मछली पालन बिजनेस कैसे शुरू करें। प्रक्रिया, नस्ल, लागत, कमाई।
Fish farming या fisheries का Hindi में अर्थ मछली पालन से लगाया जा सकता है। व्यवसायिक भाषा में जिसका मतलब fish अर्थात मछलियों को अपनी कमाई करने हेतु पालने का होता है । वैसे कुछ आरामपसंद, धनी, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग अपने शौक व अपनी प्रोटीन सम्बन्धी जरूरतों की पूर्ति हेतु भी मछलियों का पालन करते हैं। क्योकि मछली लोगो की प्रोटीन सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने का प्राथमिक स्रोत है । यही कारण है, की मछली पालन का बिज़नेस India में निरन्तर बढ़ता जा रहा है ।
और इसका इंडिया की Gross Domestic Product (GDP) में 1.4% की हिस्सेदारी है। यदि हम पूरे कृषि सम्बंधित व्यापारों की बात करें, तो Indian जीडीपी में इनकी हिस्सेदारी 4.6% है। आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं की फिश फार्मिंग भारत में कितना फलता फूलता business है। वर्तमान में Fish Pond या मछलियों के तालाबों की भारी कमी के कारण समुद्र और नदियां ही मछली सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने के माध्यम हैं। चूँकि मनुष्य ने इन प्राकृतिक संसाधनों से बहुत अधिक मात्रा में मछलियों को पकड़ लिया है ।
इसलिए धीरे धीरे समुद्रों और नदियों में भी मछलियों की संख्या कम होती जा रही है । एक आंकड़े के मुताबिक भारत में 60% से अधिक लोग अपने खाने में मछली पसंद करते हैं । अब यदि मछलियों की संख्या कम हो जाती है, या फिर समुद्र या नदियों में मछलियाँ नहीं मिलती हैं । तो जरा सोचिये की मछली खाने के आदी मनुष्य अपने शरीर में प्रोटीन की कमी को कैसे पूरा करेगा । इसलिए अभी यह उचित समय है जब कोई उद्यमी Fish Farming या मछली पालन का बिज़नेस स्थापित करके लोगों की मांग को पूर्ण करने का जिम्मा उठाकर, अपनी Kamai करने का काम कर सकता है।
हमारे देश भारत को प्रकृति ने अनेकों नदियों, झीलों और अन्य पानी के स्रोतो से अलंकृत किया हुआ है। इसलिए मछली पालन का business किसी उद्यमी के लिए एक उचित निर्णय हो सकता है । इसके अलावा India में Fish Farming करने के कुछ फायदे भी हैं जो इस प्रकार से हैं।
मछली पालन के लाभ (Advantages of Fish Farming in Hindi):
Machali Palan ke Fayde : वैसे तो India में व्यवसायिक तौर पर मछली फार्म स्थापित करने के अनेकों फायदे हैं लेकिन इनमे से जो मुख्य हैं उनका विवरण निम्नलिखित है।
- जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं, India में 60% से अधिक लोग खाने में मछली खाना पसंद करते हैं | जो साफ़ इशारा करता है की इस business में असीम सम्भावनाएं हैं ।
- मछली में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण इसकी मांग और कीमत हमेशा उच्च बनी रहती है ।
- भारतवर्ष की जलवायु यह व्यवसाय करने के लिए अनुकूल है । जिससे रिस्क कम हो जाता है।
- अभी हमने कहा था, की भारतवर्ष को प्रकृति ने विभिन्न पानी के स्रोतों से सरोबार किया हुआ है । इसलिए मछली पालन से जुड़ने वाला उद्यमी अपना Fish Pond आसानी से किसी नजदीकी पानी के स्रोत से भर सकता है।
- India में मछली की बहुत सारी जातियां उपजातियां आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं । आप अपने Fish Pond के लिए जल्दी बड़ी होने वाली नस्ल का चुनाव कर सकते हैं ।
- चूँकि ग्रामीण इलाकों में मजदूर आसानी से और सस्ते दामों पर मिल जाते हैं । इसलिए आप एकीकृत फार्मिंग भी कर सकते हैं । जिसमे आप Fish Farming के अलावा Dairy Farming , Goat Farming , खेती इत्यादि भी कर सकते हैं।
- वे लोग जो कोई और काम भी कर रहे हों, उसके साथ साथ ही Fish Farming या मछली पालन का भी business कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनके पास अपेक्षित जमीन एवं सेवाएं होना अति आवश्यक है ।
मछली पालन कैसे शुरू करें?(How to start Fish farming in India):
Fish Farming Kaise Shuru Kare : हालांकि India में मछलियों का फार्म स्थापित करना कोई आसान काम नहीं है । लेकिन जब मछली पालन व्यवसायिक तौर पर करना ही हो तो, थोड़ी बहुत परेशानियां तो उठानी ही पड़ेंगी। और व्यवसायिक तौर पर यह business स्थापित करने के लिए उद्यमी को भिन्न भिन्न प्रक्रियाओं से होकर गुज़रना पड़ेगा। जिनका वर्णन हम नीचे संक्षिप्त रूप में कर रहे हैं ।
1. मछलियों के लिए तालाब बनाना (Preparation of Fish Pond):
Fish Pond मछली पालन business के लिए सबसे अहम कड़ी है । जैसे की आपने एक कविता सुनी होगी ” मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है । जी हाँ बिलकुल मछली का जीवन जल है। इसलिए यदि हमें Fish farming करनी है, तो पानी को संचय करना होगा। और पानी को संगृहीत करने हेतु Fish Pond बनाना होगा । Fish Pond में मछली पालन मौसमी और स्थायी दोनों तरीके से किया जा सकता है।
वह क्षेत्र या स्थान जहाँ पानी हर महीने उपलब्ध नहीं होता, वहां मौसमी Fish Pond बनाकर मछली पालन किया जा सकता है। और इस Fish Pond में जल्दी बड़ी होने वाली मछली को अपने बिजनेस का हिस्सा बनाना बेहद आवश्यक है। Fish Pond में पानी और मछलियों का बीज डालने से पहले इसको अच्छी तरह तैयार कर लेना चाहिए। कही ऐसा तो नहीं की पानी लीकेज हो रहा है।
रिसाव चेक करने के लिए Fish Pond में पानी छोड़ने के तीन चार दिन बाद मछलियों के बीज को उसमे डालना चाहिए। लेकिन Fish Pond में पानी भरने से पहले अच्छी तरह से उसकी सफाई और फ़र्टिलाइज़र सिस्टम स्थापित कर लेना चाहिए ताकि मछलियों के लिए Inner Feed उपलब्ध हो सके।
2. मछली की नस्ल का चुनाव करना :
उद्यमी को एक लाभकारी Fish Farming बिज़नेस के लिए अच्छी नस्ल वाली मछली का चुनाव करना बेहद आवश्यक है। क्योकि Farming Business चाहे बकरी पालन बिजनेस हो डेयरी फार्मिंग व्यवसाय हो या फिर Poultry Farming एक लाभकारी बिज़नेस तभी हो सकता है। जब उद्यमी द्वारा जल्दी बढ़ने वाली नस्ल का चुनाव किया गया हो। Fish Farming के लिए मछली की नस्ल का चयन करते समय अपने क्षेत्र में मछलियों की मांग, और जिस मछली की नस्ल जल्दी और ढंग से बड़ी हो सकती है, इत्यादि बातों का ध्यान रखें।
आप चाहें तो किसी एक नस्ल का उत्पादन न करके भिन्न भिन्न नस्लों का उत्पादन एक साथ कर सकते हैं । जैसे कुछ मछलियाँ ऐसी होती हैं जिनको तले (bootom) में रहने की आदत होती है। और कुछ मछलियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें पानी के बीचों बीच रहने की आदत होती है । इसके अलावा कुछ मछलियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें पानी के उपरी सतह पर रहने की आदत होती है ।
अगर उद्यमी एक साथ रोहू, मृगल, कतला मछलियों को अपने Fish Pond का हिस्सा बनाता है। तो उसके Fish Pond का कोई भी हिस्सा व्यर्थ नहीं जायेगा। इंडिया की जलवायु के हिसाब से मुख्य मछलियों की नस्लें निम्न हैं।
- कतला मछली (Catla)
- रोहू (Rohu)
- मृगल (Mrigal)
- सिल्वर कार्प (Silver Carp)
- ग्रास कार्प (Grass Carp)
- कॉमन कार्प (Common Carp)
3. मछलियों के खाने का इंतज़ाम करना (Feeding)
इसमें कोई दो राय नहीं की अच्छा गुणवत्ता वाला खाना मछलियों के जल्दी वृद्धि होने में सहायक होगा । आप व्यवसायिक रूप से Fish Farming करने हेतु एकीकृत फार्मिंग करके डेरी उत्पाद, सब्जियों इत्यादि को मछलियों का खाना बना सकते हैं ।
India में मछली पालन व्यवसाय से जुड़े अधिकतर किसान अपनी मछलियों को प्राकृतिक खाने के भरोसे ही छोड़ देते हैं। प्राकृतिक खाना मछलियों के लिए कितना होगा यह सब Fish Pond फर्टिलाइजेशन पर निर्भर करता है। वैसे आप मछलियों के खाने के प्रबंधन को दो भागों में विभाजित कर सकते हैं।
1. Outer Feed (बाह्य खाना) :
Outer Feed का प्रबंध जैसे की हमने पहले भी बताया एकीकृत फार्मिंग के द्वारा भी किया जा सकता है । इसके अलावा बाज़ार में उपलब्ध मछलियों का खाना लेकर उसको तालाब में मछलियों के खाने हेतु डाला जा सकता है। वैसे मछलियाँ आटा, चावल इत्यादि भी खाती हैं । तो उद्यमी इनका उपयोग भी मछलियों के खाने हेतु कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे की मछलियों के खाने के व्यवहार को आँका जाय। क्योकि अनावश्यक रूप से Fish Pond के अंदर डाली जाने वाली सामग्री Fish Pond को गन्दा कर सकती है।
2. Inner Food (आंतरिक खाना) :
Inner Food से आशय तालाब में उत्पादित खाने से है । इसमें छोटे छोटे कीड़े मकोड़े जिन्हे मछलियां खाती हैं वे आते हैं । लेकिन यह सब उत्पादित हो, इसके लिए आपको महीने में दो बार Fish Pond फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया करनी पड़ती है । Inner Food उत्पादित करने हेतु जैविक खाद एवं रासायनिक खादों का उपयोग किया जा सकता है ।इसमें गोबर का उपयोग भी हो सकता है।
4.मछलियों की देखभाल करें(Care and management)
व्यवसायिक तौर पर Fish Farming या मछली पालन करने के लिए मछलियों की नस्ल और खाने का इंतज़ाम करने पर ही उद्यमी की ड्यूटी खत्म नहीं हो जाती। अब समय आ जाता है अपनी मछलियों का अच्छे ढंग से ध्यान रखने का। मछली की बीमारियों से मछलियों को बचाने का । पानी में उत्पन्न होने वाले मछली के दुश्मनो से मछलियों को बचाने का। छोटी मछली को बड़ी मछली से बचाने के लिए कदम उठाने का ।
और कहीं गन्दा पानी होने के कारण मछलियों की जान खतरे में न पड़ जाये इसलिए समय समय पर पानी का PH स्तर चेक कराने का । साधारणतया मछली पालन बिजनेस से उत्पादित उत्पाद के लिए लोकल ग्राहक अर्थात जिस क्षेत्र में आपका Fish Pond है । उसी क्षेत्र के ग्राहक भी मिल जाते हैं लेकिन यदि उद्यमी का उत्पादन उस क्षेत्र की आवश्यकताओं से अधिक है ।
तो उद्यमी को अपना उत्पाद बेचने के लिए मार्केटिंग करनी पड़ेगी । मार्केटिंग की दृष्टि से Fish Farming business का सबसे बड़ा फायदा यह है की आपको अपना उत्पाद साथ लेके नहीं घूमना है। उद्यमी को पहले अपने ग्राहक तैयार करने हैं । उनसे आर्डर लेने हैं उसके बाद आवश्यकतानुसार मछलियों को Fish Pond से बाहर निकालना है।
मछलियों को कहाँ बेचें (Where to sell fish):
वर्तमान में मछली खाने वाले लोगों की संख्या हर जगह चाहे आप भारत के किसी भी कोने में उपलब्ध हों पर्याप्त मात्रा में है। यही कारण है की मछली की माँग हर स्थानीय बाज़ार में हमेशा बनी रहती है। कहने का आशय यह है की यदि आप मछली पालन करके बहुत अधिक मछलियों का उत्पादन नहीं कर रहे हैं। तो आप इन्हें स्थानीय बाज़ार में खुद भी बेच सकते हैं ।
लेकिन आम तौर पर इस तरह का बिजनेस (Fish Farming Business) कर रहे उद्यमियों के पास उस एरिया में स्थित वे लोग पहले ही पहुँच जाते हैं, जो किसी स्थानीय बाज़ार में, साप्ताहिक बाज़ार में सड़क के किनारे बैठकर मछली बेचते हैं।
इसके अलावा स्थानीय मंडी जहाँ लोग मीट मछली खरीदने जाते हैं, आप वहां भी इन्हें बेच सकते हैं। लेकिन यदि आपका उत्पादन बहुत अधिक है तो बेहतर यही होता है की आप उस एरिया में स्थित मछली के थोक विक्रेताओं से संपर्क करें। और उन्हें अपने फिश फार्म से ही मछली ले जाने को कहें। क्योंकि उनके पास वाहनों की ऐसी व्यवस्था होती है, जिनमें मछलियों को जिन्दा भी ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
मछली पालन करने में आने वाली लागत
हालांकि बहुत सारे लोगों को लगता है की मछली पालन बिजनेस शुरू करना आसान प्रक्रिया है । लेकिन सच्चाई यह है इसमें आपको एक जिन्दा जलजीव की खेती करनी होती है, इसलिए इसके तकनिकी जानकारी होना अति आवश्यक होती है ।
जहाँ तक लागत की बात है इस बिजनेस में आने वाली लागत भी इस बात पर निर्भर करती है की उद्यमी किस स्तर का मछली पालन व्यापार शुरू करना चाहता है । और वह किन किन मछलियों का पालन करना चाहता है ।
लेकिन एक व्यक्ति जो राहू, कतला और मृगल मछली को अपना फार्म का हिस्सा बनाकर छोटे से स्तर पर इसे शुरू करना चाहता है, उसे इस बिजनेस को शुरू करने के लिए निम्न मदों पर खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है। इसमें जमीन का खर्चा शामिल नहीं है क्योंकि जहाँ पर मछली का तालाब बनाया जाएगा, वह जमीन उद्यमी की खुद की होनी चाहिए।
तालाब का निर्माण करने में आने वाला खर्चा, खुदाई मेड सभी प्रक्रियाओं सहित | ₹90000 |
3 एचपी का डीजल पंप पूरा सेट | ₹32000 |
इनलेट/आउटलेट स्लूइस | ₹12000 |
मछली पकड़ने वाले जाले एवं अन्य उपकरण | ₹10000 |
लगभग 8000 मछली के बीज प्रति पीस 5 रूपये के हिसाब से | ₹40000 |
लाइम | ₹2000 |
सिंगल सुपर फॉस्फेट | ₹1000 |
यूरिया | ₹1500 |
गाय का गोबर कच्चा | ₹1000 |
इस तरह से देखें तो एक छोटा सा मछली फार्म खोलने में भी उद्यमी को लगभग ₹189500 खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है। इसमें भी जमीन का खर्चा शामिल नहीं है, क्योंकि इसमें हम यह मान कर चल रहे हैं की जमीन इस बिजनेस को करने वाले उद्यमी की खुद की है।
मछली पालन बिजनेस से कितनी कमाई होगी
जहाँ तक कमाई का सवाल है इस बिजनेस (Fish Farming Business) से होने वाली कमाई इस बात पर निर्भर करती है की उद्यमी एक साल में कितनी किलो मछली का उत्पादन कर पाने में सफल हो पाता है। यदि उद्यमी एक साल में 3000 किलो मछली का उत्पादन करने में भी सफल होता है और इसकी औसतम कीमत यदि हम 110 रूपये प्रति किलो मान के भी चलते हैं। तो इस हिसाब से उद्यमी 110×3000 = ₹330000 की साल में ग्रॉस इनकम कर पाता है।
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Fish Farming Business Plan: मछली पालन का व्यापार कैसे शुरू करें?
Business Idea: आज के दौर में भारत में मछली पालन या “मतस्य पालन” करना काफी मुनाफ़ेवाला व्यापार हो गया है। बहुत से लोग इस बिजनेस से जुड़े हुए है और लाखो का मुनाफा कमा रहे हैं। भारत की लगभग 60 प्रतिशत आबादी मछली का सेवन करती है और सालाना प्रति व्यक्ति मछली की खपत करीब 8-9 किलोग्राम तक है। इस कारण से इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है और साल दर साल इसके बढ़ने की ही उम्मीद है।
अगर आप भी कम लागत में मछली पालन शुरू करना चाहते हैं तो आप इसे छोटे टैंक या फिर एक तालाब से शुरू कर सकते है और महीने में लाखों रुपए तक की कमाई कर सकते है।
चलिए देखते है कम निवेश में ज़्यादा लाभ बनाने वाली मछली फार्मिंग (Fish farming) कैसे शुरू करें
मछली पालन की तकनीक
मछली पालन मुख्यतः 3 तरीके से की जाती है।
- तालाब में मछली पालन
- बायोफ्लॉक टैंक
RAS प्रणाली
तालाब में मछली पालन (earthen fishpond).
