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Essay on Student Life: छात्र ऐसे लिख सकते हैं विद्यार्थी जीवन पर निबंध

essay on discipline in students in hindi

  • Updated on  
  • अगस्त 29, 2024

Essay on Student Life in Hindi

एक छात्र का जीवन युवावस्था, परिवर्तन और कई सारे अंतहीन अवसरों से भरा समय होता है। इस दौरान छात्र अपनी पढ़ाई, दोस्ती और व्यक्तिगत विकास में बदलाव और अहम चुनौतियों का अनुभव करते हैं। छात्र अपने जीवन के शुरूआती चरणों में कई ऐसे सबक सीखते हैं जिन्हें वे जीवन भर याद रखते हैं। यह समझ साथियों, शिक्षकों और माता-पिता के बीच सम्बन्ध के बढ़ावा देती है, जिससे एक सहायक वातावरण को बढ़ावा मिलता है। विद्यार्थी जीवन पर विद्यालय में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिसमें विद्यार्थी जीवन पर निबंध लिखने को दिया जाता है। इस ब्लॉग में Essay on Student Life in Hindi के कुछ सैंपल दिए गए हैं आप जिनकी मदद ले सकते हैं। 

This Blog Includes:

विद्यार्थी जीवन पर 100 शब्दों में निबंध, विद्यार्थी जीवन पर 200 शब्दों में निबंध, विद्यार्थी जीवन का सार, विद्यार्थी जीवन का महत्त्व.

Essay on Student Life in Hindi 100 शब्दों में इस प्रकार है:

एक छात्र का जीवन कुछ नया सीखने, नए सपने देखने और उन्हें पूरा करने के रोमांचक सफ़र से भरा होता है। इसमें सुबह-सुबह की कक्षाएं, देर रात तक पढ़ाई और आजीवन दोस्त बनाने के अवसर शामिल होते हैं। एक स्कूल छात्रों को दैनिक गतिविधियों के साथ अकादमिक संतुलन बनाना सिखाता है, जिससे उन्हें एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद मिलती है।

हर दिन नई चीजें सीखने, तलाशने और सामाजिक रुप से विकसित होने के लिए नए अवसर प्रदान करता है। इन वर्षों के दौरान बनी यादें उनके भविष्य को आकार देती हैं। छात्र जीवन का समय ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्रता का अनुभव करने का समय होता है लेकिन इसके साथ यह संघर्ष करना भी सिखाता है। अध्ययन और मौज-मस्ती के साथ छात्र जीवन व्यक्ति के लिए एक अनमोल हिस्सा बन जाता है।

यह भी पढ़ें: आदर्श विद्यार्थी

विद्यार्थी जीवन एक छात्र के लिए कई बदलाव लाता है। यह वह समय है जब छात्र बचपन से युवावस्था की ओर बढ़ता है। वह शिक्षा और व्यक्तिगत विकास की मुश्किलों से निपटता है। अपनी पढ़ाई में शैक्षणिक चुनौतियों के बीच छात्र अक्सर अपने साथियों के साथ मजबूत दोस्ती बनाते हैं। ये दोस्ती मुश्किल भरे समय के दौरान उन्हें सहायता प्रदान करती है। छात्रों को अकादमिक रूप से अच्छा प्रदर्शन करने और आगे के लिए महत्वपूर्ण विकल्प बनाने के दबाव का भी सामना करना पड़ता है।

विद्यार्थी जीवन नई चीजों को आजमाने का भी समय होता है। छात्र क्लबों और नए कार्यों में शामिल होते हैं। छात्र स्कूल से हटकर कई बार सामुदायिक सेवा में भाग लेते हैं। वे विभिन्न गतिविधियों से जुड़ते हैं जो उन्हें अपनी प्रतिभाओं को खोजने में मदद करते हैं। ऐसा करना उनके जीवन में आवश्यक भी होता है क्योंकि ये अनुभव उनके भविष्य को आकार देने में योगदान देते हैं।

वे दोस्तों के साथ स्थायी बंधन बनाते हैं, एक हेल्पिंग नेटवर्क बनाते हैं जो अक्सर उनके छात्र जीवन पूरा होने के बाद भी लंबे समय तक बना रहता है। जीवन का यह समय चुनौतियों और खोजों के मिश्रण के साथ, छात्रों को दुनिया का सामना करने के लिए तैयार करता है। यह उन्हें एक अच्छे व्यक्तित्व के रूप में विकसित होने में मदद करता है। सभी चुनौतियों को पार करते हुए छात्र अपने भविष्य की नींव रखते हैं। इससे छात्र जीवन वास्तव में उनके लिए एक यादगार और महत्वपूर्ण समय बन जाता है।

यह भी पढ़ें: आदर्श विद्यार्थी के 10 अच्छे गुण  

विद्यार्थी जीवन पर 500 शब्दों में निबंध

विद्यार्थी जीवन पर 500 शब्दों (Essay on Student Life in Hindi) में निबंध नीचे दिया गया है-

विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे अविस्मरणीय चरणों में से एक है। यह उनके भविष्य की नींव रखता है। इस दौरान वे न केवल किताबों से सीखते हैं बल्कि सामाजिक रूप से भी विकसित होते हैं। यह चरण उनके व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है और उन्हें आकार देता है कि वे क्या बनते हैं। विद्यार्थी जीवन छात्रों को नए अवसर प्रदान करता हैं उन्हें अच्छे बुरे की समझ प्रदान करता है और जीवन भर याद रखने वाले पल भी देता है।

