗੀ । ਕਈ ਲੋਕ ਇਸ ਦਿਨ ਜੁਆ ਵੀ ਖੇਡਦੇ ਹਨ ਜਿਹੜੀ ਕਿ ਬਹੁਤ ਹੀ ਮਾੜੀ ਆਦਤ ਹੈ ।

ਇਹ ਤਿਉਹਾਰ ਲੋਕਾਂ ਵਿੱਚ ਆਪਸ ਅੰਦਰ ਪ੍ਰੇਮ ਪਿਆਰ ਵਧਾਉਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਨਵੀਂ ਸਾਂਝ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

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  • दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - हिंदी में दीपावली पर निबंध कक्षा 1 से 8 तक के लिए 200 से 500 शब्दों में यहां देखें

Updated On: September 02, 2024 06:33 pm IST

  • दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ …

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ मुहूर्त

  • दीपदान: लोग अपने घरों, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाते हैं।
  • पटाखे चलाना: लोग आतिशबाजी और पटाखे चलाते हैं।
  • भाई दूज: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं।
  • छोटी दिवाली: यह दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन, लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं।

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 200 words)

दिवाली पर हिंदी में निबंध 500 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 500 Words) - प्रस्तावना

Paragraph on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध हिंदी में (essay on diwali in hindi) - उपसंहार.

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दिवाली पर हिंदी में निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali in Hindi in 10 Lines)

  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है।
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है.
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों पर दिवाली मनाते हैं।
  • दीये, मोमबत्तियाँ जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • दिवाली या शुभ दीपावली न केवल हिंदू समुदाय के बीच बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है।
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के 15वें दिन मनाई जाती है।
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है।
  • आमतौर पर, दिवाली उत्सव के रूप में स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों के लिए 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है।
  • इस अवसर पर देश भर से परिवार और मित्र एकत्रित होते हैं और आनंदमय समय एक साथ बिताते हैं।

diwali ke bare mein

हिंदी में दीपावली निबंध (Deepavali Essay in Hindi) - दिवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार

  • दिवाली लगभग 5 दिनों का त्यौहार है, दिवाली से एक दिन पहले लोग धातु की वस्तुएं (सोना, चांदी, पीतल आदि) की खरीदारी करके धनतेरस का त्यौहार मनाते हैं।
  • दिवाली के अगले दिन को लोग छोटी दीपावली के रूप में भी मनाते हैं।
  • दीपावली के तीसरे दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इसके बाद, दीपावली से ठीक चौथे दिन पर गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।
  • दीपावली के पांचवे दिन आखिरी पर्व को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

Are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard?

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

दिवाली का पूरा कैलेंडर यहां दिया गया है- 

शुभ दीपावली का उत्सव कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है और ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार इस वर्ष दिवाली 1 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। 

दीपावली को लेकर कई किस्से हैं लेकिन, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम, रावण को मारकर और 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीप जलाए व जश्न मनाया था और तब से भारत में दिवाली की शुरुआत हुई।

दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसके पीछे कारण यह है कि दीपावली संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका का अर्थ होता है- दीप + आवलिः (कतार में रखे हुए दिप)।

प्राचीनकाल में दिवाली को दीपोत्सव के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है दीपों का उत्सव होता है। 

प्राचीन काल से दिवाली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जा रहा है। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दिवाली का उल्लेख मिलता है। दिये को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता भी है।

उत्तर भारत में लोग मिट्टी के दीयों को जलाकर रावण को हराने के बाद श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं, जबकि दक्षिणी भारत इसे उस दिन के रूप में मनाता है जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था।

दिवाली पर निबंध हिंदी में लिखकर नमूना के साथ यहां विस्तार में बताया गया है। इच्छुक इस लेख में दिए गए बिंदुओं से अपने लिए बेहतरीन हिंदी में दीपावली पर निबंध तैयार कर सकते हैं। 

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दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

आज हमने इस आर्टिकल में दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व, वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व, व्यावसायिक महत्व, दार्शनिक महत्व, दिवाली से लाभ और दिवाली से हानि, Ecofriendly मनाने का तरीके, कविताएं तथा दिवाली पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi)

प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।

दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं। दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।

दीपावली का इतिहास व महत्व History and importance of Deepawali in Hindi

 दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली नाम दिया गया है। अर्थात दीपावली का अर्थ होता है दीपों की अवलि। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व अंधेरी रात को दिये जलाकर दीपावली मनाया जाता है। दीपावली के पीछे अलग-अलग कारण और कहानियां हैं।

1. भगवान राम कार्तिक अमावस्या को 14 वर्ष का वनवास  पूरा करके तथा असुरी कृतियों के प्रति बुराई का दमन करके अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में पूरे अयोध्या को असंख्य दिये जलाकर  उन की स्वागत की थी  तथा उत्सव मनाए थे इसी कारण यह प्रमुख त्योहारों में से एक है।

2. इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया। इसलिए इस दिन जनता खुश हो कर के अपने घरों में घी के दीया जलाए थे।

पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व Mythological and Historical significance in Hindi

दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है। इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दुष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।

लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारत वर्ष में दीपक जला कर ख़ुशियाँ मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। यह विद्वान इस पर्व का संबंध है मां काली द्वारा रक्तबीज के संघार से ही बताते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व Scientific Significance in Hindi

दिवाली का पौराणिक महत्व तो है ही लेकिन इसका वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्व है। वर्षा ऋतु से उत्पन्न न कीड़े, मकोड़े जल, में  घास -फूस एवं गंदगी के सड़ने से उत्पन्न विषैली गैस, तथा घर मकान में व्याप्त सीलन को दूर करने में दिवाली के त्यौहार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

लोग दिवाली का त्यौहार आने की बहुत पहले से ही उनके घरों एवं आस पास की सफाई करना प्रारंभ कर देते हैं। वे घर एवं दुकानों पर नया रंग रोगन करवाते हैं।  इससे घर कि सीतन एवं कोनों में छुपे हुए कीट मुखड़े भी नष्ट हो जाते हैं।

प्राचीन काल से दिवाली के दिन सरसों एवं घी का दीपक जलाए जाते थे। इससे वातावरण का प्रदूषण दूर होता था। और कीड़े मकोड़े इसकी दीपशिखा ऊपर जल मरते हैं।

व्यवसायिक महत्व Business Value in Hindi

दिवाली के दिन व्यवसाय लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन से किसी व्यवसाय कार्य का आरंभ है शुभ माना जाता है। इसके पीछे भी कुछ बताने का रहे हैं, इस काल में वर्षा ऋतु पूर्णतय समाप्त हो जाती है। यात्रा और व्यावसायिक कार्य के लिए यह समय अनुकूल माना जाता है।

इस समय किसानों के घर धान की फसल काट कर आना शुरू हो जाती है, और उन्हें इसी समय अपने किसी संबंधी सामग्रियों का क्रय करना होता है। 

दीपावली का दार्शनिक महत्व Philosophical Importance in Hindi

दिवाली को प्रकाश पर्व कहा जाता है। यहां अंधेरे पर प्रकाश से तथा असत्य से सत्य पर विजय की प्रतीक है यह इस दार्शनिक तथ्य को अभिव्यक्त करता है कि, अंधेरा कितना भी खाना हो गया, ज्ञान और कर्तव्य का सामूहिक दीप अंधेरे को प्रकाश में बदल देता है।

किसी समाज के उत्थान के लिए प्रेरक इस तथ्य को वाड़ी देते हुए दीपमाला  की अनगिनत हमसे यह कहते हुए प्रतीत होती है कि, हमारी तरह जल कर देखो तुझे से भी प्रकाश की किरणें निखरने लगेगी जो समाज में छाए हुए अंधेरे को मिटा देगी।

दिवाली से लाभ Benefit from Diwali in Hindi

 दिवाली मात्र एक  त्यौहार ही नहीं अपितु इससे अनेक लाभ भी हैं, घर मोहल्लों के साथ सफाई  वातावरण की शुद्धि,  आपसि सद्भावना का विकास  तथा नए कार्य  व नए योजनाओं का आरंभ है करने की प्रेरणा के साथ-साथ दिवाली हमें अंधेरे से लड़ने की प्रेरणा भी देती है।

दिवाली से हानि Loss from Diwali in Hindi

मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो अपने आंतरिक (ईर्ष्या और द्वेष से पुण) विचार एवं अज्ञानता पुण व्यवहारों के द्वारा किसी लाभप्रद रीति-रिवाजों को भी हानिकारक बना देता है।

दिवाली के दिन जुआ खेलने शराब पीने पर अनिष्ट आचरण से विनाश को आमंत्रित करने वाले लोग आज भी हैं। ऐसे लोगों के लिए दिवाली का त्यौहार लाभ के बदले हानि को आमंत्रित करता है।

देश में पटाखों के रूप में अरबों रुपए का बारूद फूंक दिया जाता हैं इससे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित होती है, और वातावरण भी प्रदूषित होता है। अनेक लोग पटाखों के कारण पाली दुर्घटना से प्रदूषित हो कर अपने जीवन को नर्क बना लेते हैं।

दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार Festivals celebrated during Deepawali in Hindi

 दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज

धनतेरस Dhanteras in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन दीपावली का पहला दिन होता है जिसे धनतेरस कहते हैं। धनतेरस के दिन कुछ भी खरीदना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि उस दिन घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। लोग उस दिन अपने जरूरत का सामान खरीदते हैं, जैसे सोना, चांदी, गाड़ी, कार, बर्तन आदि।

नरक चतुर्दशी Nakarak Chaturdashi in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन दीपावली का दूसरा दिन होता है इसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली, रूप चौदस, काली चौदस के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का संहार किया था इसीलिए उनके जीत के किसी के सम्मान में यह त्यौहार मनाया जाता है। अपनी मृत्यु के समय नरकासुर सत्यभामा से विनती की थी कि उनकी मृत्यु को रंगीन प्रकाशमय उत्सव के रूप में मनाया जाए।

दीपावली Deepawali in Hindi

दीपावली का यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यहां हिंदुओं का मुख्य धार्मिक व सामाजिक पर्व है। कहा जाता है कि रामचंद्र जी 14 बरस का बनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे जिनकी खुशी में अयोध्यावासी असंख्य दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।

गोवर्धन पूजा Govardhan Pooja in Hindi

गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन तथा गाय की विशेष पूजा की जाती है। जिसका अपना एक खास महत्व हैं। इस पर्व को कृष्ण भगवान की जन्मभूमि मथुरा, गोकुल, और वृंदावन में खास तौर पर मनाया जाता है।

हालांकि भारत के कई क्षेत्रों में भी ऐसे लोग बहुत ही श्रद्धा के साथ बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गौ के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और उसे विशेष प्रकार के फूलों से सजा कर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।

कहां जाता है कि मूलाधार बारिश से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को 7 दिनों तक अपनी एक उंगली पर उठाए रखा। इससे इंद्र क्रोधित हो उठे और मूलाधार बारिश होने लगी गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी बृजवासी सुरक्षित थे।

सातवें दिन जब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और गोवर्धन पूजा की अभिभूत बनाकर उसकी पूजा करने को कहा तब से दीपावली के समय गोवर्धन पूजा जाने की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है।

भाई दूज Bhai Dooj in Hindi

यह त्यौहार बहन के प्रति भाई का कर्तव्य का बोध कराता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। इसे भारत के विभिन्न जगहों पर भव बिच, भाई तिलक, रात्र द्वितीय, आदि कहा जाता है।

हिंदू समाज में भाई-बहन के प्रेम को सम्मान दिया जाता है। भाई दूज का यह त्यौहार दीपावली के 2 दिन बाद आता है। हिंदुओं के बाकी परंपराओं की तरह यह त्यौहार भी से जुड़ा हुआ है इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है।

बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इसीलिए इस पर्व पर यम देव की पूजा भी की जाती है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देवता की पूजा अर्चना करता है उसे असमय मृत्यु का कोई भय नहीं रहता।

दीपावली मेरा प्रिय त्यौहार है मुझे इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है दीपावली के समय हम घरों में दीया जलाते हैं मुझे यह त्यौहार बहुत ही अच्छा लगता है।

दीपावली कैसे मनाते हैं? How to celebrate Deepawali in Hindi

  • दीपावली के दिन हम रंग बिरंगी रंगोलियां बनाते हैं।
  • उस दिन लोग नए नए कपड़े पहनते हैं।
  • दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  • उस दिन रात्रि के समय पूरे घरों को असंख्य दीपों से सजाया जाता है ।
  • लोग पटाखे फोड़ते हैं, फुलझड़ियां जलाते हैं, और दीपावली का आनंद लेते हैं परंतु हमें दिवाली में पटाखे नहीं फोड़ना चाहिए।
  • दीपावली के दिन घरों में अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाए जाते हैं।
  • दीपावली के दिन लोग एक दूसरे को मिठाई बांटते हैं और दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं।

प्रदूषण मुक्त दीपावली Pollution free Deepawali in Hindi

हमें हमेशा प्रदूषण मुक्त दीपावली (Ecofriendly Diwali) की मनाना चाहिए। हमें दीपावली के समय ज्यादा से ज्यादा दिया जलाकर ही दीपावली का आनंद लेना चाहिए। ना की पटाखे फोड़ कर। दीपावली के समय पटाखों के कारण कई प्रकार के हादसे होते हैं।

पटाखों के धुए से वायु भी प्रदूषित होता है तथा उसके ध्वनि से ध्वनि प्रदूषण भी होता है।  दीपावली के समय पटाखों के कारण हमारा वातावरण प्रदूषित होता है इस कारण हमें पटाखों का प्रयोग ना करके हम दीया जलाकर दीपावली मना सकते है। इको फ्रेंडली दीपावली मना कर ही हम हमारे वातावरण को सुरक्षित रख सकते है।

दिवाली पर 10 लाइन 10 lines on Diwali

  • प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
  • दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। 
  • एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।
  • दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
  • बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं।
  • दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।
  • दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है।
  • इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दृष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।
  • लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारतवर्ष में दीपक जला कर खुशियां मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है।

दीपावली पर कविता Poem on diwali in Hindi

  • गर सूख गया हो दीये का मान, मौसम है स्नेह का तेल चढ़ा लेना। हो मन में कहीं गर लोभ क्रोध का अंधेरा, मौका है प्रेम के दीये जला लेना। घर को मन को कर चुके हो साफ, पड़ोस पड़ोसियों से कचरा क्लेश भी हटा लेना। कब तक रखोगे रामायण में राम, आज दिन है मन में भगवान बसा लेना। गर सूख गया हो दीये का मन, मौसम है स्नेहा का तेल चढ़ा लेना।
  • दीपावली का त्योहार आया, साथ में खुशियों की बौछार लाया। दीपो की सजी है कतार, जगमग आ रहा है पूरा संसार। अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया, दीपावली का त्योहार आया। सुख समृद्धि की बौछार लाया, भाईचारे का संदेश लाया। बाजारों में रौनक छाया, दीपावली का त्यौहार आया।
  • दीपों का त्योहार दिवाली आई है, खुशियों का संसार दिवाली आई है। घर आंगन सब नया सा लगता है, नया-नया परिधान सभी को फबता है। नए-नए उपहार दिवाली लाई है, खुशियों का संसार दिवाली लाई है।
  • दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, खुशी-खुशी सब हंसते आओ आज दिवाली रे, नाचो गाओ खुशी मनाओ आज दिवाली आई, दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, नए नए कपड़े पहनो खाओ खूब मिठाई,  हाथ जोड़ कर पूजा कर लो आज दिवाली आई।
  • आओ मिलकर दीप जलाएं अंधेरा धरा से दूर भगाएं। रहा न जाए अंधेरा कहि घर का कोई सुना कोना, सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना, हर घर आंगन में रंगोली सजाएं, आओ मिलकर दीप जलाएं।

निष्कर्ष Conclusion

किसी त्योहार को मनाते समय हमें उसमें निहित कल्याणकारी अर्थ को भी समझना चाहिए। दिवाली के त्यौहार में भी यही दृष्टिकोण अपनाना उचित होगा, तभी हम इसका वास्तविक आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आपको  यह दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi अच्छा लगा हो तो और भी जानकारी पाने के लिए हमारे साथ इसी तरह से जुड़े रहिए।

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली

दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों में (जहां हिंदू निवास करते हैं) भी यह विधि पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ खुशी, उत्साह और ढ़ेर सारा उमंग लेकर आता है। कार्तिक माह के अमावस्या को दिवाली का पर्व अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर अमावस्या की काली रात दिपों के जगमगाहट से रौशन हो जाती है। दिपावली पर पुराने रीत के अनुसार सभी अपने घरों को दीपक से सजाते हैं।

दिवाली पर 10 वाक्य   || दिवाली के कारण होने वाला प्रदूषण पर निबंध

दीपावली 2021 पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Diwali 2021 in Hindi, Deepawali par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।

दीपावली (Deepawali) के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रचलित कथाएं (इतिहास)

दिवाली का इतिहास बहुत पुराना है, इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जैसे कुछ लोगों के अनुसार सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है द्वापर में कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक आमवस्या को किया था इसलिए मनाया जाता है। कुछ के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थी, एवं अन्य के अनुसार माँ शक्ति ने उस दिन महाकाली का रूप लिया था इसलिए मनाया जाता है।

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दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा

दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।

दीपावली कब मनाई जाती है

उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) का महत्व

दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।

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निबंध – 2 (400 शब्द)

दीपावली (Deepawali), स्वयं में अपनी परिभाषा व्यक्त करने वाला एक शब्द है, जिसे हम सब त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह दीपों और रोशनी का त्योहार है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हम दीवाली के रुप में मनाते हैं। इसे सभी हिंदू देशों जैसे की भारत, नेपाल, आदि में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष कोरोना के कारण दीवाली की परिभाषा थोड़ी अलग होगी। खुशियां तो आएंगी परंतु अभी लोगों से दूरी बनाने में ही समझदारी है।

2020 की कोरोना वाली दीवाली

इस वर्ष जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से लड़ रहा है तो वही त्योहारों का मौसम भी ज़ोर पर है। त्योहारों का आनंद जरूर उठाये परन्तु यह याद रखें की सावधानी हटी, दुर्घटना घटी अर्थात कोरोना किसी भी रूप में आप तक पहुंच सकता है इस लिये कुछ नियमों का पालन करें जैसे:

  • बाज़ार आवश्यक होने पर ही जाएं।
  • सामान लेने के बाद घर आकर सामान को सैनिटाइज जरूर करें।
  • मास्क पहनना न भूलें और एक छोटा सैनिटाइजर भी साथ में अवश्य रखें।
  • दीवाली अपने साथ ठंडक को भी दस्तक देती है तो अपनी सेहत का भी ध्यान दें।
  • एक जिम्मेदार नागरिक बनें और बच्चों को भी पटाखों से होने वाले नुकसान बताएं।
  • मौसम बदलने पर ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं इस लिये त्योहार की भागा दौड़ी में खुद का ख्याल रखना न भूलें।
  • घरों में डस्टिंग और सफाई आदि करने से कई बार श्वास संबंधी रोग से पीड़ित लोगों को दिक्कत होने लगती है, इस लिये इसे करने से बचें क्यों की किसी भी तरह की श्वास संबंधी बीमारी होने पर लोगों में बेमतलब कोरोना की आशंका हो जाती है।
  • स्वास्थ्य के अतिरिक्त लोकल सामानों को खरीदें और लोकल के लिये वोकल बनें और भारतीय उत्पाद अपनाएं।
  • दीयों से खूबसूरत कुछ नहीं लगते, इस लिये विदेशी लाइटों की जगह घरों को मिट्टी के दीयों से सजाएँ और देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद करें।

अपकी दीवाली केवल परिवार के साथ

दीवाली रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ में खुशियां भी लाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस दिन का बेसबरी से इंतजार करता है। नए कपड़ों, रंग-बिरंगी मिठाइयों और रंगोली के सामान से बाजारों में रौनक आ जाती है। लोग जम कर खरीदारी करते हैं और अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। इस दिन पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है।

इस दीवाली खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें इस लिये इस वर्ष किसी के घर न जाएं सब को फ़ोन पर ही बधाई दे दें। अच्छा भोजन खाएं, ज्यादा बाज़ार के उत्पाद न खाएं घर पर बना खाना खाएं और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें और परिवार के साथ इसका आनंद लें।

हर त्योहार की अपनी खासियत होती है, ठीक इसी प्रकार रोशनी के इस पर्व को समृद्धि का सूचक माना जाता है। ज्यादातर घरों में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और धन-धान्य का वरदान मांगा जाता है। इस वर्ष पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक शांत और रोशनी से भरपूर त्योहार अपने-अपने परिवार के साथ मनाएं।

Diwali Essay

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निबंध – 3 (500 शब्द)

दीपावली (Deepawali) धन, धान्य, सुख, चैन व ऐश्वर्य का त्योहार है। भारत के विभिन्न राज्य इस अवसर पर पौराणिक कथाओं के आधार पर विशेष तरह की पूजा करते हैं। दिवाली, भारत तथा नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मानाने की वजह

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-

  • भारत के पूर्वी भाग में स्थित उड़ीसा, बंगाल इस दिन माता शक्ति को, महाकाली का रूप धारण करने के वजह से मनाते हैं। और लक्ष्मी के स्थान पर काली की उपासना करते हैं।
  • भारत के उत्तरी भाग में स्थित पंजाब के लिए दिवाली बहुत महत्व रखता है क्योंकि 1577 में इसी दिवस पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी। और इसी दिन पर सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था।
  • भारत के दक्षिण भाग में स्थित राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि दिवाली पर, द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाते हैं।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

  • नेपाल – भारत के अलांवा भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दिपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिवस पर नेपाली कुत्तों को सम्मानित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। इसके अलांवा वह संध्याकाल में दीपक जलाते हैं तथा एक-दूसरे से मिलने उनके घर जाते हैं।
  • मलेशिया – मलेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के वजह से इस दिन पर सरकारी अवकाश दिया जाता है। लोग अपने घरों में पार्टी आयोजित करते हैं। जिसमें अन्य हिंदू व मलेशियाई नागरिक सम्मिलित होते हैं।
  • श्रीलंका – इस द्वीप में रह रहे लोग दिवाली के सुबह उठ कर तेल से स्नान करते हैं और पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां दिवाली के मौके पर खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज आदि आयोजित किया जाता है।

इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) पर ध्यान रखने योग्य बातें

विशेषकर लोग दीपावली (Deepawali)पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।

दीपावली (Deepawali)पर अभद्र व्यवहार न करें

कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।

अत्यधिक पटाखो का जलाया जाना

पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।

दिवाली खुशीयों का त्योहार है। इससे जुड़ी प्रत्येक चीज हमें खुशी देती है। हम सभी को समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है की हमारे मस्ती और आनंद के वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न होने पाए।