आपने कभी न कभी गांव या कस्बे में छोटे-छोटे मछली पालन किये जाने वाले कृत्रिम तालाब अवश्य ही देखे होंगे। यह मछली पालन करने की सबसे पुरानी और परंपरागत विधि है, जिससे लोग अपना जीवन यापन करते है।
अगर आपके पास ज़मीन की कमी नहीं है या फिर आप गांव में रहते है और आपके पास काफी खाली ज़मीं उपलब्ध है, तो इस तरीके से आप मछली पालन शुरू कर सकते हैं।
इस प्रकार के तालाब को बनाने के लिए आपको खेत की आवश्यकता पड़ेगी। उसे खोदकर एक कृत्रिम तालाब बनाना होगा, जिसके बाद उसमें गोबर का उपचार और चूना इत्यादि डालकर पानी भरना होगा। तालाब की गहराई कमसेकम 6 फुट होनी आवश्यक है और तालाब में पानी का स्तर लगभग 4.5 फुट से लेकर 5 फुट तक होनी चाहिए, अगर इससे कम पानी का स्तर रहा तो मछली की वृद्धि में असर पड़ेगा।
तालाब का मुख पूर्व से पश्चिम की ओर होना चाहिए, मतलब लम्बाई पूर्व से पश्चिम दिशा में होना चाहिए और चौड़ाई उत्तर-दक्षिण दिशा में।
इस तरह के तालाब को बनाने का खर्च, मछली के बीज, मछली का खाना, दवा और रखरखाव में लगभग 10 लाख से लेकर 12 लाख रुपए तक का खर्च आता है। यहाँ पर हमने लगभग 1 हेक्टेयर (2.47 एकड़) ज़मीन के ऊपर आकलन किया है। ये आंकड़ा आपको ज़रूर ज़्यादा लग रहा होगा, मगर यह सिर्फ एक बार का निवेश है इसके बाद आपको इस बिजनेस से मुनाफा ही होगा।
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बायोफ्लॉक टैंक (Biofloc tank)
बायोफ्लॉक तकनीक को 1990 के दशक में विकसित किया गया था। जिसका मकसद कम फीड देकर और अपशिष्ट जल का फिर से उपयोग कर मछली पालन करना था। यह तकनीक भारत में भी काफी प्रचलित है और बहुत से किसान इस तकनीक का उपयोग कर मछली पालन कर रहें है।
बायोफ्लॉक टैंक मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – पीवीसी टैंक/ तारपोलीन टैंक और सीमेंट टैंक ।
पीवीसी टैंक/तारपोलीन टैंक: इस प्रकार के टैंक आपको बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं जिनकी कीमत 20,000 रुपए से शुरू होती है। अगर आप इस बिजनेस में बिलकुल नए हैं तो 10,000 लीटर की क्षमता वाले बायोफ्लॉक फिश फार्मिंग टैंक के साथ शुरुआत करें, इसकी कीमत लगभग आपको 12,000 से 15,000 रूपए के बीच पड़ेगी। इस टैंक में आप 600-700 किलोग्राम मछली का उत्पादन कर सकते हैं।
टैंक लेने से पहले तारपोलिन का GSM ज़रूर जाँच कर लें, हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले टैंक पर निवेश करें। एक अच्छे टैंक का GSM 500 से ऊपर होता है, जो भी टैंक इस रेंज में आते हो उन्हें ही ख़रीदे। इससे नीचे के GSM में भी आपको बायोफ्लॉक टैंक उपलब्ध हो जायेंगे मगर उनमे कटने-फटने का डर रहता है, जिससे आपको आगे चलकर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इसके साथ ही आपको तिरपाल की भी ज़रूरत पड़ेगी, जिससे तापमान नियंत्रित हो पाए और अवांछित तत्त्व भी आपके टैंक में न गिर सके। इसकी लागत करीब 1500-2000 रूपए तक आएगी।
इस तरह देखा जाये तो एक पूरी तरह सेटअप PVC biofloc tank में आप करीब 20,000 रुपए तक का निवेश करके मछली पालन का व्यापार शुरू कर सकते हैं।
सीमेंट टैंक: अगर आपको मछली पालन बिजनेस में थोड़ा समय हो गया है और आपने कुछ पैसे भी बना लिए हैं तो आप सीमेंट टैंक भी बनवा सकते हैं। इस प्रकार के टैंक बनवाने में तारपोलीन टैंक से दुगना खर्च करना पड़ सकता है, मगर यह एकमुश्त निवेश है। एक बार निर्माण हो जाने के बाद यह टैंक 10-12 साल आसानी से चल जाते है और रखरखाव में भी खर्च न के बराबर होता है। एक 10,000 लीटर सीमेंट टैंक के निर्माण में करीब 25,000 रूपए तक का खर्च आ सकता है।
इसके अलावा दोनों ही प्रकार के टैंक में एयर पंप चाहिए होगा जिससे की पानी में ऑक्सीजन की मात्रा सुचारू रूप से जारी रहे। एक 10,000 लीटर बायोफ्लॉक टैंक के लिए एयर पंप की कीमत लगभग 18,000 से शुरू होती है। हमेशा दो एयर पंप अपने साथ रखें, अगर किसी कारण से एक एयर पंप नहीं चलता है तो दूसरा बैकअप आपके पास ज़रूर होना चाहिए। क्योंकि, बिना ऑक्सीजन के मछलियों के मरने का भय रहता है।
साथ ही में एक इन्वर्टर की भी व्यवस्था होनी आवश्यक है, क्योंकि बहुत सारे इलाकों में बिजली आपूर्ति ठीक नहीं रहती अगर आपके पास इन्वर्टर रहेगा तो एयर पंप चलाने में परेशानी नहीं होगी।
इन सबके साथ फिश सीड, प्रोबिओटिक्स, TDS meter, PH meter, अमोनिया टेस्ट किट इत्यादि में 30,000 रूपए तक का खर्च आ सकता है। कुल मिलाकर, एक 10 हज़ार लीटर बायोफ्लॉक फिश टैंक का निर्माण से लेकर प्रोडक्शन तक करीब 40,000 से लेकर 50,000 रूपए तक का खर्च आएगा।
री-सर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) प्रणाली मछली पालन के लिए सबसे कारगर तकनीक है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है, किसी भी जलवायु और स्थान में मछली पालन करना। इसे आप मैदानी, तटीय और पहाड़ी किसी भी स्थान पर लगा कर मछली उत्पादन शुरू कर सकते हैं। चाहे बाहर का तापमान कुछ भी हो, टैंक का तापमान आपके नियंत्रण में रहता है।
मौसम में हुआ बदलाव पानी के तापमान को निर्धारित नहीं करेगा, और दैनिक पानी के तापमान में उतार-चढ़ाव मछली पर दबाव नहीं डालेगा, जिससे बीमारी और मृत्यु दर में कमी आएगी। चाहे गर्म पानी की मछली हो या फिर ठंडे पानी की, RAS सिस्टम दोनों ही प्रजातियों के लिए तापमान का नियंत्रण करता है। क्योंकि पानी को फिर से री-सर्कुलेट किया जाता है, जिस कारण हीटिंग और कूलिंग की लागत कम हो जाती है।
उदाहरण के लिए, बायोफ्लॉक सिस्टम में मछली का एक कल्चर लेने के बाद पानी को छोड़ देते हैं, जिसे आम तौर पर ओपन या फ्लो-थ्रू सिस्टम कहा जाता है। मगर, RAS प्रणाली में यह सिस्टम विभिन्न स्तरों पर फिल्टर का उपयोग करके पानी को साफ करता है और उसी पानी को फिर से उपयोग में लाता है। जिससे पानी की काफी बचत होती है और खर्च में भी कमी आती है।
एक 30,000 लीटर के RAS फिश टैंक की कीमत करीब 35-40 हज़ार रूपए होती है और पुरे फिल्ट्रेशन प्लांट को बनाने में करीब 15 से 20 लाख रूपए की लागत आती है। यह सिस्टम थोड़ा खर्चीला ज़रूर है मगर इससे मुनाफा भी तालाब और बायोफ्लॉक टैंक के मुकाबले ज़्यादा आता है। क्यूंकि, सभी काम ऑटोमेटिक तरीके से मशीन द्वारा होता है और बहुत कम मैन्युअल वर्क की ज़रूरत पड़ती है।
मछलियां कितने प्रकार की होती है?
सामान्यतः मछलियाँ 2 प्रकार की पाई जाती है पानी के अंदर सांस लेने वाली (Underwater breathing fish) और हवा से सांस लेने वाली (Air breathing fish).
हवा से सांस लेने वाली मछलियां ये हैं: देसी मांगुर, सिंघी, पंगेसियस, वियतनाम कोई, देसी कोई और पाबदा।
पानी के अंदर सांस लेने वाली मछलियां: रोहू, कतला, मृगल कार्प, ग्रास कार्प, सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प, तिलापिया और रूपचंद।
बायोफ्लॉक और RAS टैंक में कौन सी मछली पालें?
बायोफ्लॉक और RAS टैंक में विशेष प्रकार से हवा से सांस लेने वाली मछलियों (Air breathing fish) का कल्चर किया जाता है, क्यूंकि ये मछलियां किसी भी प्रकार की परिस्थितियों को झेल लेती है।
जैसे की कभी टैंक का एयर पंप (Air Pump) जिससे पानी में ऑक्सीजन की मात्रा पहुंचाई जाती है किसी कारण नहीं चल रहा हो या फिर पानी में अमोनिया की मात्रा ज़्यादा हो जाए — तब भी इस प्रकार की मछलियां पानी के ऊपर जाकर सांस ले सकती है और उस सिचुएशन को झेल जाती है। जिससे मोर्टेलिटी रेट कम रहता है और मुनाफे में वृद्धि होती है।
वैसे तो IMC और एयर ब्रीथर दोनों ही प्रकार की मछलियों का कल्चर बायोफ्लॉक और RAS टैंक में किया जा सकता है, हालाँकि अगर आप इस बिज़नेस में बिलकुल नए हैं तो हवा से सांस लेने वाली मछलियां (Air breathing fish) के साथ शुरुआत करें और थोड़ा अनुभव हो जाने के बाद IMC मछलियां जिसमे रोहू, कतला, मृगल शामिल है इनका प्रयास करें।
बायोफ्लॉक और RAS टैंक में IMC fish जैसे रोहू, कतला और मृगल की ग्रोथ ज़रूर होती है मगर ये प्रक्रिया काफी समय लेती है, और किसी कारण ऑक्सीजन में कमी आयी तो ये मछलियां आधे घण्टे भी टैंक में जीवित नहीं रह पाती। अगर आप भी इन मछलियों को पालना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान ज़रूर रखें की आपके एरिया में पावर सप्लाई नियमित रूप से आती हो या फिर एक अच्छे इन्वर्टर पर निवेश करें।
मछली पालन के लिए बीज कहाँ से ख़रीदे?
मछली के बीज आप अपने जिले या फिर राज्य के मत्स्य पालन विभाग (Department of Fisheries) के द्वारा ले सकते हैं, वहां पर मछली पालकों के लिए उचित दरों पर बीज मुहैया करवाया जाता है और साथ ही साथ ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसके अलावा अगर आपके एरिया में कोई किसान पहले से मछली पालन कर रहा है और उसकी हैचरी भी है तो आप उनसे भी संपर्क करके बीज ले सकते हैं।
आमतौर पर मछली के बीज 200 रुपये से 250 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से मिलते हैं। आप चाहे तो फिश सीड पीस के हिसाब से भी आर्डर कर सकते है जो की 1 रुपया/पीस से लेकर 5 रुपया/पीस तक हो सकती है।
मछली कितने महीने में तैयार हो जाती है?
आमतौर पर मछलियाँ 5 से 6 महीने में लगभग 500 ग्राम तक की हो जाती है, मगर यह पूरी मछली की प्रजाति पर निर्भर करता है। कई मछलियाँ इतने दिनों में बस 150-200 ग्राम तक का ही वज़न हासिल कर पाती है।
चलिए हम एक उदाहरण के तौर पर विभिन्न प्रकार की मछलियों का “बीज से लेकर हार्वेस्ट” करने तक का विश्लेषण करते हैं:
आजकल ज़्यादातर किसान 10,000 लीटर बायोफ्लॉक टैंक से मछली पालन की शुरुआत कर रहें है तो हम उसी को मानक ले रहे हैं। अगर आप IMC कैटेगरी की मछली जैसे रोहू, कतला, कॉमन कार्प और तिलापिया को पालना चाहते हैं तो टैंक में आपको करीब 900-1000 मछलियां डालनी होगी। यह मछलियाँ 6 महीने में औसतन 500 ग्राम तक का वज़न हासिल कर पाती है और हार्वेस्टिंग के समय आपको एक टैंक से करीब 450-500 किलोग्राम तक की मछलियाँ मिलेगी।
यहाँ एक बात का ज़रूर ध्यान रखें, मछलियों में कुछ न कुछ मोर्टलिटी ज़रूर होगी इसलिए 20% के हिसाब से टैंक में 900 से 1000 मछलियां डाले जिससे अंत में आपका टारगेट हासिल हो पाए।
अगर आप कैटफ़िश प्रजाति की मछली जैसे वियतनाम कोई (Vietnam Koi) का कल्चर करना चाहते है और एक सीजन में कम से कम 300 किलोग्राम तक मछली का हार्वेस्ट करना है तो आपको टैंक में करीब 2000 से लेकर 2500 मछली डालनी होगी।
इस मछली का एवरेज साइज 150-200 ग्राम होता है, और यह लगभग 6 महीने में पूरी तरीके से तैयार हो जाती है। मार्केट में इसका रेट भी 300 से 500 रुपए प्रति किलोग्राम तक जाता है।
मछली पालन के लिए लोन कैसे मिलेगा?
केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाईं जा रही हैं, जिसका फायदा लेकर किसान भाई इस व्यवसाय से जुड़ सकते है और पैसे कमा सकते हैं।
अगर आप भी मछली पालन के लिए लोन लेना चाहते हैं तो “ पीएम मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) ” के तहत ले सकते हैं। इसकी शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वर्ष 2020 में की गयी थी, इस योजना में मत्स्य पालकों को लोन देने के साथ ही निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार दोनों की तरफ से आपकी परियोजना के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है, जो कि सामान्य जाति के लिए 40% है और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति महिलाओं के लिए 60% तक निर्धारित की गई है।
मत्स्य पालन हेतु ऋण लेने के लिए आप अपने राज्य के मत्स्य विभाग के कार्यालय से संपर्क करें। वहां पर सम्बंधित अधिकारी आपको लोन के लिए कैसे अप्लाई करना है और लोन किस तरह से प्राप्त होगा इसकी पूरी जानकारी दे पाएंगे। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन है, और फिलहाल ऑनलाइन आवेदन के लिए संबंधित विभाग से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
हालांकि, अगर आप इस योजना के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो पीएम मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की आधिकारिक वेबसाइट पर जायें – https://dof.gov.in/pmmsy
FAQ: Fish Farming Business Plan
Q. मछली पालन के लिए पानी का pH मान कितना होना चाहिए? Ans. मछली पालन के लिए पानी का pH मान 6.5 से 8.5 तक होना चाहिए।
Q. मछली कितने दिन में तैयार होती है? Ans. मछली को सामान्यतः पूरी तरह विकसित होने में करीब 5 से 6 महीने तक का समय लगता है।
Q. देश का सबसे बड़ा मछली जीरा बाजार कहाँ है? Ans. भारत में मछली पालन के लिए जीरा का उत्पादन सबसे ज़्यादा पश्चिम बंगाल में होता है।
Q. मछली पालन बिज़नेस के लिए कितना निवेश करना पड़ेगा? Ans. इस बिजनेस को आप मात्र 20,000 रुपये सालाना खर्च करके शुरू कर सकते हैं और हर महीने लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं।
Q. मछली पालन किस सीजन में करना चाहिए? Ans. वैसे तो मछली पालन किसी भी मौसम में किया जा सकता है, मगर मछली पालने के लिए सबसे अच्छा सीजन फ़रवरी से अक्टूबर तक होता है। सर्दियों के मौसम में मछली का आकार धीमी गति से बढ़ता है क्योंकि उस समय मछलियां पानी के नीचे चली जाती है और खाना भी कम खाती है।
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Business Ideas in Hindi
मछली पालन का व्यापार (बिजनेस) कैसे शुरू करें 2022|How to start Best fish farming business in Hindi
मछली पालन का व्यापार 2023 कैसे शुरू करें (मार्केटिंग, लागत) How to start fish farming business and get loan in Hindi
मछली पालन का व्यापार भारत में करना काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि भारत की करीबन 60 प्रतिशत आबादी मछली को खाना पसंद करती है. मछली पालन को अग्रेंजी भाषा में फिश फार्मिंग भी कहा जाता है. इस कारोबार को शुरू करने के लिए नदी का होना बेहद जरूर होता है. वहीं हमारे देश में कई सारी नदियां, झीलें और समुद्र मौजूद हैं. जिनकी मदद से कोई भी इस व्यापार को शुरू कर सकता है. वहीं इस व्यापार को करने के लिए आपको जमीन की भी जरूरत पड़ती है. इस जमीन का उपयोग टैंक, तालाब या फिर ऐसा स्थान बनाने के लिए किया जाता है. जिसमें पानी भरा जा सके और मछलियों को पकड़ने के बाद इनमें रखा जा सके. वहीं इस व्यापार से जुड़ी अन्य जानाकरी आपको नीचे दी गई है.
मछली पालन (fish farming business) क्यों करें
केवल भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मछलियों की मांग बढ़ती जा रही है. वहीं मांग बढ़ने का मुख्य कारण मछली का स्वादिष्ट होना और इसमें मौजूदा कई प्रोटीन एवं विटामिन्स के स्रोतों का होना है. इसलिए विश्व स्तर पर इसका बाजार बढ़ता ही जा रहा है.
जैसे हमने आपको ऊपर बताया कि इस व्यापार को करने का सबसे बड़ा स्रोत समुद्र, नदियां एवं तालाब होते हैं. लेकिन बढ़ती तकनीक के साथ लोगों ने मछली पकड़ने के पुराने प्राकृतिक तरीके छोड़कर नए तरीके अपना लिए हैं. अब लोगों ने कृत्रिम रूप से तालाब या टैंकों का निर्माण करके मछली पालन शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं समुद्र से मछली पकड़ने के व्यापार में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. जिसका कारण लोगों द्वारा खुद से ही मछली फार्म का निर्माण करके मछली की पैदावार करना है.
क्या है फिश फार्मिंग
फिश फार्मिंग का मतलब मछली को पालकर उसका आकार बढ़ाना एवं उनसे पैदा होने वाली मछलियों को पालना है. इतना ही नहीं इस व्यापार में लगने वाली लागत, प्राप्त होने वाले लाभ की तुलना में बहुत कम होती है. सीधे शब्दों में आप 5 से 10 गुना लाभ आसानी से कमा सकते हैं.
मछली पालन (fish farming business)करने की प्रक्रिया
मछली पालन करने के लिए सबसे पहले तालाब या टैंक का निर्माण करना होता है. इसको बनाने के लिए आपको जमीन की जरुरत पड़ती है. अर्थात सबसे पहला कदम तालाब या मछलियों के रखने के स्थान का निर्माण करना है.
वातावरण के अनुकूल स्थान का चयन (site selection for fish farming)
मत्स्य या मछली पालन के लिए उचित स्थान का चयन करना बेहद आवश्यक है, ध्यान रखे की मछली पालन में वातावरण एवं जगह का बहुत फर्क पड़ता है. उदाहरण के तौर पर सर्दियों में या ठंडे इलाकों में मछली का आकार धीमी गति से बढ़ता है. अगर आप भारत में रहते हैं, तो कोशिश करें की तालाब का निर्माण सर्दियों के मौसम में पूरा कर लें. जिससे गर्मियां आने से थोड़ा पहले ही आप मछलियों को पालना शुरू कर दें.
मत्स्य पालन हेतु तालाब या स्थान का निर्माण (Pond Design And Construction process)
तलाब या टैंक का निर्माण आप कई तरीकों से कर सकते हैं, उदाहरण के तौर पर अगर आप मेहनत और समय बचाना चाहते हैं. तो प्लास्टिक के बड़े-बड़े टैंक खरीद सकते हैं. वहीं अगर आप जमीन पर इसका निर्माण करना चाहते हैं, तो आप मशीन की सहायता से उस जगह को तालाब के आकार में बना सकते हैं. वहीं अगर आपका बजट कम है तो आप फावड़े मदद से भी तालाब का निर्माण आसानी से कर सकते हैं. निर्माण करने के बाद ब्लीचिंग पाउडर और मिट्टी में चूने का छिड़काव जरूर कर दें. ऐसा करने से चयनित क्षेत्र में मछलियों को हानि पहुंचाने वाले कीट एवं अनावश्यक जीव मर जाते हैं.
मछलियों के खाने और जिन्दा रहने के इंतजाम (fish farming feeding systems)
मछलियों के व्यापार को तेजी देने के लिए जरूरी है कि मछलियां तालाब में जिन्दा रह सकें और उनकी संख्या बढा सकें. इसलिए आपको मछलियों के आवश्यक खाने का इंतजाम पहले ही कर लेना चाहिए. ध्यान रहे कि भोजन मछलियों के लिए अनुकूल होना चाहिए और हो सके तो मछली की प्रजाति को ध्यान में रखते हुए उनके खाने का इंतजाम करें. इतना ही नहीं उसके साथ ही तालाब के पानी को लेकर भी सावधानी बरतना जरूरी है. पानी सही है कि नहीं इसकी जांच करने के बाद ही इसको तालाब में डालें.
भारत में मछलियों की प्रजातियां ( Selection of Fish Breeds )
मछली पालन के लिए सबसे महत्वपूर्ण एवं आवश्यक चीज है फार्मिंग के लिए मछली की प्रजाति का चुनाव करना. भारत में रोहू, कटला, मुर्रेल, टूना, ग्रास शार्प एवं हिस्ला मछलियों की प्रजातियां ही मुख्य रूप से पायीं जाती हैं. इस तरह की प्रजातियां मानसून एवं परिस्थितियों के हिसाब से अपने आपको ढाल भी सकती है. मतलब भारत में कारोबार करने के लिए इस तरह की मछलियां चयन करना लाभदायक साबित होगा. वहीं ये प्रजातियां भारत में आसानी से मिल जाती इसलिए इनके दाम भी काम होते हैं.
मछलियों का रख रखाव (maintenance)
इस व्यापार को सुचारु रूप से चलाने के लिए आपको मजदूरों की भी जरूरत पड़ती है. जो कि इन मछलियों का ख्याल रख सकें और समय-समय पर इन्हें खाना दे सकें. इसके साथ ही मछलियों को सुरक्षित रखना भी काफी महत्वपूर्ण होता है. वहीं अगर किसी मछली को कोई बीमारी हो जाती है, तो ऐसे में आप पोटेशियम परमैंगनेट और साल्ट यानि सोडियम का इस्तेमाल करें. क्योंकि एक मछली में फैलने वाले ये कीटाणु या रोग पूरी मछलियों को बीमार कर सकते हैं. इसलिए मछलियों की देखरेख का खास ध्यान रखें.
पानी की गुणवत्ता को बनाएं रखना
पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आपको तालाब को हर हफ्ते में एक बार साफ करना होगा. हालांकि आप इस प्रक्रिया को महीनें में दो बार भी कर सकते हैं. इसके साथ-साथ आपको तालाब में भरे पानी की पीएच मान भी 7 से लेकर 8 तक संतुलित करने की आवश्यकता होती है. ऐसा करने से मछलियों को साफ पानी मिलता है और मछलियों की उत्पादन क्षमता भी बढ़ जाती है.
मत्स्य पालन में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और उनके दाम (fish farming equipment s )
मछली टैंक और तालाब (plastic pond for fish farming)
इस तरह के उपकरण यानी मछली टैंक की जरूरत तब पड़ती है. जब आप छोटे या घरेलू स्तर पर व्यापार करने की सोच रहे हैं. आप इस टैंक को अपने घर की छत पर भी स्थापित कर सकते हैं. या फिर आप एक निकली तालाब (कृत्रिम) खरीद सकते हैं. वहीं इनकी कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितना बड़ा टैंक लें रहे हैं
कहां से लें ये सामान
आप टैंक और तालाब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीद सकते हैं ऑफलाइन इन्हें खरीदने के लिए आपको किसी प्लास्टिक का सामान बेचने वाली कंपनी या दुकान पर जाना होगा. जहां पर आपको ये चीजें आसानी से मिल जाएगी. वहीं इसे ऑनलाइन आर्डर भी किया जा सकता है. https://www.alibaba.com/showroom/plastic-fish-farm-tank.html एवं https://dir.indiamart.com/impcat/aquaculture-tanks.html इन सभी लिंक पर जाकर के आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं.
पानी की जांच करने वाले उपकरण
पानी जांच करने वाले उपकरणों को आप नीचे बताए गए लिंक पर जाकर खरीद सकते हैं. इसकी कीमत 1500 रूपय के आस-पास है, इस उपकरण की जरूरत पानी की गुणवत्ता जांच करने के लिए पड़ती है.
https://dir.indiamart.com/impcat/water-testing-equipment.html
अन्य उपकरण और उनके दाम-
पम्प का इस्तेमाल पानी भरने एवं खाली करने के समय किया जाता है, आपको इसके लिए पाइप भी खरीदने की भी जरूरत पड़ती हैं. इन मशीनों की कीमत 3000 रुपए से शुरू होती है और लाख तक जाती है. वहीं आप अपने बजट को के हिसाब से मशीन लें. इसके साथ-साथ आपको मछली को तालाब से निकालने वाला उपकरण भी खरीदना पड़ता है. जिसकी कीमत 100 रुपए के आस पास पड़ जाती है.
