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शरद ऋतु निबंध (Winter Season Essay in Hindi)

शरद ऋतु

शरद ऋतु भारत में चारों ऋतुओं में सबसे ठंडी ऋतु होती है। यह दिसम्बर के महीने में पड़ती है और मार्च में होली के दौरान खत्म होती है। दिसम्बर और जनवरी को शरद ऋतु के सबसे ठंडे महीने माना जाता है। यह पतझड़ के मौसम के बाद आती है और वसंत ऋतु (बाद में ग्रीष्म ऋतु) से पहले समाप्त हो जाती है। हम आमतौर पर, इसे दीवाली के त्योहार (शरद ऋतु की शुरुआत) से होली के त्योहार (शरद ऋतु की समाप्ति) तक वातावरण के तापमान में निरंतर कमी के द्वारा महसूस करते हैं।

शरद ऋतु पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Winter Season in Hind, Sharad Ritu par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 – 300 शब्द).

शीतऋतु के चरमपर वातावरण का तापमान बहुत कम हो जाता है। पहाड़ी क्षेत्र बर्फ की सफेद मोटी चादर से ढक जाते हैं और बहुत ही सुन्दर लगते हैं। सर्दियों में कड़ाके की ठंड के कारण, लोगों को घर से बाहर जाने के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

शीतऋतुका आगमन

सर्दी का मौसमअक्टूबरके अंतमें शुरु होता है और मार्चके प्रारम्भ में खत्म होता है।सभी सर्दी के मौसम के दौरान शरीर को गर्म रखने के लिए मोटे ऊनी कपड़े पहनते हैं।

शीतऋतु का प्रभाव

हमें शीतऋतु की चरम सीमा के महीने में उच्च स्तरीय ठंड और तेज सर्द हवाओं का सामना करना पड़ता है। हम वातावरण में दिन और रात के दौरान बड़े स्तर पर तापमान में परिवर्तन देखते हैं, रातें लम्बी होती है और दिन छोटे होते हैं। आसमान साफ दिखता है हालांकि, कभी-कभी सर्दी के चरमोत्कर्ष पर पूरे दिन धुंध या कोहरा रहता है। कभी-कभी शीतऋतु में बारिश भी होती है और स्थिति को और भी अधिक बुरा बना देती है।

शीत ऋतु हमें जीवन के संघर्षों का सामना करने की प्रेरणा देती है। शीत ऋतु से पहले शरद ऋतु में हमारा जीवन सामान्य रहता है लेकिन शीत ऋतु में हमारा संघर्ष बढ़ जाता है। जिस तरह से शीत ऋतु के जाने के बाद हमें बसंत का आनन्द मिलता है, ठीक उसी तरह जीवन में संघर्ष करने के बाद हमें सफलता का आनन्द मिलता है। यही संदेश हमें शीत ऋतु देती है।

निबंध 2 (300 शब्द)

भारत में शरद ऋतु बहुत ही अधिक ठंडी ऋतु होती है। यह पतझड़ के बाद शुरु होती है और वसंत ऋतु के आगमन पर समाप्त होती है। हम वातावरण में शरद ऋतु के दौरान अन्य मौसमों की तुलना में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखते हैं। वातावरण का तापमान बहुत कम हो जाता है, तेज गति में हवाएं चलने लगती है, दिन छोटे हो जाते हैं और रातें लम्बी हो जाती है आदि।

कभी-कभी तो हम घने बादलों, कोहरा और धुंध के कारण सूरज को भी नहीं देख पाते हैं हालांकि, अन्य सर्दियों के दिनों में आसमान बहुत ही साफ और नीला दिखाई देता है। पूरे सर्दी के मौसम के दौरान गीले कपड़ों के सूखने में बहुत अधिक परेशानी आती है। यह स्वास्थ्यवर्धक और पसंदीदा फलों संतरा, अमरूद, चीकू, पपीता, आंवला, गाजर, अंगूर आदि का मौसम है।

शरद ऋतु क्यों आती है

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, पृथ्वी अपनी धुरी पर सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना ही पूरे साल भर में मौसम और ऋतुओं के बदलने में मुख्य भूमिका निभाता है। जब पृथ्वी उत्तरी गोलार्द्ध (अर्थात् सूर्य से दूरी) पर चक्कर लगाती है, तो सर्दी होती है। ऋतुएं बदलती है, जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री क्रान्ति वृत (सूर्य की ओर) झुकी हुई है।

सर्दियों के दौरान प्राकृतिक दृश्य

सर्दियों के मौसम के दौरान पहाड़ी क्षेत्र बहुत ही सुन्दर दिखने लगते हैं, क्योंकि सब कुछ बर्फ की चादर से ढका होता है और प्राकृतिक दृश्य की तरह बहुत सुन्दर दिखाई देता है। सभी वस्तुओं पर पड़ी हुई बर्फ मोती की तरह दिखाई देती है। सूर्य के निकलने पर अलग-अलग रंग के फूल खिलते हैं और पूरे वातावरण को नया रुप देते हैं।

हरी सब्जियां , फूल व फल

शीत ऋतु का अपना विशेष महत्व होता है। शीत ऋतु के आरंभ में कम तापमान में गेहूँ जैसी फसलों को बोया जाता है। शीत ऋतु में अधिकतर हरी सब्जियों की भरमार होती है। शीत ऋतु में हम मेथी, गाजर, मटर, बैंगन, गोभी, धनिया,  मूली जैसी हरी सब्जियों को आसानी से प्राप्त कर पाते हैं। सूर्य के निकलने पर अलग-अलग रंग के फूल खिलते हैं और पूरे वातावरण को नया रुप देते हैं।

शीत ऋतु में पाचन शक्ति बहुत ही मजबूत होती है इसलिए इस समय लोग आराम से भोजन कर पाते हैं। ठंड के समय में अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छे खान-पान का भी ध्यान रखना पड़ता है। तापमान कम होने की वजह से त्वचा रुखी और सफ़ेद हो जाती है इसीलिए त्वचा का विशेष ध्यान रखा जाता है।

निबंध 3 (400 शब्द)

शरद ऋतु भारत में चार ऋतुओं में से एक है, जो दिसम्बर में शुरु होती है और मार्च के अन्त तक रहती है। कम तापमान वाली सूर्य की रोशनी के कारण सर्दियों के दिन बहुत ही अच्छे और सुहावने होते हैं। उत्तरी भारत के पहाड़ी इलाके तेज बर्फबारी के कारण बहुत ही सुन्दर दिखते हैं। दिसम्बर और जनवरी सबसे अधिक ठंड वाले मौसम होते हैं, जिनके दौरान अधिक ठंडा मौसम होने के कारण हम बहुत अधिक परेशानी महसूस करते हैं। यह लम्बी यात्रा और पर्यटन पर जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम होता है। यह मौसम भारत में सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ ही आसमान के मनमोहक वातावरण में सुन्दर चिड़ियाओं को भी आमंत्रित करता है।

शरद ऋतु में किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है

सर्दियों का मौसम गरीबों के लिए बहुत अधिक परेशानियों का निर्माण करता है, क्योंकि उनके पास गरम कपड़े और रहने के लिए पर्याप्त आवासों का अभाव होता है। बहुत अधिक सर्दी के कारण बहुत से पक्षी पलायन कर जाते हैं और पशु शीत निद्रा (हाइबरनेशन) में चले जाते हैं। इस मौसम के दौरान कोहरा और धुंध बहुत ही सामान्य होते हैं, जो सड़कों पर अधिक भीड़ और दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। हमें सर्दियों से बचने के लिए बहुत से गरम कपड़े पहनने चाहिए और अपने घरों में रहना चाहिए।

शरद ऋतु की अवधि

भारत में सर्दियों के मौसम के शुरु होने की अवधि क्षेत्रों और पृथ्वी के अपने अक्ष पर सूर्य के चारों ओर घूमने के अनुसार अलग-अलग है। हाल के मौसम विज्ञान के अनुसार, उत्तरी गोलार्द्ध में सर्दी का मौसम दिसम्बर में आता है और फरवरी के अन्त में या मार्च की शुरुआत में खत्म होता है। दक्षिण के लोगों के लिए, सर्दियों के महीने जून, जुलाई और अगस्त होते हैं।

शरद ऋतु की विशेषताएं

हम सर्दी के मौसम में अन्य मौसमों की तुलना में बहुत से बदलाव देखते हैं; जैसे- लम्बी रातें, छोटे दिन, ठंडा मौसम, ठंडी हवा, बर्फ का गिरना, सर्द तूफान, ठंडी बारिश, घना कोहरा, धुंध, बहुत कम तापमान आदि।

सर्दियों का आनंद लेने के लिए चीजें और वस्तुएं

मौसम के स्थितियों और रुचि के अनुसार, बहुत सी सर्दियों की गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं; जैसे- आइस-स्केटिंग, आइस-बाइकिंग, आइस-हॉकी, स्कींग, स्नोबॉल फाइटिंग, स्नोमैन को बनाना, स्नो-कैसल (बर्फ का घर) आदि।

कुछ शीतकालीन तथ्य

सर्दियाँ भारत में सबसे महत्वपूर्ण मौसमों में से एक है, जो शरद संक्रांति पर शुरु होता है हालांकि, वसंत विषुवत पर खत्म होता है। सर्दियों में दिन छोटे होते हैं, रातें लम्बी होती हैं और अन्य मौसमों से कम तापमान रहता है। पृथ्वी के सूर्य से दूर झुके होने पर शरद ऋतु का आगमन होता है। यह स्वास्थ्य का निर्माण करने का मौसम है हालांकि, पेड़-पौधों के लिए बुरा होता है, क्योंकि वे बढ़ना छोड़ देते हैं। बहुत से जानवर असहनीय ठंडे मौसम के कारण शीतकालीन निद्रा में चले जाते हैं। इस मौसम के दौरान बर्फ गिरना और सर्द तूफानों का आना सामान्य बात है।

रद ऋतु स्वास्थ्यवर्धक फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों का मौसम है, जैसे- अंगूर, संतरा, सेब, अमरूद, पपीता, गन्ने का जूस, अनानास, गाजर, आंवला, गोभी, चुकंदर, शलजम, मूली, टमाटर, आलू आदि। हम कह सकते हैं कि, सर्दियों का मौसम स्वास्थ्य बनाने का मौसम है। शरद ऋतु फसलों का मौसम है; जैसे- गेहूँ, बाजरा, मूँगफली, और अन्य कुछ फसलें आदि। बहुत प्रकार के मौसमी फूल (डेहलिया, गुलाब आदि) सुन्दर रंगों में खिलते हैं और प्रकृति की सुन्दरता को बढ़ाते हैं।

Essay on Winter Season in Hindi

निबंध 4 (500 शब्द)

सर्दियों का मौसम भारत में सबसे ठंडा मौसम होता है। सर्दियों के मौसम को ठंडी हवाओं के चलने, बर्फ के गिरने, बहुत कम वायुमण्डलीय तापमान, छोटे दिन, लम्बी रातें आदि विशेषताओं के द्वारा पहचाना जा सकता है। यह मौसम लगभग तीन महीने का होता है, जो दिसम्बर में शुरु होता है और मार्च में खत्म होता है।

शरद ऋतु सभी के लिए बहुत ही कठिनाई वाली ऋतु है। यह विशेष रुप से, गरीब लोगों के लिए सबसे अधिक कठिनाइयाँ पैदा करती है, क्योंकि उनके पास पहनने के लिए गर्म कपड़े और रहने के लिए पर्याप्त आवास की कमी होती है। वे आमतौर पर, फुटपाथ या अन्य खुले हुए स्थानों, पार्कों आदि में सूरज की रोशनी में शरीर को गर्मी देने का प्रयास करते हैं। बहुत से बुजुर्ग लोग और छोटे बच्चे अधिक सर्दी के कारण अपना जीवन भी खो देते हैं।

शीत ऋतु का महत्व

शीत ऋतु का हम सबके जीवन में बहुत महत्व होता है इस में नई फसल किसानों द्वारा की जाती है। हमारे भारतवर्ष में शीत ऋतु सबसे महत्वपूर्ण मौसम है जो शरद संक्रांति पर शुरू होता है और बसंत विषुवत पर खत्म हो जाता है। शीत ऋतू स्वास्थ्य का निर्माण करने का मौसम होता है हालाँकि पेड़-पौधों के लिए बुरा होता है, क्योंकि वे बढना छोड़ देते हैं। हेर जगह  पत्तियां दिखाई देती है।

प्रकृति की सुन्दरता

शरद ऋतु स्वास्थ्यवर्धक फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों का मौसम है, जैसे- अंगूर, संतरा, सेब, अमरूद, पपीता, गन्ने का जूस, अनानास, गाजर, आंवला, गोभी, चुकंदर, शलजम, मूली, टमाटर, आलू आदि। हम कह सकते हैं कि, सर्दियों का मौसम स्वास्थ्य बनाने का मौसम है। शरद ऋतु फसलों का मौसम है; जैसे- गेहूँ, बाजरा, मूँगफली, और अन्य कुछ फसलें आदि। बहुत प्रकार के मौसमी फूल (डेहलिया, गुलाब आदि) सुन्दर रंगों में खिलते हैं और प्रकृति की सुन्दरता को बढ़ाते हैं।

शरद ऋतु की मुख्य एजेंट सर्द हवाएं और कोहरा होता है, जो इस मौसम को और अधिक शुष्क और ठंडा बनाता है। कभी-कभी बिना मौसम की बरसात भी होती है, जो जीवन को और भी अधिक दर्दनाक बना देती है। सर्दियों की ठंडी बारिश फसलों, सब्जियों और फलों को नष्ट कर देती है। घना कोहरा सर्दियों में रात को घर बाहर जाना मुश्किल बना देता है।

सर्दियों का मौसम अपनी स्वयं की विशेषता भी रखता है। यह स्वास्थ्य बनाने, सुबह को टहलने, सांस लेने के लिए वातावरण में ताजी हवा, मच्छरों का कोई डर नहीं, किसानों की फसल आदि के लिए अच्छा होता है।

शीत ऋतु के आगमन का कारण

भारत में शीत ऋतु के शुरू होने की अवधि क्षेत्रों और पृथ्वी के अपने अक्ष पर सूर्य के चारों ओर घुमने के अनुसार अलग-अलग होती है। सभी को यह पता है की पृथ्वी सूर्य के चारों और चक्कर लगाती है। पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना ही पूरे साल भर मौसम और ऋतुओं के बदलने में मुख्य भूमिका निभाता है। शरद ऋतु प्रकृति की सुंदरता के साथ सजा हुआ है, शुष्क बादल आकाश में तैरते हैं। उनमें से कुछ ज्यादातर सफेद और उभरे हुए नज़र आते हैं। वे समुद्र में दौड़ती हुई नौकाओं के समान दिखाई देते है।

इस मौसम में हर जगह पत्ते बिखरे हुए दिखाई देते हैं। शरद ऋतु में  शरीर में चुस्ती रहती है और मन खुश रहता है। सरोवरों में कमल खिल जाते हैं और सभी तरफ पक्षियों की कोमल आवाज होती है। रात में चन्द्रमा की चाँदनी बहुत ही आकर्षक लगती है और पूरा वातावरण बहुत ही मनोरम लगता है। शरद ऋतु के अश्विन और कार्तिक दो ही माह होते हैं। इस समय ठंडी-ठंडी हवा चल रही होती है और फूलों पर भँवरे और जमीन पर चींटियाँ होती है।

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6+ शीत ऋतु पर निबंध – Essay on Winter Season in Hindi

Essay on Winter Season in Hindi : आज हमने शीत ऋतु पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 & 9 के विद्यार्थियों के लिए है।

सर्दियों का मौसम बहुत ही अच्छा और सुहावना मौसम होता है इस समय ठंडी ठंडी हवा चल रही होती है नीला आसमान होता है सुबह-शाम कोहरा पड़ता है।

शरद ऋतु का वर्णन हमने छोटी कक्षा और बड़ी कक्षा के विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग निबंधों के माध्यम से किया है।

Essay On Winter Season in Hindi

Get Some Essay on Winter Season in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 & 9 Students.

10 Line Essay on Winter Season in Hindi

(1) शीत ऋतु नवंबर माह में प्रारंभ होती है और फरवरी माह तक चलती है।

(2) शीत ऋतु के प्रारंभ होते ही दिन छोटे और रात बड़ी होने लग जाती है।

(3) सर्दियों में धूप का प्रभाव कम हो जाता है और उत्तर दिशा की ओर से हवाएं चलने लग जाते है।

(4) इन दिनों में सभी लोग गर्म कपड़े स्वेटर, कोट, कंबल, रजाई इत्यादि का इस्तेमाल करते है।

(5) सर्दियों में पाचन शक्ति मजबूत हो जाती है इसलिए सभी लोग अच्छा भोजन खाकर सेहत बनाते है।

(6) सर्दियों के दिनों में गांव के लोग सुबह शाम आग जलाकर सर्दी से अपना बचाव करते है।

(7) इन दिनों में दीपावली, लोहड़ी, क्रिसमस जैसे बड़े-बड़े त्यौहार आते है जिनका लोग खूब आनंद उठाते है।

(8) शरद ऋतु में फल और सब्जियों का अच्छी मात्रा में उत्पादन होता है।

(9) दिसंबर और जनवरी माह में बहुत अधिक ठंड के साथ कोहरा भी हो जाता है जिससे कुछ दिखाई नहीं देता है।

(10) इस समय स्कूलों का समय 10:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक होता है।

Sardi ka Mausam Short Essay in Hindi 250 words

भूमिका –

वर्षा ऋतु के पश्चात शरद ऋतु का आगमन होता है नवंबर माह से प्रारंभ होकर सर्दियां फरवरी माह में खत्म हो जाती है। इस समय मौसम ठंडा और सुहावना हो जाता है।

यह मौसम प्रकृति की अनुपम देन है क्योंकि हमारे भारत देश में गर्मी स्थानों पर भी ठंड का मौसम आता है जोकि सभी लोगों को पसंद होता है।

शीत ऋतु का महत्व –

शीत ऋतु के प्रारंभ होते ही किसान अपनी नई फसल बोने के लिए तैयार हो जाते है। इस ऋतु में सभी को अच्छा और पौष्टिक भोजन मिलता है।

क्योंकि इस समय सभी प्रकार की सब्जियां जैसे बंद गोभी, फूल गोभी, सेम, मटर आलू, मूली, गाजर और फलों में सेव पपीता अंगूर इत्यादि भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते है।

ठंडा मौसम होने के कारण सभी लोगों की स्वास्थ्य प्रणाली अच्छी होती है और लोग पूरे दिन कार्य कर सकते हैं और लंबी रात होने के कारण अच्छे से सो भी सकते है।

शरद ऋतु में भारत का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली मनाया जाता है इसके साथ ही लोहरी, दशहरा, नवरात्रि, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा जैसे अनेकों त्योहार मनाए जाते है।

इन त्योहारों की चकाचौंध और खुशियों से लोगों का मन झूम उठता है।

निष्कर्ष –

शीत ऋतु हमारे भारत देश के लिए बहुत ही आवश्यक है क्योंकि यहां पर अधिकतर समय गर्मी ही पड़ती है इसलिए लोगों को शीत ऋतु आने का बहुत ही अच्छा रहता है।

यह प्रकृति और मनुष्य दोनों के लिए लाभकारी है। सर्दियों का मौसम सभी को अच्छा लगता है सभी लोग दिन के समय धूप का आनंद उठाते हैं और शाम होते ही अलाव या अंगीठी जलाकर सर्दी के मौसम का आनंद लेते है।

Best Long Essay on Winter Season in Hindi

प्रस्तावना –

शीत ऋतु का मौसम स्वास्थ्यवर्धक और सुहावना होता है इस मौसम के आने का सभी भारतीयों को बड़ी बेसब्री से इंतजार होता है।

ठंडे मौसम का कारण सूर्य की किरणें धरती पर बहुत कम समय के लिए और सीधे नहीं पड़ती हैं जिसके कारण वातावरण ठंडा होने लग जाता है

और उत्तर भारत के पहाड़ों पर बहुत अधिक बर्फबारी होती है और इसी समय उत्तर की ओर से हवाई चलने लग जाती हैं जोकि पूरे भारत में ठंडी हवा फैला देती है जिससे पूरा वातावरण ठंडा हो जाता है।

शीत ऋतु की समय अवधि –

शीत ऋतु नवंबर माह में प्रारंभ होती है लेकिन दिसंबर और इन जनवरी माह में बहुत कड़ाके की ठंड पड़ती है। हिंदू महीनों के अनुसार कार्तिक, अगहन, पोष और माघ – चार महीने सर्दी पड़ती है।

शीत ऋतु का प्राकृतिक दृश्य –

शीत ऋतु का मौसम अन्य ऋतुऔ की तुलना में बिल्कुल ही भिन्न होता है, इस समय दिन का समय बहुत छोटा होता है और रात का समय बहुत बड़ा होता है।

शरद ऋतु में सुबह ओस छाई रहती है जिसके कारण थोड़ी सी दूरी पर भी दिखाई नहीं देता है और मौसम इतना ठंडा होता है कि लोग रजाई से बाहर ही नहीं निकलना चाहते है।