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दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi

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दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। रोशनी के इस त्यौहार को “दीपावली ” के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भले ही बुराई रावण की तरह शक्तिशाली और बुद्धिमान हो, लेकिन उसका अंत एक दिन अवश्य होता है।

Table of Contents

दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में) – Diwali Essay in Hindi

दिवाली, हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जिसका अर्थ है ‘दीपकों की पंक्ति।’ यह त्यौहार ख़ुशी और उत्सव का प्रतीक है और हर साल अक्टूबर और नवंबर के बीच मनाया जाता है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों को सुंदर ढंग से सजाते हैं और रात में दीयों से रोशनी करते हैं।

दिवाली का महत्व कई परंपराओं और कहानियों से जुड़ा हुआ है। एक प्रमुख किंवदंती के अनुसार, इस दिन भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण अपने 14 साल के वनवास से अयोध्या लौटे थे, लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीपक जलाए थे। इसके साथ ही श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके लोगों को खुशहाली भी दिलाई थी।

दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार में हर दिन का विशेष महत्व होता है। पहले दिन को ‘धनतेरस’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने व्यवसायों और घरों की सफाई करते हैं। दूसरे दिन को ‘छोटी दिवाली’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने घरों को खूबसूरती से सजाते हैं। तीसरे दिन को ‘मुख्य दिवाली’ कहा जाता है, जब लोग अपने घरों को दीयों से रोशन करते हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

दिवाली के इस खास मौके पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयां बनाते हैं। फूल और पटाखे फोड़े जाते हैं और दुकानों, बाजारों और घरों को रंग-बिरंगे दीयों से सजाया जाता है।

दिवाली के चौथे दिन को ‘गोवर्धन पूजा’ कहा जाता है, जिसमें गाय माता की पूजा की जाती है। इस दिन, लोग बहुत सारे विशेष व्यंजन, जैसे खील-बताशा, बर्फी, गुलाब जामुन और अन्य स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं और उन्हें दोस्तों और परिवार के साथ साझा करते हैं।

दिवाली के आखिरी दिन को ‘भाई दूज’ कहा जाता है, जिसमें बहनें यमराज की पूजा करती हैं और अपने भाइयों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।

दिवाली का त्योहार हर किसी के जीवन में सुख और समृद्धि का प्रतीक है। इसे एक नई शुरुआत का संकेत माना जाता है और लोग नए संकल्प लेते हैं और अपने जीवन को सफल और खुशहाल बनाने की कोशिश करते हैं।

दिवाली के इस उत्सव के तहत, लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं, और सामाजिक और आपसी दोस्ती को मजबूत करते हैं।

दिवाली पर निबंध (500 शब्दों में) – Diwali Nibandh in Hindi

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” के रूप में जाना जाता है, न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के हिंदू समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख और प्राचीन हिंदू त्योहारों में से एक है। यह भव्य त्योहार अपने साथ समृद्धि, खुशियाँ और रोशनी की आशा लेकर आता है, जिसे विभिन्न समुदायों के लोगों द्वारा अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या को पड़ती है। यह एक ऐसा समय होता है जब अंधेरी रात अनगिनत दीपकों और दीयों के साथ जीवंत हो उठती है, जिससे आसपास का वातावरण जगमगा उठता है। दिवाली का बड़ा धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह चौदह साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद दिलाता है। उनकी वापसी के दौरान, अयोध्या के निवासियों ने अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक, दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था।

इसके अतिरिक्त, इस दिन, भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक था। दिवाली जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर के निर्वाण दिवस का भी प्रतीक है। इन कई कारणों से, दिवाली कई लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है।

यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है, जो धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है। दिवाली की तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। घरों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है और सजावट शुरू हो जाती है। नए कपड़े सिले जाते हैं और तरह-तरह की स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। ठंड का मौसम भव्यता, स्वच्छता और जीवंत सजावट के समय में बदल जाता है, जो हमारे घरों में धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत करता है।

पहले दिन, धनतेरस पर, लोग सोने और चांदी के आभूषण जैसी धातु की वस्तुएं खरीदते हैं क्योंकि इस दिन इन सामग्रियों में निवेश करना शुभ माना जाता है। दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है, जब कुछ लोग पटाखे फोड़कर भी जश्न मनाते हैं।

तीसरा दिन, मुख्य दिवाली का दिन, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिन खासतौर पर उन व्यापारियों के लिए बहुत महत्व रखता है जो नए बही-खाते की शुरुआत करते हैं। विभिन्न आयु वर्ग और विभिन्न वर्गों के लोग धार्मिक अनुष्ठान करने और देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए एक साथ आते हैं।

चौथे दिन, गोवर्धन पूजा मनाई जाती है, जो भगवान इंद्र के प्रकोप के कारण होने वाली मूसलाधार बारिश से ग्रामीणों की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने का प्रतीक है। यह पर्व प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देता है।

दिवाली का आखिरी दिन, भाई दूज, भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। बहनें अपने भाइयों की आरती करती हैं और उनकी सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

दिवाली धार्मिक सीमाओं से परे है, विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमि के लोग त्योहार मनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो परिवारों और दोस्तों के बीच प्यार, एकता और खुशी का प्रतीक है।

रोशनी का त्योहार दिवाली हमारे दिलों में एक खास जगह रखता है। यह एक नई शुरुआत का आरंभ करता है और हमारे जीवन को खुशी, आशा और सकारात्मकता से भर देता है। यह वह समय है जब अंधकार दूर हो जाता है और प्रकाश बुराई पर विजय प्राप्त करता है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि अच्छे कर्म, एकता और विश्वास हमें हमेशा एक उज्जवल कल की ओर ले जाएंगे।

दिवाली के त्योहार पर निबंध (600 शब्दों में) – Essay on the festival of Diwali in Hindi

प्रस्तावना:

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। आमतौर पर छोटे बच्चों को यह त्योहार बहुत पसंद आता है क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उपहार लाता है। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।

दिवाली का मतलब

“दिवाली”, जिसे “दीपावली” के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार हिंदू पौराणिक और सांस्कृतिक धार्मिक महत्व से ओत-प्रोत है और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।

दिवाली का अर्थ “दीपकों की पंक्ति” से है, जो दर्शाता है कि इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दीपक या दीये जलाना है। ‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप+आवली। ‘दीप’ का अर्थ है ‘दीपक’ और ‘आवली’ का अर्थ है ‘श्रृंखला’, जिसका अर्थ है दीपकों की श्रृंखला या दीपकों की पंक्ति।

इस त्यौहार के अवसर पर घरों को दीपों से सजाया जाता है, जिससे रात बेहद खूबसूरत और रोशनी से भरी हो जाती है। यह दीयों की चमकती रोशनी है जिसका महत्वपूर्ण प्रतीक बुराई के अंधेरे से अच्छाई की रोशनी की ओर बढ़ना है।

दिवाली त्योहार की तैयारियां

“दिवाली” के त्यौहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले ही शुरू हो जाती हैं। दिवाली के आगमन से ही लोग अपने घरों को सजाना शुरू कर देते हैं। इस त्योहार की तैयारियों में घर की साफ-सफाई सबसे अहम होती है। लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करके सजाते हैं, जिससे घर का वातावरण शुद्ध और रमणीय हो जाता है।

ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन, धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी जी का आगमन होता हैं, और वह विशेष रूप से उन घरों में प्रवेश करती हैं जहां साफ-सफाई और सुशीलता बनी रहती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर का साफ सुथरा होना जरूरी है। देवी लक्ष्मी के आगमन को घर में सुख-समृद्धि बढ़ने का संकेत माना जाता है और इसलिए यह तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दिवाली नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीयों और तरह-तरह की लाइटों से सजाना शुरू कर देते हैं। इस त्यौहार की शुरुआत घर के कोने-कोने में दीपक और मोमबत्तियाँ जलाकर की जाती है, जिससे रात के समय घर की सुख-समृद्धि में रोशनी फैल जाती है। दीये और रोशनी का यह उत्स्व बुराई के अंधेरे को हराने और अच्छाई की रोशनी की ओर बढ़ने का संकेत है।

“लक्ष्मी पूजन” का विशेष महत्व है

इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली के शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश और धन संचय के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। दिवाली, जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है, धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस दिन लोग अपने घर में आने वाले धन का स्वागत करने के लिए अपने घरों को विशेष तरीके से सजाते, साफ-सुथरा और तैयार करते हैं। धनतेरस के दिन लोग अपने घरों को धन और समृद्धि से भरने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करते हैं।

धनतेरस के दिन भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है क्योंकि वह घर के रास्ते को साफ और सुरक्षित रखते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं। कुबेर जी की पूजा से धन के प्रवाह पर नियंत्रण रहता है।

प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन सबसे अधिक फलदायी माना जाता है। धनतेरस का महत्व यह भी है कि यह धन निवेश और व्यापार के लिए शुभ समय होता है। इस दिन लोग नई संपत्ति की योजना बनाते हैं और नवीनतम व्यावसायिक प्रक्रियाओं में पहल करते हैं।

दिवाली का मतलब है दीपों की पंक्ति और रोशनी की ओर बढ़ना। इस त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं, जिससे हमारे घरों में रोशनी और खुशियां आती हैं। “लक्ष्मी पूजन” इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी की पूजा है, जो हमारे जीवन में समृद्धि और वित्तीय स्थिति की कामना करती है। दिवाली के दिन घरों को दीपों से सजाने के साथ-साथ आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ती है, जिससे हम अपने जीवन में नए आदर्शों और समर्पण की ओर बढ़ सकते हैं।

दीपावली पर निबंध (900 शब्दों में) – Essay on Diwali in Hindi

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत और दुनिया भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। इस त्योहार का महत्व आने वाले समय में सुख, समृद्धि और रोशनी की आशा से जुड़ा है। दिवाली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों में दीये और पटाखे जलाते हैं, जो रोशनी का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान लोग अपने घरों को सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और साफ-सफाई करते हैं। इसके साथ ही दिवाली आध्यात्मिक और आत्मनिर्भर भावना को बढ़ावा देती है और लक्ष्मी पूजन के माध्यम से समृद्धि की कामना करती है।

दिवाली का इतिहास

हिंदू मान्यताओं के अनुसार दिवाली का इतिहास भगवान श्री राम के आगमन से जुड़ा है। भगवान श्री राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण ने चौदह वर्ष के वनवास के बाद अपनी प्रिय अयोध्या लौटने का फैसला किया था। उनके आगमन के दिन अमावस्या की रात थी, जिसके कारण पूरा नगर अंधकार में डूबा हुआ था। लोगों ने अपने घरों को दीपों और फूलों से सजाया था, ताकि भगवान राम और उनके परिवार के स्वागत के लिए पूरा शहर उज्ज्वल और सुंदर हो। 

तब से लेकर आज तक इसे रोशनी के त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है। लोग अपने घरों को दीयों और दीपों से सजाते हैं, जिससे घरों में रोशनी होती है और त्योहार की भावना में उत्सव का माहौल पैदा होता है। इसे “दीपावली” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “दीपकों की पंक्ति”। यह पंक्ति न सिर्फ घर को रोशन करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि रोशनी हर समय बुराई को हराती है।

इस शुभ अवसर पर, भगवान गणेश, लक्ष्मी जी, राम जी और अन्य देवताओं की मूर्तियाँ बाजारों में खरीदारी के लिए उपलब्ध होती हैं। इस समय बाजारों में विशेष रौनक रहती है। इस अवसर पर लोग नए कपड़े, उपहार, आभूषण, बर्तन, मिठाइयाँ और अन्य सामान खरीदते हैं। 

हिंदू धर्म के अनुसार, दिवाली का त्योहार नई व्यावसायिक गतिविधियों की शुरुआत का भी प्रतीक है। व्यवसायी लोग दिवाली के त्योहार पर नए बही-खाते शुरू करके वित्तीय सफलता की आशा करते हैं।

इसके साथ ही लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। दिवाली के अवसर पर, लोग अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक रहते हैं, जिससे खुशियों का आदान-प्रदान होता है और रिश्ते मजबूत होते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व

दिवाली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है। इस त्यौहार में बच्चे पटाखे और विभिन्न प्रकार की आतिशबाजी जैसे फुलझड़ी, रॉकेट, फव्वारे, चकरी आदि जलाना पसंद करते हैं। दिवाली में पटाखों का भी महत्व है क्योंकि पटाखे इस त्योहार की खुशियों को और भी रंगीन बना देते हैं।

पटाखे फोड़ना इस त्योहार को रंगीन और आनंदमय बनाता है। पटाखे दिवाली मनोरंजन का एक हिस्सा हैं और बच्चों और वयस्कों के बीच मनोरंजन का एक स्रोत हैं। पटाखे अपनी आवाज और ध्वनि से लोगों को आनंद लेने का वातावरण देते हैं और त्योहार के माहौल को और अधिक जीवंत और उत्सवपूर्ण बनाते हैं।

दिवाली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार

  • दिवाली का त्यौहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। दिवाली 5 त्योहारों धनतेरस, नरक चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजा, धनतेरस और भाई दूज का संगम है।
  • धनतेरस: यह दिवाली के त्योहार का पहला दिन होता है, जिसमें लोग सोने और चांदी के आभूषण जैसी धातु की वस्तुएं खरीदते हैं।
  • नरक चतुर्थी (छोटी दिवाली): दिवाली के दूसरे दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है और कुछ लोग इसे छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • मुख्य दीपावली (दिवाली): यह दिवाली का मुख्य दिन है, जिसमें लोग देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस दिन को “अमावस्या” के रूप में मनाया जाता है, जिसका अर्थ है कि अमावस्या की रात होने के बावजूद, अमावस्या की रात को अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।
  • गोवर्धन पूजा: दिवाली के त्योहार का चौथा दिन गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बलभद्र गिरिराज रूप की पूजा की जाती है और कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • भैया-दूज: दिवाली के त्योहार का आखिरी दिन भैया-दूज के रूप में मनाया जाता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और उनकी रक्षा की कामना करती हैं।

ये त्यौहार अलग-अलग तरीके से मनाए जाते हैं और हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है, हर दिन से अपनी-अपनी महत्वपूर्ण कहानियां और धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं।

दिवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियाँ

दिवाली जैसे धार्मिक महत्व के त्योहार के शुभ अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व शराब, जुआ, जादू-टोना और पटाखों के दुरुपयोग जैसी अपनी बुरी आदतों से इसे खराब करने में लगे रहते हैं। पटाखों के अत्यधिक उपयोग से ध्वनि प्रदूषण बढ़ सकता है, जिससे क्षेत्र और आसपास के लोगों को परेशानी हो सकती है। यदि दिवाली के दिन इन बुराइयों को समाज से दूर रखा जाए तो दिवाली का त्योहार सचमुच शुभ दिवाली बन जाएगा।

दिवाली, जिसे भगवान श्री राम की अयोध्या वापसी के दिन के रूप में जाना जाता है, को अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, और लक्ष्मी पूजा के साथ धन और समृद्धि की कामना की जाती है। पांच दिनों की दिवाली अपने अंदर के अंधेरे को मिटाकर पूरी दुनिया को रोशन करने का त्योहार है। दिवाली के दिन, लोग पटाखों का उपयोग करते हैं, जो उत्सव की आवाज़ और रंगों के साथ जश्न मनाने में मदद करते हैं। हमें यह समझना होगा कि दिवाली के त्योहार का मतलब रोशनी, प्यार और सुख-समृद्धि है। ऐसे में पटाखों का प्रयोग सावधानी से और बड़ों की मौजूदगी में करना चाहिए। इस दिन अवगुणों को दूर करने की जरूरत है ताकि यह त्योहार अपने वास्तविक महत्व को उजागर कर सके।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali in 10 lines)

  • दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है। 
  • यह त्यौहार भगवान राम की अयोध्या वापसी की ख़ुशी को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है, जब लोग दीपक और रंगोली के साथ उनके आगमन का स्वागत करते हैं।
  • इस दिन, हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं। 
  • इस त्योहार के मौके पर बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी और उत्साह का इजहार करते हैं, जो खास लगता है।
  • हिंदू धर्म के अनुसार दिवाली के इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिसका महत्व धन, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति से जुड़ा है। 
  • लोग इस दिन को अपने दोस्तों और पड़ोसियों के साथ खुशी के लिए उपहार और मिठाइयाँ देकर मनाते हैं।
  • दिवाली को भारत में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है और इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाने की तैयारी की जाती है। 
  • यह हिंदू समुदाय के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, और इसे अन्य धर्मों और संप्रदायों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। 
  • दिवाली एक महत्वपूर्ण सामाजिक और पारंपरिक अवसर है, जो परिवारों और प्रियजनों के बीच प्रेम और मेल-मिलाप का प्रतीक है।

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दिवाली पर निबंध | Essay On Diwali In Hindi | Diwali Par Nibandh

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Diwali Par Nibandh – दिवाली सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह महान पर्व प्रत्येक वर्ष बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। सनातन धर्म का केंद्र बिंदु भारत सहित यह गौरवशाली पर्व विश्व के कुछ देशों में बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। नेपाल, श्रीलंका, सिंगापूर, मलेशिया, इंडोनेशिया, मॉरीशस व दक्षिण अफ्रीका के कुछ देशों में भी यह पर्व मनाया जाता है। इसके अलावा भारत के लोग जहाँ जहाँ, जिस जिस देशों में बसे है वे उन देशों में अपने इस गौरवशाली पर्व को वही मनाते है, जिससे विदेशो में विशेषकर अमरीका व यूरोप के कुछ देशो में भी यह मनाया जाने लगा है। आज के इस लेख में हम आपको दिवाली पर निबंध ( Essay On Diwali In Hindi ) बताने जा रहे है. यह निबंध आपके स्टूडेंट जीवन में जरुर काम आएगा.

Essay On Diwali In Hindi

Table of Contents

दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi)

दीपावली दो शब्दों के मिश्रण से बना एक शब्द है। इसमें प्रथम दीप है तो दूसरा है आवली। दीप या दीया का अर्थ होता है, दीपक। जबकि आवली का अर्थ होता है, शृंखला। इस प्रकार दीपावली का शाब्दिक अर्थ है, दीपो की शृंखला। दीपावली को सामान्य बोलचाल की भाषा में दिवाली कहा जाता है। यह प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या प्रायः अंग्रेजी महीने के नवंबर में आती है मगर कभी कभी यह अक्टूबर में भी आ जाती है। यह हिंदी महीने की कम या अधिक अवधि के कारण होता है।

इस बार यानि वर्ष 2023 में कार्तिक मास की अमावस्या 12 नवंबर को पड़ रही है इसलिए इस बार दिवाली 12 नवंबर 2023, रविवार को मनाई जायेगी। इस बार पूजन का शुभ मुहूर्त संध्या आठ बजे से रात्रि दस बजे तक है।

दिवाली को मनाये जाने के पीछे सनातन धर्म में दो प्रमुख कथाएं अधिक प्रचिलत है। प्रथम कथा श्री राम से जुडी है तो दूसरी कथा श्री कृष्ण से जुडी है। इनमें सबसे प्रमुख चौदह वर्ष के वनवास के बाद श्रीराम का माता सीता सहित लक्ष्मण के साथ अपने गृह प्रदेश अयोध्या का आगमन है।

दीपावली क्यों मनाई जाती है?

दीपावली पर निबंध 150 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 150 Words)

जब भगवान श्री राम लंकापति रावण पर विजय के साथ अपने चौदह वर्ष की वनवास पूरी करके भार्या (पत्नी) सीता व अनुज भ्राता लक्ष्मण के साथ अपने घर की वापसी किया तो उस दिन अयोध्या प्रजा में खुशी की लहर दौड़ गई। वे अपने घरो व गली, सड़को की साफ – सफाई करके अपने राजा के आगमन का स्वागत करने लगे। चूंकि उस दिन अमावस्या थी और अमावस्या की रात अन्धकार भरी होती है। इसलिए प्रजाजन अपने घरो के बाहर दीप प्रज्जलित करके श्री राम के लौटने के मार्ग को प्रकाश से भर दिया ताकि भगवान श्री राम, माता सीता व लक्षमण को आने में कोई समस्या न हो, उन्हें हर जगह प्रकाश मिले। कहते है तभी से दिवाली मनायी जाने लगी। अब यही कारण है, दिवाली की रात को घर-बाहर दीपक जलाये जाते है। दिवाली न केवल श्री राम से नहीं बल्कि श्री कृष्ण से भी जुड़ी हुई है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने भयानक असुर नरकासुर का वध करके सोलह हजार स्त्रियों को मुक्त करवाया था। इसी खुशी में लोगो के द्वारा दिवाली मनाई जाने लगी।

  • दिवाली के पांच दिनों के त्योहार के बारे में
  • धनतेरस कब है, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  • लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और तिथि
  • दिवाली शुभकामनाएं संदेश
  • दिवाली के लिए ट्रेंडी रंगोली डिजाइन
  • धनतेरस की शुभकामनाएं संदेश
  • गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
  • तुलसी विवाह कब है?

दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 200 Words)

दिवाली खुशियों का त्यौहार है। यह प्रकाश के साथ साथ रंग का भी त्यौहार माना जाता है। वैसे तो रंगो का त्यौहार होली है मगर दिवाली में भी रंग का एक अपना महत्व है। रंग खुशियों का प्रतिक है। रंग उल्लास का प्रतिक है। रंग आशा का प्रतिक है। इसलिए दिवाली के दिन प्रायः घरो में रंग बिरंगी रंगोली बनाई जाती है। सनातन धर्म में रंगोली न केवल सुंदरता का प्रतिक माना जाता है बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। सनातन धर्म में रंगोली को शुभ का प्रतीक माना गया है। यह माता लक्ष्मी के आगमन हेतु स्वागत के लिए बनाया जाता है। इसके अलावा दिवाली से पहले लोग अपने घरो को साफ सुथरा करके पेंट पॉलिश भी करवाते है। इस तरह से दिवाली में रंगोली और रंग का विशेष महत्व है।

सभी को पता है प्रकाश का एक महापर्व है मगर यह प्रकाश किन बिन्दुओं का सूचक है ? अगर हम उन बिन्दुओ की बात करें तो दीपक से प्रज्जवलित यह प्रकाश नई दिशा का सूचक है। यह प्रकाश बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतिक है। यह प्रकाश जीवन में हर ओर मिलने वाली सफलता का सूचक है। यह प्रकाश आशा का सूचक है। यह प्रकाश खुशहाली भरा जीवन का सूचक है। यह प्रकाश समृद्धि का सूचक है। यह प्रकाश जीवात्मा का परमात्मा से मिलन का सूचक है।

दीपावली पर निबंध 300 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 300 Words)

वास्तव में, दीपावली में जलाये जाने वाले दीपक ज्ञान, विज्ञान, आशा, सफलता, समृद्धि, विश्वास, संतुष्टि, अच्छाई व साक्षात् ब्रह्म का प्रतिक है। यह दीपक इस बात की ओर संकेत करता है कि मानव को आत्ममंथन के द्वारा अपने अंदर की बुराई पर विजय प्राप्त करनी चाहिए एवं अपने अंतर्मन को प्रकाशित करना चाहिए, तभी मानव में जन्म लेना सफल हो सकता है।

दिवाली हिन्दुओ के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह प्रकाश का महापर्व है। यह खुशियों का व मिलन का त्यौहार है। पटाखे व रौशनी आदि जैसे आतिशबाजी करके लोग अपने उत्साह को प्रकट करते है। इस अवसर पर लोग आपस में मिठाइयां बांटते है। कई लोग इस दिन नए वस्त्र भी धारण करते है। कुछ लोग अपनी क्षमता के अनुसार सोने, चाँदी आदि बहुमूल्य धातुओं से बने ज्वेलरी भी खरीदते है। माना जाता है कि दिवाली में नई खरीददारी शुभ होती है। यह माता लक्ष्मी के आगमन का सूचक होता है।

दीपावली केवल मनोरंजन व खुशियों के बाँटने का त्यौहार नहीं है बल्कि इस रात माता लक्ष्मी व भगवान श्री गणेश जी की भी विधिवत व भक्तिभाव से पूजन किया जाता है। माता लक्ष्मी धन व ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री है। जबकि भगवान श्री गणेश विघ्न विनाशक हैं। उनके पूजन से जीवन में आने वाली विघ्न बाधाएं दूर होती है और नए नए मार्ग खुलते है। उसी प्रकार माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से धन का अभाव व दरिद्रता दूर होती है एवं जीवन में धन सम्पदा का आगमन होता है। इससे जीवन में खुशहाली आती है, क्योकि इस जीवन का सबसे बड़ा दुःख धन का दुःख ही होता है। इस तरह धन के आगमन से मनुष्य का जीवन आनंदमय हो जाता है और ये सब माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से ही संभव होता है।

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 500 Words)

दिवाली का त्यौहार पांच दिनों का होता है। इसका आरम्भ मुख्य दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस से आरम्भ होता है। धनतेरस का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस का वास्तविक नाम धन त्रयोदशी है। समुन्द्र मंथन में इसी दिन देवताओ के वैद्य कहे जाने वाले देव धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। उनका प्रागट्य हाथ में सोने के कलश में अमृत लिए हुए था। इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन या कोई वस्तु अथवा क्षमता के अनुसार सोने, चाँदी आदि मंहगे धातुओं को खरीदने की प्रथा है। इस दिन बर्तन, वस्तु (धन-समृद्धि का सूचक) व सोने – चाँदी खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस में बर्तन, वस्तु व सोने चाँदी आदि के खरीदना माता लक्ष्मी के आगमन का सूचक होता है और यह बहुत शुभ होता है। चूँकि धनतेरस से ही माता लक्ष्मी के विशेष पूजन का मुहूर्त आरम्भ हो जाता है।

धनतेरस से अगले दिन व दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाने की प्रथा है। हालांकि कुछ क्षेत्रो में यह दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है, जहाँ सामान्य बोलचाल की भाषा में बासी दिवाली भी कहते है। चूँकि दिवाली से एक दिन पहले की तिथि को यम चतुर्दशी कहते है इसलिए उन स्थानों पर इस तिथि के रात्रि काल में स्त्रियां यम के नाम एक दीपक घर के बाहर जलाया करती है। वैसे छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने सत्यभामा के साथ मिलकर भयानक दैत्य नरकासुर का वध किया था और उसके बंधन से सोलह हजार स्त्रियों को मुक्त करवाया था।

दिवाली के एक दिन पहले वाले इस तिथि को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। क्योकि यह तिथि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को पड़ता है। इस तिथि को काली चौदस, नरक चौदस, यम चतुर्दशी और नरक चतुर्दशी के नामो से जाना जाता है। इसके बाद अगले दिन कार्तिक मास की अमावस्या प्रकाश का महापर्व दीपावली मनाई जाती है। पांच दिनों तक मनाये जाने वाले इस महापर्व का यह सबसे प्रमुख दिन होता है।

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई बहन के प्रेम को समर्पित पर्व भाई दूज मनाया जाता है। पांच दिनों तक मनाये जाने वाले इस महापर्व का पांचवां दिन भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भाई बहन के प्रेम को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाई के लम्बे आयु के लिए पूजन करती है और ईश्वर से उसके लिए प्रार्थना करती है। भाई दूज के साथ ही पांच दिनों तक मनाये जाने इस महापर्व दिवाली का समापन होता है।

निष्कर्ष – आज हमने आपको बताया दिवाली पर निबंध ( Essay On Diwali In Hindi) के बारें में, उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.

Q : दिवाली कब है? Ans : 24 अक्टूबर 2022 को

Q : दीपावली के 5 दिन कौन से हैं? Ans : धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली गोवर्धन पूजा और भाई दूज

Q : दिवाली के दूसरे दिन को क्या कहते हैं? Ans : गोवर्धन पूजा

Q : गोवर्धन पूजा कब है? Ans : 26 अक्टूबर को

Q : धनतेरस कब है? Ans : 22 अक्टूबर को

Q : भाई दूज कब है? Ans : 26 अक्टूबर को

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punjabi diwali essay in hindi

दिवाली पर निबंध 100 शब्द, 150 शब्द, 250 से 300 शब्द, 10 Line

by Meenu Saini | Sep 16, 2023 | General | 0 comments

10 Lines on Diwali in Hindi

Hindi Essay Writing – दिवाली  (Diwali)

दिवाली पर निबंध –  इस लेख में हम दिवाली का इतिहास, दीपावली का अर्थ,  दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है, आदि के बारे में जानेंगे| हम सब जानते है कि दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है।। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में दिवाली पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में दिवाली पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • दिवाली पर पर 10 लाइन हिन्दी में (10 lines on Diwali in Hindi)
  • दिवाली पर अनुच्छेद 1, 2 और 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • दिवाली पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • दिवाली पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • दिवाली पर अनुच्छेद 9, 10, 11 और 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में
  • दिवाली पर निबंध (Detailed Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर 10 लाइन हिन्दी में (10 lines on Diwali in Hindi)

  • दिवाली का त्यौहार हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
  • दिवाली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है।
  • दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसे हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
  • दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
  • दिवाली के दिन लोग अपने घरों की बहुत साज-सजावट करते है।
  • दिवाली के दिन ही अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे।
  • श्री राम जी के अयोध्या वापस लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए थे।
  • दिवाली के त्यौहार से पहले सभी लोग अपने-अपने घरों की अच्छे से साफ-सफाई करते है।
  • दिवाली का त्योहार लगभग 5 दिनों तक होता है। पहला धनतेरस, दूसरा नरक चतुर्दशी, तीसरा मुख्य दिवाली, चौथा गोवर्धन पूजा और पांचवां भैया दूज।
  • दिवाली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi दिवाली पर अनुच्छेद कक्षा 1 से 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

दिवाली /दीपावली पर निबंध : दिवाली जिसे ‘दीपावली’ के नाम से भी जाना जाता है, ये हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दीपावली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है ।

दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

दिवाली पूरे भारत में खुशी के साथ मनाई जाती है। दिवाली आने से पहले हम अपने घरों की अच्छे से सफाई करके रंग-बिरंगी लाइटों से सजाते हैं। दिवाली के दिन हम सब नए कपड़े पहनते हैं फिर शाम को हम अपने घरों में घी या तेल के दीए जलाते हैं और पूरे घर को दीयों से सजाते हैं। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करते है, स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते है, हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं एक दूसरे को  मिठाई और उपहार देते है और साथ में पटाखे, फुलझड़ी इत्यादि जलाकर दिवाली मनाते हैं। दिवाली को रोशनी का पर्व भी कहा जाता है ये त्योहार सभी को अच्छा लगता है।

दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

दिवाली त्यौहार हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। दिवाली मनाए जाने के पीछे एक सबसे प्रचलित कहानी है। त्रेता युग में अयोध्या के राजा राम चौदह वर्ष वनवास पूर्ण करने के पश्चात पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे। इसी खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया था। तब से प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस्या को दिवाली धूमधाम से मनाया जाने लगा। 

दिवाली के आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करके रंग बिरंगे लाइटों से साज-सजावट कर देते हैं। दीपावली से पहले धनतेरस और धनतेरस के बाद छोटी दीपावली आती है। दिवाली के दिन लोग बहुत उत्साह के साथ अपनो से मिलते है एक दूसरे को उपहार और मिठाइयां भेंट देकर दिवाली की बधाई देते हैं फिर शाम होने पर घी या तेल के दीये जलाकर घरों को सजाते है, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं, पटाखे और फुलझड़ी जलाते हैं। घर में बने व्यंजन और मिठाइयों का लुफ्त उठाते हैं। और इस तरह से हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्यौहार मनाते है।

दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसे बच्चे और युवा आमतौर पर बेहद पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए बहुत सारी खुशियाँ और आनंदमय क्षण लेकर आता है। दीपावली संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है दीप + आवली । ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन या श्रृंखला’ जिसका अर्थ हुआ दीपक की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दिवाली को दीपोत्सव भी कहते है।

दिवाली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन को भगवान श्री राम के वनवास से अयोध्या वापस आने की खुशी में उनकी प्रजा ने घी के दीये जलाकर अमावस्या के काली रात को पूर्णिमा में बदल दिया था तब से हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली मनाया जाने लगा।

दिवाली से पहले धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण या बर्तन खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं। दिवाली के दिन लोग नये-नये कपड़े पहनकर अपने दोस्तों और सगे संबंधियों से मिलते है और उन्हें उपहार भेट करके दिवाली की शुभकामनाएं देते है। शाम के समय अपने घरों को मोमबत्ती और दीयों से सजाते हैं, लक्ष्मी गणेश की पूजा करते है, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।

दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 9, 10, 11, 12 छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

भारतवर्ष में जितने भी पर्व हैं, उनमें दिवाली सर्वाधिक लोकप्रिय और हर एक के मन में हर्ष-उल्लास पैदा करने वाला पर्व है। दिवाली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है क्योंकि यह पर्व लोगों में प्रेम और एक-दूसरे के लिए स्नेह की भावना उत्पन्न करता है।

इस पर्व को मनाने के पीछे बहुत से धार्मिक महत्व छुपे हुए हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, दिवाली के दिन अयोध्या के राजा राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, अपने परम प्रिय राजा के आगमन से अयोध्यावासियों का ह्रदय खुशी से भर गया तथा उन्होंने घी के दीपक जलाकर उनके घर वापसी का जश्न मनाया। कार्तिक मास की अमावस्या की वो रात दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तभी से रोशनी का यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

दिवाली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माता लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशीर्वाद देकर वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती है। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को रंग बिरंगे लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।

दिवाली का त्यौहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन सोने और चांदी के आभूषण या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था। दिवाली के त्यौहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली के दिन लोग अपने घर को दीयों, मोमबत्तियों, लड़ियों और रंगोली से सजाते हैं, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं, दिवाली की बधाई देते है और उपहार साझा करते हैं, स्वादिष्ट पकवान खाते हैं। पटाखे और फुलझड़ी जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। दिवाली की रात हर तरफ रोशनी की जगमगाहट होने से असीम और अलौकिक आनंद का अनुभव होता है।

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Diwali Essay in Hindi – दिवाली पर निबंध हिंदी में

iit-jee, neet, foundation

Table of Contents

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) – दिवाली एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे ‘बुराई पर अच्छाई की विजय’ का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार की खूबी और महत्व को छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में ‘दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)’ का प्रश्न पूछा जाता है, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होता है।

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इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से वे युवा छात्र जो दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध लिखना चाहते हैं, सिख सकते हैं। निम्नलिखित निबंध में हमने ‘दीपावली’ के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में संक्षेप में जानकारी प्रदान की है। बच्चे इस निबंध से सीख सकते हैं कि वे कैसे अपने लेखन कौशल को बेहतर बना सकते हैं, और कैसे उन्हें दीपावली निबंध में किन-किन बिंदुओं का महत्व है।”

दिवाली पर निबंध 100 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली हिंदू त्योहार है, जिसको भारत में खुशी-खुशी मनाया जाता है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि अच्छाई हमेशा बुराइयों पर विजय प्राप्त करेगी। इससे कई हफ्ते पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घर और काम के स्थान की सफाई करने लगते हैं। फिर वे अपने घरों और काम के स्थानों को रोशनी, लैंप, फूल, और अन्य सजावटी चीजों से सजाते हैं।

इस उत्सव के मौके पर, लोग अपने प्रियजनों के लिए नए कपड़े, घर के सामान, और उपहार खरीदते हैं। इस मौसम में बाजार में विभिन्न प्रकार के उपहार और खाने-पीने की चीजें खरीदी जाती हैं। दिवाली भी प्रियजनों के साथ संबंधों को मजबूत करने का अच्छा मौका प्रदान करती है।

Essay on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

हम भारत में रहते हैं, जो विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों, परंपराओं, और विभिन्न त्योहारों के संगठन के लिए प्रसिद्ध है। भारत में, सभी धर्मों के त्योहारों को महत्व दिया जाता है, जैसे कि हिन्दुओं के लिए दीपावली का महत्व है। दीपावली त्योहार को कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अपने देश अयोध्या लौटे थे।

श्री राम के आगमन के मौके पर, लोगों ने दीपकों की पंक्ति जलाकर अयोध्या नगर को चमक दिया। दीपावली शब्द का अर्थ होता है ‘दीपों की पंक्ति’, जिसमें दीपकों को एक पंक्ति में जलाने का रितुअल होता है। इस दिन को और भी खास बनाने के लिए, लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, और सजावटी वस्त्र खरीदते हैं। दीपावली के दिन, लोग पहले लक्ष्मी पूजा करते हैं, फिर आपसी मिलनसर मनाते हैं, और मिठाईयों का साझा करते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह, लोग भगवान श्री राम के आगमन के इस पवित्र दिन को खुशी और आनंद के साथ मनाते हैं।

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दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बहुत उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चे दिवाली पर निबंध लिखकर इस त्योहार के बारे में अपने खुशी के पलों को साझा करने का मौका पाते हैं। युवा लोग इस त्योहार को आमतौर पर बहुत पसंद करते हैं, क्योंकि यह सबके लिए खुशियों और आनंद के पल लेकर आता है। वे अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ शुभकामनाएं और उपहार साझा करते हैं। साल 2023 में दिवाली पर्व 12 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त

दिवाली के अवसर पर, धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी, और कुबेर जी की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है। लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल में करने का विशेष महत्व है, इससे बड़े पुण्य की प्राप्ति होती है। प्रदोष काल में स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना भी बहुत शुभ माना जाता है। यह कहा जाता है कि स्थिर लग्न में पूजा करने से माता लक्ष्मी आपके घर में आने के लिए प्रसन्न हो जाती हैं।

साल 2023 में, दिवाली के अवसर पर, 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक होगा। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट होगी। बताया जा रहा है कि साल 2022 में, देश भर में दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया गया था।

दिवाली का इतिहास

हिंदू धर्म के अनुसार, दिवाली का महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम, जिन्होंने 14 साल के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण, और हनुमान जैसे उनके भक्तों के साथ अयोध्या लौटने का समय चुना, वे इसी दिन लौटे थे। इस दिन का विशेषत: बहुत अंधेरा होता है क्योंकि यह अमावस्या का दिन होता है, और इसलिए अयोध्या के लोगों ने अपने नगर को दीपों और फूलों से सजाया ताकि भगवान श्री राम का स्वागत कर सकें। इसके बाद से, दिवाली को दीपों का त्योहार और अंधेरे के खिलाफ प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, और भगवान श्री राम की मूर्तियों की खरीददारी की जाती है। इस समय बाजार में बहुत चहल-पहल होती है। लोग इस मौके पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयाँ, और अन्य चीजें खरीदते हैं। हिंदू लोग दिवाली के पर्व के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, क्योंकि व्यापारी वर्ग इस दिन नए खाता बही की शुरुआत करते हैं। इसके साथ ही, लोग मानते हैं कि दिवाली सभी के लिए धन, समृद्धि, और सफलता का प्रतीक है। लोग दिवाली के इस खास मौके पर अपने परिवार, दोस्त, और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तैयार रहते हैं।

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दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

जैसे ही दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर के पास आते हैं, कुछ लोग इसके महत्वपूर्ण दिनों पर असामाजिक कार्यों में लिपट जाते हैं, जैसे कि शराब पीना, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना, और पटाखों का गलत तरीके से उपयोग करना। इससे दीपावाली का महत्व बिगाड़ दिया जाता है। अगर हम समाज में इन गलतियों को दीपावाली के दिनों पर नहीं करें, तो वास्तव में दीपावाली का पर्व खुशियों और पौराणिक महत्व के साथ मनाया जा सकता है।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन

  • दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।
  • दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
  • यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।
  • इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।
  • बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।
  • हिंदूओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।
  • इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।
  • भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।
  • यह हिंदूओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।
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दिवाली पर निबंध FAQs

दीपावली पर निबंध दीपावली क्यों मनाई जाती है.

दीपावली पर्व हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाया जाता है, जो विजय का प्रतीक है।

What time is Diwali Puja in 2023?

Diwali Puja time in 2023 varies but generally falls in the evening.

What are the 5 days of Diwali?

The 5 days of Diwali are known as Dhanteras, Choti Diwali, Diwali, Govardhan Puja, and Bhai Dooj.

Why is Diwali famous for?

Diwali is famous for celebrating the victory of light over darkness and good over evil.

दिवाली क्यों प्रसिद्ध है?

दिवाली पुनर्मिलित नियमों के हिस्से के रूप में प्रसिद्ध है, और इसके साथ ही हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है।

In which year Diwali will be on 17 October?

Diwali will be on 17 October in the year 2030.

What is the real date of Diwali in 2025?

The real date of Diwali in 2025 is November 14th.

What is day 3 of Diwali called?

Day 3 of Diwali is called Diwali or the main Diwali day.

Can we drink on Dhanteras?

Drinking on Dhanteras is a matter of personal choice and cultural beliefs.

How many diyas are lit on Dhanteras?

Typically, 13 diyas are lit on Dhanteras.

Why do we light 13 diyas on Diwali?

The tradition of lighting 14 diyas on Diwali varies, but it can symbolize various aspects, including celebrating the 14th day of Kartik, a lunar month.

Why do we light 14 diyas on Diwali?

There are 14 diyas for Diwali, often representing the 14th day of Kartik or various aspects of the festival's significance.

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दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi : दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें

punjabi diwali essay in hindi

दिवाली हमारे भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे हम दीपावली के नाम से भी जानते हैं। इस दिन हर तरफ ख़ुशी का माहौल होता है, लोग रंग-बिरंगी लाइटों से अपने-अपने घरों को सजाते हैं और बच्चे-युवा लोग मिलकर घरों के बाहर पटाखे छुड़ाते हैं। दिवाली सिर्फ देश का ही नहीं अपितु भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। वे लोग भी दिवाली को बहुत धूम-धाम से मानते हैं। दीपावली के मौके पर स्कूलों-कॉलेजों में अवकाश रहता है। स्कूलों-कॉलेजों में निबंध लेखन किया जाता है तो कहीं-कहीं प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। अतः बहुत से छात्र-छात्राएं इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं। हम अपने ऐसे ही पाठकों के लिए यह आर्टिकल लेकर आये हैं जहाँ आप दिवाली के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने का कारण क्या है, दीपावली का अर्थ क्या है, दिवाली पर निबंध शार्ट में या 10 लाइन में आदि। स्कूलों के अलावा भी अन्य बहुत से क्षेत्रों के लोग भी दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं अतः इसके बारे में और अधिक विस्तृत जानकारी के लिए यह अर्टिकल पूरा पढ़ें।

दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है। दीवाली आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं। दीवाली के त्यौहार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए गए निबंध पढ़ सकते हैं।

दीपावली का निबंध (400-500 Words)

दिवाली के इस विशेष त्योहार के लिए हिंदू धर्म के लोग बहुत उत्सुकता से इंतजार करते हैं। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए हर किसी का सबसे महत्वपूर्ण और पसंदीदा त्यौहार है। दीवाली भारत का सबसे महत्वपूर्ण और मशहूर त्यौहार है। जो पूरे देश में साथ-साथ हर साल मनाया जाता है। रावण को पराजित करने के बाद, 14 साल के निर्वासन के लंबे समय के बाद भगवान राम अपने राज्य अयोध्या में लौटे थे। लोग आज भी इस दिन को बहुत उत्साहजनक तरीके से मनाते हैं। भगवान राम के लौटने वाले दिन, अयोध्या के लोगों ने अपने घरों और मार्गों को बड़े उत्साह के साथ अपने भगवान का स्वागत करने के लिए प्रकाशित किया था। यह एक पवित्र हिंदू त्यौहार है जो बुरेपन पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह सिखों द्वारा भी मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा ग्वालियर जेल से अपने 6 वें गुरु, श्री हरगोबिंद जी की रिहाई मनाने के लिए मनाया जाता है।

इस दिन बाजारों को एक दुल्हन की तरह रोशनी से सजाया जाता है ताकि वह इससे एक अद्भुत त्यौहार दिख सके। इस दिन बाजार बड़ी भीड़ से भरा होता है, विशेष रूप से मीठाई की दुकानें। बच्चों को बाजार से नए कपड़े, पटाखे, मिठाई, उपहार, मोमबत्तियां और खिलौने मिलते हैं। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और त्योहार के कुछ दिन पहले रोशनी से सजाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त के बाद लोग देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। वे अधिक आशीर्वाद, स्वास्थ्य, धन और उज्जवल भविष्य पाने के लिए भगवान और देवी से प्रार्थना करते हैं। वे दिवाली त्यौहार के सभी पांच दिनों में खाद्य पदार्थों और मिठाई के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं। लोग इस दिन पासा, कार्ड गेम और कई अन्य प्रकार के खेल खेलते हैं। वे अच्छी गतिविधियों के करीब आते हैं और बुरी आदतों को दूर करते हैं।