मछली पालन करने के तरीके (Different types of fish farming)
वैसे तो मत्स्य या मछली पालने के बहुत से तरीके मौजूद हैं, लेकिन मुख्य रूप से नीचे बताए गए तकनीकों को अधिकतर इस्तेमाल किया जाता है. इनको इस्तेमाल करने का मुख्य कारण कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना है.
- पिंजरा विधि (cage system)
इस तकनीक का इस्तेमाल समुद्रों, झीलों और नदियों में किया जाता है, यानी की आपको अपना पूरा व्यापार किसी नदी या समुद्र के पानी में ही करना होता है. ये मत्स्य पालन का व्यापार करने का सबसे सरल एवं फायदेमंद तरीका है. जिसमे बहुत कम लागत लगती है. इस तरीके में आपको समुद्र या नदी के पानी में ही पिंजरे नुमा जाल बिछाना होता है. लेकिन समुद्र मे इस तरीके के जाल को बिछाते समय सावधानी जरूर बर्तें.
2. कृत्रिम तालाब बनाकर (pond system)
इस तकनीक को सबसे अच्छी तकनीक माना जाता है, इसके लिए आपको कृत्रिम विधि से तालाब बनाना होता है या फिर आप किसी पुराने तालाब का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. लेकिन इसके रख-रखाव एवं व्यापार को अच्छे से बैठाने में थोड़ा खर्च ज्यादा खर्च आ सकता है और इसमें मेहनत भी काफी लगती है. लेकिन मछलियों की पैदावार भी उच्च दर्जे की होती है, और भरपूर लाभ प्राप्त होता है.
- घर या बंद कमरे में मछली पालन (indoor fish farming)
आज की आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से आप अपने घर पर या किसी बंद जगह में भी मछली पालन कर सकते हैं. इसके लिए आपको तकनीक का इस्तेमाल करके मछलियों के रहने लायक वातावरण तैयार करना होता हैं. इसके लिए आपको कमरे का तापमान घटाना और बढ़ाना भी पड़ सकता है. ऐसा करने के लिए आपको कमरे में उपकरण लगाने की आवश्यकता होगी. जिनकी मदद से आप कमरे का तापमान अपने हिसाब से नियत्रंण कर सकते हैं. इस तकनीक के जरिए फिश फार्मिंग करना लाभदायक ही होता है. वहीं उचित स्थान का चयन करते समय ये जरूर देख लें की वहां पर बिजली और पानी की अच्छी सुविधा मौजूद हो.
मछली पालन करने के लाभ (Advantages of Fish Farming)
- अभी हाल में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक मछली पालन करने के व्यापार में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. ऐसा में आप इस व्यापार के जरिए अच्छा खासे पैसे हर साल कमा सकते हैं. इतना ही नहीं आप अपने इस व्यापार को विदेशों तक भी पहुंचा सकते हैं और दूसरे देशों में भी अपनी मछलियां निर्यात कर सकते हैं.
- इस व्यापार को शुरू करने में ज्यादा खर्चा नहीं आता है और आप इसे कम लागत यानी कम पैसों में शुरू कर सकते हैं. इतना ही नहीं हमारे देश की नदियों में मछलियां बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती हैं. ऐसे में कभी भी इस व्यापार में गिरवाट नहीं आती है.
मछली उत्पादन हेतु लाइसेंस (fish farming license)
भारत में किसी भी तरह के व्यापार को शुरू करने से पहले उसे पंजीकृत करवाना पड़ता है. अपने व्यापार को पंजीकृत करने के लिए आपको एक फार्म भरना पड़ता है. जिसे सरकार ने उद्योग आधार का नाम दिया है. आप सीधे एमएसएमई मंत्रालय के किसी भी सरकारी कार्यालय में जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. जिसके लिए आपको अपने व्यवसाय सम्बन्धी सभी दस्तावेज एवं पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड एवं मालिक की फोटो आदि ले जानी होती है. आपको पंजीकरण के बाद एक पंजीयन संख्या दी जाती है. जिसका इस्तेमाल आप सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी या फिर लोन पाने के लिए कर सकते हैं. लेकिन आप समुद्र या नदी पर इस व्यापार को करना चाहते हैं तो आपको सरकार से नो ऑप्जेक्शन सर्टिफिकट लेना आवश्यक हो जाता है.
घर पर कैसे शुरू करे ये व्यापार (fish farming at home)
टब या प्लास्टिक के कृत्रिम तालाब की मदद से आप इस व्यापार को अपने घर से भी शुरू कर सकते हैं. आप ये टब या कृत्रिम तालाब को एक रूम में भी रख सकते हैं या फिर इनको आप अपने घर की छत पर भी रख सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें की मछलियों से काफी बुरी गंध आती है. जो कि आपके घर में भी फैल सकती है और इससे आस पास के लोगों को भी समस्या हो सकती है. वहीं आपको पानी, मछलियों के खाने के सामान और मछलियों की दवाओं का भी समय-समय पर इंतजाम करना होता है. इसके अलावा टब या तलाब के पानी को हफ्ते में दो बार जरूर बदलें.
छोटे एवं बड़े स्तर पर मछली पालन (small scale and large scale Fish farming)
अगर आप इस व्यापार को छोटे स्तर पर शुरू करते हैं, तो जमीन एवं कृत्रिम तालाब या टब लेने का खर्चा बड़ जाता. अगर आपके पास जमीन है तो आप उस पर तालाब खोदकर अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं. अगर देखा जाए तो आपकी लागत आपके व्यापार के स्तर एवं पालन करने के तरीके पर निर्भर करती है. इसलिए अपने बजट के हिसाब से ही व्यापार करने की तकनीक का चुनाव करें. बड़े स्तर पर इस व्यापार को शुरू करने के लिए आपको अधिक जमीन और कृत्रिम तालाबों की जरूरत पड़ती है. वहीं ऊपर आपको मछली पालन करने के तीन तरीके बताए गए है. जिनकी प्रक्रिया हर स्तर पर एक जैसी ही होती है.
मार्केटिंग (Fish market)
भारत के लगभग हर शहर में मछलियों को बेचने के लिए बाजार लगाया जाता है. जहां पर आप भी जाकर अपनी मछलियां बेच सकते हैं. इतना ही नहीं भारत से मछली विदेशों में भी भेजी जाती हैं. इसके अलावा आप अपनी मछलियों को सीधे तौर पर किसी होटलों या छोटे दुकानदारों को भी बेच सकते हैं.
पैकेजिंग (Packaging)
होटलों और दुकानदारों को मछलियां बेचने से पहले आपको इनकी अच्छे से पैकिंग करनी होती है. ताकि मछलियों को सही तरह से और बिना किसी परेशानी से इन तक पहुंचाया जा सके. वहीं अगर आप अपनी मछलियों को किसी विदेश या दूसरे राज्य में बेचते हैं तो भी आपको पैकेजिंग की जरूरत पड़ती है. आप इनकी पैकेजिंग किसी भी तरह के पॉलिथीन बैग में कर सकते है और आपको ये बैग आसानी से बाजार में मिल जाएंगे.
मछली पालन में लगने वाली लागत (how much does it cost to start a fish farm)
30 से 50 हजार रुपए के बीच में आप तालाब का पूरा सेटअप तैयार कर सकते हैं. उसके बाद मछली के बीज, खाना, पानी एवं बिजली का कुल बिल मिलाकर 1 से 1.5 लाख रूपय तक का खर्चा आता है. यानी इस व्यापार को अच्छे स्तर पर शुरू करने के लिए आपको कम से कम 2 लाख रुपए की जरूरत पड़ती है.
मछली पालन से होने वाला मुनाफा (fish farming profit margin in india)
अगर आप इस व्यापार में एक लाख रुपय लगाते हैं, तो आपको कम से कम 3 गुना लाभ हो सकता है. इसके अलावा इस व्यापार में होने वाला फायदा आपकी क्षमता, कार्यशैली, एवं मार्केटिंग स्तर पर निर्भर करता है. यानी अगर आप अच्छे से मेहनत करते हैं तो आपको लाभ भी अच्छा ही होगा.
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5 thoughts on “मछली पालन का व्यापार (बिजनेस) कैसे शुरू करें 2022|How to start Best fish farming business in Hindi”
Good information sir.
मछली पालन पोषण और से संबंधित
mughe plastic tank me fish farming krna hi loan vidhi bataye trainning kaha se mile ga iska aur kitne din ka trainning hota hai kon sa time fish farming ke liye sahi hai .
Sir aagar hmm 15000 mangur fish palte h too us se kitna profit kam sakte h
Sir agar main fish faing cement tank main karna chahata hu to vo sahi hai ya nahi agar sahi hai to konsi fish Maine choice karni chahiye
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मछली पालन व्यवसाय | Machli Palan/ Fish Farming In Hindi
मछली पालन व्यवसाय Machli Palan/Fish Farming In Hindi नमस्कार आपका स्वागत हैं, आज का लेख मछली पालन गाइड बिजनैस स्टार्टअप लाभ फायदे फिश फार्मिंग कैसे शुरू करें इन बिन्दुओं पर आज बात करेगे.
संसार में करोड़ो लोग इस व्यवसाय में काम करते हैं तथा आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके अधिकतम लाभ कमाना सम्भव हैं.
मछली पालन व्यवसाय Fish Farming In Hindi
बहुत बड़ी जनसंख्या के भोजन में मछली प्रोटीन का मुख्य स्रोत है. मछली पालन ( PISCICULTURE ) एक तरह की जलीय खेती है. इसके न केवल मछली उत्पादन के जरिये आय प्राप्त होती है, बल्कि कई अन्य समुद्री जीवों का पालन भी किया जाता है.
पोषण की दृष्टि से जलीय जीव उत्तम होते है. क्योंकि ये प्रोटीन के सबसे बड़े स्रोत है. समुद्री मछली पालन की दो विधियाँ मुख्यत उपयोग में ली जाती है. जिनमे समुद्री या प्राकृतिक जल स्रोतों से मछली पकड़ना व कृत्रिम जल स्रोत बनाकर मछली का सर्वधन करना शामिल है.
मछलियों के जल स्रोत समुद्री जल तथा ताजा जल है. मीठा जल नदियों, झीलों व तालाबों में होता है. इसलिए मछली पकड़ना व मछली संवर्धन समुद्र तथा ताजे जल के पारिस्थतिकी तंत्रों में किया जा सकता है. मछली उद्योग में वृद्धि व उत्पादन खारे जल की अपेक्षा मीठे जल में अधिक होता है.
मछली पालन क्या है कैसे शुरू करें What Is Fish Farming Guide In Hindi
मछली पालन (Fisheries) एक अहम व्यवसाय हैं, जिन्हें उपलब्ध अनुकूल परिस्थतियाँ होने पर Fish Farming Guide से आप शुरू कर सकते है. बहुत से कम लोग इस विषय पर जानते है,
जबकि अर्थव्यवस्था में मछली पालन की महत्वपूर्ण होती हैं. तालाब व समुद्र इन दोनों स्थानों पर मछली पालन व पकड़ने का कार्य शुरू कर अच्छा कारोबार कर सकते हैं.
मत्स्य पालन (Fishery) -मछली मानव पोषण का अच्छा स्रोत होने के कारण आज एक व्यवसाय के रूप में स्थापित हो चुका हैं. मछली को प्रमुख रूप से खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता हैं.
परन्तु विटामिन युक्त तेल, प्रोटीन, वसा, फिन, त्वचा, शल्क आदि मछली से प्राप्त होने वाले सह-उत्पाद हैं. मछली पालन कृषि एवं पशुपालन दोनों का सम्मिलित रूप हैं, क्योंकि मछली पालन एक प्रकार का पशुपालन हैं तथा मछलियों हेतु जलाशय में भोजन उत्पन्न करना एक कृषि कार्य हैं.
- मछलियों का आवास- मछली पालन प्राकृतिक जल स्रोत जैसे समुद्र, तालाब, झील व नदियों में किया जाता हैं, मगर कृत्रिम जलाशयों में भी मछलियों का पालन व उत्पादन किया जाता हैं. चिकनी मिट्टी वाले स्थान को जलाशय निर्माण की दृष्टि से अच्छा माना जाता हैं.
- मछली की जातियाँ – मछलियों का उत्पादन खारे पानी की अपेक्षा मीठे पानी में अधिक होता हैं. मीठे पानी में मछली पालन के लिए रोहू, म्रगला, कतला आदि देशी मछलियों का पालन किया जाता हैं, इसके साथ ही कॉमनकॉर्प, सिल्वरकॉर्प आदि विदेशी मछलियों का पालन भी किया जाता हैं.
- मछलियों का भोजन- प्राकृतिक जलाशयों में मछलियों का भोजन सूक्ष्म जलीय पादप एवं सूक्ष्म जीव होते हैं. कृत्रिम जलाशयों में चावल की भूसी, अनाज के टुकड़े, गेहूं की चापड़, बादाम की खली एवं सोयाबीन भोजन के रूप में दिए जाते हैं.
- मछली उत्पादन- मछलियों के बीज नदियों के प्रजनन स्थलों से जाल की सहायता से एकत्रित किए जाते हैं. बीजों से अंडे उत्पन्न होते हैं. अण्डों से निकली छोटी मछलियों को जीरा कहते हैं. जीरा कुछ समय बाद अंगुलिकाओं में बदल जाता हैं. अंगुलिकाओं को मछली पालन हेतु निर्मित जलाशयों में पहुचाया जाता हैं. अंगुलिकाओं के संक्रामक जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए इन्हें जीवाणुनाशक पदार्थों जैसे कॉपर सल्फेट, फार्मेलिन, पोटेशियम परमेगनेट या नमक से उपचारित किया जाता हैं.
- मछली संग्रहण- जब मछलियाँ पर्याप्त बड़ी हो जाती हैं तो इन्हें जाल की सहायता से अथवा जलाशय में विद्युत् प्रवाह करके संग्रह किया जाता हैं.
- मछली का परिरक्षण- मछलियों को सड़ने से बचाने के लिए बचाव के लिए इन्हें बर्फ में दबाकर परिरक्षण किया जाता हैं.
मछली प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है और आज पूरे भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में किसकी काफी डिमांड है और लगातार बढ़ती ही जा रही है. यह बिजनेस काफी तेजी से बढ़ रहा है और लोगों के लिए बिजनेस के नए रास्ते तैयार कर रहा है.
भारत मछली उत्पादन में दूसरे नंबर पर है. इसलिए यह व्यवसाय आपको बहुत ही मुनाफा दे सकता है. इस बिज़नेस के बहुत से फायदे हैं.
भारत का समुद्री मछली व्यवसाय (marine fish production in india)
भारत का सामुद्रिक मछली संसाधन क्षेत्र 7500 किलोमीटर समुद्र ट तथा इसके अतिरिक्त समुद्र की गहराई तक है. सर्वाधिक प्रचलित समुद्री मछलियाँ पोमफ्रेट, मैकर्ल, टूना, सारडाइन तथा बांबेडक है.
समुद्री मछली पकड़ने के लिए विभिन्न प्रकार के जालों का उपयोग मछली पकड़ने वाली विशेष प्रकार की नावों के साथ किया जाता है.
सबसे अधिक लाभ देने वाली कुछ मछली की प्रजातियों का भी इसी जल में संवर्धन किया जाता है. इनमें प्रमुख है, मुलेट, भेटकी तथा पर्लस्पॉट, कवचीय मछलियाँ जैसे झींगा, मस्सल तथा आएन्टर का संवर्धन मोतियों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है.
भविष्य में मछलियों का भंडार कम होने की स्थति में मछलियों की पूर्ति संवर्धन के द्वारा की जा सकती है. इस प्रणाली को समुद्री संवर्धन ( मरीनकल्चर marine culture ) कहते है.
अतःस्थली मछली पालन (indoor fish farming in india)
ताजा जल के स्रोत नाले, तालाब, पोखर तथा नदियाँ है. खारे जल के संसाधन जहाँ समुद्री जल तथा ताजा जल मिश्रित होते है. जैसे कि नदी मुख (एच्युरी) तथा लैगून भी महत्वपूर्ण मत्स्य भंडारण क्षेत्र है.
जब मछलियों का संग्रहण अतः स्थली वाले स्रोतों पर किया जाता है. तो उत्पादन अधिक नही होता है. इन स्रोतों से अधिकाँश मछली उत्पादन जल संवर्धन द्वारा ही होता है.
मछली संवर्धन कभी कभी धान की फसल के साथ भी किया जाता है. अधिक मछली संवर्धन मिश्रित मछली संवर्धन तन्त्र से किया जा सकता है. इसी प्रक्रिया मे३ देशी तथा आयतित प्रकार की मछलियों का प्रयोग किया जाता है.
ऐसे तन्त्र में एक ही तालाब में 5 अथवा 6 मछलियों की स्पीशीज का प्रयोग किया जाता था. इनमें ऐसी मछलियों को चुना जाता है.
जिनमें आहार के लिए प्रतिस्पर्धा न हो और उनके आहार भिन्न भिन्न हो. इसके परिणामस्वरूप तालाब के प्रत्येक भाग में उपलब्ध आहार का प्रयोग हो जाता है. जैसे कटला मछली जल की सतह से भोजन प्राप्त करती है,
रोहू मछली तालाब के मध्य क्षेत्र से अपना भोजन प्राप्त करती है. म्रगल तथा कॉमन कार्प तालाब की तली से भोजन लेती है. ग्रास कार्प खरपतवार खाती है.
इस प्रकार सभी मछलियाँ साथ साथ रहते हुए भी, बिना स्पर्धा के अपना अपना आहार लेती है. इससे तालाब में मछली उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है.
हिंदी में pangasius मछली की खेती
इसे पंगास मछली भी कहा जाता है. दुनिया में पाई जाने वाली सभी मछलियों में यह संख्या की दृष्टि से इसका तीसरा स्थान है. इसकी वृद्धि सबसे तीव्र होती है.
7-8 माह में इस मछली के बच्चें का वजन डेढ़ से दो किलों तक हो जाता है. भारत में आंध्रप्रदेश राज्य में इसका पालन अधिक किया जाता है.
इस पंगास मछली की सबसे बड़ी विशेषता यह है, कि यह जल में घुलित कम ऑक्सीजन की मात्रा पर भी स्वयं को जीवित रख पाने में समर्थ है. इस नस्ल की मछली पालन के झारखंड की जलवायु सबसे उत्तम मानी जाती है.
यहाँ के छोटे छोटे तालाबों में भी 5-6 माह की अवधि में पंगास का अच्छा उत्पादन किया जाना संभव है. इन्हें छोटे एक्वेरियम में रखकर भी संवर्धन किया जा सकता है. देखने में यह सार्क मछली की तरह चमकदार होती है.
पंगेसियस मछली पालन का क्या हैं तरीका, देखिए इस विडियो में
भारत में मछली की प्रमुख नस्ल (fish farming in india)
मीठे पानी में मछली पालन के लिए विशेष जाति (नस्ल) की मछलियों का ही चयन किया जाता है. इनमें प्रमुख रूप से कतला, रोहू (लेबियो), म्रगल, आदि देशी मछलियाँ प्रमुख है.
इसके अलावा विदेशी मछलियों में जैसे सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प, ग्रासकार्प को सम्मिलित किया जाता है.
मछलियों के लिए भोजन सामग्री (fish food india)
जलाशय में मछलियों को दो प्रकार के भोजन की आवश्यकता होती है.
- प्राकृतिक भोजन
- कृत्रिम भोजन
- प्राकृतिक भोजन (Natural food) – यह सूक्ष्म पादप एवं सूक्ष्म जन्तु होते है, इनका उत्पादन नियमित होता रहे, इसके लिए कृत्रिम खाद एवं उर्वरक का उपयोग किया जाता है. इसके लिए जैविक खाद और मुर्गियों की बीट डाली जाती है. जल की अम्लीयता को कम करने के लिए चुने की अल्प मात्रा भी मिलाई जाती है. प्राकृतिक भोजन के साथ साथ मछलियों की उपयुक्त एवं तीव्र वृद्धि के लिए कृत्रिम भोजन का अपना महत्व है. इनमें चावल की भूसी, अनाज के टुकड़े, चावल का चापड़, सोयाबीन, खमीर, बादाम की खली आदि प्रमुख है.
- जीरे का संचय- छोटी मछलियों को जीरा कहते है. जीरे की लम्बाई 1 से 1.5 इंच की होती है. तालाब में जीरे की निश्चित मात्रा ही डाली जानी चाहिए. तालाब में डालने से पूर्व इन्हें कुछ समय के लिए 3 प्रतिशत नमक अथवा पौटेशियम परमैगनेट के घोल में रखना चाहिए जिससे ये परजीवी मुक्त हो सके.
जीरा तीन चार माह के बाद अन्गुलिकाएं बन जाती है. इसकी लम्बाई तीन से चार इंच की होती है. यही अवस्था 6 से 12 माह में वृद्धि कर वयस्क मछली में बदल जाती है.
मछली पालन के लिए सावधानियां (5 safety practices while fishing)
मत्स्य पालकों को मछली पालन करते समय निम्नलिखित सावधानियां रखनी चाहिए.
- जीरे का संचय जलाशय में प्रातकाल में ही करना चाहिए.
- तालाब की सफाई नियमित करनी चाहिए. इससे अनुपयोगी व हानि पहुचाने वाली वनस्पतियाँ समय समय पर निकालकर पृथक कर देनी चाहिए.