इस समय सभी पेड़ों का विकास रुक जाता है और उनके पत्ते धीरे-धीरे झड़ते रहते है कई पेड़ पौधों के पत्तों का रंग रंग बिरंगा हो जाता है जो कि सभी लोगों का मनमोहित कर लेते है।

पहाड़ी इलाकों पर बर्फबारी होती है इसमें ऐसा लगता है कि पहाड़ों ने कोई सफेद चादर ओढ़ ली हो और जब सूर्य की किरण बर्फ पर पड़ती है तो खुले नीले आसमान के तले एक अलग ही चमक दिखाई देती है

यह बहुत ही अद्भुत दृश्य होता है जिसको देखने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक पहाड़ों पर जाते है। संध्या के समय जैसे-जैसे दिन ढलता है वैसे-वैसे ठंड बढ़ने लग जाती है।

समय खेतों में सरसों की फसल की बुवाई की जाती है और सरसों की फसल पर जब पीले रंग के फूल आते है तो यह नजारा किसी जन्नत से कम नहीं होता है।

शीत ऋतु की दिनचर्या –

सर्दियों में सभी लोगों के साथ साथ अन्य प्राणियों की दिनचर्या में भी बदलाव आ जाता है। इस समय ठंड अधिक होने के कारण सभी लोग स्वेटर, मफलर, कोट, दस्ताने इत्यादि पहन कर चलते है।

मौसम सुहावना होने के कारण लोग आलस्य कम करते है। सुबह होते ही लोग कसरत, व्यायाम इत्यादि करने लग जाते है। गांव के बुजुर्ग लोग और बच्चे अंगीठी और अलाव जलाकर हाथ तापते नजर आते है। इस समय स्कूलों और कार्यालय का समय सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक कर दिया जाता है।

ठंड अधिक होने के कारण लोग अपने घर से निकलना कम ही पसंद करते है दोपहर के समय में लोग घरों की छतों पर धूप में बैठते है और ठंड से राहत पाते है।

सर्दियों के मौसम में दिन छोटे होते है इसलिए शाम जल्दी हो जाती है और लोग भी अपने-अपने घरों में जल्दी लौट जाते हैं क्योंकि शाम को ठंड अधिक हो जाती है।

संध्या के समय ही लोग रजाई में दुबकना शुरू कर देते है और अपना मनपसंद गरम गरम भोजन करते है फिर टेलीविजन पर मनोरंजन कार्यक्रम देख कर सो जाते है।

ठंड के मौसम में ठंडी तेज हवाएं चलती हैं जिसके कारण बुजुर्गों और बच्चों को अधिक सावधानी रखनी पड़ती है। सर्दियों के मौसम में किसान भी अधिक कार्य कर पाता है क्योंकि उसको गर्मी और धूप को सहना नहीं पड़ता है।

शीत ऋतु और स्वास्थ्य –

ठंड के मौसम में सभी लोगों का स्वास्थ्य अच्छा होता है क्योंकि इस समय पाचन शक्ति मजबूत हो जाती है और लोगों को भूख भी अधिक लगती है।

पाचन शक्ति मजबूत होने के कारण हम जो भी खाते हैं वह हमारे शरीर को मजबूत और हष्ट पुष्ट बनाता है। ठंडा मौसम होने के कारण लोग अधिक समय तक व्यायाम करते है जिसके कारण उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

शीत ऋतु में सभी प्रकार की ताजा सब्जियां और फल उपलब्ध रहते है जिनसे स्वास्थ्य अच्छा रहता है। लेकिन ठंड के कारण बुजुर्गों और छोटे बच्चों को परेशानी होती है उनका शरीर तेज ठंड को बर्दाश्त नहीं कर पाता है जिसके कारण वे बीमार पड़ जाते है।

शीत ऋतु की विशेषता –

शीत ऋतु आते है गर्मी से छुटकारा मिल जाता है जिसके कारण लोग दिनभर घूम सकते है इसी के कारण ज्यादातर लोग सर्दियों में घूमना पसंद करते है।

मौसम का मिजाज इतना ठंडा और सुहावना होता है कि लोग गर्म कपड़े पहन कर इसका खूब आनंद उठाते है। सर्दियों में दिन छोटे होते हैं और रात बड़ी होती है जिसके कारण लोग पूरी नींद लेते है।

इस समय ढेर सारी पौष्टिक सब्जियां जैसे पत्ता गोभी, फूल गोभी, मूली, गाजर, मटर, टमाटर, धनिया, पालक, लोकी और फलों में सेब, संतरा, पपीता, अंगूर, अनार इत्यादि फलों से बाजार भर जाते है।

ज्यादातर लोग इस समय गर्म चीजें खाना पसंद करते हैं जैसे समोसे, कचोरी, पकोड़े, तिल, गुड़ इनसे शरीर गर्म रहता है और ठंड में खाने से इन चीजों से कोई नुकसान नहीं होता है।

इस समय तरह तरह के फूलों से बागान पट जाते है जो देखने में बहुत ही सुंदर लगते है। इस समय गेहूं, मूंगफली, बाजरा इत्यादि फसलें बहुत अच्छी होती है। शीत ऋतु में भारत के बहुत से मुख्य त्योहार मनाए जाते हैं जैसे दीपावली, दशहरा, नवरात्रि, भाई दूज, गोवर्धन, नया साल, मकर सक्रांति, छठ पूजा इत्यादि है इन त्योहारों के कारण शीत ऋतु का आनंद और भी बढ़ जाता है।

उपसंहार –

हमारे पर्यावरण के लिए सभी प्रकार की ऋतुए आवश्यक है लेकिन ठंड का मौसम सभी को पसंद होता है और यह कुछ समय के लिए ही जाता है इसलिए सभी लोग इस का आनंद उठाते है।

शीत ऋतु में चारों ओर का वातावरण ठंडा और सुहावना होता है जो कि सभी प्राणियों को पसंद आता है। यह मौसम स्वास्थ्य निर्माण के लिए बहुत ही अच्छा होता है।

इस समय कहीं पर बर्फ गिर रही होती है तो कहीं पर ठंडी हवा चल रही होती है और मैदानी इलाकों में बागान फूलों से लग जाते है। खेतों में सरसों की फसल के पीले पुष्प ऐसे लहराते हैं मानो धरती ने पीली चादर ओढ़ ली हो।

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6 thoughts on “6+ शीत ऋतु पर निबंध – Essay on Winter Season in Hindi”

Bahut hi khoobsoorti se Sharad ritu ke batae me bataya gya hai very well Anshika rai ji very well

Dhanyawad ji

थोड़ी ही पंक्तियां हैं।

आंशिका राय आप पूरा निबन्ध पढ़े

Upload essay on (how technology is bringing us closer?)

Hum yah essay jald hi likhn ge.

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सर्दी का मौसम पर निबंध (Winter Season Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

essay on winter season in hindi for class 8

Winter Season Essay : सर्दी भारत में चार मौसमों में से एक है। सर्दियां सबसे ठंडा मौसम होता है जो नवंबर के मध्य से शुरू होता है और फरवरी तक रहता है। चरम समय जब सर्दियों का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है तो दिसंबर और जनवरी में होता है। भारत में, सर्दियों का समय बहुत महत्व रखता है। इसके अलावा, इसके सार की कई लोगों ने सराहना की है।

सर्दी का मौसम पर निबंध 10 लाइन (Winter Season Essay 10 Lines in Hindi)

  • 1) सर्दी का मौसम सभी मौसमों में सबसे ठंडा होता है।
  • 2) सर्दियों में हम सभी गर्म कपड़े पहनते हैं।
  • 3) भारत में नवंबर से जनवरी तक के महीने ठंडे माने जाते हैं।
  • 4) सर्दियों में रातें बड़ी और दिन छोटे होते हैं।
  • 5) हिंदू कैलेंडर में कार्तिक से पौष तक के महीनों को सर्दियों के महीनों के रूप में शामिल किया गया है।
  • 6) हम सर्दियों में बहुत से दुर्लभ प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं।
  • 7) सर्दियों में लोग पहाड़ियों पर बर्फ पा सकते हैं।
  • 8) सर्दियों के महीने कई जानवरों के लिए हाइबरनेशन की अवधि होते हैं।
  • 9) सर्दियों में कई स्वास्थ्यवर्धक फल और सब्जियां मिलती हैं।
  • 10) बच्चे सर्दियों में क्रिसमस और न्यू ईयर जैसी छुट्टियों का लुत्फ उठा सकते हैं।

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सर्दी के मौसम पर लंबा और छोटा निबंध (Long and Short Essay on Winter Season in Hindi)

सर्दी का मौसम पर निबंध 100 शब्दों मे.

सर्दी का मौसम साल का सबसे ठंडा मौसम होता है, जो दिसंबर के महीने से शुरू होता है और मार्च के महीने में समाप्त होता है। दिसंबर और जनवरी चरम सर्दियों के महीने होते हैं और सबसे ठंडे महीनों के रूप में गिने जाते हैं जब तापमान देश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में लगभग 10 से 15 डिग्री सेल्सियस (मतलब 50 से 59 डिग्री फारेनहाइट) तक गिर जाता है, हालांकि, दक्षिण-पूर्व क्षेत्रों (देश की मुख्य भूमि) में यह रहता है। लगभग 20 से 25 डिग्री सेल्सियस (मतलब 68 से 77 डिग्री फारेनहाइट)। चरम सर्दियों के महीनों में उत्तरी क्षेत्र से तेज़ गति वाली ठंडी हवाएँ चलती हैं। हमें घने कोहरे का सामना करना पड़ता है जो अक्सर सूरज की रोशनी को छुपा लेता है जिससे सर्दी के पूरे मौसम में ठंड गंभीर हो जाती है।

सर्दी का मौसम पर निबंध 150 शब्दों मे (Winter Season Essay 150 words)

शीत ऋतु बहुत ठंडी होती है और भारत की चार ऋतुओं में से एक होती है। यह दिसंबर के महीने में पड़ता है और होली के त्योहार के दौरान मार्च में समाप्त होता है। दिसंबर और जनवरी को सर्दियों के मौसम के चरम ठंडे महीने माने जाते हैं। यह पतझड़ के मौसम के बाद आता है और वसंत के मौसम (बाद में गर्मियों के मौसम) से पहले समाप्त होता है। हम आम तौर पर दीवाली त्योहार (सर्दियों की शुरुआत) से होली त्योहार (सर्दियों के अंत) तक वायुमंडलीय तापमान में मामूली कमी महसूस करते हैं।

सर्दी के चरम महीनों में हमें अत्यधिक ठंडी और तेज़ गति वाली ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ता है। हम वायुमंडलीय तापमान और दिन और रात की दिनचर्या में भारी बदलाव महसूस करते हैं। शीत ऋतु में रात बड़ी और दिन छोटा हो जाता है। आसमान अक्सर साफ दिखता है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक ठंडे महीनों के दौरान घने कोहरे के कारण यह दिन भर अस्पष्ट रहता है। कभी-कभी सर्दी के मौसम में भी बारिश हो जाती है और स्थिति और भी खराब हो जाती है।

सर्दी का मौसम पर निबंध 200 शब्दों मे (Winter Season Essay 200 words)

सर्दी का मौसम साल का सबसे ठंडा चरण होता है, जो दिसंबर से शुरू होता है और मार्च में समाप्त होता है। सर्दी के पूरे मौसम में हर जगह बहुत ठंड महसूस होती है। वायुमंडलीय तापमान विशेष रूप से चरम सर्दियों के महीनों के दौरान बहुत नीचे गिर जाता है। पहाड़ी क्षेत्र (घर, पेड़ और घास सहित) सफेद बर्फ की मोटी परत से ढक जाते हैं और बहुत सुंदर लगते हैं। इस ऋतु में पर्वतीय क्षेत्रों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। सर्दी के मौसम में कड़ाके की ठंड के कारण लोगों को घरों से बाहर निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

देश के कुछ स्थानों पर जलवायु सामान्य तापमान (न अधिक ठंडा और न अधिक गर्म) के साथ सामान्य रहती है तथा बहुत ही सुखद अनुभूति देती है। शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ बहुत कम तापमान से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए सभी सर्दियों में मोटे ऊनी कपड़े पहनते हैं। हल्की गर्मी और आनंददायक अनुभव पाने के लिए हम सुबह और शाम गर्म कॉफी, चाय, सूप आदि की चुस्कियां लेना पसंद करते हैं। हम आमतौर पर रविवार को दोपहर में प्राकृतिक धूप से कुछ गर्मी पाने के लिए पिकनिक पर जाते हैं और अपने परिवार और दोस्तों के साथ आनंद लेते हैं। हम गर्मी पाने और सर्दी से सुरक्षित रहने के लिए रात में जल्दी बिस्तर पर चले जाते हैं।

सर्दी का मौसम पर निबंध 250 शब्दों मे (Winter Season Essay 250 words)

सर्दी साल का सबसे ठंडा महीना होता है। भारत में यह आमतौर पर दिसंबर से फरवरी तक लगभग तीन महीने तक रहता है। हालांकि, तापमान देश के भीतर जगह-जगह बदलता रहता है और कुछ जगहों पर सबसे कम तापमान होता है जबकि अन्य में सर्दियों का तापमान सबसे अधिक होता है

तापमान भिन्नता

भारत में तापमान दक्षिणी के मध्य की तुलना में उत्तरी भागों में सबसे ठंडा है। उदाहरण के लिए, जम्मू और कश्मीर की घाटी में द्रास, सर्दियों के दौरान सबसे ठंडा स्थान होता है। यह अमरनाथ की यात्रा पर स्थित है और इसे अक्सर ग्रह पर दूसरा सबसे ठंडा स्थान कहा जाता है। द्रास में सर्दियों का तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। 1995 की सर्दियों में यहां का तापमान माइनस 60 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था, जो अब तक का रिकॉर्ड न्यूनतम है।

दूसरी ओर, भारत के पश्चिमी भागों में स्थित राजस्थान राज्य के श्रीगंगानगर में सर्दियों में भी उच्चतम तापमान दर्ज किया जाता है। सबसे ठंडे सर्दियों के महीनों में भी तापमान 40-50 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जाता है।

सर्दियों की तैयारी

सर्दी के लिए तैयार होने के लिए ठंड का सामना करने के लिए कुछ सक्रिय उपायों की आवश्यकता होती है। सर्दियों के आने से पहले खाने-पीने की चीजों और सब्जियों को जमा करने की जरूरत होती है, क्योंकि सर्दियों में इन्हें खरीदना मुश्किल होता है। साथ ही शरीर के तापमान को सामान्य और वातावरण के तापमान से अधिक रखने के लिए अतिरिक्त गर्म कपड़े खरीदने की जरूरत है।

भारत की जलवायु उतनी ही विविध है जितनी इसकी संस्कृति। यहां तक ​​कि सर्दी के दिनों में भी ऐसी जगहें हैं जो बहुत गर्म होती हैं।

सर्दी का मौसम पर निबंध 300 शब्दों मे (Winter Season Essay 300 words)

सर्दी का मौसम भारत में साल का सबसे ठंडा मौसम होता है। शीत ऋतु की विशेषता ठंडी हवा का झोंका, बर्फ का गिरना, बहुत कम वायुमंडलीय तापमान, छोटा दिन, लंबी रात आदि हो सकती है। यह मौसम लगभग तीन महीने तक रहता है, दिसंबर से शुरू होता है और मार्च में समाप्त होता है। छोटे बच्चों को सर्दी के चरम दिनों (दिसंबर के अंतिम सप्ताह और जनवरी के शुरुआती सप्ताह) में तेज ठंड से बचाने के लिए स्कूलों में शीतकालीन अवकाश हो जाता है। अपना व्यवसाय करने वाले या कार्यालय में काम करने वाले लोगों को डिस्टर्ब शेड्यूल के कारण अपना काम जारी रखने में समस्या होती है। सूरज सुबह देर से उगता है और शाम को बहुत ही हल्की धूप के साथ जल्दी अस्त हो जाता है।

सर्दी का मौसम ऊनी कपड़ों और उचित घर की कमी के कारण विशेष रूप से गरीब लोगों के लिए काफी कठिन मौसम होता है। वे आमतौर पर अपने शरीर को गर्म रखने के लिए पगडंडियों या अन्य खुले स्थानों जैसे पार्क आदि पर धूप में स्नान करते हुए देखे जाते हैं। बहुत अधिक ठंडे मौसम के कारण कई बूढ़े लोगों और छोटे बच्चों की जान चली गई।

सर्दी का मौसम स्वस्थ फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे अंगूर, संतरा, सेब, अमरूद, पपीता, गन्ने का रस, अनानास, गाजर, आंवला, गोभी, चुकंदर, शलजम, फूलगोभी, मूली, टमाटर, आलू आदि का मौसम है। सर्दी के मौसम को सेहत बनाने वाला मौसम कह सकते हैं। सर्दी का मौसम गेहूं, जौ, मुंगफली और कुछ अन्य फसलों की फसलों का मौसम है। विभिन्न प्रकार के मौसमी फूल (दलाई, गुलाब आदि) सुंदर रंगों में खिलते हैं और प्रकृति की सुंदरता को बढ़ाते हैं।

सर्दी के मौसम के मुख्य एजेंट ठंडी हवाएं और पाले हैं जो इस मौसम को और अधिक शुष्क सुस्त और सर्द बनाते हैं। बिना मौसम के कभी-कभी बारिश हो जाती है जिससे जीवन वास्तव में दयनीय हो जाता है। जाड़े की कड़ाके की बारिश से फसलें, सब्जियां और फल नष्ट हो जाते हैं। सर्दियों में पाले से रात में घर से बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है।

सर्दी के मौसम का भी अपना महत्व होता है। यह स्वास्थ्य बनाने के लिए उपयोगी है, सुबह टहलने के लिए अच्छा है, सांस लेने के लिए ताजी हवा से भरा वातावरण, मच्छरों का डर नहीं, किसान की फसल के लिए अच्छा है, आदि।

सर्दी का मौसम पर निबंध 500 शब्दों मे (Winter Season Essay 500 words)

सर्दी भारत में सबसे महत्वपूर्ण मौसमों में से एक है। यह भारत में होने वाली चार ऋतुओं में से एक है। सर्दियां सबसे ठंडा मौसम होता है जो दिसंबर से शुरू होता है और मार्च तक रहता है। चरम समय जब दिसंबर और जनवरी में सबसे अधिक सर्दी का अनुभव होता है। भारत में सर्दियां बहुत महत्व रखती हैं। इसके अलावा, इसके सार की कई लोगों ने प्रशंसा की है। सर्दियां आपको स्नोबॉल फाइटिंग, स्नोमैन बनाने, आइस हॉकी और बहुत कुछ जैसी विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने का समय देती हैं। बच्चों के लिए अपनी छुट्टियों का आनंद लेने और अपने कंबलों में आरामदायक होने का यह एक अच्छा समय है।

सर्दी का सार

सर्दियों के दौरान, स्कूल आमतौर पर छुट्टी लेते हैं और बंद हो जाते हैं। दिन छोटे होते हैं और रातें लंबी होती हैं। सर्द सुबह आपको एक अलग ही एहसास देती है। सर्दियों में गर्म पेय जैसे कॉफी, चाय और हॉट चॉकलेट का अधिक सेवन किया जाता है। सूरज काफी देर से उगता है और कभी-कभी नहीं भी।

यहां तक ​​कि जब यह करता है, यह थोड़ा गर्म नहीं होता है। लोग थोड़ी धूप के लिए तरसते हैं क्योंकि ठंड का मौसम रीढ़ को ठंडक पहुंचाता है। आप सड़कों पर लोगों को थोड़ी गर्मी पाने के लिए लकड़ी और कागज जलाते हुए देखते हैं। हालांकि, बहुत से लोग सर्दियों में बाहर जाना पसंद नहीं करते हैं। वे सारा दिन चिमनी या हीटर के पास बैठना पसंद करते हैं।

पहाड़ी इलाकों में, लोग सर्दियों के दौरान बर्फ का अनुभव करते हैं। चलने के लिए रास्ता बनाने के लिए उन्हें इसे रास्ते से हटाना होगा। क्रिसमस से भी सर्दियों की रौनक बढ़ जाती है। यह लोगों के लिए छुट्टी का मूड सेट करता है और पूरी दुनिया में इसकी प्रशंसा की जाती है।

लेकिन, इस सीजन का एक नकारात्मक पहलू भी है। इस मौसम से किसान, बेघर लोग और जानवर सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। किसानों के लिए इस सीजन में शायद ही कोई कारोबार हो। भीषण सर्दी के कारण सैकड़ों बेघर लोगों की मौत हो जाती है।

जानवरों के पास उचित आश्रय नहीं होने के कारण वे भी अपनी जान गंवा देते हैं। इसके अलावा इस सीजन में कई उड़ानें रद्द भी की जाती हैं। बहरहाल, यह सर्दियों को कम महत्वपूर्ण नहीं बनाता है। हमारे देश के मौसम में संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है।

मुझे सर्दी क्यों पसंद है?