पहले दिन धनतेरस या धन्त्ररावदाशी के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। लोग देवी को खुश करने के लिए आरती, भक्ति गीत और मंत्र गाते हैं। दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नारकसुर को मार डाला था।  तीसरे दिन मुख्य दिवाली दिवस के रूप में जाना जाता है जिसे शाम को रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों और जलती हुई फायर क्रैकर्स के बीच मिठाई और उपहार वितरित करते हुए देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है। लोग अपने दरवाजे पर पूजा करकेगोबर के गोवर्धन बनाते हैं। पांचवें दिन यम द्वितिया या भाई दौज के रूप में जाना जाता है जिसे भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है। बहनों ने अपने भाइयों को भाई दौज के त्यौहार का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित करती हैं।

Essay on Diwali for Students in English

  • Diwali Essay in 100 Words
  • Diwali Essay in 200 Words
  • Diwali Essay in 500 Words

दिपावली का निबंध (200-300 Words) शॉर्ट निबंध

दिपावली का त्यौहार भारत में और अन्य कई देशों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने रावण को पराजित करके और अपना 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। श्री राम भगवान की आने की खुशी वहां के सभी लोगों ने दिये जलाए थे। तब से लेकर अब तक हर वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। लोग आज भी इस दिन को उतने की खुशी से मनाते हैं। ये त्यौहार बच्चा, बूढें, बड़े हर कोई बहुत ही अच्छे से मनाता है। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दीवाली को त्यौहार को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इन दिन लोग एक दूसरे को दीवाली की बधाई देते हैं और बहुत से उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।

दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है। दीवाली आने से कुछ दिन पहले ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लग जाते हैं। दीवाली के दिन लोग अपनी दुकानें, अपना घर, स्कूल, दफ्तर आदि को दुल्हन की तरह सजाते हैं। सभी लोग नए कपड़े खरीदते हैं, इस दिन घर और दुकानों की भी अच्छे से सफाई की जाती है। दीवाली की रात पूरा भारत जगमगाता है। रंग बिरंगी लाइटें, दिए, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है। दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलजड़ी आदि भी जलाते हैं। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।

दिपावली पर 10 लाइनें

  • दिवाली का त्यौहार हिंदूओ के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  • दिपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है।
  • दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।
  • भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  • दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में आता है।
  • इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
  • दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं।
  • दीवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं।
  • इन दिन बहुत से लोग पटाखे, फुलझड़ी, बम आदि भी जलाते हैं।

दिवाली लेखन हिंदी में

  • दिवाली – लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, समय, तिथि, दिवाली का महत्व आदि

दिवाली महत्वपूर्ण क्यों है

  • दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें
  • दिवाली की कविताएं और शुभ दीपावली शायरी
  • दिवाली स्लोगन और दिवाली कोट्स
  • दिवाली पर शुभकामनाएँ, बधाई, मैसेज
  • पटाखे बिना दिवाली मनाने के तरीके

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punjabi diwali essay in hindi

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दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali 2023 In Hindi)

Essay On Diwali 2023: दिवाली 2023 में 12 नवंबर रविवार को मनाई जाएगी। दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है। दिवाली पर हर घर को फूल-माला, मोमबत्तियों, दीयों, लालटेन और लाइट से सजाय जाता है। दिवाली का पर्व सभी लोग बड़े हर्षोउल्लास के साथ मानते हैं। दिवाली के अवसर पर सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।

जो लोग दिवाली के लिए निबंध लिखना चाहते हैं, उनके लिए दिवाली पर निबंध लिखने के कुछ टिप्स दिए गए हैं। इसके साथ ही दिवाली पर निबंध का एक ड्राफ्ट भी दिया गया है, जिसकी मदद से आप आसानी से दिवाली पर निबंध लिख सकते हैं।

दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali 2023 In Hindi)

दिवाली पर निबंध कैसे लिखें (How to write Essay On Diwali)

दिवाली निबंध के संबंध में ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण हिस्सा निबंध का विषय और सामग्री है। सबसे पहले याद रखें कि निबंध में एक परिचय, एक निकाय और एक निष्कर्ष होता है। दिवाली के लिए निबंध की शुरुआत आकर्षक और सरल होनी चाहिए। पाठक हमेशा थोड़ा और रोचक चीजें पढ़ते हैं। निबंध के लिए तैयार किए गए वाक्य सरल होने चाहिए। इसलिए निबंध के वाक्य और निष्कर्ष का अंत सोच-समझकर लिखना चाहिए।

दिवाली निबंध विषय (Diwali Essay Idea)

  • बुराई पर अच्छाई
  • दिवाली क्या है
  • दिवाली क्यों मनाई जाती है
  • दिवाली का महत्व
  • दिवाली का आपका सबसे यादगार अनुभव
  • दिवाली पर उद्धरण
  • दिवाली उत्सव
  • दिवाली का ग्रह पर प्रभाव

दीपावली पर निबंध (Essay On Diwali 2023)

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपावली मनाई जाती है। वास्तव में दीपावली पांच दिनों का त्योहार है इसलिए इसे पंच-महोत्सव पर्व भी कहते हैं। समय के साथ इसमें अनेक परंपराएं जुड़ती गयीं जिन्हें भारत के बाहर जावा, बाली सुमात्रा आदि देशों में भी महत्व दिया गया। जावा के प्रसिद्ध ग्रंथ पररतोन के अनुसार वहां आज भी यह परम्परा जीवित है। यह पर्व कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी (धनतेरस) से कार्तिक शुक्ल द्वितीया (भाईदूज) तक मनाया जाता है। हमारे देश में इस पर्व के बारे में बहुत-सी मान्यताएं हैं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम राम जब चैदह वर्ष का वनवास पूराकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत की खुशी में सारे नगर को पुष्पों, मालाओं, गंध और दीपों से सजाया था। इसी दिन की स्मृति में तब से आज तक 'दीपावली पर्व' बड़े हर्षोंल्लास के साथ मनाया जाता रहा है।

दूसरी कथा वामन पुराण के अनुसार जब विष्णु ने वामन अवतार के रुप में दैत्यों के राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी थी। दो पगों में समस्त पृथ्वी और आकाश नाप लिया और तीसरा पग राजा बलि के सिर पर रख दिया और उसे पाताल भेज दिया था। वामन भगवान की कृपा से उसे स्वर्ग प्राप्त हुआ इसी के स्मरणार्थ यह पर्व आश्विन बदी द्वाद्वश के दिन प्रतिवर्ष मनाया जाता है। द्वापर युग में भी इसके बारे में अनेक कथाएं प्रचलित हैं। प्राग्ज्योतिषपुर के राजा नरकासुर ने अपनी शक्ति के अहंकार में इन्द्र का घोड़ा चुरा लिया एवं 16000 कन्याओं को बंदी बना लिया। योगीराज श्रीकृष्ण ने उसका वध करके उन 16000 कन्याओं का उद्धार किया, इस दिन चतुर्दशी थी।

श्रीमद्भागवत में भी श्रीकृष्ण द्वारा वृंदावन में बकासुर-बध इसी दिन किया गया था, जिसके कारण ब्रजवासियों ने आनंद मनाया था। दीपावली के पहले धन त्रयोदशी (धनतेरस) मनायी जाती है। इस दिन रात्रि को यमदीप जलाकर मुख्य द्वार पर रखकर यम की पूजा की जाती है। इस दिन दीप जलाने का अधिक महत्व है। इसके विषय में प्राचीन काल की एक कथा है कि राजा हेमंत का एक ही पुत्र था और उसे शाप मिला था कि विवाह होते ही उसकी मृत्यु हो जायेगी। राजकुमारी से विवाह कराया गया, परंतु विवाह होते ही उसकी मृत्यु हो गई। राजकुमारी ने रो-रोकर यमराज से अपने पति के प्राण मांग लिए। जीवन दान के साथ यम ने कहा कि, जो व्यक्ति इस दिन अखण्ड दीप जलाकर यम का पूजन करेगा वह कभी अकाल मृत्यु को प्राप्त नहीं होगा। इसलिए आज भी यम द्वितीया के दिन दीपक जलाकर मुख्य द्वार पर रखा जाता है। इससे यमराज प्रसन्न होते हैं।

वैदिक धर्म के समान जैन धर्म में भी दीपावली का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि, दीपावली के ही दिन चैबीसवें तीर्थंकर महावीरजी को निर्वाण प्राप्त हुआ था। आचार्यों ने उनके प्रथम शिष्य गौतम स्वामी के निर्देशानुसार दीपों के प्रकाश में इस आध्यात्मिक दीपक का आह्वान किया। महावीर स्वामी चाहते थे कि, दीपावली के पवित्र प्रकाश से हम अपनी अन्तःआत्मा में आध्यात्मिक ज्योति जगाएं। अतः जैनियों में यह पर्व बड़े ही हर्षोंल्लास से मनाया जाता है। सरस्वती पुराण के अनुसार जयसिंह सिद्धराज एवं सिलाहट राजा लक्ष्मी के अनन्य भक्त थे। दीपावली के दिन प्रजा के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के खेल-तमाशे दिखाएं जाते थे और राजा दान दिया करते थे।

कवि सोमदेव ने राष्ट्रकूट सम्राट कृष्ण तृतीय के समय मनाई जाने वाली दीवाली का बहुत सुंदर वर्णन किया है। सारा नगर सफेद रंग से रंगा जाता है और रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता, रात्रि को दीप मालिकाएं सजायी जाती थीं। महर्षि वात्स्यायन ने अपने ग्रंथ कामसूत्र में इसे यक्ष रात्रि कहा है। आचार्य हेमंत ने इसे ही दीपावली की रात्रि कहा है। इसके व्याख्याकार यशोधर ने भी दीपावली की रात्रि को सुख रात्रि कहा है। विजयनगर सम्राट के इटली यात्रा निकोली काउण्टी भारत आया था। उसने अपने यात्रा-वृतांत्त में यहां मनाई जाने वाली दीपावली का विस्तृत वर्णन किया था। दीपावली के अवसर पर यहां दिन-रात निरंतर दीपक जलते थे। धनी वर्ग द्रव्य दान दिया करते थे। वहां पर पर्व आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता था। समस्त राज परिवार प्रातः पवित्र जल से स्नान कर साम्राज्य लक्ष्मी की पूजा करते थे।

इतिहासकार अलबरुनी ने महमूद गजनबी जैसे लुटेरे के आक्रमण के समय मनाई जाने वाली दीपावली का वर्णन किया है। ऐसे समय भी लोग अपने पर्व-त्योहार भूले नहीं थे। 1200 ईसवी को अब्दुल रहमान ने दीपावली का वर्णन करते हुए लिखा है कि, बड़े-बड़े भवनों को दीपों के द्वारा चंद्रकिरणों से सजाया जाता था जिन्हें देखने के लिए सुंदर स्त्रियां अपने घरों से बाहर आती थीं। संत ज्ञानेश्वर ने इसे ऐसा आध्यात्मिक पर्व बताया जो मन के अज्ञान को दूर करता है, क्योंकि दीपक ज्ञान की ज्योति के प्रतीक हैं।

मुगल सम्राट अकबर ने दीपावली को राष्ट्रीय पर्व कहा है। 'आइने अकबरी' में अबुल फजल ने इसे वैश्यों का त्योहार बताया है। महाराष्ट्र और गुजरात में भी दीपावली मनाई जाने के वर्णन प्राप्त होते हैं। गुजरात के व्यापारी अपने भवनों को सुरुचि पूर्ण सजाया करते थे। गुर्जर स्त्रियां अपनी संुदरता और कला प्रियता के लिए प्रसिद्ध थीं। सन् 1119 में चालुक्य वंश के कन्नड़ शिला लेखों में भी दीवाली मनाने के प्रमाण मिलते हैं। मराठा शासनकाल में दीपावली चार दिन तक मनाई जाती थीं। इस अवसर पर आतिशबाजी के द्वारा रावण की लंका का दृश्य निर्मित किया जाता था, फिर हनुमान जी के द्वारा उसमें आग लगा दी जाती थी। दीवाली के समय चणकेश्वर मंदिर को अरनीपुर और कुमार जोवन्न और बल्लान ने दान दिया था।

इस प्रकार इतिहास पर विहंगम दृष्टि डालने पर हम पाते हैं कि दीपावली का पर्व हमारे देश का पावन पर्व है जिसकी परम्परा ऐतिहासिक दृष्टि से लगभग 3000 वर्ष से अधिक है। इसका वर्णन हमारे ग्रंथों में ही नहीं वरना विदेशी ग्रंथों में भी मिलता है। यह पर्व केवल श्रृंगार-विलास एवं रमणीयता का ही प्रतीक नहीं है, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक सामाजिक पर्व हैं। देश में कैसी भी स्थिति रही हो प्राचीन काल से वर्तमान काल तक भारतीय अपने इस अस्मिता के प्रतीक पर्व को हर्षोंल्लास और उत्साह से मनाते आ रहे हैं, क्योंकि यह अंधकार पर प्रकाश के विजय का पर्व है, अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व है, बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है।

punjabi diwali essay in hindi

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Essay On Diwali In Hindi – दिवाली पर निबंध 200, 500, 1000 शब्दों में

Essay on Diwali in Hindi ( दिवाली पर निबंध ): जैसा कि हमारे देश में कई तरह के त्योहार मनाए जाते है जिनका अपने आप में अलग अलग विशेषता और महत्व होती है। भारत में होली, दीपावली, रक्षाबंधन, ईद, लोहड़ी आदि त्योहार मुख्य रूप से मनाया जाता है। लेकिन ज्यादातर सबका पसंदीदा त्योहार दीपावली ही होता है। जिसका लोग बेचैनी से इंतजार कर रहे होते है। इस त्योहार का कुछ अलग ही माहौल होता है।

Essay on Diwali in Hindi

क्षात्रो को स्कूल में हमेशा टास्क दिया जाता है “दिवाली पर निबंध लिखें (Write an Essay on Diwali)” ऐसे में कई बच्चो को Essay लिखने में प्रॉब्लम होती है। इसी प्रॉब्लम का समाधान इस लेख में दी जा रही है। यहाँ पर दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali) लिखी जा रही है।

Essay on Diwali – Introduction

हमारे देश भारत में दिवाली को दीपावली के नाम से भी जानते है। Diwali(दिवाली) के बारे में सोचते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है?

जब भी दिवाली करीब आती है तो लाइट, fireworks (पटाखे), मिठाइयां और ड्राई फ्रूट्स आदि ऐसी चीजे मन में आती है। यह एक ऐसा अवसर होता है जब हमारे परिवार के सभी सदस्य दिवाली की रात मनाने के लिए एक साथ आते हैं।

दिवाली (Diwali) को हिंदू के सबसे बड़े festivals में से एक कहा जा सकता है जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में खुशी और सुंदर भाव के साथ मनाया जाता है। 

दीपावली का त्योहार हर साल october या november के महीने में होता है। यह विजयदशमी (vijayadashmi) के ठीक 20 दिन बाद मनाया जाता है। Deepawali दो शब्दों दीप या दीया और आवली शब्द से मिलकर बना है। दिवाली (Diwali) भारत में ही नही बल्कि विदेशों में भी हिंदुओं और अन्य गैर हिंदू समुदायों द्वारा मनाई जाती है जो वहां रहते हैं। इस त्योहार को अन्य समुदाय (बौद्ध,जैन आदि) के लोग भी मानते है। 

Essay on Diwali – दिवाली (Diwali) कैसे मनाई जाती है?

दीपावली आने के लगभग 10 दिन पहले से ही सभी घरों में साफ सफाई होने लगती है।

लोग अपने अपने घरों, दुकानों आदि की साफ सफाई में जुट जाते है। और बहुत से लोग अपने  घरों या दुकानों को नया बनाने के लिए पेंट कराते है। कहा जाता है की दीपावली पर घरों की सफाई करना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इस दिन lord Ganesha और lordess lakshmi जी ही घरों में वास करते है।

बाजारों में खूब दौड़ भाग होती है। लोग इस मौके पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां और गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी lakshmi की पूजा की जाती है क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नई खाता बही की शुरुआत करते हैं। लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है।

लोग खुशी और उत्साह के साथ दिवाली का पूरा आनंद लेते हैं। इस दिन घर में तरह तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। लोग अपने पड़ोसी और प्रिय लोगों को आमंत्रित करते हैं। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने भी जाते हैं और गिफ्ट और सूखे मेवों का आदान प्रदान भी करते हैं।

वही कुछ लोग ऐसे भी जिनके यह त्योहार कुछ अलग ही रूप से मनाया जाता है जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। जो की समाज की बहुत बुरी आदत है। कम से कम इस दिन तो ये सोच बनाके रखना चाहिए की इस पावन अवसर पर ये बुरी आदत छोड़के अपने अंदर अच्छी आदतों का वास करना चाहिए।

बच्चे इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं।  उन्हें पटाखे फोड़ने और आतिशबाजी में खूबसूरत रंगोली बनाने और अपने घर को सजाने में भी मजा आता है।

Essay on Diwali: इतिहास

यह त्योहार बहुत ही खूबसूरत और इमोशनल इतिहास के अंदर छिपा हुआ है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस त्योहार के दिन ही भगवान राम (Ram) 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और उनके प्रिय भक्त हनुमान के साथ अयोध्या ( Ayodhya), राक्षस रावण और उसकी सेना को हराने के बाद, लौटे थे।

अमावस(Amavasya) की रात होने के कारण Diwali के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पुरे Ayodhya को दीपों और फूलों से श्री Ram Chandra के लिए सजाया गया था ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो और तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

उस समय पूरे अयोध्या के लोगों ने अपने प्रिय राजकुमार राम पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और हनुमान के साथ मिट्टी के दीये जलाकर और पटाखे फोड़कर स्वागत किया। 

दीपावली त्योहार के बारे में एक और पौराणिक कथा भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की शादी है। कहते है इस दिन देवी lakshmi ने भगवान विष्णुओ को चुना और उनसे विवाह किया। देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि देने के लिए भी जाना जाता है।

दूसरी तरफ यह भी है की Diwali हिंदुओं का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्योहार है। मुगल सम्राट जहांगीर( Jahangir) की कैद से Guru Govind की रिहाई की याद में सिख(Sikh) दीवाली मनाते हैं।

जैन धर्म में भी दीवाली को “महावीर निर्वाण दिवस” महावीर की शारीरिक मृत्यु और अंतिम मुक्ति के दिन के रूप में मनाया जाता है।

बौद्ध देवी लक्ष्मी की पूजा करके diwali मनाते हैं।

दीपावली के उत्सव के बारे में एक और मिथ्या यह है कि विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर (Narkasur) को मार डाला और राक्षस नरकासुर द्वारा बंदी बनाई गई 16000 से अधिक लड़कियों को रिहा कर दिया। जिस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था, उसे दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी (Chaturdashi) के रूप में मनाया जाता है।

लोग diwali पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं जो बाधाओं को दूर करने और तलाश करने के प्रतीक है। यह त्योहार पूरे देश का त्योहार है।  हिंदू पौराणिक कथाओं के लिए इसका बहुत महत्व है और लोगों को वास्तविक सुख और शांति के महत्व को समझने की जरूरत है।

यह बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। Diwali अच्छे कर्मों में विश्वास पैदा करती है और खुशी, आनंद और बुराई के अंत का दिन है। यह भारत के प्रत्येक शहर और शहर में और विदेशों में भी भारतीयों द्वारा असाधारण उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह यूनिटी का प्रतीक बन जाता है।  भारत इस पर्व को हजारों सालों से मनाता आ रहा है और आज भी मनाता आ रहा है।

यह पांच दिन तक मनाने जाना वाला त्योहार है जिसमें अच्छा भोजन, आतिशबाजी, रंगीन रेत और विशेष मोमबत्तियां और दीपक शामिल हैं।  हिंदू जहां रहते हैं उसके आधार पर दीवाली की कहानी की व्याख्या करते हैं।

दीपावली कितने दिनों तक मनाते है?

दिवाली का यह त्योहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। जिस के पहले दिन धनतेरस(Dhanteras) होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु(Metals) की वस्तुओं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।

Deepawali का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।

तीसरा दिन deepawali त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।

Deepawali के चौथे दिन गोवर्धन (Govardhan) पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई लगातार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।

दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर बहन अपने भाई को रक्षा बांधकर मिठाई खिलाती है।

दीपावली से तमाम जानकारी प्राप्त करके हम इस निष्कर्ष पर पहुंच गए हैं की दिवाली को सभी उत्साहों में से एक माना गया है जिसका एक अलग ही महत्व है। Deepawali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।

दीपावली के त्योहार के दिन हमें अपने अंधकार को मिटाकर दीयों और रोशनी से पूरे एनवायरनमेंट को रोशन करना चाहिए। जैसा कि हम जानते हैं कि दीपावली के पर्व का अर्थ दीप, प्रेम और सुख समृद्धि होता है। इस दिन ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी को दुख पहुंचे क्योंकि ऐसा करने से इस festival का कोई मतलब ही नहीं रह जाता। हमे हर दुखिजनों के साथ इस पर्व को celebrate करना चाहिए।

भेदभाव और अपने अंदर की बुराइयों का त्याग़ करना चाहिए। साथ ही साथ खुद के अंदर भी अंधकार को खत्म करके एक रोशन दीप जलाना चाहिए।

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10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023

Essay on Diwali in Hindi  : दोस्तो आज हमने दिवाली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। इस निबंध के माध्यम से हमने भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार Diwali के बारे में जानकारी दी है कि यह कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस त्यौहार को सभी धर्मों ने स्वीकारा है और खूब उत्साह है और हर्षोल्लास से हर वर्ष इस त्योहार को मनाते है।

दिवाली के इस निबंध को हमने अलग अलग शब्द सीमा मी लिखा है जिससे सभी विद्यार्थियों को निबंध लिखने में आसानी हो। आप दिवाली पर कविता भी पढ़ सकते है

essay on diwali in hindi

Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।

10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4

(1) भारत में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है।

(2) प्रत्येक वर्ष दीपावली अमावस्या के दिन सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में मनायी जाती है।

(3) भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में यह त्योहार मनाया जाता है।

(4) यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस गोवर्धन पूजा भैया दूज इत्यादि उत्सव शामिल होते है।

यह भी पढ़ें –  दिवाली की शुभकामनाएं – Diwali ki Shubhkamnaye

(5) इन दिन सभी लोगों सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से घर को सजाते है।

(6) दिवाली के दिन संध्या के समय भगवान श्री गणेश, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

(7) दीपावली किस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते है जिससे चारों तरफ रोशनी ही रोशनी फैल जाती है।

(8) यह भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है इसलिए इस उपलक्ष में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।

(9) यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है सभी लोग नये कपड़े पहनते है बच्चे पटाखे छुड़ाते है और बड़े लोग एक दूसरे को गले लगाकर दिवाली की बधाइयां देते है।

(10) दिवाली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6

भारत एक विशाल देश है जहां पर प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। इनमें सबसे बड़ा त्योहार Diwali को माना जाता है। दिवाली का त्योहार सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में आता है। इस त्यौहार को प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है।

इस त्योहार को मनाने के लिए लोग महीने भर पहले से ही तैयारियां करनी चालू कर देते है। सभी लोग अपने घरों दुकानों और अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई करते है और अपने घरों को रंग बिरंगे रंगों से रंगते है।

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दीपावली के त्योहार को मनाने की प्रमुख वजह यह है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौट कर आए थे और वहां की निवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे जिसके कारण पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था।

इसीलिए दीपावली के दिन घोर अंधेरे को पराजित करने के लिए दीपक जलाए जाते है। दीपावली के दिन प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही भगवान गणेश और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

दीपावली के दिन पूरा भारत रोशनी से जगमग हो उठता है चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली छाई रहती है।

Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9

भूमिका –

भारत विभिन्न, परंपराओं, संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं एवं धर्मों वाला देश है यहां पर प्रत्येक धर्म का त्यौहार सभी लोग खूब धूमधाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह पूरे देश में मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है दीपावली के त्योहार पर मौसम गुलाबी ठंड के लिए भी रहता है जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

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दिवाली त्यौहार की पौराणिक मान्यता –

इस त्योहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी मनाते है जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के भगवान महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति की थी तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।

दिवाली का त्यौहार आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम प्रारंभ कर देते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार Diwali के दिन महालक्ष्मी सभी साफ-सुथरे एवं स्वच्छ घरों में आती है और अपने साथ सुख समृद्धि भी लेकर आती है इसीलिए महालक्ष्मी की पूजा के समय सभी लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़ देते है।

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दिवाली का आयोजन – 

यह त्यौहार 5 दिनों तक की लंबी अवधि तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन लोग धनतेरस के रूप में मनाते हैं इस दिन में बाजार से कुछ वस्तुएं खरीद के लाते है दीपावली का दूसरा दिन नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का परचम लहराया था।

इस त्यौहार का तीसरा दिन बहुत प्रमुख होता है क्योंकि इसी दिन दीपावली का ऐतिहासिक पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में पधारे थे इसलिए अयोध्या वासियों ने अपने भगवान राम को खुश करने के लिए उनके स्वागत में सभी जगह फूलों की बरसात कर दी और जी के दीपक जला दिए।

इसीलिए दिवाली के दिन भी दीपक जलाए जाते है वर्तमान में दीपक की जगह मोमबत्तियां और चाइनीज लाइटों ने ले ली है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के क्रोध से हुई भारी वर्षा से बचाया था।

दिवाली का अंतिम दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी भाई बहन एक दूसरे से मिलते है।

उपसंहार –

Diwali के इस पर्व के उपलक्ष में सभी लोग नए कपड़े पहनते है और अपने रिश्तेदारों को मिलते है जिससे समाज में सदभावना उत्पन्न होती है यह त्यौहार धार्मिक परंपरा के साथ साथ सामाजिक भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है।

Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12

प्रस्तावना –.

दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

Diwali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही ही ही विदेशों में भी मनाया जाता है इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।

दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ वर्तमान में अन्य लोगों द्वारा भी बहुत ही धूमधाम है और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के दिन सभी लोग अपने दुख दर्द भुला कर खुशी से इस त्योहार को मनाते है।

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वर्ष 2022 में दीपावली कब है – Diwali Kab Hai

इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा । दिवाली के इस पवित्र पर्व को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाएगा।

दिवाली त्योहार का इतिहास – History of Diwali in hindi

दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।

जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे इसलिए इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है।

और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपको की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था

दिवाली त्योहार की तैयारी –

Deepavali के त्यौहार की तैयारियां भारत में महीने भर पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है क्योंकि भारत में ज्यादातर है हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए यह त्यौहार उनका सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर लोग इतने उत्सुक रहते हैं कि वह महीना भर पहले ही अपने घर और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने लग जाते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि अगर घर में साफ सफाई होगी तो मां लक्ष्मी उनके घर पर आएगी और साथ में सुख समृद्धि भी लेकर आएगी।

यह भी पढ़ें – दिवाली पर स्लोगन – Slogan on Diwali in Hindi

आजकल लोग Diwali के कुछ दिन पहले ही घरों की रंगाई पुताई करवाते हैं साथ ही रंग बिरंगी लाइट ओं और फूलों द्वारा अपने घर और प्रतिष्ठान को सजाते है। बाजारों में इस त्यौहार के पहले एक अलग ही रौनक आ जाती है बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते है हर तरफ लोग खरीदारी करते दिखाई देते है।

दीपावली के त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग इस दिन के लिए नए कपड़े खरीदते हैं बच्चे खेलने के लिए खिलौने एवं पटाखे खरीदते है। दीपावली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिस के पहले दिन धनतेरस होती है।

धनतेरस के दिन लोग ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करना पसंद करते हैं यह दिल लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते है साथी लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है।

दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है।

तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है एक दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है।

दिवाली के दिन सभी लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन घर को दीपक जलाकर रोशनी से जगमग आ दिया जाता है भारत में इस दिन रात के समय सबसे ज्यादा रोशनी होती है जिसका उदाहरण अंतरिक्ष से ली गई फोटो में आप देख सकते हैं –

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दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र की क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है।

दिवाली त्योहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई को रक्षा सूत्र बनती हैं साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दीपावली का महत्व – Importance of Diwali in hindi

दीपावली का त्योहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस समय से जुड़ी हुई है यह त्यौहार सभी तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं इसके महत्व का वर्णन हमने नीचे किया है –

आध्यात्मिक महत्व –

दीपावली त्यौहार की आध्यात्मिक महत्व जुड़ा हुआ है यह त्योहार अनेक धार्मिक ऐतिहासिक और कहानियों से मिलकर बना है। इस त्योहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्योहार जब भी आता है तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है।

दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

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दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ हो रहा अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते है और इससे अच्छे विचारों को उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व –

Diwali के त्योहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्योहार पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है।

आजकल की भीड़भाड़ जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का कोई मिलता है इसलिए इस दिन लोग एक दूसरे से स्नेह मिलन के रूप में मिलते हैं साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और गले मिलते हैं जिसे लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।

दीपावली के दिन छोटे बच्चे बड़ों के पैर छूते हैं और बड़े उन्हें आशीर्वाद देते है। इस त्योहार के दिन लोग एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल जाते है जैसे कई रंग एक दूसरे में घुल गए हो, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं वे अपने घरों में सभी सुख सुविधाओं की चीजें लेकर जाते है। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। इस पर्व पर लोग वर्ष के सभी दिनों से ज्यादा खरीदारी करते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है। इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।

दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है।

चूँकि भारत में अधिकतर लोग खेती करते हैं इसलिए कई दिनों बाद फसल को बेचकर इस चमार पर उन्हें अच्छी आमदनी होती है इसलिए इस बार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी है जिसके कारण इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे और वे श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए थे।

इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी।

इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह है अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी।

1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार – Diwali festival abroad

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस चौहान को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है।

दिवाली के इस त्योहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका –

अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं इसलिए वहां पर भी Diwali के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्योहार को अपना लिया। अमेरिका में 4 लाख भारतीय लोग रहते है।

नेपाल –

हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है जहां पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

नेपाल के लोगों का मानना है कि इस दिन दान धर्म करने से पूरा साल अच्छा व्यतीत होता है। भारत का पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में भी भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है। यहां पर भी पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

सिंगापुर –

सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं जो कि दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रोनक देखने को मिलती है।

यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस –

इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका –

श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए समय हमेशा जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।

दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक इन सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियां आती है इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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Diwali essay in hindi, दीपावली पर निबंध.

दीपावली/दिवाली (Deepavali/Diwali) भारत (India) में सर्वाधिक मनाया जाने वाला त्योहार है, जो अब चंद दिनों में आने ही वाला है। इसे प्रकाश का पर्व माना जाता है। दीपावली (Deepawali) प्रकाश के साथ-साथ खुशियों, सफाई और एकता का भी प्रतीक है।

यूँ तो यह हिन्दुओं का प्राचीन त्यौहार है, लेकिन सिख, जैन और बौद्ध धर्म में भी इसकी काफी मान्यता है। जैन धर्म के लोग इसे महावीर भगवान के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिखों के लिए यह ‘बंदी छोड़ दिवस’ होता है।

इस त्यौहार की मान्यता यह है कि भगवान राम इसी दिन 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ अपनी नगरी अयोध्या पधारे थे और अयोध्या वासियों ने उनके लौटने की ख़ुशी में घी के दिए जलाकर पूरी नगरी को प्रकाश से रौशन कर दिया था। तभी से हर वर्ष हम दीपावली मनाते आ रहे हैं।

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दीप जलते रहें, मन से मन मिलते रहें, गिले शिकवें सारे मन से निकलते रहें। 🙂 सारे विश्व मे सुख-शांति की प्रभात ले आये, ये दीपों का त्यौहार खुशी की सौगात ले आये। 🙂 शुभ दीपावली !!

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की घनघोर काली अमावस्या की रात को दीपावली (Diwali) आती है। ये अधिकतर अक्टूबर या नवम्बर के महीने में ही आती है। इस दिन घरों में सुबह के समय पकवान बनाकर देवी-देवताओं को भोग लगाया जाता है और शाम के समय मुहूर्त देखकर घर की औरतें सभी परिवारजनों के साथ मिलकर लक्ष्मी-पूजन करती हैं, रंगोली बनाती हैं, घर में हर जगह दीप जलाती हैं। बच्चे पटाखे जलाते हैं और बड़े घर-घर में मिठाई बांटते हैं।

Deepavali Essay in Hindi

दिवाली पर निबंध.

लेकिन वास्तव में दीपावली (Diwali) का आज क्या अर्थ है ? केवल साफ़-सफाई, लक्ष्मी-पूजन (Worship of Lakshmi) और पटाखे ? महीने भर पहले से घरों, दफ्तरों और दुकानों की साफ़- सफाई, सजावट और प्रकाश ?

क्या केवल दीपावली/दिवाली (Deepavali/Diwali) ऐसे ही मनाई जाती है या हमें ऐसे ही मनानी चाहिए ?

ये प्रकाश का पर्व (Festival of Light) है, जिसमें हम आज के समय में घर में तो उजाला कर लेते हैं, लेकिन मन में अंधियारा (Dark) ही रह जाता है।

जी हाँ, यही सत्य है।

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🙂 Wishing you and your family a very Happy and Prosperous Deepavali 🙂

आइये आज स्वयं से कुछ प्रश्न कीजिये और जानिये कि दीपावली/दिवाली (Deepavali/Diwali) के वास्तविक महत्व को हम कहाँ भूल गए-

1. आप स्वयं ही सोचिये जहां पहले लोग अपने बुजुर्गों के साथ इकट्ठे होकर और नाते-रिश्तेदारों को गले लगाकर दीपावली (Diwali) मनाते थे, आज वहीं एक परिवार चार जगह बिखरा-बिखरा दीपावली (Deepawali) मनाता है, क्योंकि लोगों के पास घर लौटने का समय ही नहीं है।

नौकरी, बच्चों के स्कूल और खर्चे के कारण लोग अपनों के पास जाना ही नहीं चाहते। ऐसा क्यों ?

2. दूसरी ओर हम जहां मित्रगणों को महंगी-महंगी मिठाई या उपहार बांटते हैं, वहीँ गरीबों का दान हमें इतना महंगा क्यों लगता है, कि हम कहीं कंगाल ही न हो जाएँ ?

Importance of Diwali in Hindi

दिवाली का महत्व.

3. दीपावली (Diwali) में घर में महंगी से महंगी लाइट लगाकर रोशनी (light) करना आजकल फैशन हो चुका है। लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि केवल किसी एक गरीब या अनाथ बच्चे के जीवन में आप उसकी फीस भरकर और किताबें खरीदकर शिक्षा का प्रकाश भरें। नहीं न!

तो अब ज़रूर सोचिये, क्योंकि ऐसा करने से उस बच्चे की मुस्कान आपके जीवन में सुकून की रोशनी लाएगी।

4. घर में, मंदिरों में प्रकाश तो होता है, लेकिन फिर भी मन मैले ही हैं। मन में किसी के लिए द्वेष, किसी के लिए नफरत, किसी के लिए घृणा, किसी से जलन की भावना हमारे मन में इस दिन भी बनी रहती है।

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दीपक की रौशनी, पटाखों की आवाज, सूरज की किरणे,खुशियों की बौछार, चन्दन की खुश्बू, अपनों का प्यार, मुबारक हो आप को दीवाली का त्यौहार। 🙂 Happy Deepawali 🙂

जबकि होना ये चाहिए कि जो भी गलत भावना मन में है वो दीपावली/दिवाली (Deepavali/Diwali) के दीपों की लौ में जलकर भस्म हो जाए।

5. भगवान राम, सीता माता को रावण से मुक्त कराके अयोध्या लौटे और ये पर्व भी माता लक्ष्मी को ही समर्पित है और पूजा भी घर की लक्ष्मी यानि कि एक औरत ही करती है। लेकिन सदियों से दीपावली (Diwali) मनाता आ रहा हमारा देश वास्तव में औरतों की कितनी इज्ज़त करता है ?

प्रतिदिन दहेज़ में झुलसती भी एक लक्ष्मी (Lakshmi) है और बलात्कार जैसे भयंकर रोग से पीड़ित होने वाली भी एक लक्ष्मी ही है। आदमी जिसे पैरों की धूल समझे, वो भी लक्ष्मी और बाप जिसे बेटे से कम आंके वो भी एक लक्ष्मी।

अंतर्मन में झांको और स्वयं से प्रश्न करो कि कैसी दीपावली (Deepavali) मना रहे हो आप। क्या सच में दिवाली ऐसी-ही मनाई जानी चाहिए ?

6. साफ़-सफाई घर की बेहद अच्छी तरह से करते होंगे आप और क्यों न करें, दीपावली (Deepawali) का पर्व जो है। लेकिन जिस देश में आपका स्वच्छ घर है, क्या उस देश की भी साफ़-सफाई आपकी जिम्मेदारी नहीं ?

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झिलमिलाते दीपों की रोशनी से प्रकाशित ये दीपावली आपके घर में सुख समृद्धि और आशीर्वाद ले कर आए। 🙂 शुभ दीपावली! 🙂

घर में जाले साफ़ करना और बाहर पान थूकना, घर में धूप जलाना और बाहर खुले में शौच, घर में बच्चों को बताना कि कूड़ा कूड़ेदान में डालें, लेकिन बाहर उन्हीं के सामने चलती गाड़ी में से कूड़ा फ़ेंक देना।

Essay on Diwali in Hindi

दीपावली (दिवाली) पर निबंध एवं भाषण.

7. इसके अतिरिक्त दीपावली (Diwali) से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या। हम माता लक्ष्मी से प्रार्थना करते हैं कि हमें समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य बक्शें। दूसरी तरफ दीपावाली पर अनगिनत पटाखे जलाकर उसी दिन को हम सबसे अधिक प्रदूषित (Polluted) कर देते हैं, तो फिर ईश्वर से अच्छे स्वास्थ्य की मांग क्यों ?

हर दीपावली किसी न किसी पटाखे (Crackers) के बाज़ार में आग लगने से लाखों रूपए की हानि के साथ हज़ारों की जान भी चली जाती है, जो पूर्णत: हमारी ही गलती है। फिर भी हम ईश्वर को कोसते हैं, क्यों ?

मैं ये तो नहीं जानता कि इस पर्व (festival) पर आप क्या करना चाहते हैं, लेकिन इतना अवश्य कहूँगा कि ऊपर लिखी गयी बातों को पढ़कर आप यदि वो कार्य करते हैं, जो ये बातें आपको समझाती हैं, तो इस बार की दीपावली (Diwali) आपको आंतरिक सुख (happiness) और प्रसन्नता की अनुभूति जरूर करवाएगी।

किसी गरीब को मिठाई (sweet) न सही, कुछ किताबें ही बाटें। अपने रिश्तेदारों को नए कपडें दें, तो किसी ज़रूरतमंद को अपनी उतरन ही दे दें। किसी औरत की सड़क पर रक्षा के लिए हाथ बढायें। बच्चों को पटाखे छोड़ दीपों के संग दीवाली (Diwali) मनाना सिखाएं।

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महादेवी माँ लक्ष्मी की कृपा से आपके घर में हमेशा उमंग, उल्लास और आनंद की रौनक बनी रहे। 🙂 इस पावन मौके पर आप सब को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!! 🙂

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13 Comments

Sanjay

Nice article

HindIndia

Thanks Sanjay ji 🙂

jay

Superb Articles . thanks

Thank you Jay ji .

bhgat

very very nice article…….my whole http://www.thejourneyindia.com/ team like it and wishes u happy diwali

Thanks and Happy Diwali to you and your team 🙂

sushil pandey

happy diwali dost

Thanks and same to you 🙂

atoot bandhan

दीपावली पर बहुत अच्छा सार्थक निबंध | शेयर करने के लिए शुक्रिया

धन्यवाद … @Atoot Bandhan. 🙂

Good Khabar

Dipawali pr bahut hi achha post share kiya hai apne, apko dipawali hi hardik shubh kamnaye… apka bahut bahut dhanyawaad.

harpreet

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घरों में रोशनी की झिलमिलाहट और बाज़ारों में मिट्टी के दीयों की महक बताती है कि दिवाली (Diwali) या दीपावाली (Deepawali) का त्योहार आने ही वाला है। हिंदुओं का सबसे प्रमुख और बड़ा त्योहार दिवाली है। दीपों का खास पर्व होने की वजह से इसे दीपावली या दिवाली के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है दीपों की अवली यानी कि पंक्ति। दिवाली हमारे जीवन के दुखों के अंधकार को दूर कर खुशियों की रोशनी भरने का संदेश देकर चली जाती है। आप हमारे इस पेज से दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi) पढ़कर दिवाली के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

भारत के लोग त्योहारों के ज़रिए अपनी खुशी ज़ाहिर करने में पीछे नहीं हटते और हमारे देश में हर महीने कोई-न-कोई त्योहार मनाया जाता है। अलग-अलग धर्मों के लोग अपने-अपने त्योहार अपनी परंपरा, संस्कृति और रीति-रिवाज के अनुसार मनाते हैं। इन्हीं में से एक त्योहार है दिवाली। दिवाली खुशियों का त्यौहार है, जिसे हिंदू धर्म के लोग बड़ी ही उत्साह के साथ मनाते हैं। दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवरधन पूजा और भाईदूज शामिल है। दिवाली का त्योहार केवल हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दिवाली के दिन अमावस्या की काली रात होती है, लेकिन इसके बावजूद भी दीपक और रंग-बिरंगी लाइटों की रोशनी से काली रात भी जगमगा उठती है। दिवाली का अर्थ, इतिहास और महत्त्व जानने के लिए आगे पढ़ें।

दिवाली का अर्थ

दिवाली शब्द संस्कृत के दीपावली शब्द से लिया गया है। दीपावली दो शब्दों दीप+आवली से मिलकर बना है, जिसका हिंदी में अर्थ है दीपक और श्रृंखला यानी कि दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दिवाली के पर्व को दीपोत्सव भी कहा जाता है। दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला भी माना गया है। दिवाली के अर्थ को आसान शब्दों में इस प्रकार समझ सकते हैं कि दिवाली का त्योहार अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला रोशनी का उत्सव है।

दिवाली कब मनाई जाती है?

हिंदी कैलेंडर के अनुसार दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर का महीना होता है। दिवाली के त्योहार की रौनक पाँच दिनों तक रहती है। दिवाली की विशेष बात यह है कि इसके साथ चार अन्य त्यौहार और मनाये जाते हैं। दिवाली का उत्साह एक दिन नहीं बल्कि पूरे एक हफ्ते तक रहता है। दिवाली के त्योहार के साथ-साथ शरद ऋतु यानी सर्दियां की प्रारंभ हो जाती हैं और मौसम भी ठंडा होने लगता है।

दिवाली का इतिहास

भारत में दिवाली या दीपावली का त्योहार प्राचीन समय से ही मनाया जाता हुआ आ रहा है। दिवाली के इतिहास को लोग कई अलग-अलग तरह से देखते हैं, लेकिन ज़्यादतर लोग मानते हैं कि जब भगवान श्री रामचन्द्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे और पूरी अयोध्या नगरी को फूलों से सजा दिया था। जिस दिन भगवान श्री राम अयोध्या लौटकर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी।

हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा था जिस वजह से वहाँ पर कुछ भी साफ नज़र नहीं आ रहा था। इसलिए अयोध्या वासियों ने वहाँ पर दीपक जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को रोशन कर दिया था। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय का दिन भी माना जाता है क्योंकि दिवाली के दिन जहाँ एक तरफ पूरे भारत में अमावस्या की काली रात होती है, तो वहीं दूसरी तरफ दीपकों की रोशनी उस काली रात को रोशन कर देती है। हिंदू धर्म के लोगों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी इस त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं।

दिवाली का महत्त्व

हिंदू धर्म के लोगों के लिए दिवाली का विशेष महत्त्व होता है। दिवाली का त्योहार घरों की साफ-सफाई से शुरू होता जिसके बाद इस त्योहार में एक के बाद एक कई चीज़ें शामिल होती चली जाती हैं, जैसे- नए कपड़े और नए बर्तनों की खरीदारी, घरों की सजावट के लिए लाइटें और अन्य सामग्री, लक्ष्मी और गणेश की नई तस्वीर, मिठाइयां, प्रसाद, गिफ्ट आदि। लोग दिवाली की तैयारी दिवाली से लगभग दस दिन पहले ही शुरू कर देते हैं।

दिवाली हमें हमारी परंपरा से जोड़ने का काम करती है और हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराती है। दिवाली हमें ये ज्ञान और शिक्षा भी देकर जाती है कि अंत में विजय हमेशा सच और अच्छाई की ही होती है। हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होने के कारण हर हिंदू की आस्था दिवाली से जुड़ी हुई है। दिवाली का त्योहार कई तरह के महत्त्व को अपने अंदर समेटे हुए है, जैसे- आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, ऐतिहासिक आदि।

सबसे पहले अगर हम इसके आध्यात्मिक महत्त्व को देखें, तो हमें दिवाली के पर्व से जुड़ी हुई कई धार्मिक और पौराणिक कहानियां सुनने को मिलती हैं। इस त्योहार को हिंदू, जैन, सिख आदि कई धर्मों के लोग बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। इन सभी धर्मों में दिवाली के दिन ऐसी कोई ना कोई घटना ज़रूर हुई है, जो अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, निराशा पर आशा और बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाती है। दिवाली का त्यौहार धर्म और अध्यात्म से जुड़ा हुआ है, जो लोगों के विचारों में सकारात्मकता लाने का काम करता है और लोगों को अध्यात्म की तरफ बढ़ने के लिए भी प्रेरित करता है।

