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विद्यालय में खेल पर निबंध (School Sports Essay in Hindi)
हमारे देश में बच्चों की जितना पढ़ाई को महत्व देते हैं। उतना ही खेलों को भी देते हैं। बच्चों के भविष्य को समझ कर हमें उन्हें सब कुछ सिखा कर उनको भी प्रोत्साहित करना होता है। अक्सर स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ खेल को भी महत्व देते हैं,क्योंकि उससे बच्चों को भी कुछ अलग लगे। जो पढ़ाई से बोर होते हैं,तो उनके शारीरिक और मानसिक विकास को उत्साहित करने का काम खेलों से होता हैं।हमारे देश में अनेक खेल खेले जाते हैं।जैसे कि क्रिकेट, बैडमिंटन ,फुटबॉल ,हाॅकी इ.
विद्यालय में खेल पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essay on School Sports in School Sports par Nibandh Hindi mein)
खेल एक हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। विद्यालय में पढ़ाई के बच्चों के शारीरिक मानसिक और नैतिक विकास होता है।तो उसका ही एक हिस्सा खेलों को भी माने तो भी अच्छा है। पढ़ाई के लिए जैसे पुस्तक आवश्यक होता है, वैसे ही बच्चों को उत्साहित करने के लिए खेल भी खेलना आवश्यक होता है। पढ़ाई करने से हमारे ज्ञान का विकास होता है, और खेलों से हमारे शरीर का विकास होता है। खेलने से शरीर का व्यायाम होता है। जो हमारे शरीर के लिए अच्छा होता है।
खेलों से विद्यालय में विद्यार्थी आज्ञा पालन करने लगते हैं। खेलने से उनका एक लक्ष्य बनता है, जो उनको पाना होता है। वह उस पर ही अपना सारा ध्यान लगाते हैं। कई भी भटकने नहीं देते।बुरे काम में विचलीत नहीं होने देते। सबको साथ लेकर खेल खेलने से, सहमति से मिलने का एक सहयोग मिलता है, जो इस समाज में आवश्यक है। खेल में अगर हार भी मिले तो बिना डरे साहस करके फिर से हिम्मत दिखाने लगते हैं जो जीवन में आवश्यक है। उसका अनुभव लेकर खेलों से ही उनको शिक्षा मिलती है। खेलों से शरीर का व्यायाम होकर बच्चे आगे स्वस्थ और संतुष्ट नागरिक बनने में मदद होती है। खेलों से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। जो भावी पीढ़ी के लिए आवश्यक है। खेलों से बच्चों को अनेक क्षेत्रों के लिए शक्तिशाली बनने में मदद होती है। जैसे पुलिस भर्ती, युवा नेता ,सीमाओं के फौजी इसके लिए खेलों में रुचि आवश्यक है।
शरीर को शक्तिशाली बनातें हैं और मन को प्रसन्नता मिलती है, खेल खेलने से। विद्यालय में लंगडी ,खो-खो,कबड्डी ऐसे खेल खेले जाते हैं। उच्च विद्यालय में अंतरराष्ट्रीय खेल खेले जाते हैं, जिससे कई मेडल भी मिलते हैं।और बच्चों को भी प्रेरणा मिलती है,जिससे देश का नाम भी बढ़ता है। खेलों को ज्यादा तौर पर महत्व दिया गया हैं। खेलों से शरीर की फिटनेस अच्छे से होती है। हमारे दिमाग का विकास के लिए कैरम, लूडो, सांप सीढ़ी जैसे खेल हम घर पर खेलते हैं। पर शारीरिक विकास विद्यालय में खेले जाने वाले खेलों से होता है।
आजकल खेल ही एक ऐसा उपाय है, जो बच्चों को व्यस्त रखने का एकमात्र साधन बन चुका है। जो मनोरंजन के साथ-साथ उनका विकास करने में मदद करता है। शरीर को स्वस्थ और मजबूत होने में मदद करता है। रक्त संचार भी अच्छे से होता है।सर्वांगीण विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेलों को भी अनिवार्य रूप से दिखाया गया है। सरकार ने बच्चों के लिए अनेक सुविधा करवाई है। स्कूल में अनेक व्यायाम और खेलों को लेकर विविध उपक्रम भी लेते हैं।
जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होने में मदद होती है। अगर भावी पीढ़ी में अच्छे नागरिक और स्वस्थ शरीर और सर्वांगीण विकास के लिए हमें अपने बच्चों को खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जिससे आगे चलकर वह अपने देश के लिए एक सर्वगुण संपन्न नागरिक बनकर हमारे देश का विकास करने में सफल हो सकते हैं।
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मेरे विद्यालय का वार्षिक खेल पर निबंध
मेरे विद्यालय का वार्षिक खेल पर निबंध – Essay on Annual Games of My School in Hindi!