- निश्चित अंतराल में परिवर्तित होने वाली मछलियों की जांच करनी चाहिए, जिससे उनसे होने वाली बीमारियों का पता चल सके तथा उनका नियमित उपचार भी करना चाहिए.
- रोगी मछली को बाहर निकालकर नष्ट कर देना चाहिए.
- बादल होने पर या बिजली चमकते समय मछली की निकासी नही करनी चाहिए.
- मछलियों को दिया जाने वाला आहार उनके लिए रुचिकर व पौष्टिक होना चाहिए.
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Business Idea: सरकारी मदद से शुरू करें मछली पालन का बिजनेस, कम लागत में शानदार मुनाफा
Fish farming business idea: कम लागत में बढ़िया मुनाफे की वजह से मछली पालन ग्रामीणों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रहा है। इस कारोबार की ओर बड़ी संख्या में किसानों का रुझान बढ़ा है। इस बीच सरकार भी मछली पालन की शुरुआत करने वाले किसानों को बंपर सब्सिडी मुहैया करा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को इंटरेस्ट फ्री लोन देने की सुविधा भी मुहैया करा रही है.
अगर आप भी अपनी नौकरी को छोड़कर कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आज हम आपके लिए एक बेहतरीन स्मॉल बिजनेस आइडिया लेकर आए हैं। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको ज्यादा पैसे नहीं खर्च करने होंगे। बस साल में 25000 रुपये का निवेश करके भी आप हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। यह बिजनेस मछली पालन (Fish Farming) का है। सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के मकसद से इस बिजनेस पर भी काफी फोकस कर रही है। जिसमें सरकार की तरफ आर्थिक सहायता भी मुहैया कराई जाती है।
मछली पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे कृषि का दर्जा दिया है। राज्य सरकार मछली पालन करने वाले किसानों को इंटरेस्ट फ्री लोन देने की सुविधा भी मुहैया करा रही है।
मछली पालन से करें मोटी कमाई
केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए मछली पालन (Fish Farming) को भी शामिल कर दिया है। किसान खेती के साथ मछली पालन का काम शुरू करके अपनी कमाई को बढ़ा सकते हैं। मछली पालन का काम अपने खुद के तालाब (Fish Pond) या किराए पर तालाब लेकर किया जा सकता है। सरकार दोनों ही योजना में किसानों को लोन मुहैया कराती है। अगर आप भी मछली पालन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो बायोफ्लॉक तकनीक(Fish Farming Business by Biofloc Technique) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तकनीक के जरिए लोग लाखों रुपये के हर महीने कमाई कर रहे हैं।
केंद्र सरकार से 75 फीसदी मिलता है लोन
केंद्र सरकार मछली पालने के लिए कुल लागत का 75 फीसदी तक लोन मुहैया कराती है। मछली पालन का काम ठहरे हुए पानी और बहते हुए पानी, दोनों तरह से किया जा सकता है। इस तरह का पहाड़ों पर किसी झरने के किनारे किया जाता है। ठहरे हुए पानी में मछली पालन का काम मैदानी इलाकों में किया जाता है। हर जिले में मछली पालन विभाग होता है, जो मछली पालकों को हर तरह की मदद मुहैया करता है। नया काम शुरू करने वालों को मछली पालन की ट्रेनिंग भी दी जाती है। यहां से आप ट्रेनिंग लेकर मछली पालन का बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
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MoneyControl News
Tags: # business idea
First Published: May 30, 2024 6:57 AM
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Fish Farming Business Idea : मछली पालन बिजनेस कैसे शुरू करें और कमाए महीने के 1-5 लाख रूपये?
Fish Farming Business Idea : मछली पालन बहुत लाभदायक बिजनेस है जिसमें कम लागत में अधिक फायदा मिलता हैं. बहुत से लोग मत्स्य पालन की जानकारी गूगल से सर्च करके पढ़ते हैं या तो अन्य लोगों से इसकी सलाह लेते हैं. यही वजह है की आज हमने सोचा की आपको बताया जाए की मछली पालन बिजनेस कैसे शुरू करें?
हमारे भारत देश में मछली का सेवन करने वाले लोग अधिक मात्रा में पाए जाते हैं वही दूसरी ओर मछली का उत्पादन करने वाले लोगों की संख्या बहुत ही कम है.
मछली का सेवन लोग इस उद्देश्य से करते हैं की मछली में प्रोटीन होती है जिसे खाने से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है.
भारत देश के साथ-साथ अन्य देशों में भी मछली का सेवन करने वाले लोगों की संख्या बहुत ही अधिक है इसलिए मछली का बिजनेस करना लोगों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है.
मछली पालन क्या है – What is Fish farming in Hindi?
Fish farming उच्च कोटि का बिजनेस है जिसे करने से अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है क्योंकि फिश फार्मिंग के कार्यों में मछलियों का पालन किया जाता है और मछलियों का सेवन करने वाले लोगों की संख्या अत्यधिक है जिस कारण से मछलियों की बिक्री अत्यधिक तेज गति से होती है.
फिश फार्मिंग का हिंदी मत्स्य पालन होता है, जिसमें जल के बड़े-बड़े स्रोतों में मछलियों को पाला जाता है. जो लोग मत्स्य पालन करते हैं वह मछलियों की देखरेख, उनके खाने-पीने का ध्यान रखने के लिए कई कामगारों को रखते हैं. कुछ ऐसे लोग होते हैं जो खुद मत्स्य पालन करते हैं जिसमें उन्हें किसी कामगार को रखने की आवश्यकता नहीं होती और मछलियों की देखरेख स्वयं करते हैं.
छोटे जल के स्रोतों में कुछ लोगों के द्वारा कम मात्रा में मछलियों का उत्पादन किया जाता है जो सिर्फ अपने परिवार के लिए करते हैं. वहीं दूसरी ओर ऐसे बहुत से लोग हैं जो मछली पालन को एक बड़ा बिजनेस का नाम देते हुए इसे अत्यधिक बड़े जल के स्रोतों में मछलियों का पालन करके अपने बिजनेस को बढ़ाते हैं.
मछली पालन क्यों करें?
यदि आप मछली पालन करते हैं तो आपका यह बिज़नस दिन प्रतिदिन विस्तार होता रहेगा. क्योंकि मछली पालन करने के बहुत से कारण है जिसके अनुसार मत्स्य पालन का बिजनेस बहुत ही तेज गति से विस्तार होता है.
हमारे देश के लोगों के साथ-साथ अन्य देशों के लोगों के बीच भी मछली बहुत लोकप्रिय है इसीलिए इसका सेवन बहुत ही अधिक मात्रा में किया जाता है. मछली में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है और यह बहुत ही स्वादिष्ट लगता है.
हमारे देश में मत्स्य पालन बहुत कम लोगों द्वारा की जाती है, इसलिए यदि मछली पालन का बिजनेस शुरू किया जाए तो इस बिजनेस सफलता का प्रतिशत ज्यादा रहेगा क्योंकि मैंने ही पहले ही बताया है की भारत में मछली पालन की संख्या बहुत कम है.
हमारे देश में मछलियों के पालन के लिए समुद्र और नदियां घटती जा रही है. इस प्रकार मत्स्य पालन की प्रक्रिया में कमी देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर मछली का सेवन करने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है ऐसे में यदि मत्स्य पालन का बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं तो यह एक अच्छा निर्णय साबित होगा.
प्राकृतिक स्रोतों में मत्स्य पालन की प्रक्रिया घटती जा रही है वही लोग अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए कृत्रिम उपाय कर रहे हैं पानी के स्रोत खुद से बना कर उसने मत्स्य पालन की प्रक्रिया करते हैं जिससे अधिक मात्रा में मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है.
आप चाहे तो आप भी कृत्रिम उपायों से मत्स्य पालन कर सकते हैं क्योंकि इस बिजनेस में कभी कमी नहीं आएगी क्योंकि इसका सेवन आधा से ज्यादा लोग करते हैं.
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मछली बिजनेस (Fish Farming) बिज़नेस कैसे शुरू करें?
फिश फार्मिंग जिसे हिंदी में मत्स्य पालन कहा जाता है यह बिजनेस लोगों के द्वारा करने पर प्रॉफिट बहुत ही अधिक मायने में मिलती है क्योंकि भारत देश में 60% से अधिक लोग मछली का सेवन करना पसंद करते हैं इसलिए मछलियों का उत्पादन जितना तेज गति से होता है उतना तेज गति से मछलियों की बिक्री भी होती है.
यदि आप मत्स्य पालन करने के लिए सोच रहे हैं इसके लिए आपको मत्स्य पालन करने के लिए आवश्यक क्रियाकलापों की जानकारी होना आवश्यक है जैसे मत्स्य पालन के लिए तालाब बनाना, मछलियों के प्रजातियों का चयन करना.
मछलियों का भोजन इन सभी प्रक्रियाओं की जानकारी आपको होना आवश्यक है तभी आप मत्स्य पालन अच्छी पूर्वक कर पाएंगे.
1. मछली पालन के लिए उपयुक्त स्थान का चुनाव:-
यदि आप मत्स्य पालन करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको मछली पालने के लिए उपयुक्त स्थान का चुनाव करना होगा जो बेहद ही आवश्यक है.
मछलियों के पालने के लिए चुने गए स्थान के वातावरण और जलवायु मछलियों के रहने के लिए अनुकूलित होने चाहिए तभी मछलियों का विकास अच्छे तरीके से हो पाएगा जब तक मछलियां अनुकूलित स्थान पर नहीं रहेंगे तब तक उनका उत्पादन अच्छी तरीके से नहीं किया जा सकता.
सर्दियों के मौसम में मछलियों का साइज बहुत ही धीमी गति से बढ़ता है क्योंकि सर्दी का मौसम मछलियों के लिए उतना अनुकूलित नहीं माना जाता इसलिए यदि आपको मत्स्य पालन का बिजनेस शुरू करना है तो इसके लिए आप तालाब सर्दियों के दिनों में खुदवा कर रख ले.
जब गर्मी का मौसम आने वाला रहेगा उस समय आप मछलियों को तालाब में डाल दें इस प्रकार मछली का उत्पादन बहुत ही अच्छी तरीके से हो पाएगा.
2. तालाब निर्माण:-
पहले लोगों के द्वारा मछलि पालन नदियों और पुराने तालाबों में किया जाता था लेकिन अब लोग कृत्रिम रूप से तलाब बनाते हैं, कई लोग तो समय बचाने के लिए प्लास्टिक के पानी टैंकों में मछलियों का पालन करते हैं.
जो लोग जमीन में मदद से पालन करना चाहते हैं वह बुलडोजर या फिर किसी अन्य इंस्ट्रूमेंट से तालाबों का निर्माण करते हैं और फिर उसमें मछलियों को डालकर उनका पालन पोषण करते हैं.
आपके द्वारा बनाए गए तालाबों में उपस्थित पानी में ब्लीचिंग पाउडर डाल दे ब्लीचिंग पाउडर डालने से पानी की गुणवत्ता अच्छी होती है अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए तो पानी में उपस्थित कीटाणु ब्लीचिंग पाउडर के डालने से नष्ट होती है जिससे जल मछलियों के लिए शुद्ध होता है.
मछलियों का पालन जिस तालाब में होता है उस तालाब के पानी को शुद्ध रखना आवश्यक है क्योंकि मछली को लोग सेवन करते हैं जिससे मानव का स्वास्थ्य भी जुड़ा हुआ है.
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3. मछली की प्रजाति का चुनाव:-
मछली पालन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सबसे आवश्यक चीज है मछलियों की प्रजाति का चयन करना .
मत्स्य पालन करने वाले लोग यही चाहते हैं कि उनके द्वारा चयन की गई मछलियां हर एक मौसम में तेज गति से बड़े और वे इसी प्रकार की प्रजातियों वाली मछलियों को मत्स्य पालन के लिए तालाब में डालकर इनका पालन-पोषण करता है.
हमारे देश में इस प्रकार की मछलियां पाई जाती है जो अपने आपको हर मौसम में रहने के लिए अनुकूलित बना लेती है जिससे वे हर एक परिस्थिति में अपने आप को बजाती हैं और तेज गति से विकसित भी होती हैं. जैसे कटला ,रोहू ,टूना कटला, मुरैल, ग्रास हिस्ला तथा सार्प इत्यादि.
यदि आप मत्स्य पालन करने के लिए सोच रहे हैं तो आपको इन सभी मछलियां भारत देश में आसानी पूर्वक कम दाम में मिल जाएंगे जिसका आप पालन कर सकते हैं.
4. मछली का खाना व भोजन:-
मछलियों का विकास उनके भोजन पर निर्भर करता है जिस प्रकार के भोजन मछलियों को प्रदान की जाती है उनका विकास उसी तरीके से होता है इसलिए मछलियों के भोजन पर ज्यादा ध्यान देते हुए उनको उनकी प्रजातियों के अनुसार अनुकूलित भोजन प्रदान करें
विभिन्न प्रकार के जाति वाले मछलियों का भोजन अलग अलग होता है इसलिए मछलियों को उनके प्रजातियों के अनुसार उन्हें भोजन दे.
मछलियों के पालन के लिए बनाए गए तालाब ऐसी जगह होना चाहिए जिसके नीचे मछलियों के लिए भोजन उपस्थित हो और इसके साथ साथ बाहर से भी मछलियों को अच्छी भोजन देनी चाहिए तभी मछलियां तेज गति से विकसित होंगी.
जो लोग मछलियों का व्यवसाय करते हैं उन्हें मछलियों को अतिरिक्त भोजन प्रदान करना होता है तभी उनकी मछलियां अच्छे पूर्वक विकसित होंगी.
5. मछली फार्म का रखरखाव:-
यदि आप मत्स्य पालन करते हैं तो मछलियों की देखरेख करना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि यदि आप मछलियों की देख भाल अच्छे तरीके से करते हैं आपके द्वारा पाली जाने वाली मछलियां स्वस्थ और सुरक्षित रहेगी.
मछलियों की देखरेख के लिए उद्यमी को मजदूर रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि मजदूरों द्वारा मछलियों की देखरेख बहुत ही अच्छे तरीके से की जाती है मछलियों के भोजन उन्हें प्रदान करते हैं और उनके पानी की भी जांच करते हैं ताकि मछली जिस पानी में रह रहे हैं वह पानी स्वच्छ रहे.
मजदूरों के द्वारा यह भी देखा जाता है कि कौन-कौन सी मछलियां बीमारी से ग्रसित है यदि कोई मछली बीमारी से ग्रसित होती है तो उसका वह प्रभाव पूरी मछलियों पर पड़ता है.
इसलिए उसकी बीमारी को कम करने के लिए तुरंत पोटेशियम परमैग्नेट और सोडियम का छिड़काव पानी में कर दिया जाता है ताकि बीमारी मछली बीमारी से मुक्त हो सके और इस प्रकार एक मछली को बीमारी से बचाने से पूरी मछलियां सुरक्षित रहती है.
इस प्रकार हर तरीके से मछलियों का देखभाल करने के लिए मजदूरों को रखना बहुत ही जरूरी है.
6. मछली पालन के लिए ट्रेनिंग करें?
मत्स्य पालन के लिए ट्रेनिंग समय-समय पर भारत सरकार द्वारा आयोजित की जाती है जिसमें योग्य उम्मीदवार इस ट्रेनिंग में भाग लेते हैं जिसमें उन्हें मत्स्य पालन से संबंधित सारी प्रक्रियाएं 10 से 15 दिन के अंदर सिखाई जाती है.
जैसे कौन-कौन से मछलियों की प्रजातियां मत्स्य पालन के लिए अच्छी रहती है इन्हें कैसे पानी में डाला जाता है, मछली जो पानी में रहती है उस पानी को स्वच्छ कैसे रखा जाए इन सभी जानकारियों को ट्रेनिंग के दौरान उम्मीदवारों को बताया जाता है.
कृषि मंत्रालय के अंतर्गत मत्स्य पालन पशुपालन डेयरी विभाग आते हैं. इसमें सरकार के द्वारा बहुत सारी सुविधाएं भी प्रदान की जाती है क्योंकि इन सभी विभागों के द्वारा हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
मत्स्य पालन की ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से जब आप जुड़ेंगे तो आपको इसकी ट्रेनिंग की सारी जानकारी मिलेगी जिससे आप अपनी योग्यता अनुसार इस ट्रेनिंग को कर सकते हैं.
भारत सरकार मत्स्य पालन में अधिक सुविधाएं प्रदान करती है क्योंकि मछली का सेवन करने वाले लोगों की संख्या हमारे देश में बहुत ही ज्यादा है और अन्य देशों में भी कई लोग मछलियों को खाना पसंद करते हैं क्योंकि इसमें प्रोटीन के साथ-साथ इन का टेस्ट बहुत ही स्वादिष्ट होता है.
इस प्रकार यदि भारत में अधिक मात्रा में मत्स्य पालन किया जाए तो भारत के आर्थिक व्यवस्था में बढ़ोतरी हो सकती है.
7. मछली पालन की लागत और प्रॉफिट:-
मछली पालन के बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको शुरुआती में 4 से ₹500000 निवेश करने होंगे जिसमें मछलियों को पालने के लिए बनाए गए तालाब में काफी पैसा लग जाता है.
उसके बाद उस तालाब के पानी को स्वच्छ करने के लिए उस में मिलाए जाने वाले पदार्थों का भी रेट अत्यधिक है इसके साथ साथ किस प्रजाति की मछलियों का पालन करना चाहते हैं उनकी खरीदारी भी बहुत ज्यादा लग जाती है इस प्रकार मत्स्य पालन करने में अधिक पैसे निवेश करने होते हैं.
लेकिन जितना पैसा स्टार्टिंग में निवेश करना होता है उससे कई गुना ज्यादा इस बिजनेस के द्वारा प्रॉफिट भी मिलता है क्योंकि यदि आप स्टार्टिंग में छोटी मछलियों को खरीदकर उन्हें पालते हैं और जब यह मछलियां एक Kg की हो जाती है तो उन्हें आप अधिक पैसे में निर्यात करते हैं.
इस प्रकार उस छोटी सी मछली का एक केजी का होना आपके लिए बहुत ही फायदेमंद सिद्ध होता है.
यदि आप स्टार्टिंग में 4 से 500000 निवेश करते हैं तो आपको लगभग इसका 10 गुना प्रॉफिट मिलता है. इसलिए यह बिजनेस बहुत ही फायदेमंद साबित होता है.
मछली पालन के स्कोप
मछली का पालन करना लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होता है इसके अनेक कारण हैं जो निम्नलिखित हैं:-
मछली एक ऐसी मांस है जिसमें प्रोटीन अत्यधिक मात्रा में उपलब्ध रहती है इसलिए लोग जब अपने बीमारियों को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर उन्हें मछली का सेवन करने के लिए सलाह देते हैं.
मछलियों के सेवन से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और लोग बीमारी से मुक्त रहते हैं. हर सीजन में लोगों को कुछ ना कुछ बीमारी होती है जिस कारण से वह डॉक्टर के पास जाते हैं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार लोग मछलियों का सेवन अत्यधिक मात्रा में करते हैं.
भारत तथा अन्य देशों में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें मछली खाना बेहद पसंद है अधिक संख्या में लोग मछली का सेवन करते हैं, यदि आप मछली पालन का बिजनेस करे तो यह बिजनेस बहुत ही जोर शोर से चलेगी क्योंकि इसके सेवन कर्ता की संख्या अधिक है जिससे मछली की बिक्री बहुत ही तेजी से होगी.
मत्स्य पालन करना लोगों के लिए आसान होता है क्योंकि भारत देश में बहुत सारे तालाब नदियां झील उपलब्ध है जिसमें मछली का पालन आसानी पूर्वक किया जा सकता है इसके लिए लोगों को किसी प्रकार की पूंजी नहीं लगानी पड़ती.
मछली को पालने के लिए अनुकूलित वातावरण ढूंढने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि हमारे भारत देश में मछलियों के उत्पादन के लिए वातावरण अनुकूलित रहते हैं जिसमें मत्स्य पालन बहुत ही साधारण तरीके से किया जा सकता है.
मत्स्य पालन करने के लिए मछलियों की प्रजातियों को देखना और परखना पड़ता है तभी जाकर मत्स्य पालन किया जाता है और इसके लिए हमारे भारत देश में अनेक प्रकार की मछलियां उपलब्ध है जिसे मत्स्य पालन कर्ता आसानी पूर्वक अपने इच्छा अनुसार मछलियों का सिलेक्शन करके अपने मत्स्य पालन की बिजनेस शुरू कर सकते हैं.
जैसा कि मछली में अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन पाई जाती है इसलिए इसके सेवन करने वाले लोगों की संख्या बहुत ही ज्यादा है और ना सिर्फ हमारे देश में बल्कि दूसरे देशों में भी मछलियों का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है इसलिए यदि बिजनेस शुरू किया जाए तो यह बिजनेस हमारे देश के आर्थिक व्यवस्था में बहुत ही अच्छा योगदान देगा.
मत्स्य पालन किसानों के कार्यों से संबंधित है इसलिए सरकार इसके लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं प्रदान करती है जिससे मत्स्य पालन की प्रक्रिया अच्छे से हो सके.
कम समय में भी यह बिजनेस बहुत ही अच्छे तरीके से चलाया जा सकता है क्योंकि यदि आप दूसरे काम में बिजी रहते हैं इसके लिए आप अधिक संख्या में मजदूरों को लगाकर अपने मत्स्य पालन के बिजनेस को बढ़ा सकते हैं.