आध्यात्मिक महत्त्व के साथ दिवाली का सामाजिक महत्त्व भी बहुत बड़ा है। दिवाली के पर्व को सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर मनाते हैं। लोग एक-दूसरे से मिलने के लिए और दिवाली की शुभकामनाएं देने के लिए उनके घर जाते हैं, जो सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देता है। दिवाली के अवसर पर हम भारतीय लोग जमकर खरीदारी भी करते हैं जिससे बाज़ारों में आर्थिक उछाल आता है और विक्रेताओं की आमदनी भी बढ़ती है। इससे दिवाली का आर्थिक महत्त्व और भी बढ़ जाता है।

दिवाली के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं हुईं, जैसे- भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे, समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ, आर्य समाज की स्थापना हुई, अकबर ने दीप जलाकर दिवाली का त्योहार मनाया, सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई आदि। ये सभी घटनाएं दिवाली के ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाती हैं।

दिवाली खुशियों का त्योहार है और खुशियाँ हमेशा बांटने से ही बढ़ती हैं। दिवाली के पर्व के अवसर पर जिस प्रकार एक दीपक अंधेरे को दूर करके हमारे आसपास रोशनी देने का काम करता है, ठीक उसी प्रकार हम भी अपने आसपास के ज़रूरत मंद लोगों की मदद कर उनके जीवन के दुख के अंधेरे को दूर कर खुशियों की रोशनी देने का काम कर सकते हैं। ये ही दिवाली का संदेश भी है और उद्देश्य भी।

दिवाली पर निबंध 300 शब्द में

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)- दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाता है। दिवाली का त्योहार स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि जगहों पर भी बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को साल में एक बार मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दिवाली अक्टूबर या नवम्बर के महीने में होती है। सबसे पहले दिवाली प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने घी के दीये जलाकर मनाई थी। तब से हर साल पूरे देश में दिवाली मनाई जाने लगी।

स्कंद पुराण में दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं सुनने को मिलती हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से अगर देखें, तो दिवाली हिंदुओं का बहुत बड़ा और महत्त्वपूर्ण त्योहार है। दिवाली का इतिहास बहुत ही पुराना है और इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जैसे- कुछ लोगों का मानना है कि सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसलिए इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है।

कुछ लोग मानते हैं कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक अमावस्या को किया था, इसलिए दिवाली मनाई जाती है। और कुछ लोगों के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थीं और उन्होंने महाकाली का रूप लिया था। इसलिए ये त्योहार मनाया जाता है। दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम की है, जिसमें उन्होंने रावण का वध किया था और चौदह वर्ष के बाद माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, जिसके उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया था और तब से हर साल कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाई जाने लगी।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्त्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच्चाई की राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है। हमें दिवाली का त्योहार एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां बांटकर मनाना चाहिए और इस बात को भी हमेशा याद रखना चाहिए कि हम अपने उत्साह की वजह से प्रकृति और प्राकृतिक चीज़ों को नुकसान न पहुंचाएं।

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दिवाली पर 10 लाइनें

1. दिवाली का त्योहार हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। 2. दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दीपावली, गोबरधन पूजा और भाई दूज शामिल है। 3. दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चौदह साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। 4. भगवान श्री राम के वापस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दिवाली के रूप में मनाया। 5. दिवाली का त्योहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। 6. इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 7. दिवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। 8. इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं। 9. दिवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। 10. इन दिन बहुत से लोग पटाखे भी जलाते हैं।

दिवाली पर FAQs

प्रश्न- दिवाली का क्या महत्व है?

उत्तरः दिवाली का महत्त्व धर्म और इतिहास से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न- दीपावली के दिन किसकी पूजा की जाती है?

उत्तरः भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की।

प्रश्न- दीपावली पर हम क्या क्या करते हैं निबंध?

उत्तर: हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दिवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। अधिक जानकारी के लिए हमारा ये आर्टिकल पढ़ें।

प्रश्न- दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध लिखना है?

उत्तर: दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

प्रश्न- दीपावली का प्राचीन नाम क्या है?

उत्तर: इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया।

प्रश्न- दिवाली सिख हिस्ट्री?

उत्तर: सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग इस त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन ग्वालियर की जेल से जांहगीर द्वारा रिहा किया गया था।

प्रश्न- दीपावली का अर्थ?

उत्तर: शुद्ध शब्द “दीपावली” है , जो ‘दीप’ (दीपक) और ‘आवली’ (पंक्ति) से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ‘दीपों की पंक्ति’।

1 thought on “दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में पढ़ें”

भाई बहुत ही बढ़िया और सरल भाषा में निबंध लिखा है। मुझे दीवाली पर लिखे सायरी काफी पसंद आए। आगे भी ऐसे ही लेख को आप देते रहेगा। आप मेरे पोस्ट पर भी जा सकते है। जिसमे हमने आपको यदि इंटरनेट न होता तो कें बारे में विस्तारपर्वक चर्चा की है।

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दिवाली पर निबंध 2022 –23 Diwali Essay in Hindi for Class 1-12 – दिवाली पर छोटा निबंध – Deepawali Nibandh Pdf Download

Diwali essay in Hindi

Happy Diwali 2022: दिवाली भारत में मनाए जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है| दिवाली को दीपावली के रूप में भी जाना जाता है जिसका अर्थ है दीयाओं की एक पंक्ति। यह त्यौहार पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार को सम्पूर्ण भारत के साथ साथ विदेश में रह रहे हिन्दू धर्म के अनुयाई द्वारा मनाया जाता है| यह त्यौहार रौशनी का प्रतीक है| इस दिन परिवार में सब लोग लक्ष्मी, देवी सरस्वती एवं देव गणेश की पूजा करते है| इस त्यौहार पर सब लोग अपने घर को सजाते है एवं पटाखे फोड़ते है| ये निबंध खासकर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

Diwali essay in hindi

दीपावली 2021 कब है/diwali 2021 date: दिवाली उजाले का त्यौहार है| इस वर्ष यह पर्व 04 november दिन है| अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है दिवाली पर निबंध लिखे| आइये अब हम आपको diwali essay in marathi, Deepawali Quotes in Hindi , दिवाली एस्से, दिवाली पर कविता , essay on diwali in 200 words, diwali essay in english, एस्से ऑफ़ दिवाली इन हिंदी, diwali essay in marathi, diwali essay in english 150 words, आदि की जानकारी  100 words, 150 words, 200 words, 400 words.

प्रस्तावना भारत एक ऐसा देश है जहाँ सबसे ज्यादा त्योहार मनाये जाते है, यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपने परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते है। दीवाली हिन्दू धर्म के लिये सबसे महत्वपूर्ण, पारंपरिक, और सांस्कृतिक त्योहार है जिसको सभी अपने परिवार, मित्र और पड़ोसियों के साथ पूरे उत्साह से मनाते है। दीपावली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है। दीपावली, भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपावली कब और क्यों आता है? ये बेहद खुशी का पर्व है जो हर साल अक्तूबर या नवंबर के महीने में आता है। हर साल आने वाली दीवाली के पीछे भी कई कहानीयाँ है जिसके बारे में हमें अपने बच्चों को जरूर बताना चाहिये। दीवाली मनाने का एक बड़ा कारण भगवान राम का अपने राज्य अयोध्या लौटना भी है, जब उन्होंने लंका के असुर राजा रावण को हराया था। इसके इतिहास को हर साल बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रुप में याद किया जाता है। अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल का वनवास काट कर लौटे अयोध्या के महान राजा राम का अयोध्या वासियों ने जोरदार स्वागत किया था। अयोध्या वासियों ने अपने राजा के प्रति अपार स्नेह और लगाव को दिल से किये स्वागत के द्वारा प्रकट किया। उन्होंने अपने घर और पूरे राज्य को रोशनी से जगमगा दिया साथ ही राजा राम के स्वागत के लिये आतिशबाजी भी बजाए। दीपावली का अर्थ रोशनी का उत्सव ‘दीपावली’ असल में दो शब्दों से मिलकर बना है- दीप+आवली। जिसका वास्तविक अर्थ है, दीपों की पंक्ति। वैसे तो दीपावली मनाने के पीछे कई सारी पौराणिक कथाएं कही जाती है लेकिन जो मुख्य रुप से प्रचलित मान्यता है वो है असुर राजा रावण पर विजय और भगवान राम का चौदह साल का वनवास काटकर अपने राज्य अयोध्या लौटना। इस दिन को हम बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये भी जानते है। चार दिनों के इस पर्व का हर दिन किसी खास परंपरा और मान्यता से जुड़ा हुआ है जिसमें पहला दिन धनतेरस का होता है इसमें हमलोग सोने-चाँदी के आभूषण या बर्तन खरीदते है, दूसरे दिन छोटी दीपावली होती है जिसमें हमलोग शरीर के सारे रोग और बुराई मिटाने के लिये सरसों का उबटन लगाते है, तीसरे दिन मुख्य दीपावली होती है इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है जिससे घर में सुख और संपत्ति का प्रवेश हो, चौथे दिन हिन्दू कैलंडर के अनुसार नए साल का शुभारम्भ होता है और अंत में पाँचवां दिन भाई-बहन का होता है अर्थात् इस दिन को भैया दूज कहते है। बच्चों की दीवाली बच्चे इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते है और पर्व आने और बहुत खुश और उत्तेजित हो जाते है अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिये लोगों ने लजीज पकवान बनाये, हर कोई एक दूसरे को बधाई दे रहा था, बच्चे भी खूब खुश थे और इधर-उधर घूमकर अपनी प्रसन्नता जाहिर कर रहे थे। हिन्दू कैलंडर के अनुसार सूरज डूबने के बाद लोग इसी दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते है। जहाँ एक ओर लोग ईश्वर की पूजा कर सुख, समृद्धि और अच्छे भविष्य की कामना करते है वहीं दूसरी ओर पाँच दिनों के इस पर्व पर सभी अपने घर में स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयां भी बनाते है। इस दिन लोग पशा, पत्ता आदि कई प्रकार के खेल भी खेलना पसंद करते है। इसको मनाने वाले अच्छे क्रियाकलापों में भाग लेते है और बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये गलत आदतों का त्याग करते हैं। इनका मानना है कि ऐसा करने से उनके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ, समृद्धि, संपत्ति और प्रगति आयेगी। इस अवसर पर सभी अपने मित्र, परिवार और रिश्तेदारों को बधाई संदेश और उपहार देते है। आर्थिक महत्व दीवाली का त्यौहार भारत में खरीद के अवधि का पर्व है। यह पर्व नए कपड़े घर के सामान, उपहार, सोने, आभूषण और अन्य बड़ी खरीदारियों का समय है। इस पर्व पर खरीदारी और खर्च को काफी शुभ माना जाता है। क्योंकि लक्ष्मी को, धन, समृद्धि, और निवेश की देवी माना जाता है। दीवाली भारत में सोने और आभूषणों की खरीद का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। आतिशबाजी की खरीद भी इस दौरान अपने चरम सीमा पर रहती है। प्रत्येक वर्ष दीवाली के दौरान पांच हज़ार करोड़ रुपए के पटाखों अदि की खपत होती है। निष्कर्ष दीपावली पर्व है अपने अंदर के अंधकार को मिटा के समूचे वातावरण को प्रकाशमय बनाना। दीपावली हिंदूओं का प्रमुख पर्व है। यह पर्व समूचे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के दिन घरों में दिए, दुकानों तथा प्रतिष्ठानों पर बहुत सारे सजावट और दिए जलाये जाते है। बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। मिठाई तथा पटाखों की दुकानें खूब सजी होती हैं। इस दिन पकवानों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियां तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और बड़े बच्चों द्वारा किये गए आतिशबाजी का आनंद उठाते है।

दिवाली पर निबंध हिंदी में

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प्रस्तावना दीपावली एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध उत्सव है जिसे हर साल देश और देश के बाहर विदेश में भी मनाया जाता है। इसे भगवान राम के चौदह साल के वनवास से अयोध्या वापसी के बाद और लंका के राक्षस राजा रावण को पराजित करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भगवान राम की वापसी के बाद, भगवान राम के स्वागत के लिये सभी अयोध्या वासियों ने पूरे उत्साह से अपने घरों और रास्तों को सजा दिया। ये एक पावन हिन्दू पर्व है जो बुराई पर सच्चाई की जीत के प्रतीक के रुप में है। इसे सिक्खों के छठवें गुरु श्रीहरगोविन्द जी के रिहाई की खुशी में भी मनाया जाता है, जब उनको ग्वालियर के जेल से जहाँगीर द्वारा छोड़ा गया। दीपावली कब-क्यों मनाई जाती है? ये पर्व कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। अमावस्या के दिन बहुत ही अँधेरी रात होती है जिसमें दीवाली पर्व रोशनी फ़ैला ने का काम करती है। वैसे तो इस पर्व को लेकर कई कथाये है लेकिन कहते हैं भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्या वासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। बाजारों को दुल्हन की तरह शानदार तरीके से सजा दिया जाता है। इस दिन बाजारों में खासा भीड़ रहती है खासतौर से मिठाइयों की दुकानों पर, बच्चों के लिये ये दिन मानो नए कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है। दीवाली आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ बिजली की लड़ियों से रोशन कर देते है। दीवाली उत्सव की तैयारी दीवाली के दिन सब बहुत खुश रहते है एक दूसरे को बधाइयां देते है। बच्चे खिलौने और पटाके खरीदते है, दीवाली के कुछ दिन पहले से ही घर में साफ़ सफाई शुरू हो जाती है। लोग अपने घर का सज-सज्जा करते है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते है। भारत के कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत माना जाता है साथ ही व्यापारी लोग अपने नया बही खाता से शुरुआत करते है। निष्कर्ष दीपावली, हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दीवाली नाम दिया गया। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह महा पर्व, अंधेरी रात को असंख्य दीपों की रौनक से प्रकाशमय कर देता है। दीवाली सभी के लिये एक खास उत्सव है क्योंकि ये लोगों के लिये खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इससे बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ ही नया सत्र की शुरुआत भी होती है।

एस्से ऑफ़ दिवाली इन हिंदी

Diwali essay in english

प्रस्तावना दीवाली को रोशनी का त्योहार के रुप में जाना जाता है जो भरोसा और उन्नति लेकर आता है। हिन्दू, सिक्ख और जैन धर्म के लोगों के लिये इसके कई सारे प्रभाव और महत्तम है। ये पाँच दिनों का उत्सव है जो हर साल दशहरा के 21 दिनों बाद आता है। इसके पीछे कई सारी सांस्कृतिक आस्था है जो भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद अपने राज्य के आगमन पर मनाया जाता है। इस दिन अयोध्या वासियों ने भगवान राम के आने पर आतिशबाजी और रोशनी से उनका स्वागत किया। हिन्दुओं के सभी पर्वों में दीपावली का महत्व व लोकप्रियता सर्वाधिक है। दीपावली का अर्थ है दीपों की माला। महालक्ष्मी पूजा यह पर्व प्रारम्भ में महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था । दीपावली के पहले दिन को धनतेरस या धन त्रेयोंदशी कहते है जिसे माँ लक्ष्मी की पूजा के साथ मनाया जाता है। इसमें लोग देवी को खुश करने के लिये भक्ति गीत, आरती और मंत्र उच्चारण करते है। दूसरे दिन को नारक चतुर्दशी या छोटी दीपावली कहते है जिसमें भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है क्योंकि इसी दिन कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। ऐसी धार्मिक धारणा है कि सुबह जल्दी तेल से स्नान कर देवी काली की पूजा करते है और उन्हें कुमकुम लगाते है। कार्तिक अमावस्या के दिन समुद्र मंथन में महालक्ष्मी का जन्म हुआ। लक्ष्मी धन की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण धन के प्रतीक स्वरूप इसको महालक्ष्मी पूजा के रूप में मनाते आये। आज भी इस दिन घर में महालक्ष्मी की पूजा होती है। तीसरा दिन मुख्य दीपावली का होता है जिसमें माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है, अपने मित्रों और परिवारजन में मिठाई और उपहार बाँटे जाते है साथ ही शाम को जमके आतिशबाजी की जाती है। चौथा दिन गोवर्धन पूजा के लिये होता है जिसमें भगवान कृष्ण की आराधना की जाती है। लोग गायों के गोबर से अपनी दहलीज पर गोवर्धन बनाकर पूजा करते है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उँगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर अचानक आयी वर्षा से गोकुल के लोगों को बारिश के देवता इन्द्रराज से बचाया था। पाँचवें दिन को हम लोग जामा द्वितीय या भैया दूज के नाम से जानते है। ये भाई-बहनों का त्योहार होता है। दीवाली भारत का एक राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक पर्व है। इस त्यौहार को हिन्दू, मुस्लिम ,सिख और ईसाई सभी मिलकर मनाते हैं। दीपावली के दौरान लोग अपने घर और कार्य स्थली की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई करते है। आमजन की ऐसी मान्यता है कि हर तरफ रोशनी और खुले खिड़की दरवाजों से देवी लक्ष्मी उनके लिये ढेर सारा आशीर्वाद, सुख, संपत्ति और यश लेकर आएंगी। इस त्योहार में लोग अपने घरों को सजाने के साथ रंगोली से अपने प्रियजनों का स्वागत करते है। नये कपड़ों, खुशबूदार पकवानों, मिठाइयों और पटाखों से पाँच दिन का ये उत्सव और चमकदार हो जाता है। स्वच्छता का प्रतीक दीपावली जहाँ रौनक और ज्ञान का प्रतीक है वही स्वच्छता का प्रतीक भी है। घरों में पिम्स, मच्छर, खटमल, आदि विषैले किटाणु धीरे-धीरे अपना घर बना लेते हैं। मकड़ी के जाले लग जाते है लोग इनकी सफाई करा देते है और घर की रंगाई फर्श की सफाई सब कर देते है। इस दिन हर जगह स्वच्छता ही दिखाई देती है। सबके घरों का एक-एक कोना साफ़ होता है। और रौनक जगमगा उठती है। घी के दिए की खुशबू पूरे वातावरण में फैली होती है। सबके मन में नई ऊर्जा और नया उत्साह जन्म लेता है। लोग अपनी बुराइयों को त्याग कर अच्छे और सच्चे राह पर चलने की कामना करते है। निष्कर्ष गणेश को शुभ शुरुआत के देवता और लक्ष्मी को धन की देवी कहा गया है। इस अवसर पर पटाखे मुख्य आकर्षण हैं। पड़ोसियों, मित्रों और रिश्तेदारों को घरों और मिठाई वितरण में पकाया स्वादिष्ट भोजन दीवाली उत्सव का हिस्सा हैं। लोग सड़कों, बाजारों, घरों और परिवेश में समृद्धि और कल्याण की इच्छा के लिए तेल से भरे प्रकाश की मिट्टी के साथ दीवाली का स्वागत करते हैं। दीवाली की रात को लोग अपने घरों के दरवाजे खुल गए क्योंकि वे देवी लक्ष्मी की यात्रा की उम्मीद करते हैं।

दिवाली पर छोटा निबंध

दीवाली /दीपावली हिन्दुओं का एक बहुत ही बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है | ये महान पर्व हर साल शरद रुतु में कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है| कैलेंडर के हिसाब से ये अक्टूबर या नवम्बर महीने में आता है| प्राचीन काल से ही इस पर्व का बहुत ही महत्व है और बहुत ही धूमधाम और हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है | दीवाली एक बहुत ही सुंदर पर्व है जो अपने साथ बहुत सारे खुशयों को ले के आता है | ये रौशनी का त्यौहार है और इससे दीपोत्सव भी कहा जाता है | दीपावली अन्धकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है और इसी तरह ये हमारे जीवन में भी खुशियों का उजाला भर देता है| ये त्यौहार हमारे आपसी रिश्तों को मजबूत करता है और छोटी मोती मन-मुटाव को दूर करके हमारे रिश्तों में मिठास भर देता है | दीवाली न केवल भारत में पर भारत से बहार भी कई देशों में मनाया जाता है | इस त्यौहार को एक सरकारी अवकाश का दिन होता है जिसमें सारे सरकारी कार्यालय जैसे स्कूल, कॉलेज ,बैंक आदि सब बंद रहते है |दीपावली अनेक धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाता है और ये पर्व की उत्त्पति से अनेक कहानियाँ जुडी है | पर वे सब कहानियां बुराई पर अच्छाई की जीत को, अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाते हैं | दीवाली खासकर इसीलिए मनाई जाती है क्यूंकि उस दिन भगवान् श्री रामचंद्र ने लंकापति रावण का वध करके अपनी धर्मपत्नी सीता को उस राक्षस के चंगुल से छुड़ा कर वापस अपने राज्य अयोध्या पहुंचे थे| भगवान् ने रावण का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत पायी थी इसलिए अयोध्यावासी उनके भव्य भाव से स्वागत करने के लिए पुरे अयोध्या में घी का दीपक जला कर उस अमावास की काली रात्री को दीयों की रौशनी से प्रकाशित कर दिया था |तब से दीपावली त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक माना जाता है और तभी से दशहरा पर्व के 20 दिन बाद ये महान पर्व दीवाली को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है | दीपावली त्यौहार का हम सबको बहुत बेसब्री से इंतज़ार रहता है |इसलिए ये त्यौहार आने से करीब 1 महिना पहले से ही हम इसके तैयारियों में जुट जाते हैं |लक्ष्मीजी हमेशा स्वच्छ और साफ़ जगह पर निवास करते हैं इसलिए हम सबसे पहले सफाई से शुरुआत करते हैं | हम अपने पुरे घर, आँगन, और दूकान के अछे से सफाई करके ,उनमें सफेदी और नए रंग भी लगाये जाते हैं | दीवाली के 4-5 दिन पहले नए कपडे और साथ में घर के लिए अनेक चीजों जैसे पूजा सामान ,दिया बत्ती,सोना चांदी के सामान, दोस्तों और रिश्तेदारों में बांटने के लिए उपहार आदि ख़रीदे जाते हैं |साथ ही में स्वादिस्ट मिठाइयों का भी प्रबंध किया जाता है |दीवाली के दिन सुबह घर को अछे से धोया जाता है और पुरे घर को फुलून की माला और आम के पत्तों के साथ सजाया जाता है |घर के मुख्या द्वार को केला के पेड़ और पदम् फूलों से सजाया जाता है|