खेलों को शिक्षा का अनिवार्य अंग माना जाता है । इसे ध्यान में रखते हुए हमारे विद्यालय में खेलों पर पर्याप्त महत्त्व दिया जाता है । इसी कड़ी का एक महत्त्वपूर्ण दिन है-हर वर्ष एक नियत समय पर होनेवाली खेल-कूद प्रतियोगिता । इस प्रतियोगिता को वार्षिक खेल के नाम से जाना जाता है । मेरे विद्यालय में वार्षिक खेल प्रतिवर्ष मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में आयोजित होते हैं ।
विद्यालय में होनेवाले वार्षिक खेलों में विद्यालय का कोई भी विद्यार्थी भाग ले सकता है । इसके लिए उसे खेल-शिक्षक के पास जाकर अपने नाम की अर्जी देनी होती है । उसे बताना पड़ता है कि वह खेलों की किस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहता है । यह कार्य दो महीने पूर्व ही पूरा हो जाता है । इस बीच सभी भागीदार खिलाड़ियों को संबंधित खेलों का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है । प्रशिक्षण प्राप्त खिलाड़ी वार्षिक खेलों में कड़ी प्रतियोगिता करते हैं ।
वार्षिक खेलों का कार्यक्रम प्रात: आठ बजे आरंभ हो जाता है । विद्यालय के बड़े से मैदान में शिक्षकगण एवं बहुत से विद्यार्थी उपस्थित रहते हैं । कक्षा- अध्यापक अपनी- अपनी कक्षा के खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते दिखाई देते हैं । खिलाड़ी प्रतियोगिता के लिए मैदान में आने से पूर्व खेल से संबंधित पोशाक पहनते हैं ।
प्रतियोगिता प्रधानाचार्य महोदय के संक्षिप्त भाषण से आरंभ होती है । वे विद्यार्थी के लिए खेलों के महत्त्व पर चर्चा करते हैं तथा विशिष्ट अतिथि का स्वागत करते हैं । सभी लोग विशिष्ट अतिथि के स्वागत में तालियाँ बजाते हैं ।
ADVERTISEMENTS:
अब वार्षिक खेल औपचारिक रूप से आरंभ हो जाते हैं । सर्वप्रथम एथलेटिक्स की प्रतियोगिताएँ होती हैं । इनमें लंबी कूद, ऊँची कूद, पोल वांल्ट ,डिस्कस थ्रो, जेबलिन थ्रो, गोला फेंक, सौ मीटर व दो सौ मीटर की दौड़, बाधा दौड़े आदि की प्रतियोगिताएँ होती हैं । फिर खो-खो,कवड्डी और बैडमिंटन की प्रतियोगिताएँ करायी जाती हैं । खिलाड़ियों और दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता है । विद्यार्थी प्रतियोगिता के आरंभ और अंत में जोरदार तालियाँ बजाते हैं । विजेता खिलाड़ियों का तालियों से स्वागत होता हैं । कुछ विद्यार्थी रंग-बिरंगे गुब्बारे उड़ाते हैं । रंग-बिरंगी झंडियों से सजे मैदान में उत्सव का सा समाँ बँध जाता है ।
प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों के साथ-साथ निर्णायक भी अहम् भूमिका निभाते हैं । निर्णायक नियमानुसार खेल खिलाते हैं तथा नियम तोड़ने वालों को दंडित भी करते हैं । वे विद्यार्थियों से। खेल के अनुशासन का पालन करवाते हैं ।
संध्या चार बजे तक खेलों की सभी प्रतियोगिताएँ समाप्त हो जाती हैं । इसके बाद मैदान में ही एक सभा होती है । सभा में एक मंच बना होता है जहाँ विशिष्ट अतिथि ,प्रधानाचार्य तथा शिक्षक गण बैठते हैं । प्रत्येक प्रतियोगिता में विजेता खिलाड़ियों व टीमों को एक-एक कर बुलाया जाता है एवं विशिष्ट अतिथि उन्हें पुरस्कार देते हैं । तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ी स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं । इससे उन्हें आगे और भी अच्छा खेल दिखाने की प्रेरणा मिलती है ।
कार्यक्रम के अंत में विशिष्ट अतिथि अपना भाषण देते हैं । वे .विद्यालय में खेलों से संबंधित होने वाली प्रतियोगिताओं के महत्त्व के बारे में बताते हैं । फिर प्रधानाचार्य भाषण देते हैं और विशिष्ट अतिथि का आभार प्रकट करते हैं । सभा विघटित कर दी जाती है । इसके बाद खिलाड़ियों को हल्का नाश्ता कराया जाता है । अतिथि विद्यार्थी और शिक्षक अपने-अपने निवास की ओर चल पड़ते हैं ।