मुझे व्यक्तिगत रूप से सर्दियां बहुत पसंद हैं। यह मौसम बहुत सारे स्वस्थ फल और सब्जियां लाता है। लोगों को ताजा अंगूर, सेब, गाजर, फूलगोभी, अमरूद आदि खाने का मौका मिलता है। इसके अलावा इस मौसम में बहुत से खूबसूरत फूल खिलते हैं। इन फूलों में गुलाब, दहलिया और बहुत कुछ शामिल हैं। यह सर्दियों को पहले से भी ज्यादा खूबसूरत बना देता है।

इसके अलावा, जब वे हाइबरनेशन में जाते हैं तो कोई छिपकलियां नहीं मिलतीं। यह मुझे बहुत खुश करता है और मुझे निडर होकर जीने देता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सर्दियों की सुबह मेरे लिए इस मौसम का सबसे अच्छा हिस्सा होती है। मुझे सर्दियों में जल्दी उठना और फूलों पर सुबह की ओस देखना पसंद है। सर्दियों के साथ एक अलग ही वाइब आता है।

साथ ही, हमारा स्कूल अलाव का आयोजन करता है जो साल के सबसे बहुप्रतीक्षित कार्यक्रमों में से एक है।

संक्षेप में, सर्दी किसी अन्य मौसम की तरह ही महत्वपूर्ण है। ज़रूर, इसके नकारात्मक पक्ष और सकारात्मक पक्ष हो सकते हैं, लेकिन ऐसा हर मौसम के साथ होता है। सर्दियां आपको लंबी सुबह की सैर और ताजी हवा का आनंद लेने में मदद करती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: (FAQs)

Q.1 पृथ्वी पर किस स्थान पर साल भर सर्दी पड़ती है.

उत्तर. अंटार्कटिका में साल भर सर्दी और बर्फ पड़ती है।

Q.2 सर्दी के मौसम में हम क्या पीना पसंद करते हैं?

उत्तर. सर्दी के मौसम में हम चाय, कॉफी और चॉकलेट जैसे गर्म पेय पीना पसंद करते हैं।

प्रश्न 3. सर्दी के मौसम में कौन-कौन सी मज़ेदार गतिविधियाँ की जा सकती हैं?

उत्तर. स्कीइंग, आइस स्केटिंग, एक स्नोमैन का निर्माण, स्नोबोर्डिंग जैसी गतिविधियाँ सर्दियों के मौसम में लोगों द्वारा पसंद की जाने वाली गतिविधियाँ हैं।

Q.4 सर्दियों के मौसम में कौन सा मीठा व्यंजन विशेष रूप से बनाया जाता है?

उत्तर. गाजर का हलवा सर्दियों के मौसम में बनाया जाने वाला एक मीठा व्यंजन है.

दा इंडियन वायर

शीत ऋतु पर निबंध

essay on winter season in hindi for class 8

By विकास सिंह

essay on winter season in hindi

शीत ऋतु पर निबंध, short essay on winter season in hindi (100 शब्द)

सर्दियों का मौसम वर्ष का सबसे ठंडा मौसम होता है, जो दिसंबर के महीने से शुरू होता है और मार्च के महीने में समाप्त होता है। दिसंबर और जनवरी चरम सर्दियों के महीने हैं और सबसे ठंडे महीनों के रूप में गिने जाते हैं जब देश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में तापमान 10 से 15 ° C (मतलब 50 से 59 ° F) के आसपास रहता है, हालांकि, दक्षिण-पूर्व क्षेत्रों (देश की मुख्य भूमि) में यह रहता है लगभग 20 से 25 ° C (मतलब 68 से 77 ° F)।

तेज़ सर्दियों के महीनों में उत्तर क्षेत्र से तेज़ गति वाली ठंडी हवाएँ चलती हैं। हमें घने कोहरे का सामना करना पड़ता है जो अक्सर सूरज की रोशनी को छुपाता है, जिससे सर्दी के मौसम में ठंड गंभीर हो जाती है।

शीत ऋतु पर निबंध, essay on winter season in hindi (150 शब्द)

सर्दियों का मौसम बहुत ठंडा होता है और भारत के चार मौसमों में से एक है। यह दिसंबर के महीने में पड़ता है और होली के त्योहार के दौरान मार्च में समाप्त होता है। दिसंबर और जनवरी को सर्दियों के मौसम के चरम ठंडे महीनों के रूप में माना जाता है।

यह पतझड़ के मौसम के बाद आता है और वसंत के मौसम (बाद में गर्मी के मौसम) से पहले खत्म हो जाता है। हम आम तौर पर दीवाली त्योहार (सर्दियों की शुरुआत) से लेकर होली त्योहार (सर्दियों के अंत) तक वायुमंडलीय तापमान में मामूली कमी महसूस करते हैं।

हमें चरम सर्दियों के महीनों के दौरान उच्च डिग्री ठंड और उच्च गति वाली ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ता है। हम वायुमंडलीय तापमान और दिन और रात की दिनचर्या में बड़े स्तर पर बदलाव महसूस करते हैं। सर्दियों के मौसम में रात लंबी हो जाती है और दिन छोटा हो जाता है।

आकाश अक्सर स्पष्ट दिखता है लेकिन कभी-कभी यह पूरे दिन के माध्यम से अस्पष्ट रहता है क्योंकि अत्यधिक ठंड के महीनों में घने कोहरे के कारण। कभी-कभी सर्दियों के मौसम में भी बारिश होती है और स्थिति को और बदतर बना देती है।

शरद ऋतु पर निबंध, 200 शब्द:

सर्दियों का मौसम वर्ष का सबसे ठंडा चरण होता है, जो दिसंबर से शुरू होता है और मार्च में समाप्त होता है। सर्दियों के मौसम में सभी जगह बहुत ठंड महसूस होती है। विशेष रूप से पीक सर्दियों के महीनों के दौरान वायुमंडलीय तापमान बहुत नीचे गिर जाता है।

पहाड़ी क्षेत्र (घर, पेड़ और घास सहित) सफेद बर्फ की मोटी परत से ढक जाते हैं और बहुत सुंदर लगते हैं। इस मौसम में, पहाड़ी क्षेत्र एक भयानक दृश्य की तरह दिखते हैं। सर्दियों में मौसम की गंभीर स्थिति के कारण, लोगों को अपने घरों से बाहर जाते समय बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

देश के कुछ स्थानों पर, जलवायु सामान्य तापमान (न बहुत ठंड और न अधिक गर्म) के साथ मध्यम रहती है और बहुत सुखद एहसास देती है। हर कोई शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ बहुत कम तापमान से सुरक्षा पाने के लिए सर्दियों में मोटे ऊनी कपड़े पहनता है।

हम थोड़ी सी गर्मी और सुखद अनुभव प्राप्त करने के लिए सुबह और शाम गर्म कॉफी, चाय, सूप आदि का एक घूंट लेना पसंद करते हैं। हम आम तौर पर रविवार को दोपहर में पिकनिक पर जाते हैं और प्राकृतिक धूप से कुछ गर्मी पाते हैं और अपने परिवार और दोस्तों के साथ आनंद लेते हैं। हम गर्मी पाने और सर्दियों से सुरक्षित रहने के लिए रात को जल्दी बिस्तर पर चले जाते हैं।

शरद ऋतु पर निबंध, essay on winter season in hindi (250 शब्द)

प्रस्तावना:.

भारत में सर्दियों का मौसम साल का बहुत ठंडा मौसम होता है। यह शरद ऋतु के मौसम के बाद शुरू होता है और वसंत के मौसम के आगमन पर समाप्त होता है। हम वर्ष के अन्य मौसमों की तुलना में सर्दियों के मौसम में वातावरण में भारी बदलाव महसूस करते हैं।

वायुमंडलीय तापमान बहुत कम हो जाता है, ठंडी हवाएं तेज गति से चलती हैं, दिन छोटा हो जाता है और रात लंबी हो जाती है, आदि। कभी-कभी, हम आकाश में घने बादलों के कारण धूप नहीं देखते हैं, हालांकि अन्य सर्दियों के दिनों में आकाश बहुत साफ और नीला दिखता है।

वायुमंडल बहुत शुष्क हो जाता है लेकिन धूल भरा होता है। सर्दियों के मौसम की धूप बहुत हल्की और हल्की गर्म होती है। सर्दियों के दौरान गीले कपड़ों को सुखाने में बहुत समस्या होती है। यह स्वस्थ और पसंदीदा फलों का मौसम है जैसे नारंगी, अमरूद, चीकू, पपीता, आंवला, गाजर, चुकंदर, अंगूर, आदि।

सर्दियों का मौसम क्यों आता है:

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी अपनी झुकी हुई धुरी पर अन्य ग्रहों की परिक्रमा करती है। पृथ्वी के घूर्णी अक्ष का झुकाव वर्ष के दौरान मौसम के बदलाव में मुख्य भूमिका निभाता है। जब भी पृथ्वी उत्तरी गोलार्ध (सूरज से सबसे दूर का मतलब है) में चक्कर लगाती है, तो यह सर्दियों का मौसम बन जाता है। पृथ्वी अपने वर्ष भर लंबे रास्ते से दूर या सूर्य की ओर घूमती है। पृथ्वी अपने अण्डाकार तल पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है।

सर्दियों के दौरान प्राकृतिक दृश्य:

सर्दियों के मौसम के दौरान पहाड़ी क्षेत्र बहुत सुंदर हो जाते हैं क्योंकि सब कुछ बर्फ से ढक जाता है और दृश्यों की तरह भयानक रूप देता है। चीजों पर बर्फ मोती की तरह सुंदर दिखती है। सूरज उगने पर विभिन्न रंगों के फूल खिलते हैं और पर्यावरण को एक नया रूप देते हैं।

शरद ऋतु पर निबंध, essay on winter season in hindi (300 शब्द)

भारत में सर्दियों का मौसम साल का सबसे ठंडा मौसम होता है। सर्दियों के मौसम में ठंडी हवा के झोंके, बर्फ का गिरना, बहुत कम वायुमंडलीय तापमान, कम दिन, लंबी रात आदि की विशेषता हो सकती है। यह मौसम लगभग तीन महीने तक रहता है, दिसंबर से शुरू होता है और मार्च में समाप्त होता है।

अत्यधिक ठंड से बचाने के लिए पीक सर्दियों के दिनों (दिसंबर के अंतिम सप्ताह और जनवरी के शुरू सप्ताह) में छोटे बच्चों के लिए स्कूलों में शीतकालीन अवकाश हो जाता है। उनके व्यवसाय या ऑफिस में काम करने वाले लोगों को डिस्टर्ब शेड्यूल के कारण नौकरी जारी रखने में समस्या आती है। सूर्य सुबह देर से उठता है और शाम को बहुत तेज धूप के साथ जल्दी सेट होता है।

ऊनी कपड़ों और उचित घर की कमी के कारण हर किसी विशेषकर गरीब लोगों के लिए सर्दियों का मौसम काफी मुश्किल होता है। वे आमतौर पर अपने शरीर को गर्म रखने के लिए फुटपाथों या पार्क जैसी अन्य खुली जगहों पर धूप में नहाते हुए दिखाई देते थे। बहुत अधिक ठंड के कारण कई बूढ़े और छोटे बच्चों की जान चली गई।

सर्दियों का मौसम स्वस्थ फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे अंगूर, संतरा, सेब, अमरूद, पपीता, गन्ने का रस, अनानास, गाजर, आंवला, गोभी, चुकंदर, शलजम, फूलगोभी, मूली, टमाटर, आलू, आदि का मौसम है। सर्दियों के मौसम को स्वास्थ्य का मौसम कह सकते हैं। सर्दियों का मौसम गेहूं, जौ, मुंगफली, और कुछ अन्य फसलों की फसलों का मौसम होता है। विभिन्न प्रकार के मौसमी फूल (दाल, गुलाब आदि) सुंदर रंगों में खिलते हैं और प्रकृति की सुंदरता को बढ़ाते हैं।

सर्दियों के मौसम के मुख्य एजेंट ठंडी हवाएं और ठंढ हैं जो इस मौसम को और अधिक शुष्क और ठंडा बनाते हैं। बिना मौसम के कभी-कभी बारिश होती है जिससे जीवन वास्तव में दयनीय हो जाता है। सर्दियों की ठंडी बारिश फसलों, सब्जियों और फलों को नष्ट कर देती है। सर्दियों में रात में घर से बाहर जाने में फ्रॉस्ट बहुत मुश्किल हो जाता है।

सर्दियों के मौसम का भी अपना महत्व है। यह स्वास्थ्य बनाने के लिए उपयोगी है, सुबह की सैर के लिए अच्छा है, सांस लेने के लिए ताजी हवा से भरा वातावरण, मच्छरों का कोई डर नहीं, किसान की फसल के लिए अच्छा है, आदि।

शीत ऋतु पर निबंध, long essay on winter season in hindi (400 शब्द)

सर्दियों का मौसम भारत में चार मौसमों में से एक है, जो दिसंबर से शुरू होता है और मार्च तक चलता है। कम गर्मी धूप के कारण सर्दियों के दिन उज्ज्वल और सुखद होते हैं। उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्र भारी बर्फबारी के कारण बहुत सुंदर लगते हैं।

दिसंबर और जनवरी चरम सर्दियों के महीने हैं, जिसके दौरान हम बहुत अधिक ठंड के मौसम के कारण बहुत समस्या महसूस करते हैं। लॉन्ग ड्राइव और टूर पर जाना सबसे अच्छा मौसम है। यह मौसम भारत के पर्यटकों को अधिक आकर्षित करता है और साथ ही आकाश के सुखद वातावरण में सुंदर पक्षियों को आमंत्रित करता है।

सर्दियों का मौसम गरीब लोगों के लिए भी कुछ समस्याएँ पैदा करता है क्योंकि उनके पास गर्म कपड़े या उचित घर नहीं होते हैं। विभिन्न पक्षी पलायन कर जाते हैं और पशु अधिक ठंड के कारण शीतनिद्रा में चले जाते हैं। इस मौसम में कोहरे और धुंध बहुत आम हैं जो अधिक यातायात और सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। ठंड से बचाव के लिए हमें कई ऊनी कपड़े पहनने पड़ते हैं और कई दिनों तक घर में रहना पड़ता है।

सर्दियों के मौसम की अवधि:

सर्दियों के मौसम की शुरुआत पूरे भारत में सूर्य के चारों ओर झुकी हुई धुरी के क्षेत्रों और पृथ्वी के रोटेशन के अनुसार पूरे भारत में होती है। हाल के मौसम विज्ञान के अनुसार, सर्दियों का मौसम दिसंबर में पड़ता है और उत्तरी गोलार्ध के लिए फरवरी (या मार्च की शुरुआत) में समाप्त होता है। दक्षिणी गोलार्ध के लोगों के लिए, सर्दियों के महीने जून, जुलाई और अगस्त हैं।

सर्दी के मौसम की विशेषताएं:

हम अन्य मौसमों की तुलना में सर्दियों के मौसम में कई बदलाव महसूस करते हैं जैसे कि लंबी रातें, छोटे दिन, ठंड का मौसम, ठंडी हवा, बर्फ का गिरना, सर्दी का तूफान, ठंडी बारिश, घना कोहरा, ठंढ, बहुत कम तापमान आदि।

सर्दी में आनंददायक चीजें:

हम मौसम की रुचि और स्थिति के अनुसार कई सर्दियों की गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं जैसे आइस स्केटिंग, आइस बाइकिंग, आइस हॉकी, स्कीइंग, स्नोबॉल फाइटिंग, बिल्डिंग स्नोमैन, स्नो केस्टल्स, स्लेजिंग और कई और गतिविधियां।

कुछ सर्दी के तथ्य:

विंटर भारत में महत्वपूर्ण मौसमों में से एक है, जो विंटर सोलस्टाइस पर शुरू होता है लेकिन वर्नल इक्विनॉक्स पर समाप्त होता है। अन्य सभी मौसमों की तुलना में सर्दियों में सबसे कम दिन, सबसे लंबी रातें और सबसे कम तापमान होता है। सर्दियों का मौसम आता है जब पृथ्वी सूरज से दूर झुक जाती है। यह स्वास्थ्य के मौसम के रूप में पेड़ और पौधों के लिए बुरा है क्योंकि वे बढ़ना बंद कर देते हैं। इस मौसम में असहनीय ठंड के मौसम के कारण कई जानवर हाइबरनेट हो जाते हैं। इस मौसम में बर्फ गिरना और सर्दियों का तूफान बहुत आम है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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yeh essay read karke bahat acha laga.

Can you also post a 80 words essays

Thank u so much

thnx sir it helped me to full marks in my hindi project thank you–

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शीत ऋतु पर निबंध। Essay on Winter Season in Hindi

शीत ऋतु पर निबंध : सर्दी का मौसम भारतवर्ष में नवम्बर के महीने से लेकर जनवरी के अंत तक होता है। शीत ऋतु सभी ऋतुओं में सबसे ठंडी होती है। जनवरी के महीने में सर्दी अपनी चरम सीमा पर होती है। नवम्बर के महीने से ही ठंडी हवाएं चलनी प्रारम्भ हो जाती हैं। ठंडी से बचने के लिए लोग गर्म और ऊनी वस्त्र पहनते हैं व रात के रजाइयां व कम्बल ओढ़ते हैं।

शीत ऋतु पर निबंध। Essay on Winter Season in Hindi

शीत ऋतु पर निबंध। Essay on Winter Season in Hindi

हिमालय पर्वत पर बर्फबारी & दिन these are the words that do not correct

आपने सही कहा, आपके सुझाव के लिए धन्यवाद।

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शीत ऋतु पर निबंध हिंदी में 100, 200 शब्द | Winter Season Essay in Hindi

शीत ऋतु पर निबंध लिखना चाहते हैं? यदि हाँ, तो इस आर्टिकल से आपको बहुत मदद मिलने वाली है। आज हम आपको शीत ऋतु के बारे में निबंध देने वाले हैं जिसका उपयोग कर आप सर्दी के मौसम पर निबंध लिख सकते हैं। यह निबंध 100 शब्द, 200 शब्द और 1000 शब्दों में दिए गये हैं। यह winter season Essay in Hindi class 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 आदि के लिए उपयुक्त है लेकिन इसे कोई भी उपयोग कर short या long essay बना सकता है।

शीत ऋतु पर निबंध, 100 शब्द

शीत ऋतु का आरंभ नवम्बर महीने से होता है और फरवरी के अंत तक खत्म हो जाता है, फिर भी इस दौरान मौसम मे हल्की हल्की नमी बरकरार रहती है। सर्दियों का मौसम बहुत से लोगों को काफी भाता है और उन्हे ग्रीष्म ऋतु की अपेक्षा शीत ऋतु ज्यादा पसन्द होता है।

ठण्ड के मौसम में धूप में बैठने से राहत मिलती है इसके अलावा लोग रातों में अलाव जलाना भी पसंद करते हैं। ठण्ड में हमारी पाचन शक्ति बढ़ जाती है। लोग व्यायाम, योगासन , प्राणायाम आदि करते हैं और अपने सेहत का ध्यान रखते हैं। इस मौसम में हरी सब्जियां और स्वादिष्ट फल भी खाने को मिलते हैं।

नवरात्री, दीपावली, छठ, क्रिसमस जैसे बड़े त्यौहार भी इस ऋतु में आते हैं। सर्दी के मौसम में प्रकृति की सुन्दरता भी बढ़ जाती है और इसलिए लोग घूमने-फिरने और पिकनिक मानाने के लिए इस मौसम को बेहतर मानते हैं। शीत ऋतु हम सभी को बहुत ही ज्यादा पसंद है।

  • शीत ऋतु पर 10 वाक्य | 5 – 10 Lines on Winter Season in Hindi

शीत ऋतु पर निबंध, 200 शब्द

शीत ऋतू सर्दियों का मौसम है, इस ऋतू में वातावरण का तापमान कम हो जाता है और ठण्ड बढ़ जाती है। नवम्बर महीने से इस ऋतू की शुरुआत होती है और फरवरी तक चलती है। यह मौसम ज्यादातर लोगों को पसंद आता है। लोग ठण्ड से बचने के लिए गर्म कपडे पहनते हैं और धुप सेकते हुए नजर आते हैं।

शीत ऋतू का महत्त्व

इस मौसम में लगभग सभी हरी सब्जियां जैसे मटर, गोभी, पालक, गाजर, मूली आदि बड़ी आसानी से मिल जाते हैं।सब्जियों के अलावा फल जैसे सेब, अंगूर, पपीता , केले आदि भी इस मौसम में मिल जाते हैं जो की हमारे सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। शीत ऋतु में किसान भी फसल की बुआई के लिए तैयार रहते हैं।

शीत ऋतु त्योहारों का मौसम है जहाँ नवरात्री, दशहरा, दीपावली, गोवर्धन पूजा, छठ, मकर-संक्रांति जैसे त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाये जाते हैं।

पूरी प्रकृति और प्राणि जगत के लिए शीत ऋतु का मौसम बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से ठण्ड का मौसम सबसे अच्छा मौसम माना जाता है। शीत ऋतु में हमें विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्यकारी और पौष्टिक भोजन खाने को मिल जाते हैं। लगभग हर व्यक्ति को सर्दी का मौसम भाता है और लोग इस मौसम का भरपूर आनंद लेते हैं।