दिवाली पर निबंध मराठी

दीपावली याला दिवाळी असेही म्हणतात. दीपावली हे हिंदूंच्या मुख्य उत्सवांपैकी एक आहे. कार्तिक महिन्याच्या नवीन चंद्र दिवशी हा उत्सव साजरा केला जातो. हा प्रकाशचा उत्सव आहे. या दिवशी, घरोघरच्या प्रकाशात प्रकाश पडतो. दीपावली हा एक-दिवसीय उत्सव नाही, परंतु शुक्ल पक्ष दुजपासून कार्तिक कृष्ण त्रयदशीचा आनंद घेतलेल्या लोकांचा हा समूह आहे. हे सण – धन त्रोदशी, नर्क चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा आणि भाऊ दुज आहेत. दीपावलीच्या रात्री, देवी लक्ष्मी जी, संपत्ती व संपत्ती देवी, आणि भगवान विष्णवनाशक आणि मांगलदार गणेशाची मूर्ती यांची पूजा केली जाते. लक्ष्मी समुद्राच्या मंथन पासून प्राप्त चौदा रत्न एक मणी होते. कार्तिक महिन्याच्या नवीन चंद्रावर लक्ष्मी रत्न यांचा जन्म झाला. त्या दिवसापासून कार्तिक अमावस्या लक्ष्मी पूजाचा उत्सव बनला. लक्ष्मीने गणेशची पूजा केली कारण गणेश संपत्तीचे रक्षण करते आणि सर्व प्रकारचे घृणास्पद सुख नष्ट करते आणि समृद्धी आणते. रावणच्या मृत्यू, पत्नी सीता आणि अनुज लक्ष्मण यांच्या नंतर या दिवशी राम राम अयोध्याकडे परत आले की दीपावलीच्या उत्सवाची एक कथा आहे. निर्वासन पासून चौदा वर्षे परत येणे च्या उत्साहात, रात्री त्यांच्या घरे सजवणे आणि घरे विशेष दिवे तयार केले. तेव्हापासून दीपावली येथे लोकांनी दीपवृंद घरात त्यांच्या दिवा लावून प्रकाश व्यवस्था केली. हा सण देखील पिकाशी संबंधित आहे. यावेळी शेतात नवीन पीक वाढू लागतात. धन-लक्ष्मीमध्ये स्वागत म्हणून शेतकरी नवीन पीक साजरा करतात. पीक ठेवण्यासाठी बांबू आणि घरे उडी मारून तयार करतात. पावसामुळे होणारी तोटा देखील भरपाई देतो. रात्री रात्री प्रकाशात येतात, ज्यामध्ये किडे-मॉथ आणि डास नष्ट होतात. घराचा आंगठ स्वच्छ दिसू लागतो. शहरातही लोक घरे कचरा घेतात आणि भिंती रंगवतात. व्यापारी जुन्या खात्याची पुर्तता करून नवीन खाती तयार करतात. दिवाळी आधीच बाजारात आहे. लोक नवीन कपडे खरेदी करतात व्यापारी दुकाने सजवा. ग्राहकांच्या रहदारीची गती वाढवते. कन्फेक्शनर्स त्यांना सादर करून मधुर मिठाई बनवतात. मातीच्या भांड्यात माती घेऊन पोटर बाजारात येतो. कापूस आणि शेंगदाणे विकणारे लोक वाढले आहेत. काही लोक चांदीची नाणी विकत घेतात, नंतर काही दागिने खरेदी करतात. इतरांना भेटी अर्पण करणार्या गोष्टींची मागणी वाढते. आनंद आणि उत्साह आहे. खरेदीदार आणि विक्रेता दोघेही आनंदी आहेत. पोलीस गस्त वाढते कारण त्याला सुरक्षाची खास व्यवस्था करावी लागते. दीपावलीच्या दिवशी प्रत्येकजण व्यस्त असतो. घरामध्ये घरगुती खास डिश बनवते. मुले सूर्यामध्ये बॉम्ब आणि फायरक्रॅक कोरतात. ऑफिसमधून भेटवस्तू मिळविण्यास कार्यरत लोक आनंदी आहेत. दुकानात दुकानदारांची पूजा करण्यास व्यस्त आहेत. लोक एकमेकांना अभिवादन करतात आणि दीपावलीचे भेटी देतात. लोक पुष्पगुच्छ, पूजा इतर गोष्टी, मेणबत्त्या आणि लक्ष्मी गणेश विकत घेतात. दुकानदारी, घरगुती पूजेची पूजा केल्यानंतर पंडितजी घराबाहेर काम करायला बाहेर पडले. संध्याकाळी वाट पाहत मुलांनी प्रतीक्षा केली की ते आतिशबाजीचा आनंद घेऊ शकतील. संध्याकाळी वेळ येतो. घरगुती उगवलेली दिवे, मेणबत्त्या आणि बॅटरी रंगीत बल्ब आणि पंखांनी चमकते. असे दिसते की आकाशातील सर्व तारे पृथ्वीवर उतरल्या आहेत. तो एक चांगला विस्मयकारक दृष्टीकोन आहे. भारत- स्वर्गाचे स्वर्ग देशातच मर्यादित आहे. यासह, बॉम्ब-फटाके आणि स्पार्कचे आवाज आणि चमत्कार घडणे सुरू होते. संपूर्ण देशात, या दोन-चार तासांमध्ये कोट्यावधी रुपये फेकले जात आहेत कारण दिवाळी आता उत्सव नाही, हा उत्सवांचा उत्सव बनला आहे. या ध्वनी उत्सवामुळे प्रदूषण पातळी मोठ्या प्रमाणावर वाढली आहे. गळती, क्रॅकर्स फोडू लागले आणि लक्ष्मी-गणेशची पूजा सुरू झाली. कॉंच पूजा संपल्यावर प्रसाद विभाजित झाला. शेजारी एकमेकांना भेटी आणि भेटवस्तू देण्यासाठी गेले. बंधुत्वाची भावना बळकट झाली. घरोघरच्या आनंदात आनंददायक क्षण लोकांनी मिठाई खाल्ले एका बाजूला एक डिश खाणे आणि खाणे ही एक सतत प्रक्रिया होती. कुटुंबातील सर्व लोक एकत्र आले आणि त्यांनी स्पार्क सोडले. काही लोक छप्पर चढतात आणि शहरात सजावट पाहतात. काही भयानक प्रवृत्तीचे लोक गेममध्ये व्यस्त असताना, गेमिंग आणि पिण्याच्या तयारीमध्ये एकत्र आले आहेत.

Diwali essay in english 500 words

Introduction As per the Hindu calendar, Diwali falls on the new moon (amavasya) during the Kartik month. This is considered to be one of the most auspicious times in the Hindu religion. People wait for this time of the year to start a new business, shift to a new house or purchase a big asset such car, shop, jewellery, etc. A number of mythological stories are associated with the celebration of this festival. People belonging to different regions of India celebrate it for different reasons. However, it calls for a grand celebration everywhere. Cleaning and Decoration Diwali celebration begins with the cleaning of the houses and work places. From washing curtains to cleaning the fans, from cleaning every corner of the house to discarding the useless old stuff – Diwali is the time for a thorough cleaning of the houses as well as work places. Many cleaning agencies offer special discounts and offers around Diwali and make good business. People also shop for various home decor items to redecorate their places. The houses are decorated with diyas, lights, lanterns, candles, flowers, drapes and many other decorative items. Sharing the Joy People visit their relatives, neighbours and friends. They exchange gifts and spend time with each other. Many people host Diwali parties to celebrate the festival with their loved ones. The joy of celebration doubles up this way. Many residential societies organize Diwali parties to celebrate the occasion. It is a great way to rejoice in the festival. Worshipping the Deities Goddess Lakshmi and Lord Ganesha are worshipped during the evening hours. People wear new clothes and offer prayers to the deities. It is believed that worshipping Goddess Lakshmi and Lord Ganesha on this day brings in wealth, prosperity and good luck. Burning of Fire Crackers and Increasing Pollution Fire crackers are also burnt as a part of Diwali celebrations. Large numbers of crackers are burnt on this day each year. While it offers momentary pleasure, its repercussions are extremely harmful. It adds to air, noise and land pollution. Many people suffer due to the pollution caused. Diwali without fire crackers would be much more beautiful. The newer generations must be sensitized about the harmful effects of burning crackers and should be encouraged to celebrate this festival without fireworks. Conclusion Diwali, also known as the festival of lights, is a mark of the Hindu tradition. It is celebrated with joy and enthusiasm by the Hindu families year after year. It is time to spread joy, love and laughter and not pollution.

Diwali essay in gujarati

દિવાળી તરીકે પણ દિવાળી તરીકે ઓળખાય છે. દીપાવલી હિન્દુઓના મુખ્ય તહેવારોમાંનું એક છે. તે કાર્તિક મહિનાના નવા ચંદ્ર દિવસે ઉજવવામાં આવે છે. આ પ્રકાશનો તહેવાર છે. આ દિવસે, ઘર-ઘરની પ્રકાશ શાઇન્સ. દિવાળી તહેવાર એક દિવસ નથી, પરંતુ જે કાર્તિક કૃષ્ણના તેજસ્વી પખવાડિયામાં dooj માટે ઉત્સાહ ઘણો વિચારથી સંપન્ન હોય છે અનેક Pvon એક જૂથ thrayodashi. આ તહેવારો છે – ધન ત્રોડાદી, હેલ ચતુર્દશી, દીપાવલી, ગોવર્ધન પૂજા અને ભાઈ દુજ. દિવાળી રાત્રિનો સમય દેવતા લક્ષ્મી અને Vignvinashk અને Mngldata ગણેશની સંપત્તિ પૂજા થાય છે. દરિયાઈ મરચાંમાંથી મેળવેલા ચૌદ રત્નોમાં લક્ષ્મી પણ એક મણિ હતો. લક્ષ્મી રત્નનો જન્મ કાર્તિક મહિનાના નવા ચંદ્ર પર થયો હતો. તે દિવસથી, કાર્તિકના અમાવ્ય લક્ષ્મી પૂજાના તહેવાર બન્યા. ગણેશ લક્ષ્મી સાથે ઉપાસના કરે છે કારણ કે ગણેશ સંપત્તિનું રક્ષણ કરે છે અને તમામ પ્રકારનાં ઘૃણાસ્પદ આનંદો નાશ કરે છે અને સમૃદ્ધિ લાવે છે. દિવાળીની ઉજવણી પાછળ એક વાર્તા છે કે ભગવાન રામ જ દિવસે તેની પત્ની પરત સીતા અને ભાઈ લક્ષ્મણ રાવણ હત્યા બાદ અયોધ્યા સામેલ છે. વસાહતમાંથી 14 વર્ષ પાછા ફરવાના ઉત્સાહમાં, અયોધ્યાએ તેમના મકાનોને શણગાર્યા હતા અને રાતના ઘરોમાં ખાસ લાઇટ બનાવ્યાં હતા. ત્યારથી દીપાવલી પર, લોકો તેમના સુશોભિત મકાનમાં દીવો પ્રગટતા અને પ્રકાશ ગોઠવણ કરે છે. આ તહેવાર પણ પાકથી સંબંધિત છે. આ સમયે ખેતરમાં નવી પાક વધવાની શરૂઆત થાય છે. ખેડૂતો ધન-લક્ષ્મીમાં સ્વાગતના રૂપમાં નવી પાક ઉજવે છે. પાક રાખવા માટે, બાર્ન અને ઘરો લીપિંગ દ્વારા તૈયાર કરવામાં આવે છે. તે વરસાદને કારણે નુકસાનને પણ વળતર આપે છે. રાત્રે રાત પ્રગટાવવામાં આવે છે, જેમાં જંતુઓ-મોથ અને મચ્છર નાશ પામે છે. ઘરનો આંગણા સુઘડ દેખાય છે. શહેરોમાં પણ, લોકો તેમના ઘરોમાંથી કચરો કાઢે છે અને દિવાલો પેઇન્ટ કરે છે. વેપારીઓ તેમના જૂના ખાતાઓને સ્થાયી કરીને નવા ખાતાઓ તૈયાર કરે છે. દિવાળી પહેલેથી જ બજારમાં છે. લોકો નવા કપડાં ખરીદે છે વેપારીઓ દુકાનો શણગારે છે. ગ્રાહકોના ટ્રાફિકની ઝડપમાં વધારો કરે છે. કન્ફેક્શનરો તેમને બનાવવા દ્વારા સ્વાદિષ્ટ મીઠાઈ બનાવે છે. પોટરીની માટી લઈને પોટર બજારમાં આવે છે. કપાસ અને મગફળી વેચનારા લોકોની સંખ્યામાં વધારો થયો છે. કેટલાક લોકો ચાંદીના સિક્કા, પછી કેટલાક ઝવેરાત ખરીદે છે. અન્ય લોકોને ભેટો ઓફર કરવાની માંગ વધે છે. ત્યાં આનંદ અને આનંદ છે. ખરીદનાર અને વિક્રેતા બંને ખુશ છે. પોલીસ પેટ્રોલિંગ વધે છે કારણ કે તેને સલામતીની ખાસ વ્યવસ્થા કરવી પડે છે. દીપાવલીના દિવસે વ્યસ્ત લાગે છે. ગૃહકાર્ય ઘરમાં વિશિષ્ટ વાનગી બનાવે છે. બાળકો સૂર્યમાં બૉમ્બ અને ફટાકડાને સૂકવે છે. કાર્યકારી લોકો ઓફિસમાંથી ભેટ પ્રાપ્ત કરવાથી ખુશ છે. Shopkeepers દુકાનમાં પૂજા માટે તૈયાર વ્યસ્ત છે. લોકો એકબીજાને શુભેચ્છાઓ આપે છે અને દીપાવલીની ભેટ આપે છે. લોકો માળાના નાના ટુકડાઓ, પૂજાના અન્ય વસ્તુઓ, મીણબત્તી અને લક્ષ્મી-ગણેશ ખરીદે છે. દુકાન-દુકાન, ઘર-ઘરની ઉપાસનામાં શ્રદ્ધાંજલિ અર્થે પંડિતજી મહેમાનો કામ કરવા બહાર આવ્યા છે. બાળકો સાંજે રાહ જોતા રાહ જુએ છે જેથી તેઓ ફટાકડાનો આનંદ માણી શકે. સાંજનો સમય આવે છે. ઘરેલુ ઉગાડેલા દીવા, મીણબત્તીઓ અને વીજળી રંગબેરંગી બલ્બ્સ અને પીછાથી શાઇન્સ થાય છે. એવું લાગે છે કે આકાશમાંના બધા તારાઓ પૃથ્વી પર નીચે આવ્યા છે. તે એક મહાન અદ્ભુત દ્રશ્ય છે. ભારત- સ્વર્ગનો સ્વર્ગ જમીન સુધી મર્યાદિત છે. આ ઉપરાંત, બૉમ્બ-ફટાકડા અને સ્પાર્ક્સના અવાજો અને ચમત્કારો થાય છે. સમગ્ર દેશમાં કલાકથી અબજો એક દંપતિ માં ફૂંકાય છે કારણ કે દિવાળીના હવેથી પ્રકાશ તહેવાર છે, આ અવાજ તહેવાર બની ગયો છે. આ ધ્વનિ તહેવારને લીધે, પ્રદૂષણનું સ્તર મોટા પ્રમાણમાં વધી ગયું છે. ઊંડા બર્ન, ક્રેકરો ફાટી નીકળ્યાં અને લક્ષ્મી-ગણેશ પૂજા શરૂ થઈ. કોન પૂજા સમાપ્ત થઈ ત્યારે પ્રસાદ વિભાજિત થયો હતો. પાડોશી એકબીજાને ભેટો અને ભેટો આપવા ગયા. ભાઈબહેનોની ભાવના મજબૂત થઈ. ઘર-ઘરના આનંદની સુખદ ક્ષણો લોકોએ મીઠાઈ ખાવાનું શરૂ કર્યું એક બાજુથી વાનગી ખાવા અને ખવડાવવાની એક સતત પ્રક્રિયા હતી. પરિવારના બધા લોકો એકસાથે ભેગા થયા અને સ્પાર્ક છોડવાનું શરૂ કર્યું. કેટલાક લોકો છત પર ચઢી જાય છે અને શહેરની સુશોભનને જુએ છે. કેટલાક વ્યભિચારી સંવેદના લોકો પોતાની જાતને વ્યસ્ત રાખતા ગેમિંગ અને પીવાની તૈયારીમાં ભેગા થયા છે.

कोरोनावायरस महामारी के चलते महाराष्ट्र सरकार ने एक योजना को शुरू किया था जिसका नाम बंधकम कामगार योजना 2022 है। योजना के तहत राज्य के मजदूरों को सरकार द्वारा ₹2000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। वह सभी लाभार्थियों की योजना का लाभ उठाना चाहते हैं उनको ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म को भरना होगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि काम घर कल्याण योजना 2022 ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें। महाराष्ट्र सरकार ने पंजीकृत श्रमिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए ₹2000 तक की धनराशि देने का निर्णय लिया है। यदि आप योजना का आवेदन, बांधकाम कामगार योजना 2022 लिस्ट, bandhkam kamgar yojana renewal करना चाहते हैं तो आपको कामगार योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

बांधकाम कामगार यादी 1500 – www mahabocw in 2022

इस योजना के तहत महाराष्ट्र राज्य के सभी कंस्ट्रक्शन वर्कर यानी मजदूरों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी जिससे कि वह यह करो ना महामारी के समय में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना कर पाए। इस योजना को कई और नामों से भी जाना जाता है जैसे कि मजदूर सहायता योजना या फिर महाराष्ट्र कोरोना सहायता योजना। बांधकर कामगार योजना 2021 के अंतर्गत मजदूरों को ₹2000 तक की धनराशि प्रदान करने हेतु कई सारे नियम एवं गाइडलाइंस को जारी किया गया था।

इस योजना के अंतर्गत राज्य के 12 लाख से ज्यादा मजदूर इस योजना का लाभ उठा पाएंगे। जो भी श्रमिक विभाग के आधिकारिक वेबसाइट से पंजीकृत है तो उनको यह सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

bandhkam kamgar yojana mahiti

या योजनेंतर्गत महाराष्ट्र राज्यातील सर्व बांधकाम कामगारांना आर्थिक सहाय्य केले जाईल जेणेकरुन त्यांना महामारीच्या काळात कोणत्याही प्रकारची समस्या येऊ नये. ही योजना इतर अनेक नावांनी देखील ओळखली जाते जसे की मजदूर सहायता योजना किंवा महाराष्ट्र कोरोना सहायता योजना. बांधकर कामगार योजना 2021 अंतर्गत, मजुरांना ₹ 2000 पर्यंत निधी देण्यासाठी अनेक नियम आणि मार्गदर्शक तत्त्वे जारी करण्यात आली होती. या योजनेंतर्गत राज्यातील 12 लाखांहून अधिक मजुरांना या योजनेचा लाभ घेता येणार आहे. ज्यांनी कामगार विभागाच्या अधिकृत वेबसाइटवर नोंदणी केली असेल, त्यांना ही मदत रक्कम थेट त्यांच्या बँक खात्यात हस्तांतरित केली जाईल.

kamgar yojana online application

बांधकर कामगार योजना के तहत ₹2000 की आर्थिक मदद प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस पोर्टल पर bandhkam kamgar yojana registration करना होगा। यदि आप जानना चाहते हैं कि योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन एवं पंजीकरण कैसे करें तो नीचे दी गई प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

  • सर्वप्रथम इस योजना के आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • अब आपको वर्कर रजिस्ट्रेशन के लिंक पर क्लिक करना होगा।
  • अब वर्कर के लिंक पर क्लिक करें।

Kamgar Kalyan Yojana Registration

  • अब आपके सामने पात्रता मापदंड की सूची खुल जाएगी।
  • आपको यह पता मापदंड की सूची एवं दस्तावेज की जांच करनी होगी।
  • दिए गए विकल्पों पर क्लिक करें।

Kamgar Yojana Registration

  • अब चेक किया और एलिजिबिलिटी के विकल्प पर क्लिक करें।
  • यदि आप इस योजना के आवेदन के लिए एलिजिबल यानी पात्र होंगे तो आपके स्क्रीन पर एक पॉपअप आएगा जिसके बाद आपको ओके के बटन पर क्लिक करना होगा।

Bandhkam Kamgar Kalyan Yojana Registration

  • अब अपना आधार नंबर एवं आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज करें।
  • ड्रॉपडाउन में से अपना डिस्ट्रिक्ट का चयन करें।

Kamgar Kalyan Yojana

  • अब सेंड ओटीपी के विकल्प पर क्लिक करें।
  • रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त हुए ओटीपी को दर्ज करें।
  • अब रजिस्ट्रेशन फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरे।
  • अब क्लेम के बटन पर क्लिक करें।

bandhkam kamgar yojana 2021 online form

जो भी इच्छुक लाभार्थी बांधकर काम घर योजना के लिए ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन आवेदन करने के इच्छुक हैं तो वह bandhkam kamgar yojana 2021 form pdf आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए हमारे द्वारा नीचे प्रदान किया गया लिंक पर क्लिक करें। अब आपके सामने एक आवेदन फॉर्म पीडीएफ फॉर्मेट में खुल जाएगा। डाउनलोड के बटन पर क्लिक करके इस फॉर्म को डाउनलोड करें। यह एक आधिकारिक आवेदन फॉर्म है जो कि सरकार द्वारा आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है।

maharashtra bandhkam kamgar yojana form pdf download: Click here   

महाराष्ट्र बांधकाम कामगार योजना की पात्रता

यदि आप इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो निम्नलिखित करना अनिवार्य है। नीचे दिए गए पात्रता मापदंडों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

  • आवेदन श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच में होनी चाहिए|
  • योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए श्रमिक का महाराष्ट्र इमारत एवं उत्तर बांधकाम कामगार कल्याण विभाग में रजिस्टर होना आवश्यक है।
  • योजना का आवेदन से महाराष्ट्र राज्य के स्थाई निवासी ही कर पाएंगे|
  • इस योजना का लाभ उन्हीं श्रमिकों को मिलेगा जिन्होंने पिछले 12 महीने में कम से कम 90 दिन श्रम किया हो

महाराष्ट्र बांधकाम कामगार योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

अगर आप कामगार योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो आपके पास नीचे दिए गए आवश्यक दस्तावेज होने अनिवार्य हैं।

  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • 90 दिन का श्रम सर्टिफिकेट
  • मोबाइल नंबर
  • निवास प्रमाण पत्र
  • पहचान प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र

कामगार कल्याण योजना  मान्यता प्राप्त कार्यों की सूची (बांधकाम कामगार सूची)

  • हवाई क्षेत्र,
  • तटबंध और नौवहन कार्य,
  • बाढ़ नियंत्रण कार्य (तूफान जल निकासी कार्य सहित),
  • बिजली का पारेषण और वितरण,
  • वाटर वर्क्स (पानी के वितरण के लिए चैनल सहित),
  • तेल और गैस प्रतिष्ठान,
  • विद्युत लाइनें,
  • टेलीग्राफ और विदेशी संचार,
  • एक्वाडक्ट्स,
  • जल शीतलक मीनार,
  • ट्रांसमिशन टावर्स और ऐसे ही अन्य कार्य,
  • पत्थर को काटना, तोड़ना और पत्थर को बारीक पीसना।
  • टाइलों या टाइलों को काटना और पॉलिश करना।
  • पेंट, वार्निश आदि के साथ बढ़ईगीरी,
  • गटर और नलसाजी कार्य।,
  • वायरिंग, वितरण, टेंशनिंग आदि सहित विद्युत कार्य,
  • अग्निशामक यंत्रों की स्थापना और मरम्मत।,
  • एयर कंडीशनिंग उपकरण की स्थापना और मरम्मत।,
  • स्वचालित लिफ्टों आदि की स्थापना,
  • सुरक्षा दरवाजे और उपकरणों की स्थापना।,
  • लोहे या धातु की ग्रिल, खिड़कियां, दरवाजों की तैयारी और स्थापना।
  • सिंचाई के बुनियादी ढांचे का निर्माण।,
  • बढ़ईगीरी, आभासी छत, प्रकाश व्यवस्था, प्लास्टर ऑफ पेरिस सहित आंतरिक कार्य (सजावटी सहित)।
  • कांच काटना, कांच पर पलस्तर करना और कांच के पैनल लगाना।
  • कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत नहीं आने वाली ईंटों, छतों आदि को तैयार करना।
  • सौर पैनल आदि जैसे ऊर्जा कुशल उपकरणों की स्थापना,
  • खाना पकाने जैसे स्थानों में उपयोग के लिए मॉड्यूलर इकाइयों की स्थापना।
  • सीमेंट कंक्रीट सामग्री आदि की तैयारी और स्थापना,
  • स्विमिंग पूल, गोल्फ कोर्स आदि सहित खेल या मनोरंजन सुविधाओं का निर्माण,
  • सूचना पैनल, सड़क फर्नीचर, यात्री आश्रय या बस स्टेशन, सिग्नल सिस्टम का निर्माण या निर्माण।
  • रोटरी का निर्माण, फव्वारे की स्थापना आदि।
  • सार्वजनिक पार्कों, फुटपाथों, सुरम्य इलाकों आदि का निर्माण।

2021 update

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punjabi diwali essay in hindi

Essay on Diwali in Hindi- दिवाली पर निबंध

दिवाली पर निबंध- इस निबंध के द्वारा जानिए दिवाली त्योहार क्यों और कब मनाया जाता है। Essay on Diwali in Hindi. Here we providing full information about Diwali in Hindi – why we celebrate Diwali/Deepavali and the history of Diwali in Hindi.