इस प्रकार विद्यालय का वार्षिक-खेल समारोह हमारे लिए किसी उत्सव के समान महत्त्व रखता है । इससे हमें खेल-कूद में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है ।
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National Sports Day Essay : राष्ट्रीय खेल दिवस पर छात्र ऐसे लिख सकते हैं निबंध
- Updated on
- अगस्त 27, 2024
भारत में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह दिन महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद, जिन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता था, सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं थे बल्कि वे एक प्रेरणा थे जिन्होंने भारतीय हॉकी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। ऐसे में उनकी याद में मनाया जाने वाला राष्ट्रीय खेल दिवस युवाओं को खेल के प्रति जागरूक करने और उन्हें खेल में रुचि लेने के लिए प्रेरित करने में मदद करता है। वहीं इस दिवस की महत्वता को बढ़ाने एवं लोगों को इस दिवस के बारे में शिक्षित करने के लिए कई बार स्कूल में बच्चों को निबंध तैयार करने के लिए कह दिया जाता है। अगर आप अपने स्कूल में राष्ट्रीय खेल दिवस पर निबंध देने के लिए तैयारी कर रहे हैं तो, ये लेख आपके लिए है। यहाँ आपको National Sports Day Essay in Hindi 100, 200 और 500 शब्दों में दी गई है।
This Blog Includes:
राष्ट्रीय खेल दिवस पर 100 शब्दों का निबंध, राष्ट्रीय खेल दिवस पर 200 शब्दों का निबंध, राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास, राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व , राष्ट्रीय खेल दिवस पर निबंध कैसे तैयार करें .
छात्र 100 शब्दों में राष्ट्रीय खेल दिवस पर निबंध (Essay on National Sports Day in Hindi) ऐसे लिख सकते हैं –
भारत में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य लोगों को खेलों के प्रति जागरूक करना और उन्हें खेलों का महत्व समझाना है। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद ने अपने खेल कौशल से भारत को लगातार तीन बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक जिताया। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाई। उनकी स्मृति को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया था।
छात्र 200 शब्दों में राष्ट्रीय खेल दिवस पर निबंध (Essay on National Sports Day in Hindi) ऐसे लिख सकते हैं –
29 अगस्त का दिन भारतीय खेलो के इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है। इसी दिन, 1905 में, महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था, जिन्हें “हॉकी के जादूगर” के नाम से जाना जाता है। उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में ही भारत में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद ने अपने खेल कौशल से भारत को ओलंपिक में लगातार तीन बार स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसे में उनके सम्मान में मनाया जाने वाला यह दिन देशभर में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और युवाओं को प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें खेल प्रतियोगितायें, स्कूल और कॉलेजों में निबंध प्रतियोगितायें आदि शामिल हैं। इस दिन का उद्देश्य न केवल खेलों के महत्व को समझाना है, बल्कि टीम वर्क और आत्मविश्वास को बढ़ावा देना भी है। इसके साथ ही इस दिन खिलाड़ियों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है और उन्हें खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अलावा यह दिन हमें याद दिलाता है कि खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हमें इसे अपनाना चाहिए।
यह भी पढ़ें : When Was National Sports Day First Celebrated in India : भारत में पहली बार राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया गया था?