शीत ऋतु निबंध – 1000 शब्द – सर्दी के मौसम पर निबंध

दोस्तो भारत में सदैव परिवर्तनशील मौसमों का आगमन होता ही रहता है, जिसमें मुख्य रूप से कुल 6 ऋतुए होती है जिनके नाम ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर और वसंत ऋतु है। इन सभी ऋतुओं का हमारे जीवन मे एक विशेष महत्व होता है जो हमारे शरीर को बदलते मौसम के साथ अलग- अलग अनुभव देते है।

जहां ग्रीष्म ऋतु में हमारे शरीर को हल्के वस्त्रों की ज़रूरत होती है वही जब शीत ऋतु दस्तक देता है तो उस समय हमारी ज़रूरत बदल जाती है ऐसे में हमे ऊनी कपड़ों की आवश्यकता होती है। इस प्रकार कहा जा सकता है की इंसानों की बहुत सारी ऐसी ज़रूरतें होती है जो मौसमों के हिसाब से परिवर्तित होती है।

शीत ऋतु का शुरुआती महिना नवम्बर होता है जो फरवरी के अंत तक खत्म हो जाता है, फिर भी इस दौरान मौसम मे हल्की हल्की नमी बरकरार रहती है। सर्दियों का मौसम बहुत से लोगों को काफी भाता है और उन्हे ग्रीष्म ऋतु की अपेक्षा शीत ऋतु ज्यादा पसन्द होता है।

अगर मौसम के लिहाज से देखें तो सर्द मौसमों मे तापमान में भारी गिरावट आ जाती है और जब तापमान बहुत अधिक गिर जाता है तो ठण्ड अधिक बढ़ जाती है और इस दौरान बाहर निकलने पर वातावरण में कोहरे की चादर लिपटी होती है। जिससे यातायात जैसी समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है।

शीत ऋतु में बदलती दिनचर्या

ये तो हम सभी जानते है कि जैसे ही सर्दियों का आगमन होता है वैसे ही लोगों की दिनचर्या मे भारी परिवर्तन आता है। जहाँ युवा और बच्चे गर्मियों मे जल्दी उठ जाते हैं वही ठण्ड आते ही उनकी ये आदत बदल जाती है इसका कारण ये है की सर्दियों के दिन आलस से भरे होते है इसकी वजह से कोई भी काम करने पर आलस्य जैसी लगती है। इसलिए इस मौसम में ज्यादतर लोग देर से उठना पसन्द करते हैं।

सर्दियों में हम गर्मियों के मुकाबले कम एक्टिव रह पाते है और अपना ज्यादातर समय धूप के साये में बिताना पसन्द करते हैं। इस मौसम मे सूर्य की किरणें हर व्यक्ति को बहुत भाती है, और वो ठण्ड से बचने के लिए घण्टों अपना समय ऐसे स्थान पर बिताना पसन्द करते हैं जहाँ उन्हे सूर्य की रोशनी प्राप्त हो सके। धूप वाकई ठण्ड मे हमारे शरीर को काफी राहत महसूस कराती है। गर्मियों मे जहाँ हम धूप की वजह से बाहर जाना भी नही चाहते वही सर्दियों में हमारी ये आदत बदल जाती है। 

प्रकृति की सुंदरता

भारत मे कई ऐसे स्थान हैं जहाँ से प्रकृति की खुबसूरती देखने लायक होती है, जैसे पहाड़ी इलाके एवं जहाँ बर्फबारी होती है। बहुत से लोग इन जगहों पर घूमने जाना भी काफी पंसद करते क्योंकि इस वक़्त प्रकृति अपने यौवन का शृंगार खुद करती है। ये मौसम हमे एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है।

दिसम्बर एवं जनवरी माह में अधिक ठण्ड पड़ती है और इस समय पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होती है और बड़े बड़े पहाड़ बर्फ की चादर ओढ़े आने जाने वाले सैलानियों का मन मोह लेते है। ये दृश्य बेहद मनमोहक प्रतीत होता है जो आँखों को एक सुखद अनुभव प्रदान करते हैं। यहाँ की वादियो मे नये नये फूल खिले होते है जो अपने खूबसूरत रंगों से प्रकृति मै निखार ले आते है और जब ये वादिया कोहरे मे खोई नजर आती है तो इसकी छटा देखने लायक होती है। बहुत से लोग ऐसे समय में यात्रा करना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि उनका मानना होता है कि यह समय प्रकृति की असल सुंदरता असल वास्तविकता से होने का बढ़िया अवसर होता है।

स्वादिष्ट पकवानों का मौसम

दोस्तो हर मौसम की अपनी कुछ न कुछ खासियत होती है और ठण्ड को स्वादिष्ट पकवानों का मौसम भी माना जाता है क्योंकि बहुत से ऐसे भी लजीज व्यंजन होते है जिनका लुत्फ़ हम सिर्फ शीत ऋतु मे ही उठा सकते हैं। इसके साथ ही बहुत से ऐसे फल व सब्ज़ियां होती है जो ठण्ड के मौसम मे ही मिलते है इसलिए ठण्ड मे खाने पीने के शौकीन लोगों की फरमाइश बढ़ जाती है।

सर्दियों मे ज्यादतर खाये जाने वाला व्यनजन ग़ाज़र का हलवा, चुड़ा मटर, मशरूम की सब्ज़ी, कई तरह के स्वादिष्ट पराठे एवं बहुत सी हरी सब्ज़ियां है जिससे तरह तरह के लज़ीज़ व्यनजन तैयार किये जाते है। कुछ लोग तो सिर्फ इन भोज्य पदार्थों का लुत्फ़ उठाने के लिए ही सर्दियों के आने का इंतज़ार करते है। गर्मियों की तुलना मे सर्दियों मे हमारा पाचन तन्त्र ज्यादा मजबूत होता है और हमे भूख भी अधिक लगती है। 

आग जलाने का प्रचलन :-

बदलते समय के साथ भले ही अब इलैक्ट्रिसिटी ने हमारे जीवन के हर काम को सम्भव और बहुत ही सरल कर दिया है जैसे कि ठंड के मौसम मे अब बहुत से घरों मे हीटर का प्रयोग होता हो लेकिन आज भी बहुत सी घरों मे और ग्रामिण क्षेत्रों मे आग जलाने की परम्परा कायम है।

हालांकि ये प्रक्रिया अब बहुत पुरानी हो गई फिर भी आज बहुत से लोग ठण्ड मे लकड़ियाँ जलाकर ठण्ड से निजात पाते है और ये शरीर के लिए काफी लाभकारी भी होता है। आज भी सड़क या गलियों में हमे एक समूह ऐसा मिल जायेगा जहाँ बीच में आग जल रही है और घेर बना कर लोग बातें कर रहे हैं।

बुजुर्गों को आग के निकट रहना बहुत भाता है और कड़कड़ाती ठण्ड मे आग जलाना उनका एक मात्र सहारा होता है या यूँ कहे तो आग के पास से वो हटना ही नही चाहते। ठण्ड मे क्रिसमस, लोहड़ी एवं मकर संक्रांति आती है जिसे हम बड़े धूमधाम से मनाते है और इसी बीच नया साल भी दस्तक देता है जिसे हर धर्म के लोग एक पर्व की तरह मनाते हैं। 

उपसंहार :- 

दोस्तो हर मौसम का हमारे जीवन में एक अलग एवं विशेष महत्व होता है जो हमे कुछ न कुछ सिखाता है। ठण्ड के दिनों से हमे जीवन मे आने वाले हर संघर्ष का सामना करने की प्रेरणा लेनी चाहिए एवं खुद को प्रत्येक कार्यों के लिए सदैव तैयार रखना चाहिए। हर मौसम हमारे भीतर कुछ न कुछ छोड़ कर जाता है जो एक स्मृति की तरह सदा हमारे मस्तिष्क मे रहती है।

  • ग्रीष्म ऋतु पर निबंध – सरल शब्दों में
  • वर्षा ऋतु पर निबंध
  • सभी 6 ऋतुओं के नाम एवं जानकारी

आपको सर्दी के मौसम पर निबंध कैसी लगी हमें जरुर बताएं। ऊपर दिए गये शीत ऋतू पर निबंध का उपयोग किसी भी class का विद्यार्थी अपने homework या परीक्षा के लिए उपयोग कर सकता है।

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Hindi Essay on “The Winter Season”, “शीत ऋतु”, Best Essay, Paragraph for Class 8, 9, 10, 12 Students

The winter season.

रूप – रेखा  

ऋतु परिवर्तन और शीत ऋतु का काल , इस ऋतु की विशेषताएँ , गरीबों के लिए कष्टदायक ऋतु , खान – पान के सुख , धूप का आनन्द , प्रमुख फसले , शीत ऋतु के त्योहार।

ऋतुओं का परिवर्तन प्रकृति का नियम है । प्रत्येक ऋतु में प्रकृति अपने नए रंग में नजर आती है । गरमी में जहाँ भगवान भास्कर आग बरसाते हैं, वहीं बरसात में इन्द्रदेव बारिश की बूंदों से धरती को हरा-भरा रखते हैं। बरसात के बाद जब शीत ऋतु आती है तो वातावरण में ठंडी लहर दौड जाती है । अँगरेजी महीने के हिसाब से दिसंबर-जनवरी तथा हिन्दी महीने के हिसाब से पौष-माघ में सबसे अधिक ठंड पड़ती है।

शीत ऋतु मोटे तौर पर आनन्ददायक ऋतु है । पसीने की चिप-चिप और वातावरण की उमस से छुटकारा मिल जाता है । कभी अग्नि के बाण बरसाने वाले सूर्यदेव हारकर ठंडे पड़ जाते हैं । अत्यधिक सरदी की स्थिति में आग का सहारा लेना पड़ता है । चारों ओर अत्यंत ठंडी बर्फीली हवाएँ चलती हैं। घर के भीतर ही कुछ राहत मिलती है । दिन में रूई के समान सफेद बादल सूरज के प्रभाव को और भी कम कर देते हैं । कहासों के छाने से दृष्टिदोष उत्पन्न हो जाता है । महानगरों में इस काल में यातायात व्यवस्था गड़बड़ा जाती है । वायुयान और रेलगाड़ियाँ देरी से चलती हैं।

सर्दी का काल गरीबों से शत्रुता रखता है। बेचारे गरीब रजाई, कम्बल, स्वेटर, टोपी, जराब और ऊनी शाल कहाँ से खरीदें! उन्हें लकडी, सूखे पत्तों और उपलों की आग के सहारे रात काटनी पडती है । शीतलहरी में सड़कों के किनारे फुटपाथ पर सोने वाले शहरी गरीब बेमौत मारे जाते हैं । अधिक ठंड से आलस्य घेर लेता है, इसलिए काम से हुई हानि अलग है। परन्त शारीरिक श्रम करने वाले जानते हैं कि काम करने से शरीर में गर्मी आती है। वे आलस्य त्यागकर अपने काम में जुट जाते हैं । किसान और मजदूर श्रम करके अपने शरीर में गर्मी उत्पन्न करते हैं।

शीतकाल में खान-पान के अनेक सुख हैं । गरिष्ठ पदार्थ भी हजम हो जाता है । आयुर्वेद में इस काल को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है । खजर काजू, बादाम, किशमिश, मूंगफली आदि मेवों को खाकर शरीर को चुस्त बनाया जा सकता है । सेब, सन्तरा, केला, चीकू आदि इस काल के मौसमी फल हैं । चाय, कॉफी सर्दी को दूर भगाते हैं । एक उक्ति है कि जाड़े की ऋतु में तिल, रूई, उष्ण जल, पान और गरम भोजन करना चाहिए । इन पदार्थों का सेवन शरीर को रोगमुक्त रखता है । जाड़े में सूर्य की तरफ पीठकर धूप-सेवन का भी काफी महत्त्व है।

शीतकाल में हुई वर्षा ठंडी हवाओं को शान्त करती है । इस काल में वर्षा होने से रबी फसलों को लाभ होता है । किसान जाड़े के समय में गेहूँ, चना, जौ, मसूर, मूंग आदि फसलों को लगाते हैं । गन्ना भी इस काल की एक प्रमुख फसल है।

जाड़े की ऋतु का प्रमुख पर्व है मकर संक्रांति । इस पर्व में तिल के पकवान बनाए जाते हैं । पंजाब की लोहड़ी, असम का माघ बिहू, तमिलनाडु का पोंगल मकर सक्रांति के ही अलग-अलग रूप हैं । ईसाइयों का पर्व क्रिसमस और भारत का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस भी शीत ऋतु में आता है । बसंत पंचमी का आगमन शीत ऋतु की समाप्ति की घोषणा करता है।

शीत ऋतु में सर्दी से बचाव के सभी जरूरी उपाय करने चाहिए । हमें गरम ऊनी कपड़े पहनने चाहिए तथा गरमागरम भोजन करना चाहिए । ठंडे और बासी खाद्य पदार्थों को खाने से हमें सर्दी लग सकती है । इन उपायों को अपनाकर शीत ऋतु का पूरा आनन्द उठाया जा सकता है ।

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शीत ऋतु पर निबंध (Essay On Winter Season In Hindi)

शीत ऋतु पर निबंध (essay on winter season in hindi) :.

essay on winter season in hindi for class 8

भूमिका : भारत एक ऋतुओं का देश है। भारत में छ: ऋतू हैं जो निरंतर चलती रहती हैं। भारत की छ: ऋतू बसंत ऋतू, वर्षा ऋतू, शरद ऋतू, ग्रीष्म ऋतू, हेमंत ऋतू और शीत ऋतू हैं। शीत ऋतू का आगमन शरद ऋतू के बाद और बसंत ऋतू के आगमन पर समाप्त होती है। भारत में शीत ऋतू बहुत अधिक ठंडी ऋतू होती है।

शीत ऋतू का समय नवम्बर मास से लेकर फरवरी मास तक होता है। भारत देश में नवम्बर में शुरू होने वाली ठंड दिसम्बर आते-आते भीषण ठंड में बदल जाती हैं। शीत ऋतू में दिन प्राय: छोटे और रातें लंबी होती हैं। सूर्य की गर्मी जो लोगों को ग्रीष्म ऋतू में अच्छी नहीं लगती वह गर्मी सभी लोगों को शीत ऋतू में अत्यंत प्रिय लगने लगती है।

सर्दी से बचने के लिए बहुत से लोग आग का भी आनंद लेते हैं। शीत ऋतू में अन्य ऋतुओं की तुलना में वातावरण में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखा जा सकता है। वातावरण का तापमान बहुत कम हो जाता है, तेज गति से हवाएं चलने लगती हैं, दिन छोटे हो जाते हैं और रातें लंबी हो जाती हैं।

कभी-कभी तो घने बादलों, कोहरे और धुंध की वजह से सूरज को देखना भी असंभव लगता है। शीत ऋतू के दौरान गीले कपड़ों के सूखने में बहुत परेशानी होती है। शीत ऋतू के दौरान कोहरा और धुंध बहुत ही सामान्य होते हैं, जो सडकों पर अधिक भीड़ और दुर्घटनाओं के कारण बनते हैं। हमें सर्दियों से बचने के लिए बहुत से गर्म कपड़े पहनने चाहिएँ और अपने घरों में रहना चाहिए। शीत ऋतू में अधिक सर्दी के कारण बहुत से पक्षी पलायन कर जाते हैं और पशु शीत निंद्रा में चले जाते हैं।

शीत ऋतू के आगमन का कारण : भारत में शीत ऋतू के शुरू होने की अवधि क्षेत्रों और पृथ्वी के अपने अक्ष पर सूर्य के चारों ओर घुमने के अनुसार अलग-अलग होती है। सभी को यह पता है कि पृथ्वी सूर्य के चारों और चक्कर लगाती है। पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना ही पूरे साल भर मौसम और ऋतुओं के बदलने में मुख्य भूमिका निभाता है।

जब पृथ्वी उत्तरी गोलार्द्ध पर चक्कर लगती है तब उत्तरी गोलार्द्ध पर सर्दी होती है। ऋतुएं तब बदलती हैं जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री सूर्य की ओर झुकी हुई है। दक्षिण के लोगों के लिए सर्दियों के महीने जून, जुलाई और अगस्त होते हैं। भारत में शीत ऋतू का हिमालय पर्वत से बहुत गहरा संबंध होता है। जब हिमालय पर्वत पर बर्फबारी होती है और उत्तर दिशा की ओर से हवाएं चलना शुरू हो जाती हैं तो भारत में शीत ऋतू का आगमन होता है।

प्राकृतिक दृश्य : सर्दियों के दौरान पहाड़ी क्षेत्र बहुत ही सुंदर दिखने लगते हैं क्योंकि उन क्षेत्रों में सब कुछ बर्फ की चादर से ढका होता है और प्राकृतिक दृश्य की तरह बहुत सुंदर दिखाई देता है। सभी वस्तुओं पर पड़ी बर्फ मोतियों के समान दिखाई देती है।

सूर्य के उदय होने पर तरह-तरह के रंग के फूल खिलते हैं और वातावरण को एक नया रूप देते हैं। कम तापमान वाली सूर्य की रौशनी की वजह से सर्दियों के दिन बहुत ही अच्छे और सुहावने होते हैं। दिसम्बर और जनवरी सबसे अधिक ठंड वाले मौसम होते हैं जिनके दौरान अधिक ठंडा मौसम होने की वजह से हम बहुत अधिक परेशानी महसूस करते हैं।

यह मौसम लंबी यात्रा और पर्यटन पर जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम होता है। यही मौसम भारत में सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ ही आसमान के मनमोहक वातावरण में सुंदर चिड़ियों को भी आमंत्रित करता है।

शीत ऋतू का महत्व : शीत ऋतू का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। भारत में शीत ऋतू सबसे महत्वपूर्ण मौसम है जो शरद संक्रांति पर शुरू होता है और बसंत विषुवत पर खत्म हो जाता है। शीत ऋतू स्वास्थ्य का निर्माण करने का मौसम होता है हालाँकि पेड़-पौधों के लिए बुरा होता है, क्योंकि वे बढना छोड़ देते हैं।

बहुत से जानवर असहनीय ठंडे मौसम के कारण शीतकालीन निद्रा में चले जाते हैं। इस मौसम के दौरान बर्फ गिरना और सर्द तूफानों का आना सामान्य बात है। शीत ऋतू में हम अनेक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। शीत ऋतू में हम आइस-स्केटिंग, आइस-बाइकिंग, आइस-हॉकी, स्कींग, स्नोबॉल फाइटिंग, स्नोमैन को बनाना, स्नो-कैसल आदि बहुत सी रुचिकर गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।

शीत ऋतू में सुबह के समय टहलना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है। गर्मियों के मौसम में हम विस्तृत समय के लिए काम नहीं कर सकते हैं लेकिन सर्दियों में हम लंबे समय तक नौकरी कर सकते हैं।

गर्मियों में बहुत अधिक गर्मी पडती है जिससे हम बीमार हो जाते हैं लेकिन सर्दियों में बहुत कम बीमार होने की संभावना होती है। सर्दियों का मौसम किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस मौसम के दौरान उनकी खेती शानदार होती है। सर्दियों में हरी पत्तियों पर ओश की बूंदें मोती के समान लगती हैं।

शीत ऋतू की विशेषताएं : शीत ऋतू में अन्य ऋतुओं की तुलना में बहुत अधिक बदलाव होते हैं जैसे- लंबी रातें, छोटे दिन, ठंडा मौसम, ठंडी हवा, बर्फ का गिरना, सर्दी तूफान, ठंडी बारिश, घना कोहरा, धुंध, बहुत कम तापमान आदि। कभी-कभी जनवरी के महीने में तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। इस समय में सर्दी अपनी चरम सीमा पर होती है।

नवंबर के महीने से ही ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो जाती हैं। जब सर्दी अधिक बढ़ जाती है तो स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियाँ कर दी जाती हैं। इस मौसम में लोग अधिक उर्जावान और क्रियाशील रहते हैं। दिन छोटे होते हैं और रात लंबी होती हैं। लोग अधिक घंटे काम करने के बाद भी थकते नहीं हैं।

सुबह के समय अधिक कोहरा व पारा पड़ता है और कुछ भी देखना मुश्किल हो जाता है। बहुत सी हवाई जहाज उड़ानें रद्द हो जाती हैं। शीत ऋतू में ट्रेने भी देर से चलने लगती हैं। सडकों पर पारा अधिक होने की वजह से लोग सुबह के समय घर से बाहर निकलने से डरते हैं।

शीत ऋतू में जगह-जगह लोग आग जलाकर बैठ जाते हैं। शीत ऋतू का मौसम गर्म भोजन, फल, मिठाईयां व स्वादिष्ट व्यंजनों का मौसम होता है। इस मौसम में अन्य मौसमों की अपेक्षा अधिक चाय पी जाती है। इस मौसम में अन्य मौसमों की अपेक्षा हरी सब्जियां अधिक आती हैं। बहुत से त्यौहार भी सर्दी के मौसम में ही आते हैं।

गरीबों के लिए कष्टदायी : शीत ऋतू गरीबों के लिए बहुत अधिक परेशानियों का निर्माण करता है क्योंकि उनके पास गर्म कपड़े और रहने के लिए पर्याप्त आवासों का अभाव होता है। शीत ऋतू ज्यादातर गरीब लोगों के लिए बहुत ही कष्टदायी होती है। गरीबों के पास प्राय: गर्म कपड़ों का आभाव होता है।