Essay on Diwali in Hindi- दिवाली पर निबंध

Diwali Essay in Hindi ( 200 words )

भारत में सभी त्योहार बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं जिनमें से दिपावली हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार है। यह बौद्ध, जैन और सिक्ख धर्म के लोगों के द्वार भी मनाया जाता है। जब भगवान श्री राम चौदह वर्ष का बनवास काटकर अयोद्धया लौट आए थे तब सभी ने घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था और तभी से यह दिपावली का पर्व मनाया जा रहा है। यह हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। यह अक्टूबर या नवंबर में आता है। इस दिन जगमगाती हुई दियों की रोशनी अंधकार को खत्म कर देती है। यह त्योहार रोशनी का त्योहार है और इस दिन से सर्दियों का आगमन भी हो जाता है।

दिपावली की रात को गणेश लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और घर पर तरह तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। इस दिन लोग एक दुसरे को मिठाईयाँ भी देते हैं और खुशियाँ मनाते हैं। बच्चे और बड़ो के द्वारा बम पटाखे आदि भी जलाए जाते हैं। दिपावली का त्योहार सबके जीवन को एक नई उमंग और उम्मीदों से भर जाता है। हम लोगों को सिर्फ दिया ही जलाने चाहिए ताकि दिया बेचने वाले भी इस त्योहार को खुशी से मना सके।

Long Essay on Diwali in Hindi Language ( words 1200 )

दीपावली त्यौहार है, दीप की अनवरत साधना का।

अज्ञान की अमा में, सत्य की चिर आराधना का।।

भूमिका- हमारा देश प्राकृतिक सौन्दर्य से मण्डित देश है। हिमाच्छादित उतग पर्वत श्रेणियां, कल-कल और छल-छल का स्वर करती हुई बहती नदियां, दूर-दूर तक फैले हुए हरे-भरे वन, गरजता सिंधु, विभिन्न ऋतुओं के आगमन से सजता-संवरता हमारा देश विश्व में अनोखा देश है। केवल प्राकृतिक सुषमा ही इसे अलंकृत नहीं करती है अपितु इसकी गौरवमयी संस्कृति भी इसे गौरव-मण्डित करती है। किसी देश और जाति का महत्व उसकी संस्कृति पर ही निर्भर करता है। हमारे देश की संस्कृति अनेक कारणों से विश्व संस्कृतियों में शीर्षस्थ है। विभिन्न प्रकार के त्यौहार और पर्व इसके ही अंग होते हैं। दीपावली भी इसी प्रकार का त्यौहार है जिसकी पृष्ठभूमि में हमारी संस्कृति के अनेक प्रसंग छिपे हुए हैं।

दीपावली का अर्थ- दीपावली संस्कृत भाषा का शब्द है। जिसका अर्थ है-दीप+आवली अर्थात् दीपों की पंक्तियां। स्पष्ट है कि यह त्यौहार प्रकाश का त्यौहार है, दीपों का त्यौहार है, विजय का त्यौहार है, ज्ञान का त्यौहार है। जिस प्रकार दीपक का प्रकाश अंधकार को दूर करता है उसी प्रकार ज्ञान का प्रकाश भी अज्ञान के अंधकार को विदीर्ण करता है।

इस त्यौहार को मनाने के लिए विशेष रूप से मिट्टी के दीपकों में तेल डालकर, रूई की बाती से उन्हें जलाते हैं। आधुनिक युग का रंगीन प्रकाश यद्यपि अपनी विशेष शोभा रखता है तथापि छोटे-छोटे दीपकों की छटा निराली ही होती है।

पृष्ठभूमि- दीपावली का त्यौहार अनेक प्रसंगों से जुड़ा हुआ है। सनातन धर्म को मानने वाले लोगों का विश्वास है कि भगवान् श्री राम 14 वर्ष का बनवास समाप्त कर अयोध्या आए और उनका राज्याभिषेक हुआ। इसी खुशी में अयोध्यावासियों ने घृत्-दीप जलाकर उनका स्वागत किया। कृष्ण के चरित्र से भी दीपावली का प्रसंग जुड़ता है। लोगों का विश्वास है कि भगवान् कृष्ण ने इससे एक दिन पूर्व नरकासुर का वध किया था। इसी दिन भगत वत्सल नृसिंह भगवान् ने हिरण्य कश्यपु का वध करके अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। इसी दिन समुद्र-मंथन से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थी। इन्द्र का गर्व चूर करने हैलए गढ़लवासियों से भगवान् कृष्ण ने इसके एक दिना परवा गवर्धन पूण करवाई

इस पावन त्यौहार की पृष्ठभूमि से अन्य प्रसंग भी जुड़े हुए हैं। सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द जी जहांगीर के कारागार से इसी दिन मुक्त हुए तथा सिखों ने अपनी प्रसन्नता गुरुद्वारों तथा घरों में दीप जलाकर प्रकट की। जैनियों के 24वें तीर्थकर महावीर स्वामी, आर्य समाज के प्रवक्ता महर्षि दयानन्द जी तथा स्वामी रामतीर्थ का निर्वाण भी इसी दिन हुआ था।

कुछ लोगों का विश्वास है कि भगवान् विष्णु ने राजा बलि की दानशीलता की परीक्षा लेने के लिए वामनावतार लिया था तथा राजा बलि से केवल तीन पग वसुधा की याचना की। उन्होंने तीन ही पगो में तीन लोक नाप लिए। राजा बलि की दानशीलता से प्रशन्न होकर  भगवान् विष्णु ने उन्हें वरदान दिया कि पृथ्वीवासी उनकी स्मृति में दीपों का त्यौहार मनाएंगे।

जनश्रुति है कि महामाया दुर्गा ने असुरों का वध किया परन्तु उनका क्रोध शान्त नहीं हुआ और वह संसार का संहार करने के लिए तत्पर हो गई। उनका क्रोध शान्त करने के लिए शिव उनके चरणों में लेट गए और उनके पवित्र शरीर के स्पर्श से ही दुर्गा का क्रोध शान्त हो गया और संसार विनाश से बच गया। इसी उपलक्ष्य में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।

हमारा देश कृषि-प्रधान देश है और यह पर्व भारतीय कृषि समाज के लिए भी समृद्धिपूर्ण नवजीवन का संदेश लेकर आता है। इस समय तक किसानों की खरीफ की फसल कट कर घर आ जाती है और घर धन-धान्य से भर जाता है। किसान का मन मयूर नाच उठता है।

इस प्रकार यह सांस्कृतिक पर्व अपनी पृष्ठभूमि में अनेक पौराणिक तथा ऐतिहासिक स्मृतियों से जुड़ा हुआ है।

त्यौहार मनाने की विधि – दीपावली का अभिनन्दन भारतवासी प्रफुल्लित होकर करते हैं। इसके प्रथम चरण में घरों, दुकानों और कार्यालयों की सफाई की जाती है। घर सीलन से भर जाते हैं तथा चारों ओर गंदगी के ढेर इकट्ठे होने से मक्खी तथा मच्छर भी पैदा हो जाते हैं। सफाई करने, रंग-रोगन करने से एक ओर घरों की शोभा बढ़ जाती है तो दूसरी ओर हानिकारक जीवाणु मर जाते हैं। व्यापारी वर्ग के लिए यह त्यौहार विशेष महत्व रखता है। वे इस दिन नए वित्तीय वर्ष का आरम्भ मानते हैं और अपने पुराने बही खातों को बदल कर नए बही खाते आरम्भ करते हैं। इस दिन वे लक्ष्मी-पूजन करते हैं। घर और दुकानों की सजावट के लिए बड़ी धनराशि व्यय करते हैं। तांत्रिक तथा योगी भी इस रात को अपनी सिद्धि के लिए उपासना करते हैं।

दीपावली से दो दिन पूर्व त्रयोदशी को धनतेरस कहा जाता है तथा लोग इस दिन बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। दर्जियों की दुकानों में भी भीड़ लगी रहती है। इस शुभ अवसर पर लोग नए-नए वस्त्र पहनते हैं। इस प्रकार दीपावली उत्सव का पहला चरण सफाई, साज-सजावट, नए वस्त्रों और बर्तनों के क्रय से आरम्भ होता है।

अपने यौवन में दीपावली का त्यौहार दूसरे चरण पर तब दिखाई देता है जब रात के समय में गहन अंधकार में दीपों की पंक्तियों जल उठती हैं। एक ओर बाजारों में सजी हुई दुकानें तथा दूसरी ओर हर घर में जलते हुए दीप। विभिन्न प्रकार के रंगीन प्रकाश में रात्रि रूपी नायिका अपना श्रृंगार करती है जिसका यौवन सभी को मुग्ध कर देता है। इसी चरण पर आतिशबाजी छोड़ने से नयनभिराम दृश्य उपस्थित होता है। घर में, गलियों में, मुहल्लों में तथा सड़कों में बच्चों का कोलाहल गूंजता है और पटाखों की आवाज़ सुनाई देती है। फुलझड़ियों के प्रकाश में शिशुओं के चेहरे खिल उठते हैं। छतों पर और मुंडेरों पर जलते हुए दीपकों की पंक्तियां सब का मन मोह लेती हैं।

जन-जन ने हैं दीप जलाए लाखों और हज़ारों ही।

धरती पर आकाश आ गया सेना लिए सितारों की।

छिप गई हर दीपक के नीचे आज अमावस काली।

सुन्दर-सुन्दर दीपों वाली झिलमिल आई दिवाली।

लोग अपने मित्रों, रिश्तेदारों, प्रियजन-परिजन को मिठाई देते हैं और उन्हें गले से लगाते हैं। घरों में सुन्दर पकवान बनाए जाते हैं और बच्चे इस अवसर को मिठाई खाने का शुभ अवसर मानते हैं। संध्या के समय घर से भोजनादि से निवृत होकर लोग जगमगाते हुए प्रकाश की शोभा देखने के लिए निकल पड़ते हैं। इस प्रकार दीपावली का यह पावन पर्व प्रकाश का पर्व है जिसे सभी भारतवासी हर्ष और उल्लास से मनाते हैं।

त्यौहार का मूल्यांकन- गुण-दोष-यह आनन्दोत्सव प्रकाश के माध्यम से ज्ञान का संदेश देता है तथा अशुभ कर्मों को त्याग कर शुभ कर्म करने की प्रेरणा देता है। शत्रुता को छोड़कर लोग गले मिलते हैं तथा मैत्री और बन्धुत्व की भावना को ग्रहण करते हैं।

इस पावन पर्व के साथ कालिमासय पक्ष भी जुड़ गया है। अपनी किस्मत की परीक्षा लेने के बहाने कुछ लोग जुआ खेलते हैं और बहुत बड़ी धनराशि भी खो देते हैं। कभी-कभी आतिशबाजी को लोगों पर फैककर मूर्ख लोग असुखद वातावरण बनाते हैं। कुछ लोग अपने घरों के दरवाज़ों को खुला छोड़ते हैं ताकि लक्ष्मी उनके घर में प्रवेश करे परन्तु वास्तव में चोर इस अवसर का लाभ उठा लेते हैं।

उपसंहार- निष्कर्षत: कहा जा सकता है। दीपावली भारतवर्ष का सांस्कृतिक पर्व है जो नवजीवन को नई स्फूर्ति देता है, संस्कृति की स्मृति करवाता है तथा बन्धुत्व और आलोक का संदेश देता है। हमारा पुनीत कर्तव्य है कि कुप्रवृतियों को त्याग कर इस पावन त्यौहार की पावनता बनाए रखें। दीपावली का संदेश किसी कवि के शब्दों में इस प्रकार है-

दीपमाला कह रही है,

दीप सा युग-युग जलो।

घोरतम को पार कर,

आलोक बन कर तुम डलो।

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दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi

इस लेख में हमने (दीपवाली) दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi हिन्दी में लिखा है जिसमे हमने दीपावली का इतिहास, महत्व, उत्सव, पूजा के विषय में बताया है। यह दीपावली निबंध 1500 शब्दों में स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए लिखा गया है।

Table of Content

दीपावली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। हर देशवासी को इस त्यौहार का इंतजार रहता है। यह रोशनी और प्रकाश का त्यौहार है। इस दिन बच्चों को खाने के लिए तरह तरह की मिठाइयां मिलती हैं और पटाखे चलाने को मिलते हैं।

इस दिन घरों में दिए जलाए जाते हैं। विभिन्न प्रकार की लाइटें, रंग बिरंगी रोशनी लगाई जाती हैं। लोग नए वस्त्र पहनते हैं। शाम को मिठाइयां बांटी जाती हैं, लोग दावतों में जाते हैं।

दिवाली कब है? When is Diwali in Hindi? 2022

यह त्यौहार 24 सोमवार 2022, के दिन मनाया जायेगा।

दिवाली का इतिहास History of Diwali in Hindi

दिवाली के दिन ही भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे। श्रीराम का स्वागत सत्कार करने के लिए अयोध्या के निवासियों ने घी के दीपक जलाए थे।

दिवाली त्यौहार दिखाता है कि बुराई पर सदैव अच्छाई की जीत होती है, सत्य की जीत सदैव होती है। यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है।

हिन्दी कैलेंडर के अनुसार नव वर्ष दीपावली के दिन शुरू होता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की विजय को दिखाता है।

‘दीपावली’ शब्द की उपत्ति Origin of Deepawali Word

दिवाली का उत्सव कैसे मनाया जाता है how diwali is celebrated in hindi.

दीवाली त्यौहार का इंतजार सभी बच्चों और बड़ों को होता है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं। हर तरह का कूड़ा उठाकर बाहर फेंकते हैं। उसके बाद दीवारों, घरों को रंग आ जाता है। दुकानदार अपनी दुकान की सफाई करते हैं और नई पेंटिंग करते हैं।

दिवाली का महत्व Importance of Diwali in Hindi

सभी दुकानदारों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार होता है। पटाखे और आतिशबाजी सामग्री के व्यापारी इस दिन माल बेचकर बहट लाभ कमाते हैं। पटाखे से वायु और ध्वनि प्रदूषण भी होता है।

दीपावली से 2 दिन पहले धनतेरस का त्यौहार होता है। इस दिन बाजारों में बहुत रौनक होती है। धनतेरस के दिन बर्तन, सोने के गहने, टीवी, फ्रिज, कूलर, वाशिंग मशीन जैसे सामान लेना शुभ समझा जाता है।

शाम को पूजा करने के लिए लोग खील बताशे और गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां लाते हैं। दीपावली के दिन लोग ऐसा मानते हैं कि गणेश लक्ष्मी की पूजा करने से वह घर में आएंगी। हम सभी को लक्ष्मी (पैसों) की बहुत जरूरत होती है।

इसलिए यह त्यौहार और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। गणेश लक्ष्मी की पूजा करने से धन और सुख में वृद्धि होती है। संपन्नता घर में आती है। इस दिन धन के देवता “कुबेर” की भी पूजा की जाती है।

भाई दूज और दीपावली Bhaiya Dooj and Deepawali

भाई दूज के दिन भाई बहन का गठबंधन कर यमुना नदी में स्नान कराते हैं। बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है और कामना करती है कि वह सदैव दुखों और कष्टों से दूर रहे। भाई अपनी बहन को पैसा या अन्य कोई उपहार देता है।

विदेशों में भी दिवाली का त्यौहार Celebration of Diwali in other countries

यह त्यौहार भारत, नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, पाकिस्तान-ऑस्ट्रेलिया जी मनाया जाता है। नेपाल में यह विशेष धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन नेपाली संवत में नया साल शुरू होता है।

दिवाली कैसे मनाते हैं? How Diwali is Celebrated in Hindi?

दिवाली की सुबह लोग अपने घरों को जगमगाते हुए सुंदर लाइट से सजाते हैं। शाम होते है दिवाली त्योहार का असली रंग दिखने लगता है।

लोग शाम को नहा-धो कर नए कपड़े पहनते हैं और परिवार के सभी इकट्ठा हो कर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। पूजा के साथ सभी घरों में दीप जलते हैं और बच्चे पाठखे फोड़ते हैं।

दिवाली पर प्रार्थना Prayer on Diwali

क्षेत्र अनुसार दीवाली त्यौहार पर प्रार्थनाएं अगला-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए बृहदा रंयक उपनिषद  की ये प्रार्थना जिसमें प्रकाश उत्सव चित्रित है-

पर्यावरण पर दिवाली का दुष्प्रभाव Effects of Diwali on Environment

दीपावली में चलाये जाने वाले पटाखे और आतिशबाजी की सामग्री से बहुत प्रकार की हानियां होती हैं। इन पटाखों के अंदर ज्वलनशील पदार्थ बारूद होता है। पटाखों से अनेक प्रकार की दुर्घटनाएं होती हैं।

बहुत से बच्चे और बड़े भी पटाखों को चलाने में घायल हो जाते हैं। पड़ोस में आग भी लग जाती है। यह पटाखे बहुत सारा धुंआ और गैसें छोड़ते हैं जिससे वायु प्रदूषण होता है। इसलिए अब सरकार पटाखों और आतिशबाजी की सामग्री पर रोक लगा रही है।

सिर्फ 3 दिन पटाखों की बिक्री की जाती है। इस प्रकार के वायु प्रदूषण से बहुत सी बीमारियां होती हैं। अस्थमा और दिल के मरीजों को सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। इसके साथ ही छोटे बच्चों को भी सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। इसलिए हम सभी को प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने चाहिए।

प्रदुषण रहित दीपावली कैसे मनाएं? How to Celebrate a Safe and Pollution Free Diwali?

हो सके तो दीवाली त्यौहार पर पटाखे न चलायें । यदि बहुत आवश्यक हो तो इको फ्रेंडली पटाखे चलाएं। तेज आवाज वाले पटाखे बिल्कुल ना चलाएं क्योंकि इससे दुर्घटना होने की संभावना बहुत अधिक होती है। इसके अलावा उच्च क्षमता वाले पटाखे से दूर रहें।

इससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। पटाखे हमेशा अधिकृत लाइसेंस वाली दुकान से ही खरीदना चाहिये। सस्ते और चाइनीस पटाखों से दूर रहें क्योंकि उनको चलाते समय दुर्घटना होने की संभावना बहुत अधिक होती है।

रॉकेट का इस्तेमाल खुली जगह में करना चाहिए। पटाखों को पास नहीं चलाना चाहिए। उनको दूर से चलाना चाहिए। अस्थमा और दमा के मरीजो को पटाखों से दूर रहना चाहिए।

आतिशबाजी के समय बहुत सारा धुंआ और गैस वायुमंडल में जाता है जिससे वायु प्रदूषण होता है। इसलिए बहुत से लोग दीपावली के दिन पटाखे ना जलाने की सलाह देते हैं।

पटाखे चलाने में बहुत सारा धन व्यर्थ ही खर्च हो जाता है। यह धन यदि हम किसी गरीब व्यक्ति को दे दें तो पैसों का सार्थक इस्तेमाल होगा।

निष्कर्ष Conclusion

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    Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।. विषय-सूची. 10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4. Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6. Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9. Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12. प्रस्तावना -.

  19. Diwali Essay in Hindi

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  20. दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में पढ़ें

    दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)-दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार ...

  21. दिवाली पर निबंध 2022 -23 Diwali Essay in Hindi for Class 1-12

    Diwali essay in hindi. दीपावली 2021 कब है/diwali 2021 date: दिवाली उजाले का त्यौहार है| इस वर्ष यह पर्व 04 november दिन है| अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा ...

  22. Essay on Diwali in Hindi- दिवाली पर निबंध

    Long Essay on Diwali in Hindi Language ( words 1200 ) दीपावली त्यौहार है, दीप की अनवरत साधना का। ... 10 Lines on Diwali in Punjabi; 10 Lines on Mahatma Gandhi in Punjabi; 10 Lines on Golden Temple in Punjabi | Lines on Harmandir Sahib; 10 lines on Guru Teg Bahadur Ji in Punjabi;

  23. हिंदी दिवस पर निबंध : हृदय की भाषा है हिंदी, जानमानस की अभिलाषा है

    Hindi Diwas 2024 : हृदय की कोई भाषा नहीं है, हृदय-हृदय से बातचीत करता है और ...

  24. दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi

    दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi. दीपावली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। हर देशवासी को इस त्यौहार का इंतजार रहता है। यह रोशनी और प्रकाश का त्यौहार है। इस दिन ...