विद्यार्थी जीवन एक अनूठा दौर होता है। यह सीखने की खुशी और बड़े होने के उत्साह को संतुलित करता है। यह हमें अनुशासन और कड़ी मेहनत का महत्व सिखाता है, जो एक सफल भविष्य की नींव रखता है। सुबह जल्दी उठना, कक्षाओं में जाना और होमवर्क को मैनेज करना ऐसी आदतें डालता है जो हमें जिम्मेदार व्यक्ति बनने में मदद करती हैं।

विद्यार्थी जीवन मज़ेदार और यादगार पलों से भी भरा होता है, जैसे बस स्टॉप पर भागना, अपना होमवर्क भूल जाने पर नोटबुक ढूँढ़ना या दोस्तों के साथ पिकनिक और ट्रिप का मज़ा लेना। ये अनुभव हमारे सामाजिक कौशल को आकार देते हैं, हमें टीमवर्क, दोस्ती और अलग-अलग रिश्तों को कैसे संभालना है, यह सिखाते हैं।

परीक्षाएँ तनावपूर्ण होती हैं, लेकिन हमें समय प्रबंधन कौशल विकसित करने में मदद करती हैं। परिणामों की प्रतीक्षा करना नर्वस कर सकता है, लेकिन यह हमें धैर्य और सफलता और असफलता को कैसे संभालना है, यह भी सिखाता है। किसी मित्र के अंकों के बारे में उत्सुक होना या थोड़ा प्रतिस्पर्धी महसूस करना हमें खुद को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता है। विद्यार्थी जीवन सीखने और मौज-मस्ती का मिश्रण है। यह हमें आगे आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करता है और साथ ही हमें अपनी युवावस्था का आनंद लेने की आज़ादी देता है।  इस दौरान सीखे गए सबक और बनी यादें हमेशा हमारे साथ रहती हैं और हमें एक अच्छे इंसान बनने में मदद करती हैं।

छात्र जीवन हर किसी की यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। छात्रों और देश दोनों का भविष्य छात्र के रूप में उनके अनुभवों पर निर्भर करता है। इसलिए छात्रों के लिए सही मार्गदर्शन प्राप्त करना आवश्यक है, क्योंकि छात्र जीवन उनके भविष्य की नींव रखता है।

यदि यह नींव मजबूत है, तो यह एक मजबूत भविष्य की ओर ले जाती है। एक कमजोर नींव एक सफल जीवन के रास्ते से डगमगा सकती है। दूसरे शब्दों में छात्र जीवन उन्हें महत्वपूर्ण मानवीय गुणों को विकसित करने में मदद करता है। बहुत से लोग यह महसूस नहीं करते हैं कि वे छात्र जीवन का अनुभव करने के लिए कितने भाग्यशाली हैं, क्योंकि कई बच्चे इसका सपना देखते हैं लेकिन कभी मौका नहीं पाते हैं। इसलिए यदि आपके पास शिक्षा प्राप्त करने का अवसर है, तो आपको इसका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। छात्र जीवन में कई प्रकार की मुश्किलें भी होती है, लेकिन यह सार्थक होता है। यह उन्हें बढ़ने और ईमानदारी, धैर्य, दृढ़ता और अन्य जैसे गुणों को प्राप्त करने में मदद करता है।

कुल मिलाकर सभी लोगों का विद्यार्थी जीवन लगभग परिपूर्ण होता है। इसके उतार-चढ़ाव के बावजूद अंत में उनके लिए यह सब सार्थक होता है। उनका विद्यार्थी जीवन उनके भविष्य को बहुत प्रभावित करता है। इसलिए उन्हें न केवल शिक्षा में बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी अच्छे विद्यार्थी बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। यह बाद में सफल जीवन जीने के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है।

विद्यार्थी जीवन व्यक्ति के जीवन के सबसे यादगार चरणों में से एक है। विद्यार्थी जीवन का चरण उनके जीवन की नींव रखता है। विद्यार्थी जीवन में वे केवल किताबों से नहीं सीखते। वे भावनात्मक, शारीरिक, दार्शनिक और सामाजिक रूप से विकसित होना सीखते हैं।

विद्यार्थी जीवन, एक ऐसा चरण जो युवावस्था के सार को समाहित करता है, परिवर्तन, आत्म-खोज और असीम अवसरों का काल है। यह एक ऐसा समय है जब एक छात्र परिवर्तन से गुजरता है और शिक्षा, दोस्ती और व्यक्तिगत विकास में चुनौतियों का सामना करता है।

छात्र समय पर पहुँचें और सभी कक्षाओं, बैठकों, शैक्षणिक गतिविधियों और विशेष कार्यक्रमों के लिए तैयार रहें। असाइनमेंट पूरा करने में गुणवत्ता और उत्कृष्टता पर ध्यान दें। कक्षा के बाहर जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय आवंटित करें।

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अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi

Essay on Discipline in Hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Discipline (अनुशासन ) for all classes from Class 1 to Class 12

अनुशासन पर निबंध –  इस लेख में हम अनुशासन का अर्थ, जीवन में अनुशासन का महत्त्व, दैनिक जीवन में अनुशासन, अनुशासन के लाभ के बारे में जानेंगे|  | अनु का अर्थ है पालन और शासन का मतलब नियम। हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों।अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में अनुशासन पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में अनुशासन  पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • अनुशासन पर 10 लाइन  10 lines

अनुशासन पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

  • अनुशासन पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • अनुशासन पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

अनुशासन पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

अनुशासन  पर 10 लाइन  10 lines on discipline in hindi.