गरीबों के पास कम्बल, स्वेटर, रजाई आदि सभी खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं। ऐसे लोग आग से ही राहत का अनुभव करते हैं। अमीरों के लिए तो शीत ऋतू बहुत ही आनंदमय होती है। उनके पास अच्छे गर्म कपड़े होते हैं। अमीर लोग रंगीन जैकेट, कोट या स्वेटर पहनते हैं।

शीत ऋतू में तापमान कम होने की वजह से गरीबों के लिए अलाव एवं बेघरों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था सरकार को ही करनी पडती है। गरीब लोग लंबी और कड़ाके की सर्दी से बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। सुविधाएँ न होने की वजह से कई बार गरीबों की ठंड से मृत्यु भी हो जाती है। गरीबों में सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।

स्वास्थ्यवर्धक समय : शीत ऋतू में पाचन शक्ति प्रबल होती है इसलिए इस समय लोग आराम से भोजन कर पाते हैं। ठंड के समय में अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छे खान-पान का भी ध्यान रखना पड़ता है। तापमान कम होने की वजह से त्वचा रुखी हो जाती है इसीलिए त्वचा का विशेष ध्यान रखा जाता है।

तेल मालिश के साथ गर्म पानी से स्नान अति उत्तम माना जाता है। शीत ऋतू में सुबह बाहर घूमना स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक अच्छा होता है। जब हम सुबह घूमने जाते हैं तो हमें साँस लेने के लिए ताजी और स्वच्छ हवा मिलती है। शीत ऋतू के समय में मच्छरों की समस्या नहीं होती है।

हरी सब्जियां, फूल व फल : शीत ऋतू का अपना विशेष महत्व होता है। शीत ऋतू के आरंभ में कम तापमान में गेंहूँ जैसी फसलों को बोया जाता है। शीत ऋतू में अधिकतर हरी सब्जियों की भरमार होती है। शीत ऋतू में हम धनिया, मेथी, गाजर, मटर, बैंगन, गोभी, मूली जैसी हरी सब्जियों को आसानी से प्राप्त कर पाते हैं।

इस मौसम में बंदगोभी, सेम, मटर, फूलगोभी, आलू, मूली, गाजर, टमाटर, लौकी आदि सभी सब्जियां इस मौसम में बहुत मिलती हैं। शीत ऋतू में ठंडे बर्फबारी के दृश्य बहुत ही मनमोहक लगते हैं। इन दृश्य को देखने के लिए लोग पर्वतीय स्थलों पर जाते हैं। शीत ऋतू के मौसम में गेंदा, गुलदाउदी, सूरजमुखी, गुलाब और डहेलिया आदि खुबसुरत फूलों की सुंदर छटा देखने को मिलती है।

इन सुंदर फूलों के दृश्यों का आनंद केवल शीत ऋतू में ही लिया जाता है। शीत ऋतू में त्यौहारों का बहुत महत्व होता है। शीत ऋतू में ही उत्तर भारत में 14 जनवरी को लोहड़ी और मकर सक्रांति मनाई जाती है। दिसंबर में ईसाईयों द्वारा क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है। अन्य बड़े वर्ग बड़े दिन की छुट्टियाँ मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी का त्यौहार भी शीत ऋतू के दौरान ही आता है। शीत ऋतू में ही स्वास्थ्यवर्धक और पसंदीदा फलों जैसे- संतरा, अमरुद, चीकू, पपीता, आंवला, गाजर, अंगूर आदि को देखा जा सकता है।

शीत ऋतू का जीवन में संदेश : शीत ऋतू हमें जीवन के संघर्षों का सामना करने की प्रेरणा देती है। शीत ऋतू से पहले शरद ऋतू में हमारा जीवन सामान्य रहता है लेकिन शीत ऋतू में हमारा संघर्ष बढ़ जाता है। जिस तरह से शीत ऋतू के जाने के बाद हमें बसंत का आनंद मिलता है, ठीक उसी तरह जीवन में संघर्ष करने के बाद हमें सफलता का आनंद मिलता है। यही संदेश हमें शीत ऋतू देती है।

उपसंहार : सर्दी का मौसम बर्फीला और उपयोगी मौसम है। इस मौसम में हमें काम करने में परेशानी होती है हालाँकि सूर्य भी काम करने के लिए उपयुक्त होता है और हमें सूरज के सामने बैठना अच्छा लगता है। शीत ऋतू में सब कुछ ताजा और सुंदर दिखाई देता है।

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essay on winter season in hindi for class 8

Hehehehshshshnnajamaja

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शीत ऋतु पर निबंध | Winter Season Essay in Hindi | Essay On Winter Season In Hindi | सर्दी के मौसम पर निबंध

By: Amit Singh

Essay On Winter Season In Hindi FAQ

Essay on winter season in hindi | शीत ऋतु पर हिन्दी निबंध | studypridecorner – video.

शीत ऋतु साल के सबसे ठंडे दिनों में से एक होती है। पृथ्वी पर मुख्य रुप से छह ऋतुएं बेहद अहम मानी जाती हैं – ग्रीष्म काल, शीत काल, वसंत ऋतु, हेमंत ऋतु, वर्षा ऋतु और शरद ऋतु। जहां ग्रीष्म काल को गर्म मौसम और तपती धूप के लिए जाना जाता है, वहीं शीत काल ठंडी हवाओं, धुंध, कोहरा और कुछ जगहों पर बर्फबारी के लिए मशहूर है।

इसके अलावा वसंत ऋतु और शरद ऋतु, जिसे पतझड़ भी कहा जाता है, गर्मी और सर्दी के मध्य की ऋतुएं होती हैं, जिनमें गर्म और सर्द हवाओं का मिलाजुला रुप देखने को मिलता है। वहीं हेमंत ऋतु सर्दी के आगमन का संकेत देती है, तो वर्षा ऋतु मूलसलाधार बारिश के लिए जानी जाती है।

शीत ऋतु मुख्य रुप से चार महीने- नवम्बर से फरवरी तक रहती है। इसका समय सूर्य की गति पर निर्भर करता है। जब सूरज धरती के उत्तरी ध्रुव (northern hemisphere) में होता है, तब उत्तरी ध्रुव में सूरज की उपस्थिति के कारण ग्रीष्म ऋतु और दक्षिणी ध्रुव (southern hemisphere) में सूर्य की अनउपस्थिति के चलते शीत ऋतु का वर्चस्व कायम रहता है।

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इसी कड़ी में 23 सितम्बर (equinox) को सूरज भूमध्य रेखा (equator) को पार कर दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश करता है और उत्तरी ध्रुव में शरद ऋतु के साथ शीत ऋतु का भी आगाज होता है। वहीं इसके ठीक विपरीत प्रक्रिया 21 मार्च (equinox) को सूर्य द्वारा पुनः भूमध्यरेखा करने पर होती है और दक्षिणी ध्रुव में शीत ऋतु की शुरुआत होती है।

हालांकि सूरज की गति अलावा भूमध्यसागर से आने वाली ठंडी हवाएं भी शीत ऋतु को मजबूत बनाने का काम करती हैं। वैज्ञानिक भाषा में इन हवाओं को जेट स्ट्रीम (jet streams) के नाम से भी जाना जाता है, जोकि पश्चिम दिशा से पूर्व दिशा की ओर बहती हैं।

जेट स्ट्रीम के चलते अमेरिका, रुस और यूरोप के कई हिस्सों में टॉर्नेडो (tornado) के रुप में भयानक चक्रवाती तूफान (temperate cyclones) आते हैं। तो वहीं भारत सहित कई देशों में हिमालय पर्वतों की श्रृखंला के चलते इन तूफानों का असर काफी कम रहता है। बावजूद इसके पश्चिम से आने वाली ठंडी हवाएं उत्तर भारत में भारी मात्रा में बर्फबारी, ओले और बारिश को बढ़ावा देती हैं, जिसे भारत में पश्चिमी डिस्टर्बेंस (western disturbance) के नाम से जाना जाता है।

Essay On Winter Season In Hindi

भारत में अमूमन सर्दियों का आगाज नवम्बर के महीने से होता है। वहीं दक्षिण भारत के मुकाबले उत्तर भारत में सर्दी का कहर काफी ज्यादा रहता है। वहीं दुनिया की कई जगहें ठंड के कारण जम जाती हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा सर्द मौसम रुस के सायबरिया में देखने को मिलता है, जहां तापमान माइनस पच्चीस डिग्री तक रहता है। वहीं भारत में सबसे ज्यादा सर्दी कश्मीर के द्रास इलाके में पड़ती है।

हालांकि अब तक का सबसे ठंडा मौसम जुलाई 2011 में न्यूजीलैंड में देखने को मिला था। इस दौरान समुद्र से घिरा न्यूजीलैंड पूरी तरह से जम गया था। समुद्र का पानी बर्फ की सतह में तब्दील हो गया था और तापमान माइनस में चला गया था।

शीत ऋतु के पैर पसारने के साथ-साथ दिन छोटे और रात लम्बी होने लगती है। यह प्रक्रिया 25 दिसम्बर (winter solstice) तक चलती है। जिसके बाद दुनियाभर में 25 दिसम्बर को क्रिसमस दिवस (christmas day) के रुप में मनाया जाता है।

दिन लगा अब जल्दी जाने , रात लगी अब पैर फैलाने

सुबह-शाम को कोहरा छाए, हाथ-पैर सब लगे ठंडाने।

सांसें लगीं धुआं उड़ाने, धूप लगी अब सबको भाने

गर्म-गर्म चाय को पीकर, सभी लगे स्वयं को गरमाने।

शीत ऋतु लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर कर देती है। इस दौरान गांवों में आग के अलाव और शहरों में रुम हिटर आम हो जाता है। वहीं दुनिया के कई लोग घूमने के लिए शीत ऋतु का बेहद बेसब्री से इंतजार करते हैं।

शीत ऋतु के दौरान यूरोप पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक हैं। जहां स्वीटजरलैंड की वादियों का लुत्फ उठाने से लेकर अमेरिका के कैलिफोर्निया, नॉर्वे, स्वीडन, अर्जेंटीना, स्लोवानिया और तुर्फी में बर्फबारी का आनन्द लेने के लिए हर साल लाखों की तादाद में सैलानी आते हैं। मशहूर शायर ख्वाजा मीर कह गए हैं-

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहां

ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहां

वहीं भारत में भी धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर के गुलमर्ग, सोनमर्ग, हिमाचल प्रदेश के शिमला, मनाली, कुल्लू, उत्तराखंड के औली, गढ़वाल, पौड़ी और उत्तर-पूर्व भारत के दार्जलिंग, सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भारी संख्या में पर्यटकों का जमावड़ा लगता है।

शीत ऋतु में बर्फबारी का लुत्फ उठाने के अलावा कई सैलानी बर्फ में रोमांच करने का भी भरपूर आनन्द लेते हैं। इस दौरान पर्यटकों एक-दूसरे को बर्फ के गोले मारते हैं। साथ ही स्केटिंग, स्कींग, आइस हॉकी, स्नो बोर्डिंग, स्की जंपिंग, ब्रूम बॉल, अल्पाइन स्केटिंग, स्पीड स्केटिंग जैसे खेल पर्यटकों के बीच आम होते हैं।

भारत सहित दुनिया के कई देशों में शीत ऋतु का खासा महत्व है। शीत ऋतु के दौरान नवम्बर से फरवरी के बीच  दुनिया के कई देशों में अलग-अलग त्योहार मनाए जाते हैं। इसी कड़ी में सर्दी के मौसम में आइसलैंड में होने वाला लाइट महोत्सव, नीदरलैंड में मनाया जाने वाला फ्रोजन डेड दिवस, जापान में स्पैरो स्नो महोत्सव, वेनिस में आयोजित होने वाला कार्निवाल और चीन का स्नो स्कल्चर शीत ऋतु के मशहूर त्योहारों में से एक है।

भारत में भी सर्दियों के आगाज के साथ ही त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। शारदीय नवरात्री से शुरु होकर त्योहारों की फेहरिस्त दशहरा, गणेश चतुर्थी, करवाचौथ, धनतेरस, दीपावली, विश्वकर्मा पूजा, गोवर्धन पूजा, भाईदूज, छठ, क्रिसमस दिवस, मकर सक्रांति, माघ स्नान, कुंभ मेला, लोहड़ी और वसंत पंचमी पर जाकर खत्म होती है।

वहीं शीत ऋतु के दौरान देश में स्थानीय स्तर पर भी गुजरात का पतंग महोत्सव, पंजाब में लेहड़ी, बंगाल में माघ बीहू, तमिलनाडू में पोंगल, बीकानेर में ऊंट महोत्सव, मनाली में विंटर कार्निवाल, जैसलमेर में रेगिस्तान महोत्सव, गोवा में कार्निवाल महोत्सव, गुजरात स्थित कच्छ के रण में आयोजित महोत्सव और राजस्थान में माउंट आबू महोत्सव जैसे मशहूर त्योहारों का आयोजन किया जाता है।

अमूमन शीत ऋतु के दौरान ज्यादातर गेंहू की खेती की जाती है। हालांकि कई जगहों पर मौसम के मुताबिक कुछ स्थानीय फसलें भी उगाई जाती हैं। इसी कड़ी में भारत में शीत ऋतु के दौरान गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, सोयाबीन जैसी फसलों के खेती होती है। वहीं सब्जियों में लैकी, गोभी, आलू, मटर, प्याज, गंजी, गाजर और लहसन धनिया जैसी फसलें उगाई जाती हैं।

इस दौरान कशमीर सहित ठंडी जगहों पर बारी मात्रा में सेब की पैदावार होती है। इसके अलावा काजू, बादाम, पिस्ता, खजूर, अखरोट और केसर जैसे ड्राई फ्रूट्स में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पाए जाते हैं।

शीत ऋतु के दौरान जहां कई पशु-पक्षी अपने बसेरों में ठिठुरे बैठे रहते हैं, वहीं कुछ प्रवासी पक्षी दूर देशों से मीलों का सफर तय कर एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। इसी कड़ी में भारत में भी कई प्रवासी पक्षी मसलन साइबेरियन क्रेन, ब्लू थ्रोट, ग्रेट वाइट पेलिकेन और एशियाटिक स्पैरो हॉक जैसे अनगिनत पक्षी चिलिका झील, कुल्लूरु झील और साम्भर झील जैसे वैटलैंडस पर आते हैं। इन पक्षियों का दीदार करने दूर-दूर से हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं।

शीत ऋतु के विषय में कवियत्री निधी अग्रवाल लिखतीं हैं-

मौसम ने ली है अंगड़ाई ,

आई देखो ठंडी है आई ,

बंद हो गए पंखे सारे , निकल गयी सबकी रजाई।

पानी को छूने से लगने लगा है डर , ठंडी हवा से तन-मन हो जाता है सिहर ,

बिन सूरज दादा के तो , आने लगती है कपकपाई।

इस मौसम में तो बस अच्छी लगती है , कॉफ़ी की चुस्की और चाय की गरमाई ,

साथ अगर पकौड़ों का हो तो, हो जाता है अपना सुखदाई

सर्दी कौन से महीने में होती है?

उत्तरी ध्रुव (northern hemisphere) में शीत ऋतु (winter season) दिसम्बर, जनवरी और फरवरी के महीने तक रहती है और दक्षिणी ध्रुव (southern hemisphere) में शीत ऋतु जून, जुलाई और अगस्त के महीने में आती है।

भारत में कौन कौन सी ऋतु है?

भारत में मुख्य रुप से छह ऋतुएं पायी जाती हैं- ग्रीष्म ऋतु (summer season), शरद ऋतु (autumn season), हेमंत ऋतु (pre winter season), शीत ऋतु (winter season), वसंत ऋतु (spring season) और वर्षा ऋतु (monsoon season)

सबसे ज्यादा सर्दी कौन से महीने में पढ़ती है?

शीत ऋतु साल के ठंडे महीनों में से एक होती है। उत्तरी ध्रुव (northern hemisphere) में साल का सबसे ठंडा महीना दिसम्बर और जनवरी होता है। 22 दिसम्बर (winter solstice) को साल का सबसे ठंडा दिन माना जाता है। वहीं दक्षिणी ध्रुव (southern hemisphere) में साल का सबसे ठंडा महीना जून होता है।

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essay on winter season in hindi for class 8

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शीत ऋतु पर निबंध Essay on Winter Season in Hindi - Winter Season in Hindi

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रूपरेखा: प्रस्तावना - शीत ऋतु का आगमन - शीत ऋतु का प्राकृतिक दृश्य - शीत ऋतु का महत्व - शीत ऋतु की विशेषताएं - गरीबों के लिए कष्टदायी ऋतु - लोगों के लिए स्वास्थ्यवर्धक समय - स्वस्थ भोजन - उपसंहार।

भारत एक ऋतुओं का देश है। भारत में छ: ऋतु हैं जो निरंतर चलती रहती हैं। भारत की छ: ऋतु बसंत ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, हेमंत ऋतु और शीत ऋतु हैं। शीत ऋतु का आगमन शरद ऋतु के बाद और बसंत ऋतु के आगमन पर समाप्त होती है। भारत में शीत ऋतु बहुत अधिक ठंडी ऋतु होती है। शीत ऋतु का समय नवम्बर मास से लेकर फरवरी मास तक होता है। भारत देश में नवम्बर में शुरू होने वाली ठंड दिसम्बर आते-आते भीषण ठंड में बदल जाती हैं। शीत ऋतु में दिन प्राय: छोटे और रातें लंबी होती हैं। सूर्य की गर्मी जो लोगों को ग्रीष्म ऋतु में अच्छी नहीं लगती वह गर्मी सभी लोगों को शीत ऋतु में अत्यंत प्रिय लगने लगती है। सर्दी से बचने के लिए बहुत से लोग आग का भी आनंद लेते हैं। शीत ऋतु में अन्य ऋतुओं की तुलना में वातावरण में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखा जा सकता है। वातावरण का तापमान बहुत कम हो जाता है, तेज गति से हवाएं चलने लगती हैं, दिन छोटे हो जाते हैं और रातें लंबी हो जाती हैं।

कभी-कभी तो घने बादलों, कोहरे और धुंध की वजह से सूरज को देखना भी असंभव लगता है। शीत ऋतु के दौरान गीले कपड़ों के सूखने में बहुत परेशानी होती है। शीत ऋतु के दौरान कोहरा और धुंध बहुत ही सामान्य होते हैं, जो सडकों पर अधिक भीड़ और दुर्घटनाओं के कारण बनते हैं। हमें सर्दियों से बचने के लिए बहुत से गर्म कपड़े पहनने चाहिएँ और अपने घरों में रहना चाहिए। शीत ऋतु में अधिक सर्दी के कारण बहुत से पक्षी पलायन कर जाते हैं और पशु शीत निंद्रा में चले जाते हैं।

भारत में शीत ऋतु के शुरू होने की अवधि क्षेत्रों और पृथ्वी के अपने अक्ष पर सूर्य के चारों ओर घुमने के अनुसार अलग-अलग होती है। सभी को यह पता है कि पृथ्वी सूर्य के चारों और चक्कर लगाती है। पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना ही पूरे साल भर मौसम और ऋतुओं के बदलने में मुख्य भूमिका निभाता है। जब पृथ्वी उत्तरी गोलार्द्ध पर चक्कर लगती है तब उत्तरी गोलार्द्ध पर सर्दी होती है। ऋतुएं तब बदलती हैं जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री सूर्य की ओर झुकी हुई है। दक्षिण के लोगों के लिए सर्दियों के महीने जून, जुलाई और अगस्त होते हैं। भारत में शीत ऋतु का हिमालय पर्वत से बहुत गहरा संबंध होता है। जब हिमालय पर्वत पर बर्फबारी होती है और उत्तर दिशा की ओर से हवाएं चलना शुरू हो जाती हैं तो भारत में शीत ऋतु का आगमन होता है।

सर्दियों के दौरान पहाड़ी क्षेत्र बहुत ही सुंदर दिखने लगते हैं क्योंकि उन क्षेत्रों में सब कुछ बर्फ की चादर से ढका होता है और प्राकृतिक दृश्य की तरह बहुत सुंदर दिखाई देता है। सभी वस्तुओं पर पड़ी बर्फ मोतियों के समान दिखाई देती है। सूर्य के उदय होने पर तरह-तरह के रंग के फूल खिलते हैं और वातावरण को एक नया रूप देते हैं। कम तापमान वाली सूर्य की रौशनी की वजह से सर्दियों के दिन बहुत ही अच्छे और सुहावने होते हैं। दिसम्बर और जनवरी सबसे अधिक ठंड वाले मौसम होते हैं जिनके दौरान अधिक ठंडा मौसम होने की वजह से हम बहुत अधिक परेशानी महसूस करते हैं।

यह मौसम लंबी यात्रा और पर्यटन पर जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम होता है। यही मौसम भारत में सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ ही आसमान के मनमोहक वातावरण में सुंदर चिड़ियों को भी आमंत्रित करता है।