राष्ट्रीय खेल दिवस पर 500 शब्दों का निबंध
छात्र 500 शब्दों में राष्ट्रीय खेल दिवस पर निबंध (Essay on National Sports Day in Hindi) ऐसे लिख सकते हैं –
भारत में खेलों का एक समृद्ध इतिहास है जिसमें कई महान खिलाड़ियों का भी योगदान रहा है। इन्हीं महान खिलाड़ियों में से एक हैं मेजर ध्यानचंद, जिन्हें “हॉकी का जादूगर” कहा जाता है। उनके सम्मान में, भारत में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य देश में खेलों के प्रति जागरूकता और युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है।
मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। मेजर ध्यानचंद ने अपने करियर में भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर एक नई पहचान दिलाई। बता दें कि उन्होंने 1928 (एम्स्टर्डम), 1932 (लॉस एंजिल्स) और 1936 (बर्लिन) के ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व करते हुए लगातार तीन स्वर्ण पदक जीते। उनके इसी उपलब्धि को याद रखने के लिए और खेलों में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार ने साल 2002 में मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में नामित किया। इसके बाद 29 अगस्त 2012 को मेजर ध्यानचंद की 107वीं जयंती के अवसर पर पहला राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया। तब से लेकर हर साल यह दिवस मनाया जा रहा है।
यह भी पढ़ें : 35+ Slogan on Sports: सफलता का मंत्र देते खेलों पर स्लोगन
राष्ट्रीय खेल दिवस, भारत के खेल संस्कृति को सम्मानित करने और खेलों के महत्व को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि खेल केवल शारीरिक गतिविधि नहीं हैं, बल्कि ये हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं, जो हमें अनुशासन, धैर्य जैसे गुणों को विकसित करने में मदद करते हैं। इस विशेष अवसर पर पूरे देश में विभिन्न खेल आयोजन आयोजित किए जाते हैं और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार सहित प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार पारंपरिक रूप से इस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा वितरित किए जाते हैं।
राष्ट्रीय खेल दिवस, हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिवस हमें खेलों के महत्व को समझने और उन्हें अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करता है। इसके साथ ही यह दिन हमें मेजर ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ियों की याद दिलाता है, जिन्होंने खेल के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत को गर्व महसूस कराया। राष्ट्रीय खेल दिवस हमें यह याद दिलाता है कि खेलों को अपने जीवन में अपनाकर हम न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त बन सकते हैं।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर निबंध कैसे लिखें, इसके बारे में नीचे बताया गया है-
- निबंध लिखने के लिए सबसे पहले स्ट्रक्चर बनाएं।
- स्ट्रक्चर के अनुसार सभी जानकारी इक्कठा कर लें।
- इसके बाद निबंध की शुरुआत राष्ट्रीय खेल दिवस के महत्व से करें।
- इस दिवस को मनाने के उद्देश्य और इसे मनाने के कारण का उल्लेख करें।
- मुख्य भाग में राष्ट्रीय खेल दिवस के इतिहास और महत्व की जानकारी दें।
- कोई भी जानकारी निबंध में लिखने से पहले उसकी अच्छी तरह से पुष्टि कर लें।
- निबंध लिखने से पहले ध्यान रखें कि भाषा सरल हों।
- निबंध के अंत में, राष्ट्रीय खेल दिवस का सारांश प्रस्तुत करें
भारत में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है।
हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में भारत में हर साल 29 अगस्त को खेल दिवस मनाया जाता है।
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है।
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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको National Sports Day Essay in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य निबंध से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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