  • अनुशासन एक क्रिया है जो हमारे शरीर, दिमाग और आत्मा को नियंत्रित करके नियमों का पालन करना सिखाता है।
  • समय का पाबंद, बड़ों का सम्मान, नियमित दिनचर्या व बुरी आदतों से दूर रहना अनुशासन कहलाता है।
  • अनुशासन के पालन से व्यक्ति का जीवन सफल और सार्थक बनता है। 
  • अनुशासन हमारे बेहतर चरित्र का निर्माण करता है।
  • अनुशासन का न होना हमें गैर जिम्मेदार और आलसी बना देता है।
  • अनुशासन का दृढ़तापूर्वक पालन हमें समय का पाबंद बनाता है
  • अनुशासन हमें अच्छाई और बुराई में फर्क दिखता है।
  • एक अनुशासित व्यक्ति अपने से बड़ों के आदेशों का पालन पूरी निष्ठा भाव और ईमानदारी से करता है।
  • अनुशासन हमारे जीवन में आत्मविश्वास और आत्म-नियंत्रण विकसित करने में सहायता करता है।
  • अनुशासन के नीति नियम को प्रत्येक व्यक्ति को अपने लिए निर्धारित करना चाहिए।

Short Essay on Discipline in Hindi अनुशासन पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

अनुशासन पर निबंध/अनुच्छेद  – जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक अनुशासित होना है। यदि अनुशासन का पाठ बचपन से ही शुरू हो जाए तो यह कठिन नहीं है, लेकिन अगर यह देर से शुरू होता है तो यह जीवन में सीखने का सबसे कठिन पाठ हो सकता है। पूर्ण आत्म-नियंत्रण प्राप्त करने के लिए कठिन अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है। अच्छा अनुशासन अपना सर्वश्रेष्ठ ला सकता है और हम समाज की सर्वोत्तम सेवा कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। 

अनुशासन सफलता की सीढ़ी है। अनुशासन में रहने से ही व्यक्ति को हर जगह सम्मान मिलता है। इसलिए हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिये। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए और सभी काम सही समय पर करना चाहिए।

एक अनुशासित व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने में सफल होता है और अपनी सफलता का छाप दूसरों पर छोड़ते है। देश की सुरक्षा भी एक अनुशासित सेना द्वारा की जाती है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने छात्र जीवन में अनुशासन का विकास करना चाहिए। जीवन में अनुशासन नहीं होने कारण लोग सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

अनुशासन पर अनुच्छेद 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

अनुशासन हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बिना हमारा जीवन सुचारु रुप से नहीं चल सकता है। इसलिए हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए उन सभी नियमों का पालन करना चाहिए जिससे हमारा जीवन बेहतर बन सके, जैसे हमें अपने शिक्षक और बड़ों के आज्ञा का पालन करना चाहिए, बुरी आदतों से दूरी बनाना चाहिए और अपने दैनिक कामों को सही समय पर और पूरी लगन से करना चाहिए।

जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। अनुशासन अगर देखना है तो सेना को देखना चाहिए। जहां प्रत्येक सैनिक अपने नेता की आज्ञा का पालन बड़ी तत्परता से करते हैं। तभी तो उन्हें विजय प्राप्त होती है। आज की प्रमुख समस्या अनुशासनहीनता ही है। नियम या नियंत्रण में रहना कोई पसंद नहीं करता। आज ऐसी उथल-पुथल मची है कि व्यक्ति खुद भी गिर रहा है और देश को भी पतन की ओर ले जा रहा है।

अनुशासन पर अनुच्छेद 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

अनुशासन सभी के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अनुशासन एक व्यक्ति को इतना आदर्श बना देता है कि वह व्यक्ति दूसरों की अपेक्षा कुछ विशेष दिखाई पड़ता है। उसका सब ओर सम्मान होता है तथा सफलता उसके चरण चूमती दिखाई देती है। वही अनुशासनहीन व्यक्ति अपने जीवन में लेशमात्र भी सफल नहीं होता, बल्कि वह अपने पतन के साथ ही साथ समाज का भी विनाश करता है। अनुशासित जीवन ही वास्तविक जीवन है। इसलिए अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीढ़ी मानी जाती है। हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन करना चाहिए जैसे –

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
  • कार्यों को समय पर पूरा करने की हर संभव कोशिश करना चाहिए।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना चाहिए।
  • बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना चाहिए।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना चाहिए।

अनुशासन केवल बड़े लोगों के लिए नहीं है बल्कि छोटे बच्चों के लिए भी उतना ही महत्व रखता है जितना बड़ों के लिए। विशेषतौर से विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का महत्व बहुत अधिक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसी आयु में उन्हें सब कुछ सीखने को मिलता है। विद्यार्थियों को अपने भावी जीवन के निर्माण की तैयारी करनी होती है। जो बड़ी कठोर साधना है। इसके लिए विद्यार्थी को अनुशासित जीवन व्यतीत करना होगा। अनुशासन विद्यार्थी-जीवन की आधारशिला है। अनुशासन में रहने वाला बालक ही देश का सभ्य नागरिक बनता है और देश को उन्नत बनाने में सहयोग देता है।