शीत ऋतु का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। भारत में शीत ऋतु सबसे महत्वपूर्ण मौसम है जो शरद संक्रांति पर शुरू होता है और बसंत विषुवत पर खत्म हो जाता है। शीत ऋतु स्वास्थ्य का निर्माण करने का मौसम होता है हालाँकि पेड़-पौधों के लिए बुरा होता है, क्योंकि वे बढना छोड़ देते हैं। बहुत से जानवर असहनीय ठंडे मौसम के कारण शीतकालीन निद्रा में चले जाते हैं। इस मौसम के दौरान बर्फ गिरना और सर्द तूफानों का आना सामान्य बात है। शीत ऋतु में हम अनेक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। शीत ऋतु में हम आइस-स्केटिंग, आइस-बाइकिंग, आइस-हॉकी, स्कींग, स्नोबॉल फाइटिंग, स्नोमैन को बनाना, स्नो-कैसल आदि बहुत सी रुचिकर गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।

शीत ऋतु में सुबह के समय टहलना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है। गर्मियों के मौसम में हम विस्तृत समय के लिए काम नहीं कर सकते हैं लेकिन सर्दियों में हम लंबे समय तक नौकरी कर सकते हैं। गर्मियों में बहुत अधिक गर्मी पडती है जिससे हम बीमार हो जाते हैं लेकिन सर्दियों में बहुत कम बीमार होने की संभावना होती है। सर्दियों का मौसम किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस मौसम के दौरान उनकी खेती शानदार होती है। सर्दियों में हरी पत्तियों पर ओश की बूंदें मोती के समान लगती हैं।

शीत ऋतु में अन्य ऋतुओं की तुलना में बहुत अधिक बदलाव होते हैं जैसे- लंबी रातें, छोटे दिन, ठंडा मौसम, ठंडी हवा, बर्फ का गिरना, सर्दी तूफान, ठंडी बारिश, घना कोहरा, धुंध, बहुत कम तापमान आदि। कभी-कभी जनवरी के महीने में तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। इस समय में सर्दी अपनी चरम सीमा पर होती है। नवंबर के महीने से ही ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो जाती हैं। जब सर्दी अधिक बढ़ जाती है तो स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियाँ कर दी जाती हैं। इस मौसम में लोग अधिक उर्जावान और क्रियाशील रहते हैं। दिन छोटे होते हैं और रात लंबी होती हैं। लोग अधिक घंटे काम करने के बाद भी थकते नहीं हैं। सुबह के समय अधिक कोहरा व पारा पड़ता है और कुछ भी देखना मुश्किल हो जाता है। बहुत सी हवाई जहाज उड़ानें रद्द हो जाती हैं। शीत ऋतु में ट्रेने भी देर से चलने लगती हैं। सडकों पर पारा अधिक होने की वजह से लोग सुबह के समय घर से बाहर निकलने से डरते हैं।

शीत ऋतु में जगह-जगह लोग आग जलाकर बैठ जाते हैं। शीत ऋतु का मौसम गर्म भोजन, फल, मिठाईयां व स्वादिष्ट व्यंजनों का मौसम होता है। इस मौसम में अन्य मौसमों की अपेक्षा अधिक चाय पी जाती है। इस मौसम में अन्य मौसमों की अपेक्षा हरी सब्जियां अधिक आती हैं। बहुत से त्यौहार भी सर्दी के मौसम में ही आते हैं।

शीत ऋतु गरीबों के लिए बहुत अधिक परेशानियों का निर्माण करता है क्योंकि उनके पास गर्म कपड़े और रहने के लिए पर्याप्त आवासों का अभाव होता है। शीत ऋतु ज्यादातर गरीब लोगों के लिए बहुत ही कष्टदायी होती है। गरीबों के पास प्राय: गर्म कपड़ों का आभाव होता है। गरीबों के पास कम्बल, स्वेटर, रजाई आदि सभी खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं। ऐसे लोग आग से ही राहत का अनुभव करते हैं। अमीरों के लिए तो शीत ऋतु बहुत ही आनंदमय होती है। उनके पास अच्छे गर्म कपड़े होते हैं। अमीर लोग रंगीन जैकेट, कोट या स्वेटर पहनते हैं।

शीत ऋतु में तापमान कम होने की वजह से गरीबों के लिए अलाव एवं बेघरों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था सरकार को ही करनी पडती है। गरीब लोग लंबी और कड़ाके की सर्दी से बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। सुविधाएँ न होने की वजह से कई बार गरीबों की ठंड से मृत्यु भी हो जाती है। गरीबों में सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।

शीत ऋतु में पाचन शक्ति प्रबल होती है इसलिए इस समय लोग आराम से भोजन कर पाते हैं। ठंड के समय में अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छे खान-पान का भी ध्यान रखना पड़ता है। तापमान कम होने की वजह से त्वचा रुखी हो जाती है इसीलिए त्वचा का विशेष ध्यान रखा जाता है। तेल मालिश के साथ गर्म पानी से स्नान अति उत्तम माना जाता है। शीत ऋतु में सुबह बाहर घूमना स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक अच्छा होता है। जब हम सुबह घूमने जाते हैं तो हमें साँस लेने के लिए ताजी और स्वच्छ हवा मिलती है। शीत ऋतु के समय में मच्छरों की समस्या नहीं होती है।

शीत ऋतु का अपना विशेष महत्व होता है। शीत ऋतु के आरंभ में कम तापमान में गेंहूँ जैसी फसलों को बोया जाता है। शीत ऋतु में अधिकतर हरी सब्जियों की भरमार होती है। शीत ऋतु में हम धनिया, मेथी, गाजर, मटर, बैंगन, गोभी, मूली जैसी हरी सब्जियों को आसानी से प्राप्त कर पाते हैं। इस मौसम में बंदगोभी, सेम, मटर, फूलगोभी, आलू, मूली, गाजर, टमाटर, लौकी आदि सभी सब्जियां इस मौसम में बहुत मिलती हैं। शीत ऋतु में ठंडे बर्फबारी के दृश्य बहुत ही मनमोहक लगते हैं। इन दृश्य को देखने के लिए लोग पर्वतीय स्थलों पर जाते हैं। शीत ऋतु के मौसम में गेंदा, गुलदाउदी, सूरजमुखी, गुलाब और डहेलिया आदि खुबसुरत फूलों की सुंदर छटा देखने को मिलती है।

इन सुंदर फूलों के दृश्यों का आनंद केवल शीत ऋतु में ही लिया जाता है। शीत ऋतु में त्यौहारों का बहुत महत्व होता है। शीत ऋतु में ही उत्तर भारत में 14 जनवरी को लोहड़ी और मकर सक्रांति मनाई जाती है। दिसंबर में ईसाईयों द्वारा क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है। अन्य बड़े वर्ग बड़े दिन की छुट्टियाँ मनाते हैं। गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी का त्यौहार भी शीत ऋतु के दौरान ही आता है। शीत ऋतु में ही स्वास्थ्यवर्धक और पसंदीदा फलों जैसे- संतरा, अमरुद, चीकू, पपीता, आंवला, गाजर, अंगूर आदि को देखा जा सकता है। शीत ऋतु हमें जीवन के संघर्षों का सामना करने की प्रेरणा देती है। शीत ऋतु से पहले शरद ऋतु में हमारा जीवन सामान्य रहता है लेकिन शीत ऋतु में हमारा संघर्ष बढ़ जाता है। जिस तरह से शीत ऋतु के जाने के बाद हमें बसंत का आनंद मिलता है, ठीक उसी तरह जीवन में संघर्ष करने के बाद हमें सफलता का आनंद मिलता है। यही संदेश हमें शीत ऋतु देती है।

सर्दी का मौसम बर्फीला और उपयोगी मौसम है। इस मौसम में हमें काम करने में परेशानी होती है हालाँकि सूर्य भी काम करने के लिए उपयुक्त होता है और हमें सूरज के सामने बैठना अच्छा लगता है। शीत ऋतु में सब कुछ ताजा और सुंदर दिखाई देता है।

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शीत ऋतु पर निबंध हिन्दी में Essay on Winter Season in Hindi

इस लेख में हमने सर्दी का मौसम या शीत ऋतु पर निबंध (Essay on Winter Season in Hindi) हिन्दी में लिखा है। यह सर्दी ऋतु पर निबंध हमने 800 शब्दों में स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए प्रकाशित किया गया है। इसे अंग्रेजी में विंटर सीजन भी कहते हैं।

प्रस्तावना Introduction (शीत ऋतु पर निबंध – 800 Words)

यह शीतकालीन मौसम भारत का सबसे बड़ा और सबसे ठंडा मौसम है। इस इस मौसम में हर जगह वतावरण में ठंडक चारों ओर फैली रहती है, यह एक शानदार मौसम है। सर्दियों के महीनों के दौरान, पहाड़ी क्षेत्र बर्फ से ढंक जाता है और कभी-कभी तापमान बहुत निम्न स्तर हो जाता है।

शीत ऋतु का महत्व Importance of Winter Season

जब हम सर्दियों के मौसम की सुबह में टहलते हैं तो यह स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होता है। जब हम सुबह टहलते है, तो हमें सांस लेने के लिए ताज़ी हवा मिलती है। गर्मियों के मौसम के दौरान, हम विस्तारित समय के लिए काम नहीं कर सकते हैं, लेकिन सर्दियों के महीनों में, हम लंबे समय तक नौकरी कर सकते हैं और थकान भी नहीं होती है।

शीत ऋतु की कुछ मुख्य बातें Best things about Winter Season

सर्दी के महीने में होने वाली समस्याएं problems in winter season.

ठंड से बचने के लिए कभी-कभी जब वे रात में काम करते हैं तो अक्सर आग के सामने बैठते हैं उनके पास पहनने के लिए कोई गर्म कपड़े नहीं है। इस मौसम में कई जानवरों और पक्षियों की मृत्यु भी हो जाती है। यहां तक ​​कि यात्रा में भी इस मौसम में मुश्किलें होती है। यात्रा करने की वजह से लोग बहुत परेशान होते हैं, सर्दियों से बचने के लिए, यात्रा के समय हमें अधिक सामान साथ रखना पड़ता है।

पुराने समय से, यह हमारे देश में हो रहा है कि ज्यादातर पक्षी, जानवर और इंसान मर रहे हैं क्योंकि इस मौसम में उनके पास कुछ गर्म कपडों और आश्रय की कमी रहती है। इस अवधि में कई अमीर लोग कुछ गर्म कपड़े और चीजों को उस व्यक्ति को दान करते है, जिनके पास सर्दी से बचने के लिए कोई स्रोत नहीं है। अतः धनी व्यक्तियों को, शीतकालीन हवाओं की कई कठिनाइयों से जो लोग पीड़ित हैं उनके कल्याण के लिए कुछ धन भी देना चाहिए।

शीत ऋतु पर 10 वाक्य 10 Lines on Winter Season in Hindi

निष्कर्ष conclusion.

essay on winter season in hindi for class 8

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शीत ऋतु पर निबंध- Essay on Winter Season in Hindi

In this article, we are providing information about Winter Season in Hindi- Short Essay on Winter Season in Hindi Language. शीत ऋतु पर निबंध, Sardi ka mausam Essay in Hindi.

शीत ऋतु पर निबंध- Essay on Winter Season in Hindi

शीत ऋतु सर्दी के मौसम को कहा जाता है। यह सिर्फ 3-4 महीने के लिए आती है। शीत ऋतु का आगमन दिवाली के बाद नवंबर में ही हो जाता है और धीरे धीरे यह बढ़ती जाती है। सर्दी की शुरूआत तब होती है जब हिमालय पर बर्फबारी होती है और उतर की तरफ से ठंडी हवा चलती रहती है जिससे सर्दी का आगमन होता है। सबसे ज्यादा सर्दी उतर भारत में होती है। सर्दी का मौसम नवंबर से लेकर फरवरी तक रहता हैं। बूढ़ो को सर्दी अधिक लगती है जबकि बच्चे इस सर्दी में भी खेलते कुदते रहते हैं। सर्दी के मौसम में दिन छोटे और रात बड़ी होती है और शाम को अंधेरा बहुत जल्दी हो जाता है। सुबह और शाम के समय कोहरा छाया रहता है और ठंड ज्यादा लगती है। सर्दी के मौसम में ही क्रिसमस और न्यु ईयर का त्योहार आता है।

इस मौसम में लोग ऊनी कपड़े पहनना शुरू कर देते हैं और सिर से पाँव तक ढक कर रखते हैं। यह मौसम अपने साथ खाँसी जुकाम जैसी कई बिमारियाँ लेकर आता है जिससे बचने के लिए लोग सिर पर टॉपी, हाथों में दस्ताने और पैरों में जुराब पहन कर रखते हैं। रात को लोग रजाईयाँ और कम्बल ओढ़ कर सोते हैं।

इस समय लोग ठंडा पानी और ठंडी चीजों के सेवन को त्याग कर गर्म व्यंजनों की तरफ आकर्षित होते हैं। सर्दियों में सूर्य बड़ा दिखाई देता है और इसकी गर्मी से ठंड में राहत मिलती हैं। सर्दी में गर्मी का अहसास करने के लिए लोग गुड़ और तिल से बनी मिठाईयों का सेवन करते हैं। सर्दी के मौसम में सब्जियाँ ज्यादा होती है और हम ज्यादा पौष्टिक तत्व प्राप्त कर सकते है। ज्यादा सर्दी होने पर स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियाँ कर दी जाती है जिससे कि बच्चे आराम से घर पर रहें और सर्दी में बिमार होने से बच सके।

सर्दी में सबसे ज्यादा हानि गरीब लोगों को होती है क्योंकि उनके पास पर्याप्त साधन नहीं होते है ठंड से बचने के लिए। बहुत से गरीब लोग तो ठंड के कारण ही मर जाते हैं। सर्दी में कोहरे के कारण बहुत से एक्सीडैंट भी होते हैं जिससे मृत्यु दर में वृद्धि होती है। लोग रजाई में बैठे रहना और सोना पसंद करते हैं। सर्दी के मौसम में लोग आराम करना पसंद करते हैं। सर्दी के कारण ज्यादातर लोग घरों में ही रहते हैं। बाहर हर तरफ शांति रहती है जिस वजह ये हल्की सी आवाज भी साफ सुनाई देती है।

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Essay on winter season in hindi शीत ऋतु पर निबंध.

Read an essay on Winter Season in Hindi शीत ऋतु पर निबंध or सर्दी के मौसम पर निबंध. Students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12 need this essay. So read short and easy essay on Winter Season in Hindi.

Essay on Winter Season in Hindi

Essay on Winter Season in Hindi 300 Words

भारत में तीन मुख्य ऋतु है। ग्रीष्म ऋतु, शरद ऋतु और मॉनसून। शरद ऋतु साल का सबसे ठंडा मौसम होता है, जो दिसंबर महीने में शुरू होता है और मार्च के महीने में समाप्त होता है। शित ऋतु में दिन छोटे और रात बड़ी होती है और शाम को अंधेरा बहुत जल्दी हो जाता है। सर्दियों का मौसम बहुत ही अच्छा और सुहावना मौसम होता है। सूर्य की गर्मी जो लोगो को ग्रीष्म ऋतु में अच्छी नहीं लगती वह गर्मी सभी लोगों को शीत ऋतु में अत्यंत प्रिय लगने लगती है।

शीत ऋतु में सुबह के समय टहलना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है। इस मौसम में लोग अधिक ऊर्जावान और क्रियाशील रहते है। शरद ऋतु स्वास्थ्यवर्धक फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों का मौसम है। यह मौसम लंबी यात्रा और पर्यटन पर जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ऋतु उत्तम होती है क्योंकि इस ऋतु में पाचन शक्ति मजबूत होती है। शीत ऋतु में लोग गर्म कॉफी और चाय पीना पसंद करते है।

शीतकाल में पढ़ाई खुब होती है। विद्यार्थी इन्हीं दिनों पढ़ाई की सारी कसर पूरी कर लेते है। शीत ऋतु में कीटाणुओं का प्रकोप कम हो जाता है। शीत ऋतु में किसान अधिक कार्य कर पाता है क्योंकि उसको गर्मी और धूप को सहना नहीं पड़ता है। शीत ऋतु में लोग आराम करना पसंद करते है। शीत ऋतु गरीबों के लिए बहुत अधिक परेशानियों का निर्माण करता है क्योंकि उनके पास गर्म कपड़े और रहने के लिए पर्याप्त आवासों का अभाव होता है।

शीत ऋतु में कोहरे के कारण बहुत से एक्सिडेंट भी होते है। रेलयात्रा और हवाई यात्राएं पर इसका खासा असर दिखाई पड़ता है।

सर्दी का मौसम दशहरे का त्योहार आने से दस-पन्द्रह दिन पहले सर्दी आरम्भ हो जाती है। कार्तिक, अगहन (मग्घर), पौष और माघ-चार महीने सर्दी रहती है। जाड़ा बढ़ते-बढ़ते अरहर और मटर के पौधों में लाल-पीले फल लगने लगते हैं।

अलसी के खेत नीले फलों से लद जाते हूँ। गन्ने के खेत में गन्ने इतने ऊँचे हो जाते हैं कि उनके पीछे खड़ा आदमी दिखाई नहीं देता। सर्दी आरम्भ होते ही खली छत पर सोने वाले कमरों के अन्दर सोने लगते हैं। बालिकाएँ और बालक अपने-अपने स्वेटर निकालकर पहनने लगते हैं। ठण्डी हवाएं चलने लगती हैं। सवेरे-शाम अधिक ठण्ड होती है। तब बालक कोट आदि पहनकर बाहर निकलते हैं। बालिकाएँ शाल लेकर बाहर जाती हैं। सर्दी के दिन छोटे होते हैं। कब दिन हुआ, कब साँझ, पता ही नहीं चलता।

जाड़े की रात अधिक ठण्डी होने के कारण कोई काम नहीं हो पाता। अतः दिन में ही जल्दी-जल्दी काम कर लेना चाहिए। जब सर्दी बढ़ जाती है, तो सोते हुए, कम्बल में भी ठण्ड लगती है तब लोग रजाइयाँ (लिहाफ) ओढ़कर सोते हैं। बेचारे बेघर लोग जाड़े में काँपते-ठिठुरते हैं। सवेरे काफी ठण्ड पडती है, तब चाय पीकर ही चैन पड़ता है। गरम पेय (चाय, दूध, काफी आदि) अच्छे लगते हैं। सर्दी में भूख भी बढ़ जाती है और खाया-पीया पच जाता है। पुरुष गरम सूट पहनकर काम पर जाते हैं।

किसान लोग पुआल, उपले, लकड़ी आदि जलाकर आग तापते हैं, तब उनकी ठण्ड दूर होती है। अधिक सर्दी में दाँत बजने लगते हैं। हाथ सेककर शरीर में गर्माइश आती है। धनी लोग घरों और दफ्तरों में बिजली के हीटर जलाते हैं। लड़के-लड़कियाँ खेल के मैदान में घण्टों खेलते रहते हैं, फिर भी नहीं थकते। इन दिनों बादाम, पिस्ता, काजू, तिलगोजे, किशमिश, खजूर, मूंगफली आदि खाना अच्छा लगता है। शीतकाल में पढ़ाई खूब होती है। अत: विद्याथीं इन्हीं दिनों पढ़ाई की सारी कसर पूरी कर लेते हैं।

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essay on winter season in hindi for class 8

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शीत ऋतु पर निबंध | Winter Season Essay For Kids In Hindi

शीत ऋतु पर निबंध Winter Season Essay For Kids In Hindi : प्रिय विद्यार्थियों आज हम यहाँ पर sheet ritu par nibandh आपके साथ साझा कर रहे हैं.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12  स्टूडेंट्स  के लिए सर्दी पर बड़ा निबंध  Winter Season Essay यहाँ विभिन्न शब्द सीमा जैसे 100, 200, 300, 400 और 500 शब्दों में पढेगे.

शीत ऋतु पर निबंध Winter Season Essay In Hindi

शीत ऋतु भारत की मुख्य ऋतुओं में से एक हैं. अन्य पांच ऋतुओं वर्षा, वसंत, शरद, ग्रीष्म और हेमंत मुख्य हैं. वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु का आगमन होता हैं.

अंग्रेजी कलैंडर के अनुसार इस ऋतु की समयावधि नवम्बर माह से लेकर फरवरी तक होता हैं. हिंदू पंचाग के मुताबिक़ शीत ऋतु की अवधि कार्तिक से माघ महीने तक होती हैं.

पोष व माघ महीने में सर्दी अपने चरम पर होती हैं. कई स्थानों पर इस समय पारा शून्य से नीचे चला जाता हैं. हमारी पृथ्वी अपने अक्ष पर सीधी होने की बजाय झुकी हुई सूर्य के चारो ओर परिक्रमण करती है

जिसके कारण सूर्य की किरने समान रूप से नहीं पड़ती हैं इससे मौसम परिवर्तन होता हैं. जब सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सर्वाधिक हो और तिरछी किरने पड़तीं हो तब तापमान न्यून हो जाता हैं और शीत ऋतु का आगमन होता हैं.