यदि आप मछली पालन करने के लिए विचार विमर्श कर रहे हैं तो ऊपर बताए गए तथ्यों के अनुसार आपको अनुमान लग गया होगा की यह बिजनेस आपके लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो सकता है. तो आप इसे अपनी इच्छा अनुसार शुरू कर सकते हैं.
मछली पालन के लिए लोन:-
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके पास मत्स्य पालन का बिजनेस स्टार्ट करने के लिए पहले से पैसे उपलब्ध होते हैं वह आसानी पूर्वक अपने इस बिजनेस को शुरू कर लेते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके पास इस बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए पैसे उपलब्ध नहीं होते और वह इस बिजनेस को शुरू करने के लिए लोन लेते हैं.
जैसा कि मत्स्य पालन कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक विभाग है जिसके लिए लोन क्रेडिट कार्ड के मदद से दिया जाता है. इसके साथ-साथ सरकार इस बिजनेस के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं उद्यमी को प्रदान करते हैं ताकि अधिक मात्रा में मछलियों का उत्पादन हो सके.
सरकार द्वारा इस कार्य के लिए 75 परसेंट लोन दिए जाते हैं यदि आप इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं और आपके पास निवेश के लिए पैसे नहीं है तो आप अपने क्रेडिट कार्ड के मदद से लोन लेकर मत्स्य पालन का बिजनेस शुरू कर सकते हैं क्योंकि इसमें कम ब्याज दर में किस्ती आसानी पूर्वक भरी जा सकती है.
मछलियों की मार्केटिंग और सेलिंग कैसे करें?
हमारे देश में मछलियों को आधा से ज्यादा आबादी लोग खाना पसंद करते हैं इसलिए इसकी मार्केटिंग करना उतना मुश्किल काम नहीं है यदि आप अपने गांव के साधारण बाजार में भी जाकर मछली बेचे तो अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं.
वैसे तो भारत के हर एक शहर में मछली मंडी लगी हुई होती है जिसमें विभिन्न प्रकार की मछलियां बेची जाती है उस मंडी में आप अपने मछलियों की मार्केटिंग कर सकते हैं क्योंकि अधिकतर मात्रा में मछलियां उस मंडी में बेचने वाले शख्स खरीदते हैं और वहां पर बेचकर पैसे कमाते हैं.
यदि आपका मछली पालन अधिक मात्रा में होती है तो आप इसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी भेज सकते हैं क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय मछली का डिमांड बहुत ही उचित चरम पर रहता है और सिर्फ भारत के लोग नहीं बल्कि विदेश के भी लोग मछली खाना बहुत पसंद करते हैं.
मछली पालन एक ऐसा बिजनेस है जिस की डिमांड कभी मार्केट में कम नहीं होगी क्योंकि जिस प्रकार जनसंख्या बढ़ती जा रही है उसके अनुसार मछली को पसंद करने वाले लोगों की भी संख्या बढ़ रही है इसलिए जितना ज्यादा इसका उत्पादन होता है उतना ही ज्यादा इसकी बिक्री होती है.
आप इस बिजनेस को करना चाह रहे हैं तो आपके लिए यह बिजनेस बहुत ही लाभकारी साबित होगा और इससे आपका भविष्य बहुत ही उज्जवल होगा.
मत्स्य पालन का बिजनेस करना लोगों के लिए लाभदायक साबित होता है क्योंकि मछली में प्रोटीन पाई जाने की वजह से आधा से ज्यादा प्रतिशत लोग इसे खाना पसंद करते हैं इसलिए इसका डिमांड मार्केट में हमेशा बड़ी ही रहती है.
कामयाबी के लिए कई बिज़नेस करने की सलाह दी जाती है लेकिन सही बिज़नेस का चुनाव करन जरुरी है. इसी तरह के एक बिज़नेस के बारे में जानकारी दी और बताया की मछली पालन कैसे शुरू करें?
आशा है आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से मछली बिजनेस प्लान की सारी जानकारी मिली होगी.
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Wasim Akram
2 thoughts on “fish farming business idea : मछली पालन बिजनेस कैसे शुरू करें और कमाए महीने के 1-5 लाख रूपये”.
Hello sir I am Sagar Chaudahri sar meri fish badhati to nahi sar aapse baat karni hai ka contact number milega
Bioflocg fish farming ki trening kaha milegi Kon si official site hai Sir
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Prawn fish farming business: झींगा मछली की इस प्रजाति से कमाएं 10 लाख का मुनाफा, एक एकड़ में ऐसे पालें 4,000 किलो झींगे.
झींगा मछली पालन लोगों के बीच एक प्रमुख व्यवसायों में से एक है. झींगा मछली (Jhinga Machli) को सिर्फ एक एकड़ में ही पाला जा सकता है जिससे आप सालाना लाखों में मुनाफा कमा सकते हैं. इस लेख में झींगा की मुनाफ़े और प्रमुख प्रजाति के बारे में बताया गया है.
क्या कभी आपने झींगा मछली (Prawn Fish) देखी है या फिर उसके बिज़नेस (Prawn Fish Farming) के बारे में सोचा है? झींगा मछली, सभी मछलियों में सबसे लोकप्रिय मानी जाती है क्योंकि यह मछली पालकों को तगड़ा मुनाफा (Prawn Fish Farming Business Profit) देती है. बता दें कि लोग इसको सी-फ़ूड के नाम से भी जानते हैं और खाने में बेहद पसंद करते हैं.
झींगा मछली का उत्पादन कैसे करें ( How to do Prawn Fish Farming)
झींगा पालन (Jhinga Machli) एक्वाकल्चर का एक व्यवसाय (Aquaculture Business) है जिसे मुख्य रूप से मानव उपभोग के लिए पाला जाता है. खास बात यह है कि मीठे पानी में पली झींगा मछली (Jhinga Fish) की डिमांड मार्किट (Market Demand) में बहुत तेज़ है. यही वज़ह है कि झींगा मछली का पालन एक फलदायी व्यवसाय (Lobster Farming a Fruitful Business) है.
क्यों है झींगा लोगों का मनपसंदीदा व्यवसाय ( Why Prawn is Profitable Business)
कई देशों में जलीय कृषि के लिए मीठे पानी पहले से ही उपलब्ध है. ऐसे में आमतौर पर मछली पालन के लिए झींगा मछली, कार्प और अन्य फिनफिश को पाला जाता है और फिर यही से सप्लाई किया जाता है.
झींगा मछली का सालाना उत्पादन ( Annual Production of Prawn)
आपकी जानकरी के लिए बता दें कि वैश्विक बाजार में, मीठे पानी के झींगे का वार्षिक उत्पादन 380,000 टन है. और इसका सबसे बड़ा उत्पादक चीन है.
मीठे पानी के तालाबों में कार्प के साथ झींगा पालन सबसे बेहतरीन और मुनाफा कमाने की दिशा में एक अच्छा कदम है.
छोटी जगह पर ही शुरू करें झींगा मछली पालन ( Start Prawn Farming in a Small Place)
ध्यान रहे कि झीलों, नदियों या नहरों के मुक़ाबले झींगा मछली पालन तालाबों में सफल व्यवसाय प्रदान करती है. यही कारण है कि लोग इसकी ख़ासियत को देखते हुए इसके बीना किसी परेशानी के ही छोटी जगह में तालाब बनाकर ही बिज़नेस शुरू कर रहे हैं.
ट्राउट मछली पालन के लिए सब्सिडी देगा मछली विभाग
उत्तराखंड में अब जल्द ही ट्राउट मछली, चमोली के साथ-साथ पहाड़ी जिलों में भी आर्थिक जीविका का महत्वपूर्ण साधन बनने जा रही है. ट्राउट मछली पालन के क्षेत्र में मत्स्य…
झींगा मछली की प्रजातियां ( Prawn Profitable Species)
झींगे की कई किस्में हैं, उनमें मैक्रोब्रैचियम रोसेनबर्गि (डीमैन) (Rosenbergii- deaman) शामिल हैं.
आमतौर पर स्कैंपी (Scampi) के रूप में जाना जाने वाला झींगा सबसे लोकप्रिय किस्म है जिसकी बाजार में बहुत मांग है.
Jhinga की इस प्रजाति का पालन मीठे पानी और खारे पानी दोनों में किया जा सकता है.
यह झींगा प्रजाति, मुख्य रूप से निर्यात करने के लिए की जाती है.
रोसेनबर्गी ताजे पानी का सबसे बड़ा झींगा है जो 150 से 250 मिमी और उससे भी अधिक के आकार तक बढ़ता है.
Rosenbergii Prawn Fish का सबसे बड़ा उत्पादक भारत, बांग्लादेश, ब्राजील, चीन, इक्वाडोर, मलेशिया, चीन के ताइवान प्रांत और थाईलैंड हैं.
क्या भारत में झींगा पालन है लाभदायक ( Is Prawn Farming Profitable in India?)
एक एकड़ जमीन पर खोदे गए तालाब से करीब 4,000 किलो झींगा पैदा किया जा सकता है, जिसकी कीमत 250-350 रुपये प्रति किलो हो सकती है.
लागत को छोड़कर, आपको 5 लाख प्रति एकड़ (Prawn Fish Farming Profit Per Acre) से अधिक मुनाफा हो सकता है.
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मछली पालन बिजनेस प्लान, लागत, प्रॉफिट Fish Farming in India in Hindi
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चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि देश है। भारत में नीली क्रांति ने मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के महत्व को बढ़ावा दिया। इस बिजनेस को भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और निकट भविष्य में यह भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार (Investments and Risks in Fishing Business in Hindi) है। हाल के दिनों में, भारतीय मात्स्यिकी ने समुद्री वर्चस्व वाली मात्स्यिकी से अंतर्देशीय मात्स्यिकी में एक आदर्श बदलाव देखा है।
1980 के 36% के बाद मध्य में हाल के दिनों में 70% तक मछली उत्पादन में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभरा है। अंतर्देशीय मत्स्य पालन के भीतर कब्जा से संस्कृति-आधारित मत्स्य पालन में बदलाव ने निरंतर नीली अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त किया (Fish Palan Business shuru karne ki jankari) है।भारत में यह कृषि निर्यात और खाद्य सुरक्षा में प्रमुख रूप से योगदान देने वाला एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। चूंकि भोजन के रूप में मछली की मांग बढ़ रही है, इसके परिणामस्वरूप दुनिया भर में अत्यधिक मछली पकड़ने की वजह से मछलियों की आबादी में कमी आई है।
इससे मछली फार्म या जलीय कृषि की स्थापना हुई है जिसमें मानव निर्मित तालाबों या टैंकों में कृत्रिम रूप से मछली उगाई जाती है। एक्वाकल्चर अब इतना लोकप्रिय हो गया है कि दुनिया में कुल मछली आबादी का 50% से अधिक 2016 में अकेले जलीय कृषि से आया था। विश्व स्तर पर कुल मछली आपूर्ति का 62% हिस्सा चीन से आता है।
मछली पालन बिजनेस शुरू करने से लाभ कमाने तक की जानकारी (Fish Farming in India in Hindi)
मछली पालन और जलकृषि में पूर्ण रूप से वृद्धि हुई है, लेकिन इसकी क्षमता के संदर्भ में विकास अभी तक महसूस नहीं किया जा सका है। 2018 में भारत में कुल मछली उत्पादन 6.24 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) होने का अनुमान है, जो देश में मछली पकड़ने और संस्कृति दोनों स्रोतों से कुल मछली उत्पादन का दो-तिहाई है। मछली पालन क्षेत्र में विकास मुख्य रूप से मीठे पानी के जलीय कृषि क्षेत्र से होता है, क्योंकि समुद्री मछली पालन बड़े पैमाने पर ही किया जाता है। भारत में उपयोग होने वाले कुल पशु प्रोटीन का लगभग 12.8 प्रतिशत मीठे पानी की मछलियों से आता है।
भारत में ऐतिहासिक रूप से मीठे पानी में मछली पालन एक बहु-प्रजाति प्रणाली पर आधारित है। पानी में जैविक और अकार्बनिक खाद मिलाकर प्राकृतिक मछली खाद्य जीव उत्पन्न हुए और तालाब में पोषी प्रणाली के आधार पर बहु-प्रजातियां इस भोजन का उपयोग करती हैं। लंबे समय से भारत में इस प्रकार की मछली पालन में कोई बदलाव नहीं आया है। हाल ही में, भारत के कुछ प्रांतों ने मीठे पानी की मछलियों की पिंजड़े की खेती शुरू की है।
इस लेख में हम आपको मछली पालन के बिजनेस के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे कि आप किस प्रकार से इस बिजनेस को कर सकते हैं, इसको करने के लिए आपको किन किन चीजों की आवश्यकता होगी जैसी और भी महत्वपूर्ण चीजों के बारे में जानकारी देंगे।
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मछली फार्म व्यवसाय के लाभ (Benefits of Fish Farm Business in Hindi)
अगर आप एक मछली फार्म बिजनेस स्थापित करने की योजना बना रहे हैं तो इसके आपको कई फायदे हो सकते हैं। भारत में वाणिज्यिक मछली उगाने वाले व्यवसाय की स्थापना के मुख्य लाभ कुछ इस प्रकार से हैं।
1 भारत में मछली और मछली उत्पादों की बहुत भारी मात्रा में मांग रहती है। मछली 60 प्रतिशत से अधिक भारतीय लोगों के भोजन मेनू में सबसे आम और पसंदीदा वस्तुओं में से एक है।
2. भारत में मछली और मछली से संबंधित उत्पादों के लिए बाजार में मांग और कीमत हमेशा अधिक रहती है।
3. भारतीय जलवायु मछली उत्पादन और मछली उगाने वाले व्यवसाय के लिए बहुत अच्छी है।
4. भारत में विभिन्न प्रकार के आसानी से मिलने वाले जल स्रोत उपलब्ध हैं। आप अपने तालाब से, अपनी नजदीकी नदी, झील या किसी अन्य जल स्रोत से पानी से भर सकते हैं।
5. भारत में विभिन्न प्रकार की तेजी से बढ़ने वाली मछली प्रजातियां उपलब्ध हैं तेजी से बढ़ने वाली मछली प्रजातियों की खेती आपके निवेश का तेजी से रिटर्न सुनिश्चित करती है।
6. मछली पालन आसानी से उपलब्ध और कम लागत वाला बिजनेस है। आप विभिन्न प्रकार के जानवरों, पक्षियों, फसलों और सब्जियों के साथ एक एकीकृत मछली उगाने का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं एकीकृत मछली पालन भोजन की लागत को कम करता है और अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित करता है।
7. भारत में मछली व्यवसाय वास्तव में बहुत लाभदायक और जोखिम रहित व्यवसाय है वाणिज्यिक मछली उगाने से नई आय और रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। बेरोजगार शिक्षित युवा मछली पालन शुरू कर सकते हैं इससे उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता और स्थायी आय के अवसर दोनों प्राप्त होंगे।
8. अन्य व्यवसाय या नौकरी वाले लोग भी अपने नियमित काम को प्रभावित किए बिना मछली पालन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। यदि आपके पास मछली उगाने के लिए उपयुक्त भूमि और सुविधाएं हैं तो आप आसानी से इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं।
9. आप चाहें तो बैंक लोन के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। और भारत में मछली पालन शुरू करने के और भी फायदे हैं। यदि आपके पास उपयुक्त भूमि और उचित सुविधाएं हैं तो संभावनाओं का दुरुपयोग न करें। कुछ मछली उठाना शुरू करें। अगर आप नए हैं तो छोटे पैमाने का फिश फार्म बिजनेस शुरू करें और अनुभव बटोरें। आप कुछ ज्ञान प्राप्त करने के लिए व्यावहारिक रूप से कुछ मछली फार्मों पर भी जा सकते हैं।
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मछली फार्म बिजनेस को शुरू करना (Starting Fish Farm Business in Hindi)
भारत में मछली फार्म बिजनेस को शुरू करना इतना आसान नहीं है। एक लाभदायक मछली पालन व्यवसाय स्थापित करने के लिए आपको कुछ प्रक्रियाओं से गुजरना होगा, यहाँ भारत में मछली पालन के विभिन्न चरणों का वर्णन किया गया है।
मछली का तालाब कैसे तैयार करें (How to make a Fish pond in Hindi)
मछली पालन व्यवसाय को शुरू करने का सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा एक तालाब है। हम तालाब के बिना मछली पालन का व्यवसाय शुरू नहीं कर सकते हैं। भारत में मछली व्यवसाय के लिए आप अपने मौजूदा तालाब का उपयोग भी कर सकते हैं या एक नए तालाब का भी निर्माण कर सकते हैं। आप मौसमी और स्थायी दोनों प्रकार के तालाबों में मछलियाँ पाल सकते हैं।
मौसमी तालाब में जहां पूरे साल पानी नहीं रहेगा, वहां मछलियां उगाने के मामले में वहां आपको कुछ तेजी से बढ़ने वाली और जल्दी परिपक्व होने वाली मछलियों की नस्लें बढ़ानी होंगी। तालाब में खसखस रखने से पहले उसे अच्छी तरह से तैयार कर लें। तालाब के तल को अच्छी तरह साफ करें और फिर उसमें खाद डालें। तालाब के पानी और मिट्टी के पीएच मान का अनुकूलन करें। उच्च गुणवत्ता वाले तालाब का वातावरण उच्च उत्पादन और लाभ सुनिश्चित करता है।
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मछली पालन बिजनेस के लिए अच्छी नस्लों का चयन करें (Select good breeds for Fish farming business in Hindi)
मछली पालन बिजनेस में मछली की नस्लों का चयन आपके व्यवसाय की स्थिरता में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। आपका निर्णय बाजार की मांग, रखरखाव के दृष्टिकोण, संसाधन की उपलब्धता, संसाधनों के प्रभावी उपयोग आदि पर आधारित होना चाहिए। कार्प आइटम जैसे कैटला, रोहू, ग्रास कार्प, कॉमन कार्प आदि मछलियाँ भारतीय तालाबों के लिए उपयुक्त होती हैं।
अन्य नस्लों जैसे तिलापिया, कैटफ़िश आदि की भी भारतीय तालाबों में खेती की जा सकती है। पॉलीकल्चर (एक ही तालाब में दो या दो से अधिक मछलियों की नस्लें उगाना) संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए उपयुक्त रणनीति है। आप निकटतम मछली किसान या मत्स्य विभाग से गुणवत्ता वाले मछली के बीज (बेबी फिश) प्राप्त कर सकते हैं।
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मछली पालन बिजनेस में मछली का खाना और रखरखाव (Fish feeding and maintenance in Fish farming business in Hindi)
मछलियों को उगाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इष्टतम विकास के लिए पानी का PH मान 7 से 8 होना चाहिए। मछलियों के ऊपर वायरस के हमले की संभावना से बचना चाहिए। आपको अपने मछली तालाब को शिकारियों से बचाना चाहिए। दैनिक स्काउटिंग की जानी चाहिए और संदिग्ध मछलियों को तालाब से अलग करना चाहिए ताकि पूरे तालाब में बीमारियों के प्रसार से बचा जा सके।
नमक, पोटैशियम परमैंगनेट के घोल, रसायनों आदि का उपयोग करके पानी का उपचार करके मछली के रोगों का इलाज किया जा सकता है। बीमारियों को ठीक करने से बेहतर है कि इसे रोका जाए। हरी पत्ती खाद का उपयोग करके उसके फायदे आपको भी पसंद आ सकते हैं।
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मछली पालन बिजनेस में मछलियों की मार्केटिंग (Marketing of fish in Fish farming business in Hindi)
अधिकांश किसानों के लिए स्थानीय बाजार आसानी से उपलब्ध बाजार है। लेकिन इसमें निर्यात की तुलना में मुनाफा कम होगा। मछली के मांस को मूल्य वर्धित उत्पादों के उत्पादन के लिए संसाधित किया जा सकता है और विदेशी बाजारों में निर्यात किया जा सकता है। किसान संघ का गठन इस विपणन में मदद कर सकता है।
स्थानीय बाजार का लाभ यह है कि यहां मछली की बिक्री कोई समस्या नहीं है और किसानों को अच्छी आय हो सकती है। इसलिए दोनों बाजारों की मजबूती इस खेती की सफलता सुनिश्चित करती है। मछली उगाना मुख्य कृषि क्षेत्रों में से एक बन रहा है जो ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या को कम करता है। तो मछली से प्यार करने वालों के लिए यहां हमेशा एक अवसर मौजूद होता है।
मछली पालन व्यवसाय में निवेश और जोखिम (Investments and Risks in Fishing Business in Hindi)
किसी भी आउटपुट को देने के लिए एक इनपुट की आवश्यकता होती है और आधुनिक अर्थव्यवस्था में सभी इनपुट का स्रोत पैसा ही है। मछली-पालन भी अधिकांश कृषि व्यवसायों की तरह एक अंतरिक्ष और पूंजी-गहन व्यवसाय है जिसमें कच्चे माल, चारा, जनशक्ति, और अन्य की खरीद के लिए धन के अलावा मछली पकड़ने के टैंक, तालाब, या अन्य मानव निर्मित संरचनाओं जैसे बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा कोई भी व्यवसाय सफलता की संभावना के साथ-साथ विफलता की संभावना के साथ आता है। जबकि जोखिम को व्यवसाय के लिए ठीक से तैयारी करके बाजार अनुसंधान में शामिल होकर, और प्रतिस्पर्धी विश्लेषण द्वारा बचाव किया जा सकता है। इसलिए, जोखिम विश्लेषण और आरओआई (विश्लेषण पर वापसी) विश्लेषण एक अत्यंत आवश्यक कदम है जिसे मछली पालन व्यवसाय स्थापित करने से पहले किया जाना चाहिए।
- (MSSY) उत्तराखंड सीएम सौर स्वरोजगार योजना आवेदन, एप्लीकेशन फॉर्म, उद्देश्य, लाभ, शर्तें
मछली पालन व्यवसाय के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्रमुख आवश्यकताएं (Major Requirements to Get a License for Fish Farming Business in Hindi)
मछली पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको कुछ लाइसेंस की आवश्यकता होगी, जिनको प्राप्त करने के लिए आपको कुछ चीजों की आवश्यकता होगी जो कि कुछ इस प्रकार से है।
- साइट की पहचान पत्र, जहां आप फिश फार्म शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
- यदि आपने जमीन पर कोई ऋण लिया है तो परियोजना का निर्माण जैसे योजना पत्र और सामान्य अनुमान, बैंक ऋण दस्तावेज।
- आपको मछली पालन व्यवसाय में प्रशिक्षित होने की आवश्यकता है।
- उचित इनलेट और आउटलेट के साथ तालाब का निर्माण। स्टॉकिंग प्रबंधन जिसमें सीमित करना, प्लवक की वृद्धि, खाद, पानी, बीज भंडारण आदि शामिल है।
- जल और मृदा विश्लेषण दस्तावेज।
- ट्रेल नेटिंग और आंशिक कटाई।
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मछली पालन पंजीकरण प्राप्त करने के लिए भरे जाने वाले आवेदन (Applications to be filled for obtaining Fisheries Registration in Hindi)
मछली पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको पंजीकृत होने के लिए आपको मत्स्य पालन अधिनियम के दिशानिर्देशों के अनुसार संस्कृति पहलुओं को प्राप्त करने की आवश्यकता है।
सेवा शुल्क के रूप में आवेदन करने के लिए आपको 200 रुपये प्रति एकड़ भूमि का भुगतान करना होगा और उपयोगकर्ता शुल्क के रूप में यह 100 रुपए है।
- 1. इस आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज है- मछलीपालन फार्म के लिए आवेदन पत्र
- 2. भूमि दस्तावेज, पट्टाधार पास बुक
- 3. तालाब का FMB जिसे आपने मछली पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए चुना था
- 4. तालाब का स्केच निर्माण के बारे में विवरण
- 5. गाँव का नक्शा जहाँ खेत स्थित है उसकी दूरी को स्पष्ट करता है।
- 6. अन्य आवश्यक दस्तावेज, यदि कोई हों।
मछली पालन बिजनेस शुरू करने से लाभ कमाने तक की जानकारी – Related FAQs
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प्रश्न: भारत में मछली पालन शुरू करने में कितना खर्च आता है?