आज के युग में छात्र वर्ग और समाज के जीवन को लेकर चलने वाला सर्वाधिक चर्चित विषय है – अनुशासन । व्यक्ति समाज व राष्ट्र की उन्नति का मूलाधार अनुशासन ही है। अनुशासन ही देश को महान बनाता है।

अनुशासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘अनु और शासन’। अनु का अर्थ है पालन और शासन का अर्थ है नियम । इसका सरल अर्थ है – किसी नियम समूह का पालन करना या गुरुजनों और पथ-प्रदर्शकों के नियंत्रण में जीवन बिताना । इसी प्रकार अपने मन की समस्त वृत्तियों को काबू में रखना भी अनुशासन ही है। अनुशासन के दो रूप है – ‘आंतरिक अनुशासन’ व ‘बाह्य अनुशासन’। अपनी श्रेणी में किसी सभा में शांत रहना, समूह में चलते हुए पंक्तिबद्ध होकर चलना, समूह में कार्य करते समय उचित-अनुचित का ध्यान रखना, राज्य के नियमों का पालन करना आदि अनुशासन के बाहरी रूप है। अपनी इन्द्रियों व मन को काबू में रखना आंतरिक अनुशासन होता है।

आज समाज व राष्ट्र को अनुशासन की सर्वाधिक आवश्यकता है। अनुशासित व्यक्ति ही अपने व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन में व्यवस्थित रीति से चलता है। अनुशासित व्यक्ति के प्रत्येक कार्य नियमबद्ध होते है। वस्तुत: जो व्यक्ति समाज या घर में, बाजार में, कार्यालय में तथा सभा आदि में वहां के नियमों के नियंत्रण में चलता है, वही सुखी रहता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने शैक्षणिक वर्षों के दौरान अनुशासन विकसित करना चाहिए। अनुशासन बनाए रखने वाला व्यक्ति न केवल अपना जीवन बेहतर बनाता है, बल्कि अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए दूसरों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है और वही देश का सभ्य नागरिक बनता है और देश को उन्नत बनाने में सहयोग करता है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो, प्रकृति भी नियमपूर्वक चलती है। सूरज और चाँद का सही समय पर उगना और अस्त होना, सुबह और शाम का होना, पेड़-पौधों पर फल-फूल लगना, नदियों का हमेशा बहते रहना आदि। सृष्टि का समस्त कार्य एक निश्चित नियंत्रण या अनुशासन के अधीन चलता है।

आज की प्रमुख समस्या अनुशासनहीनता ही है। नियम या नियंत्रण में रहना कोई पसंद नहीं करता। आज ऐसी उथल-पुथल मची है कि व्यक्ति हर नियमों को तोड़ रहा है। लोगों द्वारा जरा सी बात को लेकर लड़ाई-झगड़ा करना या बेकाबू हो जाना, गुस्सा करना, किसी का कहना न मानना, आदर्शों की खिल्ली उड़ाना आदि । इससे व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की आर्थिक और नैतिक दोनों प्रकार की होती है।

यदि हम अपने देश की उन्नति चाहते हैं तो हमें अनुशासनहीनता को त्यागकर अनुशासन को अपनाना होगा, क्योंकि अनुशासन ही देश की उन्नति की पहली सीढ़ी है। राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति जब अनुशासन में रहेगा, तभी राष्ट्र विश्व उन्नत राष्ट्रों की  की श्रेणी में गिना जायेगा । छात्र भी जब अनुशासन का पालन करेंगे, तभी अपने भावी जीवन में सफलता की आशा कर सकेंगे। क्योंकि अनुशासन ही हमारी सफलता की सीढ़ी है।

Discipline essay in Hindi for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12th – अनुशासन पर निबंध हिंदी में

Discipline Essay in Hindi – सभी को ज्ञात है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। इस लेख में हम अनुशासन से सम्बंधित कुछ अहम् जानकारियाँ उपलब्ध करवा रहे हैं। आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपको परीक्षाओं में निबंध लिखने में तो सहायता करेगा ही, साथ-ही-साथ आपको अनुशासित रहने के लिए भी प्रेरणा प्रदान करेगा।

सामग्री (Content)

अनुशासन का अर्थ

जीवन में अनुशासन का महत्त्व

दैनिक जीवन में अनुशासन

अनुशासित रहने के तरीके, प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण, अनुशासन कैसे सीखें.

  • अनुशासन की आवश्यकता क्यों

अनुशासन के लाभ

हर किसी के जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। अनुशासन के बिना कोई सुखी जीवन नहीं जी सकता। अनुशासन वह सब कुछ है जो हम सही समय में सही तरीके से करते हैं। यह हमें सही रास्ते पर ले जाता है। जीवन के सभी कार्यों में अनुशासन अत्यधिक मूल्यवान है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों। ये खुशहाल और शांतिपूर्णं जीवन जीने की सबसे बड़ी जरुरत है। आज के आधुनिक समय में अनुशासन बहुत ही आवश्यक है क्योंकि इस व्यस्तता भरे समय में यदि हम अनुशासन भरे दिनचर्या का पालन ना करें तो हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है – अनु और शासन। अनु का अर्थ है पालन और शासन का मतलब नियम। हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज में रहता है और उसमें रहने के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है।अनुशासन हमारी सफलता की सीढ़ी है,