भारत में शीत ऋतु को दो समान भागों में विभक्त किया जाता हैं इन्हें हेमंत और शिशिर का नाम दिया गया हैं. हेमंत में ठंड बेहद कम तथा खुशनुमा वातावरण होता हैं,

जबकि पोष व माघ में शिशिर का आगमन हो जाता हैं जिसमें अत्यधिक ठंड पड़ती हैं. तेज ठंड हवाओं के चलते जनजीवन ठंड की मार से व्याकुल हो जाता हैं.

दुनिया के अलग अलग देशों में सर्दी ऋतु के मौसम की अवधि में भिन्नता पाई जाती हैं. हमारे देश में दिसम्बर तक कड़ाके की ठंड का दौर आरम्भ हो जाता हैं. सर्दी में दिन छोटे तथा राते बड़ी होने लगती हैं.

गर्मी के मौसम में जहाँ बिलखाती धुप से सभी नजर छुपाते हैं वही शीत में सेकने के लिए घंटों तक छत पर आ जाया करते हैं. सूर्य की किरण  नया  जीवन  देने  वाली  लगने लगती हैं.

अधिकतर लोग देर तक घरों में दुबके हीटर या लकड़ी के चूल्हे पर तपकर स्वयं को गर्मी का एहसास दिलाते हैं. अभावग्रस्त लोगों के लिए शीत ऋतु संकट का सबब बन जाती हैं

वे आर्थिक रूप से इतने सबल नहीं होते कि  ठंड  से बचाव  के लिए अच्छे ऊनी या गर्म कपड़े खरीद सके. गर्म कम्बल, स्वेटर, रजाई के बिना ही उन्हें गुजारा करना पड़ता हैं.

आग की भट्टियों या चूल्हे की गर्मी से ही वे अपना काम चलाते हैं. यदि आग भी नसीब न हो तो बस ठिठुरन और दांतों की कडकडाट से ही जाड़े को कोसते नजर आते हैं.

जाड़े भरी रातों का गुजर उन लोगों के लिए भीषण हो जाता है जिनके पास पहनने और ओढ़ने के लिए गर्म वस्त्र नहीं होते हैं. सामान्य कपड़ों के साथ ठंडी रातों का गुजारा नहीं किया जा सकता हैं.

सामान्य तौर पर सर्दी का मौसम उन लोगों के लिए एक भयानक सपने जैसा होता है जिनके पास रहने के लिए कोई आसरा न हो, किसी तम्बू या टाट के नीचे सड़क के किनारे बसने वाले बेघरों का जीना दूभर हो जाता हैं.

शीत ऋतु के कई फायदे भी हैं. इस ऋतु के दौरान पाचन क्षमता प्रबल रहती है जिसके कारण इन्हें स्वास्थ्य काल भी कहा जाता है वही दूसरी तरफ बीमार होने का खतरा भी हर वक्त बना रहता हैं.

इसलिए बेहद सावधानी की भी आवश्यकता रहती हैं. बेवक्त बाहर आने जाने या सोते वक्त कम्बल रजाई न ओढने से तेज सर्दी, जुखाम या बुखार होने का खतरा भी बना रहता हैं.

न सिर्फ बाहरी ठंड से बचाव के उपायों की ओर अधिक जागरूक रहना चाहिए बल्कि सर्दी में त्वचा बेहद रुखी हो जाती हैं अतः त्वचा की देखभाल भी परिहार्य हैं.

सोते वक्त तेल की मालिश, गुनगुने पानी से नित्य स्नान आदि आदते शीत ऋतु के आगमन पर ही डाल लेनी चाहिए. प्रत्येक ऋतु एक दूसरे पर निर्भर होती हैं एक की समाप्ति के पश्चात दूसरी ऋतु का आगमन होता हैं.

सभी ऋतुओं का अपना अपना महत्व हैं. शीत ऋतु हमे शिक्षा देती है कि जिस प्रकार हम तेज ठंड और जाड़े की रातों से स्वयं के बचाव के लिए पूर्व में ही स्वयं को ढापकर तैयार कर लेते हैं उसी प्रकार जीवन में बुरे समय और विपरीत परिस्थितियों के लिए हमें पूर्व से धन बल से उसका सामना करने की पूर्ण तैयारी कर लेनी चाहिए.

शीत ऋतु फसलों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं. हरी सब्जियां ठंडे मौसम में सर्वाधिक मात्रा में होती हैं. धनिया, मेथी, गाजर, मटर, बैगन, गोभी, मूली आदि हमारी प्रिय सब्जियों का लुप्त हमें विंटर में ही मिलता हैं.

पर्यटक स्थलों खासकर हिल स्टेशनों में ठंड के चलते वादियाँ बर्फ से ढक जाती हैं. कश्मीर, शिमला, मंसूरी और माउंट आबू जैसे स्थलों पर बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं.

इस तरह ठंड की ऋतु हमें जीवन भर कठिन स्थतियों से संघर्ष करने की प्रेरणा देता हैं. हमारा जीवन सामान्य दिनचर्या से कुछ अलग संघर्ष की ओर बढ़ जाता हैं.

जिस तरह हम ठंड की मार को झेलने के बाद वसंत जैसे सुखदायी मौसम को प्राप्त करते हैं उसी तरह जीवन के बुरे हालातों में साहस के साथ सामना करना पर जीवन में हम बहुत सुनहरा दौर ला सकते हैं,

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10 Lines on Winter Season in Hindi। शीत ऋतु पर 10 लाइन निबंध

10 lines on winter season in hindi

शीत ऋतू से अभिप्राय सर्दियों के मौसम से है। भारत में विभिन्न क्षेत्रों में शीत ऋतू के अलग अलग प्रभाव देखने को मिलते है। पहाड़ी क्षेत्रों में तो नदी झीलों का पानी जम जाता है। कुछ क्षेत्रों में बर्फीली हवाओ से लोगो का सामना होता है। वैसे ठण्ड के मौसम का भी अपना आनंद है। Winter Season Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इसलिए आज हम “ शीत ऋतू पर 10 लाइन निबंध ” लेकर आपके समक्ष आये है। इस आर्टिकल में आप ‘ 10 lines on Winter Season in Hindi ‘ में पढ़ेंगे।

  •  शीत ऋतू ठण्ड का मौसम होता है।
  •  शीत ऋतू मूलतः नवम्बर दिसंबर जनवरी फ़रवरी माह में रहता है।
  •  शीत ऋतू में पारा अपने न्यूनतम तापमान में चला जाता है।
  •  पहाड़ी जगहों में इन दिनों खूब बर्फ़बारी होती है।
  •  सर्दी में दिनों में धुप बहुत कम निकलती है।
  •  सर्दी के दिनों में सुबह और रात में घना कोहरा देखने को मिलता है।
  •  लोग ठण्ड से बचने और गर्मी पाने के लिए घरो में रूम हीटर या लकडिया जलाते है।
  •  सर्दी से बचने के लिए लोग गर्म कपडे जैसे स्वेटर, जैकेट, कम्बल और शॉल आदि का प्रयोग करते है।
  •  शीत ऋतू के आस पास ही दीवाली, क्रिसमस, नया साल और लोहड़ी जैसे प्रशिद्ध तैयार आते है।
  •  शीत ऋतू में सूर्य जल्दी डूबता है और देर से उगता है, जिससे दिन छोटे और राते लम्बी हो जाती है।

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Winter Season Essay for Students and Children

500+ words essay on winter season.

Winter is one of the most important seasons in India. It is a part of the four seasons that occur in India. Winters are the coolest season that starts from December and last till March. The peak time when winter is experienced the most in December and January. In India, winters hold great importance. In addition, the essence it has is admired by many people. Winters give you the time to indulge in various activities like snowball fighting, building snowmen, ice hockey and more. It is a great time for kids to enjoy their vacations and get cozy in their blankets.

winter season essay

Essence of Winter

During winters, schools usually take a break and close down. The days are shorter and the nights get longer. The chilly mornings give you a different sense altogether. Hot drinks like coffee, tea, and hot chocolate are enjoyed more during winters. The sun rises quite late and sometimes it does not.

Even when it does, it doesn’t get a bit hot. People long for a little sunshine as the cold weather sends chills down the spine. You see people on the roads burning woods and paper to get a little warmth. However, not many people prefer going out in winters. They like sitting by the fireplace or heater all day.

In the hilly areas, people experience snow during winters. They have to shovel it out of the way to make way for walking. The essence of winters is enhanced by Christmas as well. It sets the holiday mood for people and is admired all over the world.

But, there is also a downside of this season. The farmers, homeless people, and animals are most affected by this season. There is hardly any business in this season for farmers. Hundreds of homeless people die due to the harsh winters.

As the animals do not have proper shelter, they too lose their lives. In addition, many flights are also canceled during this season. Nonetheless, this does not make winter any less important. It is quite essential to maintain balance in the weather of our country.

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Why I Love Winter?

I personally love winters. This season brings a lot of healthy fruits and vegetables. People get the chance to eat fresh grapes, apples, carrots, cauliflower, guava and more. Furthermore, so many beautiful flowers bloom during this season. These flowers include roses, dahlias and more. This makes winter even more beautiful than it already is.

Other than that, no lizards are to be found as they go in hibernation. This makes me very happy and lets me live fearlessly. Most importantly, winter mornings are the best part of this season for me. I like getting up early in winters and witnessing the morning dew on flowers. There is a different vibe altogether that comes with winters.

Also, our school organizes bonfire which is one of the most awaited events of the year.

In short, winter is as important as any other season. Sure, it may have its negative sides and positive sides, but that happens with every season. Winters helps you enjoy long morning walks and fresh air.

FAQ on Winter Season Essay

Q.1 Explain the essence of winter.

A.1 The essence of winter cannot be described in one word. It is the hot cup of coffee in the morning. It is the warmth you get from the fireplace. The fun of making a snowman is what forms the essence of winter.

Q.2 Why do  people love  winters?

A.2 People love winter because they like coolness. They love the absence of mosquitoes and lizards. Plus, the seasonal fruits and vegetables in winters are absolutely delicious.

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शीत ऋतु पर निबंध-Essay On Winter Season In Hindi

शीत ऋतु पर निबंध (essay on winter season in hindi) :.

essay on winter season in hindi for class 8

भूमिका : भारत एक ऋतुओं का देश है। भारत में छ: ऋतू हैं जो निरंतर चलती रहती हैं। भारत की छ: ऋतू बसंत ऋतू, वर्षा ऋतू, शरद ऋतू, ग्रीष्म ऋतू, हेमंत ऋतू और शीत ऋतू हैं। शीत ऋतू का आगमन शरद ऋतू के बाद और बसंत ऋतू के आगमन पर समाप्त होती है। भारत में शीत ऋतू बहुत अधिक ठंडी ऋतू होती है।

शीत ऋतू का समय नवम्बर मास से लेकर फरवरी मास तक होता है। भारत देश में नवम्बर में शुरू होने वाली ठंड दिसम्बर आते-आते भीषण ठंड में बदल जाती हैं। शीत ऋतू में दिन प्राय: छोटे और रातें लंबी होती हैं। सूर्य की गर्मी जो लोगों को ग्रीष्म ऋतू में अच्छी नहीं लगती वह गर्मी सभी लोगों को शीत ऋतू में अत्यंत प्रिय लगने लगती है।

सर्दी से बचने के लिए बहुत से लोग आग का भी आनंद लेते हैं। शीत ऋतू में अन्य ऋतुओं की तुलना में वातावरण में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखा जा सकता है। वातावरण का तापमान बहुत कम हो जाता है, तेज गति से हवाएं चलने लगती हैं, दिन छोटे हो जाते हैं और रातें लंबी हो जाती हैं।

कभी-कभी तो घने बादलों, कोहरे और धुंध की वजह से सूरज को देखना भी असंभव लगता है। शीत ऋतू के दौरान गीले कपड़ों के सूखने में बहुत परेशानी होती है। शीत ऋतू के दौरान कोहरा और धुंध बहुत ही सामान्य होते हैं, जो सडकों पर अधिक भीड़ और दुर्घटनाओं के कारण बनते हैं। हमें सर्दियों से बचने के लिए बहुत से गर्म कपड़े पहनने चाहिएँ और अपने घरों में रहना चाहिए। शीत ऋतू में अधिक सर्दी के कारण बहुत से पक्षी पलायन कर जाते हैं और पशु शीत निंद्रा में चले जाते हैं।

शीत ऋतू के आगमन का कारण : भारत में शीत ऋतू के शुरू होने की अवधि क्षेत्रों और पृथ्वी के अपने अक्ष पर सूर्य के चारों ओर घुमने के अनुसार अलग-अलग होती है। सभी को यह पता है कि पृथ्वी सूर्य के चारों और चक्कर लगाती है। पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना ही पूरे साल भर मौसम और ऋतुओं के बदलने में मुख्य भूमिका निभाता है।

जब पृथ्वी उत्तरी गोलार्द्ध पर चक्कर लगती है तब उत्तरी गोलार्द्ध पर सर्दी होती है। ऋतुएं तब बदलती हैं जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री सूर्य की ओर झुकी हुई है। दक्षिण के लोगों के लिए सर्दियों के महीने जून, जुलाई और अगस्त होते हैं। भारत में शीत ऋतू का हिमालय पर्वत से बहुत गहरा संबंध होता है। जब हिमालय पर्वत पर बर्फबारी होती है और उत्तर दिशा की ओर से हवाएं चलना शुरू हो जाती हैं तो भारत में शीत ऋतू का आगमन होता है।

प्राकृतिक दृश्य : सर्दियों के दौरान पहाड़ी क्षेत्र बहुत ही सुंदर दिखने लगते हैं क्योंकि उन क्षेत्रों में सब कुछ बर्फ की चादर से ढका होता है और प्राकृतिक दृश्य की तरह बहुत सुंदर दिखाई देता है। सभी वस्तुओं पर पड़ी बर्फ मोतियों के समान दिखाई देती है।

सूर्य के उदय होने पर तरह-तरह के रंग के फूल खिलते हैं और वातावरण को एक नया रूप देते हैं। कम तापमान वाली सूर्य की रौशनी की वजह से सर्दियों के दिन बहुत ही अच्छे और सुहावने होते हैं। दिसम्बर और जनवरी सबसे अधिक ठंड वाले मौसम होते हैं जिनके दौरान अधिक ठंडा मौसम होने की वजह से हम बहुत अधिक परेशानी महसूस करते हैं।

यह मौसम लंबी यात्रा और पर्यटन पर जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम होता है। यही मौसम भारत में सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ ही आसमान के मनमोहक वातावरण में सुंदर चिड़ियों को भी आमंत्रित करता है।

शीत ऋतू का महत्व : शीत ऋतू का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। भारत में शीत ऋतू सबसे महत्वपूर्ण मौसम है जो शरद संक्रांति पर शुरू होता है और बसंत विषुवत पर खत्म हो जाता है। शीत ऋतू स्वास्थ्य का निर्माण करने का मौसम होता है हालाँकि पेड़-पौधों के लिए बुरा होता है, क्योंकि वे बढना छोड़ देते हैं।

बहुत से जानवर असहनीय ठंडे मौसम के कारण शीतकालीन निद्रा में चले जाते हैं। इस मौसम के दौरान बर्फ गिरना और सर्द तूफानों का आना सामान्य बात है। शीत ऋतू में हम अनेक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। शीत ऋतू में हम आइस-स्केटिंग, आइस-बाइकिंग, आइस-हॉकी, स्कींग, स्नोबॉल फाइटिंग, स्नोमैन को बनाना, स्नो-कैसल आदि बहुत सी रुचिकर गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।

शीत ऋतू में सुबह के समय टहलना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है। गर्मियों के मौसम में हम विस्तृत समय के लिए काम नहीं कर सकते हैं लेकिन सर्दियों में हम लंबे समय तक नौकरी कर सकते हैं।

गर्मियों में बहुत अधिक गर्मी पडती है जिससे हम बीमार हो जाते हैं लेकिन सर्दियों में बहुत कम बीमार होने की संभावना होती है। सर्दियों का मौसम किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस मौसम के दौरान उनकी खेती शानदार होती है। सर्दियों में हरी पत्तियों पर ओश की बूंदें मोती के समान लगती हैं।

शीत ऋतू की विशेषताएं : शीत ऋतू में अन्य ऋतुओं की तुलना में बहुत अधिक बदलाव होते हैं जैसे- लंबी रातें, छोटे दिन, ठंडा मौसम, ठंडी हवा, बर्फ का गिरना, सर्दी तूफान, ठंडी बारिश, घना कोहरा, धुंध, बहुत कम तापमान आदि। कभी-कभी जनवरी के महीने में तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। इस समय में सर्दी अपनी चरम सीमा पर होती है।

नवंबर के महीने से ही ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो जाती हैं। जब सर्दी अधिक बढ़ जाती है तो स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियाँ कर दी जाती हैं। इस मौसम में लोग अधिक उर्जावान और क्रियाशील रहते हैं। दिन छोटे होते हैं और रात लंबी होती हैं। लोग अधिक घंटे काम करने के बाद भी थकते नहीं हैं।

सुबह के समय अधिक कोहरा व पारा पड़ता है और कुछ भी देखना मुश्किल हो जाता है। बहुत सी हवाई जहाज उड़ानें रद्द हो जाती हैं। शीत ऋतू में ट्रेने भी देर से चलने लगती हैं। सडकों पर पारा अधिक होने की वजह से लोग सुबह के समय घर से बाहर निकलने से डरते हैं।

शीत ऋतू में जगह-जगह लोग आग जलाकर बैठ जाते हैं। शीत ऋतू का मौसम गर्म भोजन, फल, मिठाईयां व स्वादिष्ट व्यंजनों का मौसम होता है। इस मौसम में अन्य मौसमों की अपेक्षा अधिक चाय पी जाती है। इस मौसम में अन्य मौसमों की अपेक्षा हरी सब्जियां अधिक आती हैं। बहुत से त्यौहार भी सर्दी के मौसम में ही आते हैं।

गरीबों के लिए कष्टदायी : शीत ऋतू गरीबों के लिए बहुत अधिक परेशानियों का निर्माण करता है क्योंकि उनके पास गर्म कपड़े और रहने के लिए पर्याप्त आवासों का अभाव होता है। शीत ऋतू ज्यादातर गरीब लोगों के लिए बहुत ही कष्टदायी होती है। गरीबों के पास प्राय: गर्म कपड़ों का आभाव होता है।

गरीबों के पास कम्बल, स्वेटर, रजाई आदि सभी खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं। ऐसे लोग आग से ही राहत का अनुभव करते हैं। अमीरों के लिए तो शीत ऋतू बहुत ही आनंदमय होती है। उनके पास अच्छे गर्म कपड़े होते हैं। अमीर लोग रंगीन जैकेट, कोट या स्वेटर पहनते हैं।

शीत ऋतू में तापमान कम होने की वजह से गरीबों के लिए अलाव एवं बेघरों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था सरकार को ही करनी पडती है। गरीब लोग लंबी और कड़ाके की सर्दी से बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। सुविधाएँ न होने की वजह से कई बार गरीबों की ठंड से मृत्यु भी हो जाती है। गरीबों में सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।

स्वास्थ्यवर्धक समय : शीत ऋतू में पाचन शक्ति प्रबल होती है इसलिए इस समय लोग आराम से भोजन कर पाते हैं। ठंड के समय में अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छे खान-पान का भी ध्यान रखना पड़ता है। तापमान कम होने की वजह से त्वचा रुखी हो जाती है इसीलिए त्वचा का विशेष ध्यान रखा जाता है।

तेल मालिश के साथ गर्म पानी से स्नान अति उत्तम माना जाता है। शीत ऋतू में सुबह बाहर घूमना स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक अच्छा होता है। जब हम सुबह घूमने जाते हैं तो हमें साँस लेने के लिए ताजी और स्वच्छ हवा मिलती है। शीत ऋतू के समय में मच्छरों की समस्या नहीं होती है।

हरी सब्जियां, फूल व फल : शीत ऋतू का अपना विशेष महत्व होता है। शीत ऋतू के आरंभ में कम तापमान में गेंहूँ जैसी फसलों को बोया जाता है। शीत ऋतू में अधिकतर हरी सब्जियों की भरमार होती है। शीत ऋतू में हम धनिया, मेथी, गाजर, मटर, बैंगन, गोभी, मूली जैसी हरी सब्जियों को आसानी से प्राप्त कर पाते हैं।

इस मौसम में बंदगोभी, सेम, मटर, फूलगोभी, आलू, मूली, गाजर, टमाटर, लौकी आदि सभी सब्जियां इस मौसम में बहुत मिलती हैं। शीत ऋतू में ठंडे बर्फबारी के दृश्य बहुत ही मनमोहक लगते हैं। इन दृश्य को देखने के लिए लोग पर्वतीय स्थलों पर जाते हैं। शीत ऋतू के मौसम में गेंदा, गुलदाउदी, सूरजमुखी, गुलाब और डहेलिया आदि खुबसुरत फूलों की सुंदर छटा देखने को मिलती है।

इन सुंदर फूलों के दृश्यों का आनंद केवल शीत ऋतू में ही लिया जाता है। शीत ऋतू में त्यौहारों का बहुत महत्व होता है। शीत ऋतू में ही उत्तर भारत में 14 जनवरी को लोहड़ी और मकर सक्रांति मनाई जाती है। दिसंबर में ईसाईयों द्वारा क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है। अन्य बड़े वर्ग बड़े दिन की छुट्टियाँ मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी का त्यौहार भी शीत ऋतू के दौरान ही आता है। शीत ऋतू में ही स्वास्थ्यवर्धक और पसंदीदा फलों जैसे- संतरा, अमरुद, चीकू, पपीता, आंवला, गाजर, अंगूर आदि को देखा जा सकता है।

शीत ऋतू का जीवन में संदेश : शीत ऋतू हमें जीवन के संघर्षों का सामना करने की प्रेरणा देती है। शीत ऋतू से पहले शरद ऋतू में हमारा जीवन सामान्य रहता है लेकिन शीत ऋतू में हमारा संघर्ष बढ़ जाता है। जिस तरह से शीत ऋतू के जाने के बाद हमें बसंत का आनंद मिलता है, ठीक उसी तरह जीवन में संघर्ष करने के बाद हमें सफलता का आनंद मिलता है। यही संदेश हमें शीत ऋतू देती है।

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शीत ऋतु पर निबंध.