उत्तर: भारत में मछली पालन के लिए तालाबों और स्टॉकिंग को पूरा करने के लिए पूंजी निवेश के 50,000 प्रति एकड़ की आवश्यकता है।
प्रश्न: क्या भारत में मछली पालन कर मुक्त है?
उत्तर: एएआर बेंच ने कहा कि इस अधिसूचना के अनुसार मछली पालन कृषि की सेवाओं के अंतर्गत नहीं आता है। मछली पालन के लिए जमीन का किराया 18% जीएसटी के अधीन होगा जो एएआर शासित है।
प्रश्न: 1 एकड़ के तालाब में कितनी मछलियाँ रह सकती हैं?
उत्तर: एक गर्म पानी के तालाब के लिए एक सामान्य तालाब स्टॉकिंग रणनीति 1,000-1,500 ब्लूगिल, 50-100 बास और 50-200 कैटफ़िश प्रति एकड़ होगी।
प्रश्न: मछली पालन के लिए कितनी भूमि की आवश्यकता होती है?
उत्तर: मछली पालन को किसान व्यावसायिक स्तर पर अपनाते हैं। तालाब का इष्टतम आकार आयताकार होता है जिसका आकार 0.1 से 2.0 हेक्टेयर के बीच होता है जिसकी गहराई 2.0 – 3.0 मीटर के बीच होती है।
मीठे पानी में मछली पालन के उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। जब उन्नत प्रणालियों और प्रजातियों को अपनाया जाता है तो इसके विकास की अपार संभावनाएं होती हैं। भारतीय जलकृषि का एक बड़ा भाग अभी भी पारंपरिक कृषि पद्धतियों पर आधारित है। उन्हें आधुनिक खेती के तरीकों में परिवर्तित करने से मछली उत्पादन में वृद्धि होगी और इससे पर्यावरण की स्थिरता को भी संबोधित किया जा सकता है।
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How to Start a Fisheries (fish farming) Business in India[Investments Profits]
Table of Contents
In India, where almost 60 percent of the population prefers consuming fisheries and fish products, fish farming can definitely be considered as one of the most profitable businesses. The term fish farming had originated from the Agrarian language. The moment you need to get stared with this business you need to have access to fresh flowing water system like a river.
India is a country that has numerous water system, including sea, oceans, lakes, rivers and ponds. Without access to any of the above mentioned water system, it is not possible to get started with this system. You need to try and construct an artificial lake or pond system, generally termed as tank that can be used to hold fish in it. You can fill it with water and fish can be kept inside it. Apart from this you also need to get familiar with other set of information related to this business.
Why the need for fish farming?
There certainly are numerous benefits of getting started with fish farming business some of which are stated as below:-
- One of the most important reasons for getting started with fish farming business is that fish is in great demand not in India but also in other parts of the world.
- One of the main reasons is that more number of people prefers eating fish and fish products as compared to other meat or animal products. There is much higher demand of fish as source of food due to vitamins and proteins.
- Within the national and international platform the demand for fish market is also on rise in present time. As per the increasing demand and shortage of supply chain it is obvious that more number of people are shifting towards fish farming as modern traditions.
- In present time people started to farm fish in small and big tanks at their farm lands or small room. This step has also been taken as there is shortage in supply of certain edible fish in the sea, ocean, and rivers. This is one of the main reasons why more number of people are stepping forward for setting up fish farms.
What is fish farming?
- Fish farming is the art or technique of breeding fish and taking care of them till they grow and reproduce and maintaining their growing number in the ponds or tanks.
- Fish farmers have to take care of fish and their number and also take care that they grow in size so they can be sold in the market for profitable price.
- Apart from this fish farm is a business that also offers you with over ten times more profits as compared to start up amount.
Getting started with fish farming process
To get started with the process of fish farming you have to first get a pond or a tank constructed at your place of work. This tank and pond can be used as a breeding place for any fish type. To construct a tank or a fish pond you may need small piece of land. So it is utmost important to get started with constructing a tank or a pond.
Right spot or place to select for fish farming
- It is important to make the right selection of the place for constructing fish pond or tank. It is important to maintain right temperature and conditions for breeding fish.
- You need to keep in mind that temperature plays a major role in growth of growth cycle of the fish as during winter seasons fish do not grow much in size.
- So it is important to try and construct the fish pond or tank before winter seasons so you can get started with breeding fish in the pond during summer seasons.
Process for design and construction of fish pond
- There are numerous ways that can be used for construction of pond or tank. If you are looking around for saving your time and money you can also try and purchase ready made tanks made up of plastic material.
- If you want to construct a pond in the ground itself then you may have to seek help from a professional to dig a big pond. The size in general would depend on the availability of the land at your place.
- If you are running short of funds then you can also DIY (Do It Yourself) using local handy tools. Once the pond has been dug out you just need to make use of coating mix prepared by bleaching powder and mud.
- This mix can be prepared along with calcium powder to coat the pond base. This will help in preventing the formation of algae and fungus in the water that can harm fish.
- In order to breed fish perfectly it is important that you need to assure that the fish survives to compete its growth cycle. It is also important that the fish should breed naturally.
- This will help in increase in the number of the fish. So it is important that you need to feed the fish with right type of food. It is important that you have to make the right selection of fish food.
- The food should be selected depending on the breed of the fish you are having at the farm. You also have to maintain right hygiene and temperature of the water in the pond. This means that on regular basis you will have to test it for salinity and pH.
What fish to breed in the farm?
One of the most important factors to get started with fish farm process is the selection of the right fish breed for farming. You need to keep in mind that it is not possible to breed all types of fish in the farm.
- In India there is a great demand for certain varieties of fish like Rohu, Mureli, Katla, grey shark and tuna. Apart from this Hisla fish is also in great demand.
- One of the main benefits of selecting these varieties of fish is that they are easy to breed and can easily get adopted to the climatic and water conditions.
- So the moment you make a selection of these fishes it is obvious that you may be able to generate health profit from the business. Apart from this it is also possible to easily find these varieties in the Indian market.
Maintenance process
- When running fish farm business you may have to hire external labors depending on the size of your business. The trained labor is ideal choice who can take care of the fish and pond.
- It is also important that labor should take care of the fish and its feed. The trained person should be aware of fish diseases and conditions. It is important to make use of potassium permanganate and common salt (Sodium) in case the fish is not well.
- In case not taken care at the right time then one fish can spread germs and virus to others as well in the pond.
Maintaining water condition
For maintaining good health of the fish and it life, it is important to maintain right condition of the water.
- You may have to ensure that the water is cleaned at least once a month or week, depending on the size. It is important to maintain the pH level of water between 7 to 8.
- This is considered as healthy water condition for the fish to survive and breed. So you need to take proper care of it on regular basis.
Equipment s required for Fish Farming
- Natural or plastic pond – This is one of the most important things that you may need when thinking of fish farming. You can use them as fish tanks of bigger size. It is also ideal for people to get started with this business using tanks in a small room.
- You can also get it installed at the roof top or in the ground. You can also look around for artificial ponds that are available in the market. The cost factor may depend on quality and size.
Where to purchase materials?
- It is possible for you to purchase pond (artificial) and tank (Glass / plastic) online. You can purchase it from a retailer or whole seller shop. You just need to see where and who is selling it for cheaper price.
- You can also order it online at https://www.alibaba.com/showroom/plastic-fish-farm-tank.html or at https://dir.indiamart.com/impcat/aquaculture-tanks.html. you just need to click the links provided.
How to purchase water testing equipments
- You can directly visit the link at https://dir.indiamart.com/impcat/water-testing-equipment.html or enquire before purchasing. The equipments will only cost Rs 1500 and are useful for checking with pH and water salinity. Apart from this you may need to install water pump for pumping water which may only cost you around Rs 3000.
- You have to purchase transparent water pipes as additional accessories. You can make the purchase as per your desired budget. You may also have to invest money in purchasing net for fish so it is easy to remove them when cleaning. It only costs Rs 100 per net.
Types and variants of fish farming
There certainly are numerous ways to help get started with this business plan. The methods that we have included here are most common and affordable. One main benefit is that they don’t cost much at start up.
1 Cage system
- This method is mainly used in oceans, seas and rivers. So when using this system you may have to work and setup your business nearby to some such system.
- This is one of the most profitable methods of fish farming. The cost of start up is very low but you may have to install cage in river or sea. But you may have to take your precautions when setting up cage in sea or river bed.
2 Pond system
- This is one safe method and is very much durable and reliable. You may have to construct a small pond to farm fish. You can also construct it near by to a small river outlet.
- This is one common method used by most farmers. The initial start up cost may be a bit high but is very much reliable. You may also have to pay attention when using this method as it is done on river bank.
3 indoor method
- This is a modern method of setting up a fish farm when you can select a small enclose room for getting started. You may have to furnish entire set up in small area and then get started.
- You may have to take care of most things on your own. You have to check with water temperature and salinity or pH. You may have to install thermometer and other relevant devices in the room.
- You also need to ensure that the room gets uninterrupted supply of electricity and water so fish are safe.
Benefits of fish farm
- As per recent survey there are a number of people who are getting involved with this business as per growing demand. You can get to earn consistent income every year. You can target national and international market demand.
- You may not have to invest big money in start up and you can earn money in initial stage itself. This is best business opportunity in India as fish is in demand. You may not notice down fall of market.
How to get license?
- It is important to get the business registered in India before starting. You have to get registered by submitting business registration form. You will be provided with registration number.
- You will have to get registered at government offices. You may have to submit all details related to information about yourself and business. You can also apply for subsidy under government sector for business.
- If you are looking forward to start up this business in sea or river bank then you may have to take special permission.
Residential fish farm
You can get started at home by investing in small plastic tub or tank. You can get it installed at any place at home roof top or in a closed room. You may have to get NOC from society on account of fish odor. You may have to invest some money in fish food and medicines. You also have to ensure that water is cleaned regularly.
Large and small scale farms
- To get started at small or large scale you may have to construct a pond at farm land or at home backyard. It all depends on the size and business plan. You may have to work according to your planned budget.
- You have to ensure that you have sufficient land and open space for constructing pond or tank. You also have to ensure that all guidelines stated above are followed.
In most places in India fish markets areas are very much common. These are places where you can sell your fish produce. You can export fish products in international market. You can approach hotels and restaurants.
Before you dispatch your fish to hotels of consumers you have to ensure that is safely packed. This will ensure that the fish is supplied to consumers end fresh. If you want to export in international market you need to pack it well. You can make use of modern packing systems for packing fish.
Cost factor for start up
The business can be started by investing Rs 30 to 50 thousand. You may have to invest additional money in fish feed, electricity, water, and eggs. This may be equivalent to Rs 1 to 1.5 lakh. In the initial stage you may need over Rs 2 lakh as investment.
Profit margin
It is obvious that if you invest around Rs 1 lakh then you can generate over Rs 3 lakhs as profit margin. This may also depend on production, marketing and other factors.
- Top 15 Business Ideas for Farmers in India
- How to Start a YouTube Channel
- How to start poultry Farming Business
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Fish Farming Business Plan For Beginners
Table of contents.
- Read Mud Crab Farming.
- Read Tilapia Fish Farming.
Fish Farming Business Plan:
Introduction to Fish Farming Business Plan:
If you are planning for a commercial fish farming business, no doubt fish farming is a more profitable venture. In a commercial fish farming business plan, first need to study about the process of farming fish for a good profits.
Market analysis and business plan are the must to initiate a fish farming business. You should do an intensive market research before getting into it. Then analyze the local market trends and demand for type of fishes. If you are planning for commercial fish farming business for exporting, then talk to fish processing units prior. Choosing exact fish species for your business to get success in fish farming business. Choose fish species for farming depends on the climatic conditions, market demand, maintenance point of view, and as per the availability of resources etc.
To get complete knowledge about fish farming business, you can get training from Government running farms that conduct training. Or working at a successful fish farm give you a good knowledge of farm management, water quality management, disease control, feeding, marketing and processing skills.
For a profitable farming, you should get the complete information about hatching fish, eggs and then grooming them to the maturity.
There are two basic methods of farming fish based on the species of fish you have chosen. Starting a fish farm business, you need to ready to face many hurdles, fish farming indeed a profitable business venture. First, decide whether you are planning for a small scale or on a large scale commercial fish farming based on your financial status.
Fish Farming Business Plan – A Complete Guide
Industry Overview
The Aqua Industry is no doubt a leading industry in most countries of the world: commercial fish farming business plan includes farming of different species of fishes.
The Fish and Seafood, Aquaculture industry is a large, very large industry and have good market in all parts of the world, especially the countries, United States of America, India, Canada, United Kingdom, Portugal Germany, Australia, the Caribbean etc.
Most fish farmers do commercial fish farming business, some best niches of commercial fish farming are:
- Raising and harvesting finfish (e.g. Catfish, trout, tilapia and minnows)
- Raising and harvesting shellfish (e.g. Clams, oysters, crustaceans, mollusks and shrimp)
- Raising and harvesting ornamental fish (e.g. Goldfish and tropical fish)
Fish Farming Business Plan – Types of Fish Farming:
There are many varieties of fishes that can be raised for commercial fish farming business. In you fish farming business plan, type of fish farming plays a key role. Most common fishes farmed in commercial farms are salmon, carp, tilapia, catfish and cod.
- Catfish Commercial farming
Catfish most suitable and profitable species for commercial fish farming. Catfish has huge market demand for its amazing health benefits and market demand. In a commercial fish farming, catfish takes 18 months to get ready, catfish grown in fish pond is smaller than the wild catfish. There are several varieties of catfish species, most popular catfish varieties are blue catfish, channel catfish, and flathead catfish.
- Tilapia Commercial farming
Tilapia is another profitable fish species suitable for commercial fish farming after carp and salmon. These fish have great demand for its high popularity and rich in proteins and vitamins. Tilapia fish grow to large size depending on the capabilities. Tilapia fishes are tropical varieties requires required warm water to grow. The ideal water in the fish should be temperature be between 28 to 30 degrees. These fish ponds need intensive management. Tilapia’s are more resistant to disease and parasites. Tilapia fish should be fed with cereal-based diet and these fish don’t eat other fishes, and these fish are considered as more invasive fish species.
- Salmon farming
Salmon is another popular variety for commercial fish farming. Salmon fish comes in two other varieties are – Chinook and Coho. These fish species are not disease resistant, these should be vaccinated to prevent from diseases and they even need additional medication in extreme conditions.
- Tuna Commercial farming
Tuna fish are saltwater species that give more profits in commercial fish farming. There are different varieties of Tuna fishes, bluefin, yellowfin, and albacore. Commercial farming Tuna fish is a bit difficult as these fishes are massive and very active. Tuna fish are carnivores and these fishes eat other fishes. Farming of Tuna fishes is done in net pens offshore and in recirculation systems. Japan is the largest consumer of Tuna Fish.
- Eel Commercial farming
Eel fish farming is the profitable species for commercial fish farming. These fishes have huge demand in export markets. Eels fishes are a carnivorous and catadromous fish, means these fishes grow in fresh water when they are young, and they migrate to sea water for breeding. Asia, China, Japan and Taiwan are leading producers of commercial eel fishes as the biggest producers. Eel farming can be grown in – high intensity recirculating tank (indoors) or intensive pond facilities.
- Shrimp Farming
Commercial shrimp farming has a great market in the Asian market. Commercial shrimp farming has a simplest culture approach. Shrimp has a great market demand is very high and you can initiate small and large-scale shrimp farming very easily with less effort.
- Ornamental Fish Farming
Ornamental fishes are colorful and attractive and generally known as aquarium fish. According to an NABARD report the ornamental fish trading industry with a turnover of US $ 6 Billion and an annual growth rate of 8 percent offers lots of scope for development.
Fish Farming Business Plan – Fish farming supplies for Commercial Fish Farming:
You require many fish farming supplies for in commercial fish farming business. A commercial farming equipment’s and systems required for commercial farming business are fish feeds and fish feeders, filtering systems, air pumps, heating and cooling systems, lighting equipment, hydroponics equipment, predator control fences, tanks and water treatment products.
Feed and feeders Feed quality plays a key role fish farming. Feeding depends on desirable color, growth and overall health and well-being of the fishes. There are a wide variety of different feeds are required for different types fish species.
Water Filtration Systems: Water filtration systems are important, that shows the great impact on pond environment. Filtration includes removal of waste products in the pond water. There are several varieties of filtering systems that can be used, depends on the requirement.
Hatchery supplies : Commercial fish farming required hatchery equipment’s like fish graders, shipping supplies to spawning and handling containers.
Predator control: You should take necessary steps in controlling predators. Take the necessary steps like fences, and physical deterrents like visual and audio deterrents.
Construction of Fish Ponds for Fish Farming Business:
Fish farming business is an ancient farming method that has increased its market these days. Fishes are a great source of vitamins and proteins, through commercial fish farming that is done in fresh water can help you to grow different variety of fishes for consumption.
Building a fish farming pond is a tough task, but running a fish farming business is rewarding, fun, and can earn you good returns in the long run.
Read: Dairy Farming Courses, Fees in India .
Here we give you a complete information about a fish farming pond in a fish farming business plan:
Pond Building Preparation
First, Decide the type fish farm: Before you are planning for fish pond construction and design, first decide,
- Type of fish you are planning to farm.
- The size the fish you can grow when they are grown up.
How Many fishes you can grow in a fish pond?
The Pond size should be capable of handling the type of fish you are planning to grow. If growing too large size fish, pond size may be sufficient when they are small in size, but if they attain a large size, the space may be congested. So, make a deep study about the type of fishes and their required pond size.
Select A Suitable Location for constructing fish pond:
The Position of the fish pond plays a key role in good and healthy growing fishes. If planning a fish farm in backyards or any other place, select an appropriate position. Consider the following steps before choosing a location for the fish pond:
- The level of the ground in the site should be a bit low and flat. If not first thing is level up the ground completed.
- The fish pond should have a good provision to collect natural rain water or runoff. This helps to keep the pond water fresh.
- Construct the barriers around the fish pond.
- If the area you are constructing a fish pond, where there are more chances to face extreme hot and extreme cold climates. In these areas the depth of the pond should between 8 ft to 12 feet, so that the fishes can get enough space to get shelter during peak summers and peak winters.
Consider these tips before to determine a good location that is suitable for your fish pond.
How to dig a site for Fish Pond:
Once the location is decided, now draw the sketches and map exact measurements and the dimensions of the pond.
Mapping can help to you to visualize the size and the design of the pond. You can also use ropes or garden hoses to draw the design of the fish pond. Once the layout is ready, now ready to dig the fish pond.
Things to be considered before digging:
- The gas pipes, electric lines, water pipes or sewerage lines should be buried below the ground.
- The roots of the big plants may be left at the bottom the pond and there are chances to grow again and occupy the tree. If digging the ponds next to big trees, make sure that the root system of the trees should take care properly to stop them growing in the pond.
Fish Farming Business Plan – Building Your Fish Farming Pond:
Digging Your Fish Farming Pond
- Depending on the size of your fish farm, if planning to dig manually using large shovels and labor, it consumes a lot of energy and a lot of time. A bobcat or excavator that is used in digging up the pond will save a good amount of time.