जिसके सहारे हम कोई भी मंजिल हासिल कर सकते है। अनुशासन दो प्रकार का होता है – एक वो जो हमें बाहरी समाज से मिलता है और दूसरा वो जो हमारे अंदर खुद से उत्पन्न होता है। हालाँकि कई बार, हमें किसी प्रभावशाली व्यक्ति से अपने स्व-अनुशासन की आदतों में सुधार करने के लिये प्रेरणा की जरुरत होती है।

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अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है क्योंकि योजना के अनुसार कुछ भी नहीं होता है। अगर हमें किसी भी कार्य को पूरा करने के बारे में सही तरीके से अपनी रणनीति को लागू करना है, तो हमें पहले अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। अनुशासन चीजों को आसान बनाता है और हमारे जीवन में सफलता लाता है।

अनुशासन हमें बहुत सारे शानदार अवसर देता है, आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के भीतर अधिक अनुभव करने, आदि। जबकि, अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा होते हैं। अनुशासनहीनता के कारण जीवन में कोई शांति और प्रगति नहीं होती है, इसके बजाय बहुत सारी समस्याएँ पैदा हो जाती है।

हमें नियमों का पालन करने, आदेशों का पालन करने और व्यवस्थित तरीके से व्यवहार करने की आवश्यकता है। हमें अपने दैनिक जीवन में अनुशासन को महत्व देना चाहिए। वे लोग जो अपने जीवन में अनुशासित नहीं हैं, उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उन्हें जीवन में निराशा ही मिलती है।

अनुशासन का महत्त्व समझने के बाद हमें चाहिए कि हम हमेशा अनुशासन में रहें और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने माता-पिता और शिक्षकों के आदेश का पालन करें। हमें सुबह-सुबह बिस्तर से उठना चाहिए और एक गिलास पानी पीना चाहिए और खुद को तरोताजा रखना चाहिए।

दांतों को रोजाना ब्रश करना चाहिए, स्नान करना चाहिए और फिर स्वस्थ नाश्ता करना चाहिए। बिना भोजन ग्रहण किए हमें कभी भी न तो स्कूल जाना चाहिए और न ही किसी अन्य काम में। हमें अपने प्रत्येक कार्य को सही समय पर साफ और स्वच्छ तरीके से करना चाहिए।

हमें अपने माता-पिता को कभी भी अस्वीकार नहीं करना चाहिए, कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए या उन्हें ना-खुश नहीं करना चाहिए और हमेशा उनके आदेश का पालन करना चाहिए। हमें अपना सभी काम सही समय पर करना चाहिए। सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और सही तरीके से सब कुछ सीखना चाहिए।

अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीड़ी मानी जाती है। हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं – 1 – एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना। 2 – कार्यों को समय पर पूरा करने का हरसंभव प्रयास करना। 3 – व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना। 4 – बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना। 5 – अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना।

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सूर्य हर दिन सही समय पर उदय होता है और सही समय पर अस्त होता है, चाँद सही समय पर उदय होता है, सुबह और शाम बिना देर किए उदय होता है और सही समय पर अस्त होता है, नदी हमेशा बहती है, माता-पिता हमेशा प्यार करते हैं, शिक्षक हमेशा हमें सिखाते हैं और बहुत कुछ।

तो क्यों हमें अपने जीवन में अनुशासन को पीछे छोड़ना चाहिए, हमें समस्याओं से पीड़ित हुए बिना आगे बढ़ने के लिए अपने जीवन में आवश्यक सभी अनुशासन का पालन करना चाहिए।

प्रकृति कभी अनुशासन का उलंघन नहीं करती और हम भी तो प्रकृति के ही अभिन्न अंग हैं, तो हमें भी अनुशासन का सदैव पालन करना चाहिए।

हमें माता-पिता, शिक्षकों और अपने बुजुर्गों की आज्ञा का पालन करना चाहिए। हमें उनके अनुभवों के बारे में जानने और उनकी जीत और असफलताओं से सीखने के लिए उन्हें सुनना चाहिए। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना शुरू करते हैं, तो यह हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक देती है।

प्रकृति से हम अनुशासन का सही से पालन करना सीख सकते हैं। मौसम सही कर्म में आते हैं और चलते हैं, बारिश होती है और जाती है और सब कुछ सही समय पर होता है ताकि हमारे जीवन को संतुलित बनाया जा सके। इसलिए, हमें भी इस धरती पर जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए अनुशासन में रहने की आवश्यकता है।

हमारे जीवन, माता-पिता, शिक्षक, परिवार, पर्यावरण, वातावरण आदि के प्रति हमारी बहुत सारी जिम्मेदारियाँ हैं। उन जिम्मेदारियों को समझते हुए हमें अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। एक इंसान के रूप में, हमारे पास सोचने, सही या गलत के बारे में निर्णय लेने और इसे कार्य में बदलने के लिए अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए बहुत दिमाग है।

इसलिए, हम अपने जीवन में इस अनुशासन की आवश्यकता और महत्व को जानने के लिए अत्यधिक जिम्मेदार हैं। अतः अपने जीवन को सफल बनाने के लिए अनुशासन का पालन करना अति आवश्यक है।

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हमें अनुशासन की आवश्यकता क्यों