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शीत ऋतु पर निबंध   Essay on Winter Season in Hindi

गरीबों के कष्टदायी .

सर्दी का मौसम

स्वास्थ्यवर्द्धक समय 

हरी सब्जियां  व फूल , शीत ऋतु का जीवन में सन्देश .

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Home » Essay Hindi » शरद ऋतु पर निबंध हिंदी में Essay On Winter Season In Hindi

शरद ऋतु पर निबंध हिंदी में Essay On Winter Season In Hindi

इस लेख Essay On Winter Season In Hindi Language में शरद ऋतु या शीत ऋतु पर निबंध हिंदी में दिया गया है। सर्दियों का मौसम नवम्बर से फरवरी के बीच में आता है। नवम्बर में कम सर्दी पड़ती है और दिसम्बर में सर्दी अपने चरम पर होती है। इस मौसम को शरद ऋतु या शीत ऋतु भी कहते है। वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु का आगमन होता है।

शरद ऋतु पर निबंध लेखन (Long Essay On Winter Season In Hindi For Class 6, 7, 8, 9, 10) अक्सर बच्चों को स्कूल में लिखने के लिए देते है। शीत ऋतु पर निबंध (Winter Season Information Nibandh Hindi) में शरद या शीत ऋतु का महत्व, इसका कारण, सर्दियों में आने वाले प्रमुख त्योहारों की बात करेंगे।

शरद ऋतु पर निबंध – Essay On Winter Season In Hindi

सर्दियों का मौसम ( Winter Season ) ठंड का मौसम होता है। इस मौसम में सूर्य देवता की तपिश कम हो जाती है। शरीर में सर्दी के मारे ठिठुरन होती है। गर्मियों में चलने वाले पंखे, कूलर बंद हो जाते है। रात को ठंड से बचने के लिए रजाइयां निकाल ली जाती है। दिन में भी सर्द हवाओं से बचने के लिए ऊनी वस्त्र स्वेटर, कोट पहने जाते है। अक्सर शरद ऋतु में कड़कड़ाती ठंड से बचाव के लिए आग जलाकर तपते है।

सर्दियों का औसत तापमान दिन में 15 से 20 डिग्री के आसपास रहता है लेकिन रात में गिरकर 0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। दिसम्बर और जनवरी का महीना भयंकर सर्दी का होता है। कई दिनों तक सूर्य देवता के भी दर्शन नही होते है। धुंध या कोहरे की आगोश में सूर्य छिप जाता है। इन महीनों में अक्सर शीतलहर चलती है। उत्तर भारत में ठंड ज्यादा पड़ती है। भारत के जम्मू कश्मीर, शिमला में बर्फबारी भी होती है।

शरद ऋतु में कई बार वर्षा भी होती है जिसे मावट कहते है। इस बारिश में बर्फ के ओले गिरते है। पहाड़ी इलाको में बर्फ की चादर बिछ जाती है। कई लोग बर्फीले मौसम में शिमला, मनाली घूमने भी जाते है। सर्दियों में दिन छोटे और राते लम्बी होती है।

गर्मी के बाद सर्दी क्यों आती है? पृथ्वी अपनी कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करती है। इसके साथ ही धरती अपने अक्ष पर झुकी हुई भी है। पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होने के कारण ही ऋतु परिवर्तन होता है। जब पृथ्वी उत्तरी गोलार्द्ध में चक्कर लगाती है तो यहां शीत ऋतु रहती है।

शरद ऋतु का महत्व पर निबंध (Sharad Ritu Par Nibandh In Hindi Importance)

शीत ऋतु ( Winter Season ) में गाजर , मटर, मूली, सेब, नारंगी जैसे फल आते है। शरद ऋतु में गेंहू, चना की फसल बोई जाती है। वैसे सर्दियों में खानपान ठीक रहता है। चाय की चुस्की का मजा सर्दियों में ही आता है। सर्दियों में पृथ्वी का धरातल फूलों की खूबसूरती में ढक जाता है।

शरद ऋतु में कई त्यौहार आते है। ईसाइयों का प्रमुख त्यौहार क्रिसमस 25 दिसम्बर को सर्दी में आता है। नववर्ष की शुरुआत सर्दियों के मौसम में ही होती है। मकर सक्रांति में पतंगबाजी का आनन्द शरद ऋतु में ही होता है। पोंगल और लोहड़ी के पावन पर्व शरद ऋतु में ही आते है। गणतंत्र दिवस भी सर्दियों में आता है।

सर्दियों में कोहरे के कारण ट्रैफिक की समस्या होती है। कभी कभी कोहरे की वजह से दुर्घटना भी हो जाती है। सर्दी का मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। सर्दी खांसी जुकाम जैसे रोग अक्सर लोगो को हो जाते है। सर्दियों में बसे, ट्रेनें और हवाई उड़ाने लेट या रद्द हो जाती है। सर्दियों में हर कार्य देरी से होता है। ठंड के प्रकोप के कारण स्कूलों में छुट्टियां भी रखी जाती है। शरद ऋतु में पक्षु पक्षियों का भी ध्यान रखना चाहिए।

  • यह भी पढ़े – क्रिसमस त्यौहार पर निबंध

शीत ऋतु की जानकारी पर निबंध हिंदी में (Winter Season Information Essay In Hindi)

सर्दियों (Winter Season) में गरीब परिवारों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है। उनके पास ऊनी वस्त्र नही होते है। रहने को छत नही होती है। कई लोग फुटपाथ पर सोते है जिससे ठंड उन्हें चपेट में लेती है। हमें ऐसे लोगो की मदद करनी चाहिए। उनके लिए गर्म कपड़ों की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे उन्हें ठंड से निजात मिल सके।

प्रत्येक ऋतु का अपना विशेष महत्व है। शरद ऋतु का भी जीवन में विशेष महत्व है। चिलचिलाती गर्मी से निजात देने के लिए वर्षा ऋतु आती है। वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु का आगमन होता है जो वातावरण में शीतलता का संचार कर देती है। निबंध लेखन में शरद ऋतु पर निबंध Essay On Winter Season In Hindi आपके लिए महत्वपूर्ण है।

शरद ऋतु पर निबंध Long Essay On Winter Season In Hindi Language के इस आर्टिकल में शीत ऋतु का महत्व पर जानकारी आपको कैसी लगी? शीत ऋतु पर निबंध “Sheet Ritu Par Nibandh Hindi Mein” आपके लिए उपयोगी साबित होगा, ऐसा हम आशा करते है। यह पोस्ट Winter Season Information Essay In Hindi For Class 6, 7, 8, 9, 10 अच्छी लगी हो तो इसे शेयर भी करे।

यह भी पढ़े – 

  • बादल पर निबंध
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हेमंत ऋतु पर निबंध Pre-Winter season Essay in Hindi (700W)

हेमंत ऋतु पर निबंध Pre-Winter season Essay in Hindi (700W)

आज हमने इस आर्टिकल में हेमंत ऋतु पर निबंध (Pre-winter season Essay in Hindi) लिखा है जिसमें हम प्रस्तावना, महत्व, मनाए जाने वाले त्यौहार, लाभ और हानि, हेमंत ऋतु पर 10 लाइन के बारे में बताया है।

Table of Contents

 प्रस्तावना (हेमंत ऋतु पर निबंध Pre-Winter season Essay in Hindi) 

हेमंत ऋतु नवंबर के आखिरी हफ्ते से शुरू होकर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक रहती है। इसे अगहन  और पुरुष के नाम से भी जाना जाता है। हेमंत ऋतु में बहुत ज्यादा ठंड होती है। हेमंत ऋतु के समय हम गर्म पानी से नहाते हैं, गर्म कपड़े पहनते हैं, और धूप अच्छी लगती है।

हेमंत ऋतु का महत्त्व (Importance of Pre-Winter season in Hindi)

हेमंत के समय मौसम बहुत ही सुहानी होता है। इस समय मैं बहुत से विदेशी लोग भारत घूमने को आते हैं। इस मौसम में धान की फसल पक कर तैयार हो जाती है।इस समय में बादल कोमल धूप से मुस्कुराता हुआ नजर आता है।

 हेमंत ऋतु के समय आसमान स्पष्ट और नीला दिखाई देता है। इस समय दिन छोटा और रात बड़ी होती है।हेमंत ऋतु के समय अनेक प्रकार के फूल खिलते हैं और अनेक प्रकार के मधुर फल भी मिलते हैं।

रात के समय पेड़ों के पत्तों पर हल्की ओस की बूंदे जमा हो जाती है जो सुबह  मोती के समान दिखाई देते हैं।यह महिना शीत ऋतु के बाद आता है इसलिए इस महीने में कड़ाके की ठंड पड़ती है।

और पढ़ें: – वर्षा ऋतु पर निबंध

इस महीने के मुख्य त्यौहार Pre-Winter Festivals

दीपावली, गोवर्धन पूजा, छठ पूजा, भाई दूज, गुरु नानक जयंती आदि।

हेमंत ऋतु के लाभ और हानि Advantages and Disadvantages of Pre-Winter Season in Hindi

हेमंत ऋतु के लाभ advantages of pre-winter season in hindi.

हेमंत ऋतु का महीना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा माना गया है।इस ऋतु में प्रातः काल उठकर योगासन करने से या घूमने जाने से सुबह की जो हल्की सी धूप है वह हमारे शरीर के लिए अच्छा होता है। 

हेमंत ऋतु के समय हमारी पाचन तंत्र की शक्ति अधिक होती है इसलिए हम जो भी खाते हैं वह तुरंत ही हजम हो जाता है।

इस ऋतु में हमें गुंड, गाजर, केला, शकरकंद, सिंघाड़े और आंवला खाना चाहिए तभी हम अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर सकते हैं।

हेमंत ऋतु के समय ठंड से बचने के लिए हमें गर्म कपड़े पहनने चाहिए बहुत से लोग ठंड के कारण बीमार पड़ जाते हैं।

हेमंत ऋतु के समय पेड़ पौधे सब हरे-भरे दिखाई देते हैं। हेमंत ऋतु का महीना सबसे अच्छा और प्यारा होता है। इस ऋतु के समय सभी लोग गर्म चीज़ें खाना ही पसंद करते हैं।

इस ऋतु के समय सबका शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है।हेमंत ऋतु के समय प्रकृति का नजरा हरा-भरा होने के कारण लोग घूमने निकलते हैं। हेमंत ऋतु का यह मौसम सभी के जीवन में ख़ुशियाँ लेकर आती है।

और पढ़ें:- शरद ऋतु पर निबंध

हेमंत ऋतु के हानि Disadvantages of Pre-Winter Season in Hindi

हेमंत ऋतु के समय हमें ठंडी चीजों को नहीं खाना चाहिए। यदि हम ठंडी चीजों का सेवन करेंगे तो हमारा स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।

इस ऋतु के समय कड़ाके की ठंड पड़ती है जिस कारण कोहड़ी अधिक होती है,जिससे यातायात के साधनों में रुकावट बनती है।

हेमंत ऋतु के समय बात की समस्या बढ़ जाती है तथा त्वचा रूखी होने लगती है।हेमंत ऋतु  में ठंड अधिक होने के करण लोगो का स्वास्थ बिगढ़ते रहता है।

हेमंत ऋतु पर 10 लाइन 10 Line on Pre-Winter season in Hindi

  • हेमंत ऋतु नवंबर के आखिरी हफ्ते से शुरू होकर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक रहती है। इसे अगहन  और पुरुष के नाम से भी जाना जाता है।
  •  हेमंत ऋतु में बहुत ज्यादा ठंड होती है।
  • हेमंत ऋतु के समय हम गर्म पानी से नहाते हैं, गर्म कपड़े पहनते हैं, और धूप अच्छी लगती है।
  • हेमंत के समय मौसम बहुत ही सुहाना होता है। इस समय मैं बहुत से विदेशी लोग भारत घूमने को आते हैं। 
  •  इस मौसम में धान की फसल पक कर तैयार हो जाती है।
  • इस समय में बादल कोमल धूप से मुस्कुराता हुआ नजर आता है।
  • हेमंत ऋतु के समय आसमान स्पष्ट और नीला दिखाई देता है। इस समय दिन छोटा और रात बड़ी होती है।
  • इस समय अनेक प्रकार के फूल खिलते हैं और अनेक प्रकार के मधुर फल भी मिलते हैं।
  • यह महिना  शीत ऋतु के बाद आता है इसलिए इस महीने में कड़ाके की ठंड पड़ती है।
  • हेमंत ऋतु का महीना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा माना गया है।इस ऋतु में प्रातः काल उठकर योगासन करने से या घूमने जाने से सुबह की जो हल्की सी धूप है वह हमारे शरीर के लिए अच्छा होता है।

निष्कर्स Conclusion

हेमंत ऋतु का महिना हम सब के लिए अच्छा मना गया है।इस ऋतु में हमें हमेशा गरम चीजों का ही सेवन करना चाहिए।ताकि हम अपने स्वास्थ की देखा भाल कर सके। यह था हमारा हेमंत ऋतु पर निबंध यदि आपको अच्छा आगा हो तो इसी तरह की जानकारी पाने के लिए हमारे साथ जुड़े रहिये।

धन्यवाद 

1 thought on “हेमंत ऋतु पर निबंध Pre-Winter season Essay in Hindi (700W)”

Nice Lines given

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    सर्दी का मौसम पर निबंध 10 लाइन (Winter Season Essay 10 Lines in Hindi) 1) सर्दी का मौसम सभी मौसमों में सबसे ठंडा होता है।. 2) सर्दियों में हम सभी गर्म कपड़े पहनते ...

  4. Essay on winter season in hindi, article, paragraph: शरद ऋतु पर निबंध

    शीत ऋतु पर निबंध, short essay on winter season in hindi (100 शब्द) सर्दियों का मौसम वर्ष का सबसे ठंडा मौसम होता है, जो दिसंबर के महीने से शुरू होता है और मार्च के ...

  5. शीत ऋतु पर निबंध। Essay on Winter Season in Hindi

    शीत ऋतु पर निबंध। Essay on Winter Season in Hindi. सर्दी का मौसम भारतवर्ष में नवम्बर के महीने से लेकर जनवरी के अंत तक होता है। शीत ऋतु सभी ऋतुओं में सबसे ...

  6. शीत ऋतु पर निबंध हिंदी में 100, 200 शब्द

    शीत ऋतु पर निबंध, 100 शब्द. शीत ऋतु का आरंभ नवम्बर महीने से होता है और फरवरी के अंत तक खत्म हो जाता है, फिर भी इस दौरान मौसम मे हल्की हल्की ...

  7. शीत ऋतु पर निबंध Winter Season Essay in Hindi (600W)

    प्रस्तावना (शीत ऋतु पर निबंध Winter Season Essay in Hindi) शीत ऋतु का आगमन शरद ऋतु के बाद होता है व बसंत ऋतु के आगमन पर समाप्त होता है। भारत में शीत ऋतु ...

  8. Hindi Essay on "The Winter Season", "शीत ऋतु", Best Essay, Paragraph

    Hindi Essay on "The Winter Season", "शीत ऋतु", Best Essay, Paragraph for Class 8, 9, 10, 12 Students

  9. शीत ऋतु पर निबंध (Essay On Winter Season In Hindi)

    Class 7 Hindi; Class 7 Social Science; Class 7 Sanskrit; Class 8th. Class 8 Social Science; class 8 science; Class 8 Maths; Class 8 Honeydew; Class 8: It So Happened; Class 9th. Class 9 English; Class 9 Maths; Class 9 Science; Class 9 Social Science; Class 9 in Hindi Medium; Class 10th. RD Sharma. RD Sharma Class 10 Maths; class 10 science ...

  10. Essay On Winter Season In Hindi FAQ

    Essay On Winter Season In Hindi शीत ऋतु पर निबंध 100 शब्द, शीत ऋतु पर 10 वाक्य, शीत ऋतु पर निबंध 200 शब्द, शीत ऋतु पर 5 वाक्य, शरद ऋतु का आगमन कैसे होता है, शीत ऋतु पर निबंध संस्कृत में ...

  11. शीत ऋतु पर निबंध Essay on Winter Season in Hindi

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  12. शीत ऋतु पर निबंध हिन्दी में Essay on Winter Season in Hindi

    शीत ऋतु पर 10 वाक्य 10 Lines on Winter Season in Hindi. शीत ऋतु बहुत ही सुहाना मौसम है।. शीत ऋतु में ज्यादातर जगह बहुत ठंड होती है और कुछ जगहों पर बर्फ़बारी भी ...

  13. शीत ऋतु पर निबंध- Essay on Winter Season in Hindi

    शीत ऋतु पर निबंध- Essay on Winter Season in Hindi. शीत ऋतु सर्दी के मौसम को कहा जाता है। यह सिर्फ 3-4 महीने के लिए आती है। शीत ऋतु का आगमन दिवाली के बाद नवंबर में ही हो जाता है और ...

  14. Essay on Winter Season in Hindi शीत ऋतु पर निबंध

    Essay on Winter Season in Hindi 300 Words. भारत में तीन मुख्य ऋतु है। ग्रीष्म ऋतु, शरद ऋतु और मॉनसून। शरद ऋतु साल का सबसे ठंडा मौसम होता है, जो दिसंबर महीने में शुरू होता है और ...

  15. शीत ऋतु पर निबंध

    शीत ऋतु पर निबंध Winter Season Essay In Hindi शीत ऋतु भारत की मुख्य ऋतुओं में से एक हैं. अन्य पांच ऋतुओं वर्षा, वसंत, शरद, ग्रीष्म और हेमंत मुख्य हैं.

  16. 10 Lines on Winter Season in Hindi। शीत ऋतु पर 10 लाइन निबंध

    10 Lines on Rainy Season in Hindi। वर्षा ऋतू पर 10 लाइन निबंध. Winter Season Essay in Hindi विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इस लेख में आप "शीत ऋतू पर 10 लाइन निबंध" या ...

  17. Winter Season Essay for Students and Children

    500+ Words Essay on Winter Season. Winter is one of the most important seasons in India. It is a part of the four seasons that occur in India. Winters are the coolest season that starts from December and last till March. The peak time when winter is experienced the most in December and January. In India, winters hold great importance.

  18. शीत ऋतु पर निबंध-Essay On Winter Season In Hindi

    शीत ऋतु पर निबंध (Essay On Winter Season In Hindi) : भूमिका : भारत एक ऋतुओं का देश है। भारत में छ: ऋतू हैं जो निरंतर चलती रहती हैं। भारत की छ: ऋतू बसंत ऋतू, वर्षा ऋतू, शरद ऋतू ...

  19. सर्दी का मौसम पर निबंध हिंदी में 10 लाइन

    Hello friends! This video is about "Sardi ka mausam par nibandh Hindi mein " or 10 lines essay on winter season in Hindi. I have written very simple 10 lines...

  20. शीत ऋतु पर निबंध

    शीत ऋतु पर निबंध. Essay on Winter Season in Hindi. भारत में छह ऋतुएँ आती हैं। जिनमें है - वसंत ,वर्षा,शरद ,ग्रीष्म,हेमंत और शीत ऋतु । शीत ऋतु का आगमन शरद ऋतु ...

  21. Essay on Winter Season: 100 Words, 200 Words, 300 words and 500 words

    Know how to write an essay on winter season in 100 words, 200 words, 300 words, 500 words, dos and don'ts of essay writing and much more. ... Essay on Winter Season for Class 1 . The winter season starts in November and ends in February in India. It comes after the autumn season. The two coldest months of this season are December and January.

  22. शरद ऋतु पर निबंध हिंदी में Essay On Winter Season In Hindi

    शरद ऋतु पर निबंध - Essay On Winter Season In Hindi. सर्दियों का मौसम (Winter Season) ठंड का मौसम होता है। इस मौसम में सूर्य देवता की तपिश कम हो जाती है। शरीर में सर्दी के मारे ठिठुरन ...

  23. हेमंत ऋतु पर निबंध Pre-Winter season Essay in Hindi (700W)

    हेमंत ऋतु पर 10 लाइन 10 Line on Pre-Winter season in Hindi. हेमंत ऋतु नवंबर के आखिरी हफ्ते से शुरू होकर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक रहती है। इसे अगहन और पुरुष के ...