- Don’t dig at the top of the hole on a slope.
- While digging, it is better to dig 16 inches at once on the outer edges and place the waste soil as a pile at the backside of the pond.
- When digging in the center, start to dig deeper this helps to create an even slope in your fish pond. This will help the excavator move easily in and out of the pond easily.
- Measure the depth constantly to get the exact depth of pond that you are planning.
- To form defined edges at last and dig around the outer edge with a shovel to level it better.
Considering these tips will help you be able to dig your fish pond more successfully without hurdles.
Fish Farming Business Plan- Lining the Fish Pond:
Once the fish pond is dug, line it up with a rubber liner or a tarp. This tarp or liner used in fish ponds should be suitable for fish ponds so that is doesn’t harm the fishes. Before laying the trap at the bottom first make a thin layer of sand across the surface area of the hole to reduce the tears.
And to protect this liner or trap you can also use some geotextile fabric that protects runner liner from getting damaged. The main reason for using a trap is it protect the water from seeping out into the surrounding lands. If trap not used water should be supplied constantly into the pond to maintain the water level in the fish pond. Otherwise, you need to fill the pond with to maintain the water level.
Ponds can be sealed without rubber liners or traps, these are also many other best and cheapest options other than liner or traps. But this process depends on your soil type and the clay content of the soil. Even you can get a sell sodium bentonite clay that is used as a pond sealer.
Even there are many sustainable traditional pond liners that are worth safe for using. We also use polyethylene with ethanol-based plastics which is better than fossil-fuel based plastic liners.
If you are using a rubber liner or tarp at the bottom, it is a good idea to start to place it from the center of the pond. The size of the traps or liner depends on the size of the ponds, order a sufficient number of liner that can cover a complete pond area.
Next is filling the Pond With Water:
- Once the pond is fitted with the liner or trap, then place a big stone at the center of the pond, this protects liner or traps from lifting and floating when water level falls.
- Filling up the pond depends on the size of the pond. Water should be filled from the side, so that it will help trap to conform slowly to the weight of the water. And place stones at the outer edge liners, that helps liners or traps from falling as the amount of water increases.
- If you are not using pumping system, then fill the pond with fish. Fish need oxygenated water to live and stay healthy. Place the running hose in water to generate oxygen in water, water should be oxygenated 2 to 3 times in a week and time duration should be 15 to 30 minutes.
Fish Farming Business Plan – How to Introduce fish into the fish pond:
While introducing fish into pond, fish make water to settle completely, so that dirt gets settled completely. Now mix fishes slowly in the fish pond water in a bucket water first for 10 to 15 minutes that will help the fish to acclimatize to the new water PH levels.
Now slowly tip the fish into the fish ponds. Minimizing the stress levels in the fish will increase the rate survival and make to adjust new environment quickly.
Don’t make mistake by adding all the fishes at once, add in small amounts and check wait for 2-3 weeks. If the maximum number of fishes is alive, then add remaining fishes.
If you see more dead fish, them check with cause, before adding remaining fishes. The pH levels in the soil can cause death of fishes, some fishes require a set PH level to survive in. If the pH level is under control, check with an expert to address the exact problem.
Fish Farming Business Plan – Fish Feed in Fish Farming Business:
Feeding is the main part in the fish farming business. Fish needs good and nutritious feed for proper growth and survival. Feed management plays a key success in fish farming business. The feed should be well balanced, nutritious feed which includes protein, carbohydrate, fat, vitamins, minerals and water. The moss or aquatic insects are considered as a natural feed that in available in that pond, which not sufficient for all the fishes. These natural feeds consumed by the fish during early stages. Some fertilizers are available that produces natural feed in the ponds, but these are not recommended. Along with natural feeds, supplementary feed ensures the fast growth of fish. So, for a commercial fish farming business, we must use supplementary feeds to increase production of fish in short span of time.
Fish Farming Business Plan – Different Types of Fish Feed:
There are two different types of fish feed. One is Natural feed and other is supplementary feed.
Natural Fish Feed
The natural fish feed is which grows naturally in the pond, this feed increases the natural fertility of soil and water and this feed can be developed in pond by applying fertilizer is called a natural feed of fish. Natural feed is the main and the best feed for surviving of fish at early stages. Below are some natural feeds for fishes that should be available in the pond.
- Wolffia, eichhornia, pistia, lemna
- Tiny aquatic insects
- Rotted part of animal and plants
- Basal organic elements
- Varieties of grasses like napier, para etc.
Supplementary Fish Feed
Along with natural feed we should also provide some supplementary food for fishes for a healthy growth. As the natural feed available may not be sufficient when they grow bigger. These supplementary feeds which we provide for the fishes are called supplementary fish feeds. Supplementary fish feeds are available in the market or you can prepare yourself.
Supplementary Fish Feeds:
- Refined pulse and wheat roughage
- Mustard or sesame cake
- Fish-meal (fish powder)
- Silk kit meal
- Blood and excreta of bird or animal
- Green leaves of various vegetables
- Minerals and vitamins
- Kitchen leftovers
- Maize powder and refined chaff
- Dried molasses, etc.
How to store the Fish Feed:
- Low moisture fish feed and dry pellet feeds are stored only for two to three months, and these should be stored in a dark cool and dry place.
- High moisture feed and moist pellet feed can be stored for a one week, store them in a freezer, if that facility is not available, use them as soon you buy the feed.
- The Powdery fish feed will pollute water if left in the water for a long time. They should be cleaned regularly.
Fish Farming Business Plan – Marketing Plan in Fish Farming Business Plan:
A successful approach in developing a business plan for fish farming, there are important components to consider before you develop a marketing plan. Below is some feature to consider in fish marketing.
- Fish Market Trends
As the many marketing reports all over the world, the global fisheries and aquaculture production was more than 300 million tonnes by the end of this year. So, by checking the huge demand for fish has increased the fish farming business all over the world. The global aquaculture industry has created the waves for profits in these years. The commercial fish farming has been being increased day by day to meet the demand of the market.
As the people are influenced by the nutritional value of seafood, which increased the demand in all parts of the world. And USA is the largest consumer of fish and the China comes the next. And 90% of fish consumed in the USA are imported from other countries. This shows the potential of fishes in the international market.
But the most interesting facts is that over 90% of the seafood consumed in the US is imported from other countries around the world. That is why the fish farming industry has a lot of potential in the US and can be immensely profitable if you plan it successfully.
- Marketing Segmentation
In a successful fish marketing plan, the customers or consumers or clients are differentiated into different types.
- Individual clients:
In this you can open a small retail outlet in your farming area in the early stages to grab attention of local people. This mainly targets individual buyers, people will be easily attracted by the fresh and natural fish.
- Departmental Stores or super Market or Meat Stores:
Contact with the nearby departmental stores or supermarkets or meat stores and make a contract with them for supplying the fresh farmed fish. These departmental stores are the best source to market the fishes that can earn good amount of profits.
- Restaurants and Hotels:
Make a contract with the surrounding restaurant and hotels who need fishes on a regular basis throughout the year. The restaurants and hotel are the potential clients after the departmental stores.
Make a detailed study of the market where you can find the potential clients.
- Set a Business Target:
Aim the top is the best formula in a fish farming business. Set the business targets with a time limit that should be achieved in a certain amount of time.
- Balance the investment cost with earned profits by the end of the first year.
- And try to achieve the 10% net profit margin per month by the end of the first year, and 15% of net profits per month by the end of the second year, and 25% net profits per month by the end of the third year. This plan will keep you safe in your fish farming business.
How to Give Price for your fish:
Before setting the price considering the market demands, give the price like the price of all your competitors. The main reason in pricing policy is to attract customers, the minimum attractive rate will keep your business at safer zone at the early stages of business. Don’t give too low prices that give you loss.
Fish Farming Business Plan- Quick Tips to be noticed in a Fish Farming Business Plan:
- Make sure that the fish farm site should have a constant water supply.
- Make sure that the water temperature is optimal for the fish species reared or not.
- Make an easy access to the pond for feeding and harvesting.
- Test the water before you start fish farming both chemical and bacteriological.
- Learn about the modern technical method of risk assessment and as well as risk management.
- Find the qualified suppliers for fish eggs, fingerlings and fish feed which is very crucial in the fish farming business.
- Legal compliance and permission should be fingered out before starting a fish farming business in your locality.
- The site should have a good transport facility, that shows good impact on marketing your products and purchasing necessary commodities from the market.
- Take necessary suggestion from experts or the people who are in the same profession in building up your business.
Read Mud Crab Farming .
Read tilapia fish farming ., 29 comments.
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Check this: RAS Fish Farming Project Report .
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Maximizing Yield in Ridge Gourd Farming: Best Practices and Tips
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Fish Farming Business Plan in Hindi | मछली पालन योजना बिहार 2022
Fish Farming Business Plan in Hindi | मछली पालन योजना बिहार | मत्स्य पालन योजना बिहार | मत्स्य पालन प्रशिक्षण ,मछली पालन लोन 2021 बिहार | Macchli Palan business
Table of Contents
Fish Farming Business Plan in Hindi
मछली का कारोबार दो प्रकार से कर सकते हैं।.
- खाद्य मछली पालन Business
- सजावट वाली मछली पालन Business
मछली का पालन का कारोबार / Business बड़ा ही लाभदायक हो सकता है।
क्योंकि यह लगभग 4-6 माह में तैयार हो जाती हैं, 3 से 4 टन प्रति हेक्टेयर की दर से आप इसका उत्पादन कर सकते हैं। मछली पालन का व्यवसाय को कामयाब बनाने के लिए आपको उचित प्रबंधन के साथ-साथ सभी आवश्यक बातों पर ध्यान रखना होगा।
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Fertilizer Business License
खाई जाने वाली Fish Farming Business Ideas
मछली फ़ार्मिंग दो प्रकार से कर सकते हैं।
- तालाब/ Pond
Biofloc का निर्माण
तालाब का निर्माण-.
मछली पालन के लिए तालाब का निर्माण 1.5 से 2.5 मीटर गहराई होनी चाहिए इससे अधिक एक कम गहरा न हो।
तालाब का आकार अक्सर भारत में पाए जाने वाले तालाब आयताकार आकार में बनाए जाते हैं, और यह देखने में ही खूबसूरत लगता है.
तालाब में बीज संचय से पहले मिट्टी की गुणवत्ता का परीक्षण करना बेहतर होता है।
और तालाब में सीड किसी प्रमाणित हेचरी से डालनी चाहिए ।
तालाब की मछलियों का उचित उपचार किया जाना जरूरी है, पानी का उचित प्रबंधन भी जरूरी है ताकि पानी का उचित प्रबंधन बना रहे।
तालाब में ऑक्सीजन का स्तर उचित बनाए रखने के लिए उचित मात्रा में पानी होना चाहिए।
मछली के लिए प्रोटीनयुक्त फ़ीड दिया जाना चाहिए।
मछलियों का पालन करते समय मछलियों की प्रजातियों का चयन ध्यान से करना चाहिए, एक साथ ऐसी दो प्रकार की मछलियां का प्रयोग ना करें जो आपस में एक दूसरे को नुकसान पहुंचाएं।
मछली फ़ार्मिंग बिजनस करने से पूर्व अपने राज्य के Fisheries Department से संपर्क कर सकते हैं। या अपने आस-पास के किसी Biofloc फार्मर से प्रशिक्षण ले सकते हैं।
फ़ार्मिंग से पूर्व प्रशिक्षण अवश्य प्राप्त कर लें।
Fish Farming की एक नई विधि है, जिसमें सिमेन्ट से या त्रिपाल आदि से tank बनाए जाते हैं। जिसकी 04 मीटर या अधिक चौड़ाई होती है, 1.5 या इससे अधिक गहराई होती है।
जिसको बनाने में 18 से 25 हजार प्रति Biofloc खर्च आता है, 1 साल में 2 बैच ले सकते हैं।
Biofloc किसी भी स्थान पर बना सकते हैं इसमें पानी की आवश्यकता तालाब की तुलना में बहुत कम पड़ती हैं, फीडिंग में भी लागत कम आती है।
Biofloc Fish Farming संबधित अधिक जानकारी के लिए अपने राज्य के Fisheries Department से संपर्क कर सकते हैं। या अपने आस-पास के किसी Biofloc फार्मर से प्रशिक्षण ले सकते हैं।
बाढ़ की स्थिति में मछली पालन प्रबंधन –
बाढ़ की स्थिति में मछली पालन प्रबंधन संबंधित जरूरी ध्यान देने वाली बातें-
जहां पानी का धारा का बहुत ज्यादा हो ऐसी जगह तालाब का निर्माण ऐसी जगह न करें।
तालाब निर्माण के लिए बांधों की ऊंचाई का निर्धारण पिछले 50 वर्ष की बाढ़ की स्थिति का अनुमानुसार करें।
ऊंचाई अधिकतम जल स्तर से 1 मीटर ऊंचा होना चाहिए,
चूहों के द्वारा बनाए गए छिद्र बांधों को बरसात में काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए इसको बंद करने पर विशेष ध्यान दें। बरसात के दिनों में तालाब का पानी निकालने और लाने के लिए उचित वेवस्था होनी चाहिए।
क्षतिग्रस्त बांध के मरम्मत पर विशेष ध्यान दें, बाढ़ ग्रस्त इलाका के मछली फार्मर बरसात से पहले तालाब का बांध के चारों तरफ बांस का खूटा लगाकर कम से कम 4 फीट ऊंचा जाल लगा दें तथा जाल के निचले भाग को अच्छी तरह से दबा दें।
बाढ़ के समय मछलियों को सुरक्षित तालाब में रखें, ज्यादा खतरा होने पर बरसात से पहले तालाब खाली कर दें।
मछली पालक को निश्चित तौर पर मौसम पूर्वानुमान विभाग द्वारा जारी सूचनाओं की जानकारी भी रखना जरूरी है, ताकि होने वाले नुकसान से तालाब से बचाया जाए। बाढ़ इलाके के तालाब में नाव जरूर रखें। साथ ही तालाबों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना विभाग को भी जरूर दें।
स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि/ प्रखंड स्तर के पदाधिकारी / जिला स्तरीय पदाधिकारी से संपर्क बनाए रखें किसी भी तरह की घटना होने पर विभाग को जानकारी जरूर दें।
तालाब का प्रबंधन –
मत्स्य पालन के लिए सलाह दी जा रही है कि तालाब ऊंची स्थान पर करें, बाढ़ वाले क्षेत्र में जहां पानी का बहाव कम हो ऐसे स्थान का चयन करें।
गर्मी के मौसम में तलाब का उपचार के लिए रासायनिक की अनुपलब्धता के लिए जल की गुणवत्ता बनाए रखें। इस समस्या से निपटने के लिए उपाय इस प्रकार कर सकते हैं:-
इस स्थिति से निपटने के लिए किसानों को पानी की गहराई 1.5 मीटर से अधिक रखना चाहिए।
जल गुणवत्ता बनाए रखने के लिए तालाब में 250 किलोग्राम चूना और 500 ग्राम पोटेशियम परमैग्नेट प्रति हेक्टेयर प्रतिमाह का प्रयोग करें।
तालाब में पानी के रंग को हल्का हरा बनाए रखें।
गहरा हरा होने पर तालाब में साफ पानी डालें।
मछली की संख्या कम कर दें ताकि पानी की गुणवत्ता और मछली का विकास और स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े।
Fish Feeding (मछली फीड)
मछली के लिए feed अपने आसपास के बाजार से खरीद सकते हैं, साथ ही आप स्वयं भी घर पर फ़ीड तैयार कर सकते हैं।
मत्स्य पालक को स्वयं तैयार किया गया फ़ीड का उपयोग करने की सलाह मत्स्य विभाग द्वारा दी गई है।
मछली के लिए फ़ीड तैयार करना-
फ़ीड को तैयार करने के लिए मत्स्य पालक स्थानीय बाजार में उपलब्ध सामग्री जैसे खली, अपशिष्ट अनाज, चावल की भूसी, खनिज मिश्रण आदि का उपयोग कर सकते हैं।
100 किलोग्राम फिश फीड तैयार करने के लिए 40 किलोग्राम खली, 19 किलोग्राम अपशिष्ट अनाज (पिसा हुआ), 40 किलोग्राम चावल की भूसी और 1 किलोग्राम खनिज मिश्रण को ठीक से मिला कर तैयार करें।
मछली की पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध फ़ीड सामग्री का उपयोग करने से पहले उबाल लेना चाहिए।
मछली के पकड़ने व विपणन प्रबंधन-
मछली को पकड़ने के लिए स्थानीय मछुआरे या परिवार के सदस्य जिनके स्वास्थ्य की स्थिति सही हो उन्हें अपने तालाब में मछली पकड़ने के काम में लगा सकते हैं।
अगर स्थानीय मछुआरे /परिवार के सदस्य उपलब्ध नहीं है तो मछली पकड़ने के लिए एकल उपयोग उपकरण का उपयोग करें।
जो एकल मछुआरे द्वारा संचालित किए जाते हैं जैसे गिलनेट, फाँसजाल, कॉस्टनेट/ भेरकाजाल आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
Bihar Fish Farming House-
फिश फ़ार्मिंग संबंधित आप बिहार मत्स्य विभाग के ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
या पाने राज्य के मत्स्य विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
बिहार के लगभग सभी जिलों में फिश फॉर्म उपलब्ध है जहां से fish farming business शुरू करने के इच्छुक संपर्क कर सकते हैं।
फिश फार्म संबंधित विवरण जाने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कीजिए जिसका लिंक दिया जा रहा है।
Fish Businessman के लिए बेचने की व्यवस्था-
मछली की बिक्री स्थानीय बाजार में करें या फिर आप ट्रांसपोर्ट के माध्यम से देश के विभिन्न स्थानों पर भी एक्सपोर्ट कर सकते हैं।
हॉलेसेल में मछुआरों को भी दे सकते हैं जो स्थानीय बाजार में बेचते हैं।
मछली बिक्री हेतु मार्केट और अवसर को देखते हुए मात्रा में पकड़े, खपत कम हो तो मछली को कम मात्रा में पकड़ें, मांग बढ़ने पर अधिक मात्रा में पकड़ सकते हैं।
मछलियों का प्रकार –
देश में लगभग 72 से अधिक पर प्रजाति की मछलियां पाई जाती है।
कुछ मछलियों के नाम इस प्रकार है:-
रोहू, केतला, नैनी, कॉमन कार्प, सिल्वर कार्प, तिलापिया, बोआरी, मागुर, सिंघी, कवई, पोठी, टेंगरा, खेसरा, मोया, सूहीया, हिलसा, धवाई, ग्लास फिश, कोटारी, डेंडुआ, सिलटोका, करौनचर, थूथूनहिया, भगन, बाटा, रेबा, गुर्दा, चलवा, सिधरी, दरही, बघूआ, बाघा, नकाती, नटवा, पतारा, जलकपुर, हुनगरा, रीटा, सीलूनड, गलफूलानी, बेंग मछरिया, कौवा, पंगास, बाम, जाया, केनवची, सुमहा, भोला, सौर, चनागा, गिरई, रैया, बुल्ला, आदि मछलिया के नाम हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में नाम अलग हो सकता है।
Decorative Fish Farming (सजावटी मछली ) Business Ideas-
अक्सर लोगों को घर पर मछलियां पालना शौक के तौर पर अच्छा लगता है, अक्सर लोग रंग बिरंगी मछलियों को घर का सदस्य मानते हैं, और इसमें अपना गुडलक भी तलाश करते हैं.
घर में रखने वाली मछलियां में ज्यादा पॉपुलर है गोल्डफिश, बाजार में इसकी कीमत 2500/ से 28000/ रुपये तक जाती है। इसलिए बाजार में गोल्डफिश की मांग बहुत अधिक है।
इस कारोबार को शुरू करने के लिए एक लाख से 2.5 लाख रुपये तक लगाकर Business शुरू कर सकते हैं।
जिससे महीने में एक से दो लाख रुपये तक कमा सकते हैं।
Decorative Fish Farming Business में लागत-
सजावटी मछलियों की Farming और Business शुरु करने के लिए आपको दो से 2.5 लाख तक खर्च करना पड़ सकता है।
जिसके लिए लगभग 50000/ रुपये 100 वर्ग फीट के एक एकवेरियम पर खर्च करना होता है।
और लगभग इतने रुपए अन्य सामान के लिए खर्च आता है।
इसके अलावा अनेक प्रजातियों की मछली सीड पर खर्च करना पड़ता है।
जिसे ₹100 से ₹500 प्रति पीस लेना पड़ता है, साथ ही मछली खरीदने में फीमेल और मेल का अनुपात का ध्यान रखना पड़ता है, इसका अनुपात 4:1 रखा जाता है।
सजावटी मछली का प्रकार-
अलग-अलग मछलियों की प्रजाति जैसे गोल्डनफिश, अरवान, चाइनीस फ्लावर, इंडियन फ्लावर हॉर्न ,डिस्कन और पेस्ट कुछ मुख्य मछलियां हैं।
सजावटी मछली की सीड चेन्नई, कोलकाता, चीन, हांगकांग से मंगाए जाते हैं इसी लिए यह कुछ महंगी होती है।
जिसे आप भारत में उपलब्ध डीलरों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं इनमें से सबसे महंगे गोल्डनफिश, अरवान होती है, 28000/ रुपये से भी अधिक इसकी कीमत होती है।
4 से 6 महीने के बाद शुरू करें
सीड डालने के बाद 5-6 महीने में इन्हें बेचा जा सकता है, लेकिन फार्मिंग करते समय एक एकवेरियम में केवल एक ही प्रकार के मछली रखी जाए और आवश्यकतानुसार इन मछलियों को फ़ीड डालें।
प्रति दिन इनकी फीडिंग का अच्छा ख्याल रखें।
इन मछलियों को आप विभिन्न ने मार्केट में या ऑनलाइन मार्केट बेच सकते हैं।
Fish Seed Form in Bihar
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Business Plan (Hindi Guide) – बिजनेस प्लान क्या है और बिजनेस प्लान कैसे बनाएं
किसी भी Business को शुरू करने से पहले Planning एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया हैं और लिखित Business Plan बनाना इस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं| Business Plan एक तरह से आपके बिज़नेस का नक्शा (Map) या Blueprint होता हैं जिसमें आपके बिज़नेस की सामान्य जानकारी, व्यवसाय के लक्ष्य और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने का तरीका आदि बातें लिखी होती हैं| बिज़नेस प्लान न केवल आपके Guide के रूप में काम करता हैं बल्कि Bank Loan , Startup Funding or Business Partneship आदि कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जरूरी होता हैं|
लगभग सभी तरह के Business Loans के लिए बिज़नेस प्लान बनाना बहुत जरूरी हैं नहीं तो Banks, Loan देने से मना कर सकते हैं|
Business Plan क्या है
कोई भी काम करने से पहले उसकी योजना बनाई जाती है। यही बात Business के ऊपर भी लागू होती है जहां इस योजना का लिखित रूप Business Plan कहलाता है। दरअसल Business Plan एक ऐसा Document है जो किसी नए Business के ‘क्या’, ‘क्यों’ और ‘कैसे’ जैसे सभी प्रश्नों का उत्तर देता है । जैसे :
- हमारा Business क्या है ?