हमें अपने जीवन के हर एक क्षण अनुशासन की आवश्यकता होती है, इसलिए बचपन से अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा है। स्व-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है जैसे कि छात्रों के लिए, इसका मतलब है कि स्वयं को अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना और सही समय पर काम पूरा करना। हालांकि, कामकाजी व्यक्ति के लिए, इसका मतलब है कि सुबह समय पर बिस्तर से उठना, व्यायाम करना, समय पर कार्यालय जाना और नौकरी के कार्यों को ठीक से करना।

पेशेवर जीवन में, एक अनुशासित व्यक्ति वह होता है, जिसे सबसे पहले अच्छे अवसर दिए जाते हैं क्योंकि यह माना जाता है कि वह अनुशासनहीन व्यक्ति की तुलना में अधिक जिम्मेदार और अनुशासित तरीके से कार्यों को अंजाम दे सकता है। अनुशासन किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक अपवाद आयाम जोड़ने में मदद करता है और उसे एक अद्वितीय व्यक्ति के रूप में उजागर करता है। जहाँ भी वह लोगों के दिमाग में सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। सेना और रक्षा तथा अनुसंधान संगठनों में तो जीवन तथा कार्यों में अनुशासन को सर्वोपरिमाना गया है,

क्योंकि इन क्षेत्रों में एक सेकेंड या मिनट भर की देरी या फिर एक छोटी सी चूक के कारण काफी बड़े नकरात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यही कारण है कि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है और अधिकतम कार्यों में इसका पूर्ण रुप से पालन किया जाता है।

इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिये तो अनुशासन सफलता का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यदि कोई छात्र अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हुए अपना अध्ययन करता है, तो उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। यही कारण है कि छात्र जीवन में अनुशासन को सफलता का आधार माना गया है। ना सिर्फ विद्यार्थी जीवन में बल्कि कैरियर और घरेलू जीवन में भी अनुशासन का काफी महत्व है,

जो लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, वह कई तरह की परेशानियों से बच जाते हैं। इसके साथ ही जो व्यक्ति अनुशासन के साथ जीवन जीते हैं, उन्हें अनुशासनहीन व्यक्तियों कि अपेक्षा जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। एक ओर जहाँ छात्रों के लिये यह उनके भविष्य को सुनहरा बनाने का कार्य करता है, वही दूसरी ओर नौकरी-पेशा लोगों के लिये यह तरक्की के मार्ग भी खोलता है।

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संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि अनुशासन वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई की ओर चढ़ सकता है। यह उसे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्य से भटकने नहीं देता है।

अनुशासन व्यक्ति को अपने मन में उन सभी सकारात्मक नियमों और विनियमों का प्रशिक्षण देकर पूर्णता लाता है जो उसे समाज में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में स्थापित करते हैं। यही कारण है कि आज के इस आधुनिक युग में भी अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है।

माता-पिता एक बच्चे में अनुशासन विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि उन्हें अपने बच्चे का पहला शिक्षक माना जाता है। छात्र जीवन में अनुशासन भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समाज की बुराइयों से मुक्त हुए बिना बच्चे को अपने लक्ष्य की ओर जाने में मदद करता है।

कहा जाता है कि छोटा बच्चा कच्ची मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा आकार दिया जाए वह वैसा ही बन जाता है। अतः आवश्यक है कि बचपन से ही बच्चों को अनुशासन का महत्त्व बताया जाए और उसका पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए।

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अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi (1000W)

अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi (1000W)

आज हमने इस लेख में अनुशासन पर निबंध (Essay on Discipline in Hindi) लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, अनुशासन का अर्थ, जीवन और विभिन्न क्षेत्रों में इसका महत्व, लाभ, हानियां तथा अनुशासन पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi)

अनुशासन दो प्रकार का होता है, एक जो वह हमें बाहरी समाज से मिलता है, तथा दूसरा हो जो हमारे अंदर खुद उत्पन्न होता है। हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन का बहुत ज्यादा महत्व है। अनुशासन हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। 

जिसके बिना हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हमारे जीवन के हर क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण है, चाहे वह दैनिक दिनचर्या हो, स्कूल हो, खेल का मैदान हो, कार्यक्षेत्र हो, या कोई भी अन्य कार्य हो।

जीवन में अनुशासन सही तरीके से जीने की एक कला है यदि हम अनुशासन का पालन न करे तो हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।

अनुशासन का अर्थ Discipline Meaning in Hindi

आईए जानते हैं अनुशासन का अर्थ क्या है? अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है, अनु+शासन। ‘अनु’ का अर्थ है पालन तथा ‘शासन’ का अर्थ है नियम। नियमों का पालन करना ही अनुशासन कहलाता है। अनुशासन ही मनुष्य को मनुष्य बनाता है। अनुशासनहीन व्यक्ति का जीवन व्यर्थ है।

जीवन में अनुशासन का महत्व Importance of Discipline in Life

अनुशासन जीवन जीने की एक महत्वपूर्ण शैली है। जो व्यक्ति अनुशासन के महत्व को समझ जाता है वह जीवन में बहुत आगे जाता है, और सदैव अपने जीवन में प्रगति करता है।

अनुशासन का जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्व-

दैनिक जीवन (दिनचर्या) में अनुशासन Daily Life and Discipline

मनुष्य का दैनिक जीवन में उसके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है दैनिक दिनचर्या में यदि हम अनुशासन का नियमित रूप से पालन करते हैं तो हम शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे ही, और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे। जब हम स्वस्थ रहेंगे तब हम अपने परिवार को भी स्वस्थ रख पाएंगे।

विद्यालय में अनुशासन Discipline in School

विद्यालय तो अनुशासन का दूसरा नाम ही है। विद्यालय में विद्यार्थी सही तरीके से अनुशासन का पालन करता है तो वह विद्यार्थी ही अपने जीवन में आगे बढ़ता है और जो व्यक्ति विद्यालय में अनुशासन का पालन नहीं करता है। वह दंड का पात्र बनता है, तथा वह अपने जीवन में सफल नहीं हो। इसी कारण हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत ही महत्व है।

खेल के मैदान में अनुशासन Discipline in Playground

खेल का मैदान एक ऐसा स्थान है जहां पर नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है। यदि वह अनुशासन का पालन नहीं किया जाता है तो वहाँ किसी न किसी को चोट लग सकती है।

शारीरिक रूप से भी हानि होती है इसलिए खेल के मैदान में नियमों का कडा से कडा पालन किया जाता है। तथा किसी भी खेल में अनुशासन का बहुत ही महत्व है।

कार्यक्षेत्र में अनुशासन Discipline in Work

हर व्यक्ति का एक कार्यक्षेत्र होता है तथा इस कार्य क्षेत्र में अनुशासन का बहुत महत्व है। किसी भी कार्य क्षेत्र में अनुशासन का पालन नहीं किया जाए तो चरित्र का विकास नहीं हो सकता है। किसी भी कार्य में उन्नति प्राप्त करने के लिए अनुशासन के नियमों का पालन करना अति आवश्यक है।

समाज में अनुशासन Discipline in Society

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है उसे समाज में रहने के लिए समाज के नियमों का पालन करना अति आवश्यक है। उसे समाज में अनुशासन का पालन करना ही पड़ता है तभी उसे समाज में प्रतिष्ठा मिलती है, तथा वाह सम्मानित महसूस करता है।

अनुशासन से लाभ Benefits of Discipline in Hindi

जीवन में अनुशासन का पालन करने से अनेक  लाभ मिलते हैं। अनुशासित व्यक्ति हर क्षेत्र में सदैव प्रगति करता है तथा अनुशासन हीन व्यक्ति हर क्षेत्र में पीछे रह जाता है। 

शैक्षिक संस्थाओं, सेना में अनुशासन का दृढ़ता पूर्वक पालन किया जाता है। वहां अनुशासन का पालन न करने पर कठोर दंड दिया जाता है। 

अनुशासित रहकर अच्छा जीवन व्यतीत किया जा सकता है। अनुशासित व्यक्ति को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।

अनुशासनहीनता से हानियां Disadvantages of Indiscipline

अनुशासनहीनता एक बीमारी की तरह है यह हमारे समाज को नष्ट कर देता है। दुर्भाग्यवश अनुशासनहीनता बढ़ती चली जा रही है। विद्यालय, छात्रावास, बाजार, घर, समाज, सरकार, आदि सभी में अनुशासन का अभाव दिखाई पड़ता है।

अनुशासन पर 10 लाइन Few Lines about Discipline in Hindi

  • अनुशासित व्यक्ति आज्ञाकारी होता है।
  • अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है अनु+शासन, ‘अनु’ का अर्थ है पालन तथा ‘शासन’ का अर्थ है नियम।
  • मनुष्य जीवन में अनुशासन एक अभिन्न अंग है।
  • अनुशासन का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है।
  • जीवन के हर कार्य में अनुशासन की जरूरत होती है।
  • अनुशासित रहना सभी के लिए बहुत ही आवश्यक है।
  • हमें अपनों से बड़ों के साथ हमेशा अनुशासन में रहना जरूरी है।
  • अनुशासन जीवन जीने की एक महत्वपूर्ण शैली है।
  • जो व्यक्ति अनुशासन के महत्व को समझ जाता है वह जीवन में बहुत आगे जाता है, और सदैव अपने जीवन में प्रगति करता है।
  • जीवन में अनुशासन का पालन करने से अनेक लाभ मिलते हैं।

अनुशासन ही सफलता की सीढ़ी है, ऐसा कहना गलत नहीं होगा। अनुशासन व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलता है। अनुशासित व्यक्ति बिना किसी परेशानी के आगे बढ़ते चले जाता है। 

किसी ने कहा है-

अनुशासन का कोई विकल्प नहीं होता है। अनुशासन खुद सर्वश्रेष्ठ विकल्प होता है।

यदि आपको हमारा अनुशासन पर यह निबंध (Essay on Discipline in Hindi) अच्छा लगा हो तो हमें कमेंट के माध्यम से बताइए। धन्यवाद।

1 thought on “अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi (1000W)”

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अनुशासन पर निबंध 10 lines 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे (Discipline Essay in Hindi)

essay on discipline in students in hindi

Discipline Essay in Hindi – जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक अनुशासित होना है। यदि अनुशासन का पाठ बचपन से ही शुरू हो जाए तो यह कठिन नहीं है, लेकिन अगर यह देर से शुरू होता है तो यह जीवन में सीखने का सबसे कठिन पाठ हो सकता है। Discipline Essay in Hindi पूर्ण आत्म-नियंत्रण प्राप्त करने के लिए कठिन अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है। अच्छा अनुशासन अपना सर्वश्रेष्ठ ला सकता है और हम समाज की सर्वोत्तम सेवा कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। 