- हम ये Business क्यों करना चाहते हैं
- हम इस Business को कैसे करेंगे ?
इन सभी प्रश्नों के उत्तर हमे बिज़नेस प्लान के द्वारा मिलता हैं । प्रमुख रूप से Business Plan नये व्यवसाय के लिए होता है लेकिन कोई वर्तमान Business कुछ नया कर रहा है तो भी Business Plan बनाकर Business को आगे बढ़ा जा सकता है। Business Plan से सिर्फ Start-up नहीं बनती है बल्कि Business को Established भी करती है । समय-समय पर परिस्थितियों के अनुसार Business Plan में बदलाव भी किए जा सकते है।
Business Plan क्यों बनाया जाता है:
आप यह सोच सकते हैं कि Business Plan को बनाने की जरूरत क्या है। अपने Business Plan के माध्यम से व्यवसायी अपने निर्धारित लक्ष्यों का लिखित रूप और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वह क्या रणनीति बना रहा है, स्पष्ट रूप से बताता है। व्यावसायिक योजना या बिज़नेस प्लान निम्न उद्देश्यों के लिए बहुत जरूरी होता हैं:-
- Bank में Business Loan के लिए Apply करना
- अपने Small Business या Startup के लिए Venture Capital Firm या Crowdfunding जैसे अन्य तरीकों से Fund जुटाना
- Business से सम्बंधित किसी भी प्रकार की Subsidy या कोई Scheme के लिए Apply करना
- Business Partnership और फ्रेंचाइजी आदि के लिए
एक अच्छी तरह से बनाए गए Business Plan से न केवल Bank और अन्य बाहरी स्त्रोतों से वित्त ( Funding or Finance ) प्राप्त करना सरल होता है बल्कि Internal Operations में भी यह सहायक होता है।
How to Write a Good Business Plan – अच्छा बिजनेस प्लान कैसे बनाए
किसी भी योजना का निर्माण बहुत सोच समझ कर किया जाता है। यही बात Business Plan बनाते समय भी लागू होती है। कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले उसकी योजना Business Plan के रूप में तैयार की जाती है। इसलिए एक अच्छे Business Plan को बनाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाता है। इनमें प्रमुख हैं :
- इस Business Plan को बनाने का Core Objective क्या है ?
- Business Plan को किन लोगों के लिए बनाया जा रहा है । अथार्थ इसे पढ़ने वाले लोगों में Investors या Bankers हैं जिनका धन व्यवसाय में Invest हुआ है ?
- आपके Business Plan में क्या-क्या शामिल है?
- आपको एक संक्षिप्त या विस्तृत Business Plan चाहिए ?
जब इन प्रश्नों का उत्तर मिल जाता है तो एक व्यवसायी अपना Business Plan बनाना शुरू करता है। किसी भी एक सफल और स्पष्ट Business Plan में निम्न विषयों पर Focus किया जाता हैं:-
1. बिजनेस का उदेश्य क्या है – अच्छी तरह से डिजाइन किया हुआ Business Plan किसी भी व्यवसाय के उद्देश्यों को बता सकता है। इस Business Plan के माध्यम से व्यवसायी ने अपने भविष्य के लिए क्या योजना बनाई है, इसका पता चलता है । इन उद्देश्यों से व्यवसाय से जुड़े लोगों को क्या लाभ होगा, इसका ब्यौरा भी Business Plan से ही चलता है।
2. Business के स्पष्ट विवरण का वर्णन – Business Plan के माध्यम से किसी भी व्यावसायिक इकाई के बारे में Complete Description का पता लगता है। इस Business Plan के द्वारा ही किसी अन्य व्यक्ति को यह पता चलता है की आपने अपना व्यवसाय कैसे शुरू किया था और आपका क्या उद्देशय है ।
3. व्यवसाय के उत्पाद और सेवाएँ क्या हैं – Business Plan को डिजाइन करते समय व्यवसायी यह निश्चित कर सकता है की उसे किस प्रकार के Products का उत्पादन करना है और क्या Services देनी है।
4. मार्केट विश्लेषण में सहायक – व्यवसायी जब Business Plan को बनाता है तो उससे पहले वह अपने संबन्धित बाजार का विश्लेषण (Market Analysis) भी कर लेता है। इस विश्लेषण के माध्यम से ही भविष्य में होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में पता लग सकता है।
5. व्यावसायिक ढांचे का विवरण – किसी भी व्यावसायिक ढांचे में उसके कर्मचारी और प्रबंधकीय क्षमता का पता लगता है। Business Plan को बनाने से Business Structure के बारे में भी पता लग जाता है।
6. संसाधनों का उपयोग – किसी भी व्यावसायिक इकाई का सबसे अच्छा साधन उसमें लगाया गया धन और व्यवसायी का समय होता है। Business Plan को बनाते समय आपको यह निश्चय करना होगा की इन दोनों ही महत्वपूर्ण संसाधनों का उपयोग कैसे करना है।
7. लक्ष्य निर्धारण – किसी भी काम को सफलतापूर्वक करने के लिए उसका लक्ष्य का निर्धारण करना जरूरी है। Business Plan को बनाते समय व्यवसाय के लक्ष्यों का निर्धारण सरल हो जाता है ।
Business Plan Template in Hindi – बिज़नेस प्लान टेम्पलेट
हालाँकि किसी भी Business Plan का कोई फिक्स फॉर्मेट नहीं हैं और इसे आवश्यकता के अनुसार अलग अलग तरीके से बनाया जाता हैं| सामान्यत: एक Business Plan के निम्न भाग होते हैं:-
Executive Summary – एग्ज़ीक्यूटिव संक्षेप
Executive Summary किसी भी Business Plan का पहला भाग होता हैं और इसके अंतर्गत Business Plan से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बातों को सारांश के रूप में लिखा जाता हैं| Business Naure, Legal Structure, Product or Services, Target Market, Business Model, Management Team, Marketing Plan, Goals, Financial Projection, Fund or Loan Required आदि को संक्षेप में बताया जाता हैं|
बाकि के Business Plan का पूरा सार इस भाग में लिखा होता हैं, इसलिए भाग को सबसे अंत में बनाना बेहतर होता हैं|
Company or Business Overview – व्यावसायिक पृष्ठभूमि:
Business Plan के इस भाग में आपके व्यवसाय से सम्बंधित पूरी जानकारी को विस्तृत में लिखा जाता जैसे
- व्यवसाय की प्रकृति
- आप क्या बेचेंगे – Product or Service Description
- आपका Target Market क्या हैं
- व्यवसाय का Legal Structure यानि कि व्यवसाय एकल, साझेदारी या कंपनी हैं,
- कर्मचारी और मैनेजमेंट टीम,
- व्यावसायिक स्थल
इसके आलावा इस भाग में व्यवसाय के Product या Services से सम्बंधित सभी बातों को विस्तृत में लिखा जाता हैं जैसे:-
- आपका प्रोडक्ट या सर्विसेज से कौनसी समस्या सुलझ रही हैं या यह लोगों के क्या काम आ रही हैं?
- आपका product या services दूसरों से कितना अलग हैं?
- लोग आपके Product को क्यों खरीदेंगे
- आप अपने product को कैसे बनायेंगे और क्या वह तरीका सबसे बेहतर हैं?
- क्या आपने प्रोडक्ट और सर्विसेज का Trademark, Patent आदि का रजिस्ट्रेशन करवा दिया हैं
Product/Service Description को अलग भाग में भी दिखाया जा सकता हैं|
Market Analysis – बाजार विश्लेषण
इस भाग में आपके Product या Service के Target Market से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बातों का एनालिसिस किया जाता हैं जैसे:-
- टारगेट मार्केट, मार्केट साइज़ और Deemand
- आप किसे बेचेंगे – Target Customer, उनका व्यवहार, वर्ग और खरीद शक्ति (Purchasing Power)
- आपके competitors कौन हैं और उनके पास कितना Market Share हैं, उनकी शक्तियां और कमजोरियां
- भविष्य में Demand और Market में होने वाले महत्वपूर्ण परिवर्तन
Marketing Strategy – बाजार रणनीति
Business Plan का यह भाग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस भाग में उन सभी नीतियों वर्णन होता है जो आप अपने Product and Services को कस्टमर तक पहुँचाने और Market Promotion के लिए प्रयोग में लाना चाहते हैं। इस भाग के अंतर्गत आपको निम्न बातों को निर्धारित करना होता हैं:-
- आपके Product या Service मार्केट में अपनी जगह कैसे बनायेंगे
- आपके Target Customer कौन हैं जो सबसे पहले आपके Product या Services में रुचि दिखायेंगे और आप उन तक कैसे पहुंचेंगे
- आपकी Pricing Policy क्या होगी
- आप अपने Product या Service को किस तरह से Promote करेंगे जैसे Direct Marketing, Advertisement Social Media etc.
- आप किस तरह से अपने product या services को कस्टमर तक पहुंचाएंगे – डिस्ट्रीब्यूशन चेनल
- आपकी Selling Strategy क्या होगी?
Operations – कार्यप्रणाली
यह एक महत्वपूर्ण भाग हैं जिसमें Business Operations यानि कि “व्यवसाय कैसे चलेगा” इससे सम्बंधित सभी बातों की विस्तृत जानकारी होती हैं जैसे:
- Business Place – आप किस जगह पर अपना व्यवसाय करेंगे| क्या आप जगह खरीदेंगे या किराये पर लेंगे|
- Production Facility and System – आपके पास प्रोडक्शन फैसिलिटी किस प्रकार की हैं और क्या यह जरूरत के मुताबिक हैं|
- Purchase Plan – आप अपने Inputs को किस तरह से खरीदेंगे और क्या यह सबसे बेहतर तरीका हैं
- Production Plan – आप किस प्रकार अपने Product का उत्पादन करेंगे| Deemand के आधार पर या Estimates के आधार पर|
- Workforce Structure and their roles – आपके कर्मचारियों के पद, कार्यक्षेत्र और उनकी जिम्मेदारियां
- Systems and Information Technology – आपके व्यवसाय का मुख्य IT सिस्टम किस तरह का होगा
- Store Facility – आप कितना Stock रखेंग और कहाँ पर रखेंगे|
Financial Analysis – वित्तीय योजना:
Financial Analysis किसी भी Business Plan का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता हैं क्योंकि यह भाग आपके व्यवसाय की सारी महत्वपूर्ण बातों और Projection को फिगर्स या नंबर्स में प्रस्तुत करता हैं| इसी भाग से बैंक या वेंचर फर्म को आपके व्यवसाय की वित्तीय स्थिति और पूँजी की आवश्यकता का पता चलता हैं जिसके आधार पर Banks, लोन देती हैं और Venture Capital Firms, निवेश करते हैं| यह हिस्सा मुख्य रूप निम्न बातों पर केन्द्रित होता हैं:
- आपको Business के लिए कितनी पूँजी या Fund की जरूरत हैं और इसका उपयोग कहाँ कहाँ पर करेंगे – Capital/Fund Requirement
- आप इस पूँजी को कैसे जुटाएंगे – Loan, Venture Funding, Crowd Funding, Own Capital etc.
- आप कितने वर्ष के लिए Loan लेंगे, इसकी Security क्या होगी और इसका पुनर्भुगतान कैसे करेंगे
- आपके Business के Revenue/Income Sources क्या होंगे – Sales, Other Incomes
- आपके Business के Exepnditure क्या होंगे – Purchases, Interest Payment, Rent etc.
- Sales, Revenue और Expenses के आधार पर आपके Business के अगले 3-5 वर्षों Profit & Loss Forcast
- आपके Business का Growth Forcast
- Business Risk और उसके संभावित परिणाम
Financial Analysis के महत्वपूर्ण Statements/Forcast
- Capital Requirement and Sources of Capital
- Sales Forcast of 3-5 Years
- Profit and Loss Forcast of 3-5 Years
- Cashflow Statement
- Balance Sheet
Business Plan आपके व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं जो आपके Business को आगे बढ़ाने में निरंतर रूप से आपको गाइड करता है। इसलिए इसके निर्माण में बहुत सावधानी का प्रयोग करना चाहिए।
Posted by Abhishek
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मछली पालन का बिजनेस कैसे शुरू करें | Fish Farming Business Plan in Hindi
मछली पालन का बिजनेस बहुत फायदेमंद बिजनेस होता है इस व्यापार को आप कम लागत में शुरू कर सकते हैं। मछली पालन को अग्रेंजी भाषा में Fish Farming कहा जाता है। हमारे भारत देश की तकरीबन 60 प्रतिशत आबादी मछली खाना पसंद करती है। मछली का सेवन करने से कई स्वास्थवर्धक लाभ होते हैं।
मछली को प्रोटीन का प्रमुख स्त्रोत माना जाता है इसलिए इसको खाने वाले लोग हर क्षेत्र में मिल जायेगे चाहे ग्रामीण हो या फिर शहर। भारत में आज भी मछली के तालाबों की कमी है और इसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए नदियों और समुन्द्रों से की जाती है।
मछली पालन का व्यापार कैसे शुरू करें?
कई लोगो को लगता है कि मछली पालन करना बहुत आसान है लेकिन सच्चाई यह है कि इस काम को करने के लिए सही प्लानिंग और कठिन परिश्रम करना पड़ता है।
अगर आप मछली पालन का व्यापार चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ क्रियाकलापों की जानकारी होना बहुत आवश्यक है जैसे मछली पालन के लिए उपयुक्त स्थान, मछली का खाना, मछलियों की प्रजातियां इत्यादि। तो चलिए सभी जरुर तथ्यों पर विस्तार से जानते हैं।
मछली पालन के लिए सही जगह का चुनाव करें
मछली पालन के लिए आपको सही जगह का चुनाव करना होगा जहाँ पर मछलियों को रहने में कोई दिक्कत ना हो। जब मछलियों के लिए अनुकूलित वातावरण और जलवायु होगा तभी मछलियों का विकास सही तरीके से हो पाएगा।
पहले ज़माने में लोग मछली पालन करने के लिए कुआँ और तालाबों का इस्तेमाल किया करते थे। आप कृत्रिम तलाब का इस्तेमाल कर सकते हैं। मछलियों के लिए जमीन पर तालाब बनाने के लिए आप JCB मशीन की सहायता ले सकते हैं या कुछ मजदूरों लगाकर फावड़े मदद से भी तालाब का निर्माण किया जा सकता हैं।
तालाब का निर्माण होने के बाद उसके सफाई अच्छे से करें और उसमे ब्लीचिंग पाउडर और चूने का छिड़काव जरूर कर दें. ऐसा करने से मछलियों को हानि पहुंचाने वाले कीड़े मर जाते हैं।
मछली की प्रजाति का चुनाव करें
मछलियों की कई प्रजातियाँ होती है इसलिए ऐसी प्रजाति की मछली पालन करें जो हर मौसम में में तेज गति से विकास करें। हमारे देश में कई मछलियाँ ऐसी होती है तो परिस्थिति के अनुसार अपने आप को उस वातावरण ढाल लेती हैं जैसे कटला ,रोहू ,टूना कटला, मुरैल, ग्रास हिस्ला तथा सार्प इत्यादि।
भारत की जलवायु सभी प्रकार की मछलियाँ पालन के लिए अनुकूल मानी जाती है। लेकिन वावजूद इसके ऐसी मछली की प्रजाति का पालन करें जो आपके क्षेत्र के वातावरण और लोगो की मांग के अनुकूल हो। आपको बता दें कि सही मछली की प्रजाति ही आपको इस व्यापार में अच्छा मुनाफा दिला सकता है।
मछलियों के लिए खाना का प्रबंध
मछलियों का विकास उनके वातावरण के साथ साथ भोजन पर निर्भर करता है। अलग-अलग प्रजाति की मछलियों के लिए अलग-अलग भोजन दिया जाता है। खाने के साथ-साथ पानी को लेकर भी सावधानी बरतना बहुत जरूरी होता है। तालाब या टैंक का पानी सही है कि नहीं इसकी जांच करने के बाद ही मछलियों को तालाब में डालना चाहिए।
मछलियों की तेज गति से वृद्धि करने के लिए उन्हें गुणवत्तायुक्त भोजन खिलाना चाहिए। इसके लिए केवल भीतरी खाना पर्याप्त नहीं होता बल्कि पौष्टिक और उच्च गुणवत्ता वाले भोजन को बाजार से खरीदकर खिलाना चाहिए।
मछलियों का रख रखाव
अगर आप मछली पालन करते हैं तो उनका अच्छे से देखरेख करना बहुत आवश्यक होता है तभी मछलियां स्वस्थ और तेजी से विकास करेंगी। मछलियां की देखरेख करने के लिए आप मजदूर रख सकते हैं जो सही समय पर मछलियों को खाना देगा और बीच बीच में पानी की जांच भी करेगा।
इसके अलावा यह भी देखना पड़ता है कि कौन सी मछली बीमार है। यदि एक मछली बीमार पड़ जाती है तो उसका प्रभाव पूरी मछलियों पर पड़ता है। मछली की बीमारी को ठीक करने के लिए पानी में पोटेशियम परमैग्नेट और सोडियम का छिड़काव किया जाता है।
मछली पालन के लिए ट्रेनिंग कहाँ से करें?
भारत सरकार मछली पालन के लिए ट्रेनिंग करवाती है। सरकार समय-समय पर तीनो कृषि मंत्रालय पशुपालन विभाग, डेयरी विभाग, मतस्यपालन के लिए लोगो को ट्रेनिंग करवाती है। ट्रेनिंग की जानकारी पाने के लिए https://dof.gov.in/ वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
इस समय सरकार मतस्यपालन को करने के लिए ज्यादा प्रोत्साहन कर रही है। मतस्यपालन को छोटे पैमाने टैंक या छोटे गड्ढ़े से शुरू किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में भारत सरकार ने 1 लाख 85 हजार रुपये केवल मतस्य सेंटर में खर्च किया था।
मत्स्य पालन की ट्रेनिंग 10 से 15 दिनों की होती है। इस ट्रेनिंग के दौरान आपको सारी चीजें सिखाई जाती है जैसे जैसे कौन मछलियों की प्रजातियां मत्स्य पालन के लिए ज्यादा अच्छी रहती है, मछलियों के लिए सही जलवायु और वातावरण, मछलियों के लिए स्वस्थ आहार, पानी को स्वच्छ कैसे रखा जाए इत्यादि।
मतस्यपालन के लिए लागत
मतस्यपालन का व्यापार करने के लिए आपको शुरुआती में 4 से 5 लाख रूपए आस्वस्यकता पड़ेगी। इतने पैसे से आप मछलियों के लिए तालाब बनानाकर उसमे छोटी मछलियों का बीज डालकर मतस्यपालन शुरू कर सकते हैं।
पानी को स्वच्छ करने के लिए उस कुछ केमिकल मिलाये जाते हैं जिसे आप बाजार से खरीद सकते हैं। मछलियों की कीमत उनकी प्रजातियों पर निर्भर करता है जैसे कुछ प्रजाति की मछली बहुत महंगी और कुछ प्रजाति की मछली सस्ती कीमत पर मिलती है। आप अपने बजट के अनुसार मछली खरीद सकते हैं।
मछलियों की मार्केटिंग कैसे करें?
हमारे भारत देश आधा से अधिक आबादी मछलिय खाना पसंद करते हैं इसलिए इसकी मछलियों की मार्केटिंग ज्यादा मुश्किल काम नहीं है। भारत के हर सहर में मछलियों की मंडी जरुर लगती है। आप जिस भी शहर या गाँव में रहते हैं अपने नजदीकी मछलियों की मंडी जाकर बेंच सकते हैं।
मंडी में आपको मछली खरीदने के फुटकर और थोक ग्राहक मिल जायेगे जिन्हें आप बेंच सकते हैं। मछली पालन एक सदाबहार बिजनेस है जिस की डिमांड हमेशा बनी रहती है। इसलिए आप जितना ज्यादा इसका उत्पादन करेंगे है उतना ही ज्यादा आपकी कमी होगी है।
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