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शुरू से ही अनुशासित रहने की जरूरत है। अनुशासन से ही हम जीवन में अपने लक्ष्य पर केंद्रित रह सकते हैं। अनुशासन में समय के मूल्य को समझना, मानवता के प्रति सम्मान दिखाना और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता दिखाना शामिल है। सफलता की ओर पहला कदम अनुशासन है।

Discipline Essay in Hindi अनुशासित होना जीवन में सीखने के लिए महत्वपूर्ण और कठिन पाठों में से एक है। आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करने और अपने आप को इस तरह से संचालित करने के लिए अत्यधिक समर्पण और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है जो समाज की सर्वोत्तम सेवा करता है और हमारे आसपास रहता है। अनुशासित होने पर ही व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है। अनुशासन हमें एकाग्र रखने में अहम भूमिका निभाता है। 

अनुशासन का अभ्यास करने के अलग-अलग तरीके हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लगातार और समय को महत्व दें। किसी कार्य का निरंतर अभ्यास करके, मानवता और प्रकृति का सम्मान करके और समय को महत्व देकर जीवन में सही दिशा में चलना सीख सकते हैं। यही मूल कारण है कि दुनिया भर में सफल लोग अनुशासन की आवश्यकता का प्रचार करते हैं।

अनुशासन निबंध 10 पंक्तियाँ (Discipline Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) अनुशासन का अर्थ है उचित नियमों और विनियमों के साथ जीवन जीना।
  • 2) इसमें नियम, विनियम, शिष्टाचार और शिष्टाचार शामिल हैं जो हमारे जीवन को आकार देते हैं।
  • 3) जीवन में अनुशासन हमें अपनी आदतों और व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में मदद करता है।
  • 4) अनुशासन हमें सही सिद्धांतों को अपनाने और अपने जीवन में सफल होने के लिए निर्देशित करता है।
  • 5) यह भी माना जाता है कि देश का एक अच्छा नागरिक होने के लिए एक अनुशासित जीवन आवश्यक है।
  • 6) यह हमारे जीवन में आत्म-विश्वास और आत्म-नियंत्रण उत्पन्न करने में मदद करता है।
  • 7) जल्दी उठना, व्यायाम करना, स्वस्थ आहार लेना और बुरी आदतों से दूर रहना भी अनुशासित जीवन का हिस्सा है।
  • 8) हमारे खाने की आदतों में अनुशासन हमें फिट और स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।
  • 9) दूसरों का सम्मान करना और आज्ञाकारी रहना अनुशासन का सिद्धांत है।
  • 10) भाषा में अनुशासन हमें लोगों के साथ सभ्य और सम्मानजनक तरीके से बात करने में मदद करता है।

अनुशासन निबंध 20 लाइनें (Discipline Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) छात्र के जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसे अपने करियर के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
  • 2) अनुशासन में रहने का अर्थ है कुछ नियमों, विनियमों के एक सेट का पालन करना और उचित व्यवहार का प्रदर्शन करना।
  • 3) एक अनुशासित जीवन शैली हमेशा सफलता की ओर ले जाती है, चाहे वह शैक्षणिक, स्वास्थ्य, व्यवसाय या पेशा हो।
  • 4) एक छात्र के रूप में, अनुशासन एक ड्राइविंग सिद्धांत के रूप में कार्य करता है जो हमें गलत रास्ते पर जाने से बचाता है।
  • 5) अनुशासन एक नहर के रूप में कार्य करता है जो व्यक्ति के चरित्र को सही दिशा में ले जाता है।
  • 6) अनुशासन हमारे जीवन को एक उचित दिनचर्या में बनाता है और एक पूर्वनिर्धारित आचार संहिता का पालन करने में मदद करता है।
  • 7) हमारे खान-पान में अनुशासन हमें विभिन्न बीमारियों से बचाता है, जिससे हमें लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है।
  • 8) यदि भारत के लोग अनुशासन की सख्त व्यवस्था का पालन करते हैं तो हमें विश्व की महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता।
  • 9) माता-पिता और परिवार बच्चे में अनुशासन की भावना विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो उसके समग्र व्यक्तित्व को आकार देने में मदद करता है।
  • 10) अनुशासन आपको हमेशा सफलता की ओर ले जाएगा जबकि अनुशासन हमेशा आपके जीवन में नई समस्याओं और मुद्दों का एक समूह खड़ा करेगा।
  • 11) अनुशासन हमेशा सभी के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • 12) अनुशासन राष्ट्र निर्माण में भी मदद करता है और ऐसे कई देश हैं जो अपने देश में सख्त कानूनों के कारण विकसित हुए हैं।
  • 13) कॉर्पोरेट जगत में, दिए गए कार्य को समय पर पूरा करना, काम के प्रति समर्पण और अच्छा समय प्रबंधन काम पर सख्त पेशेवर अनुशासन को दर्शाता है।
  • 14) अधिक मात्रा में संगीत नहीं बजाना, सार्वजनिक स्थानों पर कतार बनाए रखना, केवल कूड़ेदान में कचरा फेंकना सामाजिक अनुशासन के कुछ उदाहरण हैं।
  • 15) सख्त आहार व्यवस्था का पालन करना, समय पर व्यायाम करना और नशीली दवाओं के सेवन से दूर रहना एक खिलाड़ी के अनुशासित जीवन को दर्शाता है।
  • 16) आत्म-अनुशासन के लिए हमेशा दृढ़ इच्छा शक्ति और मन पर मजबूत नियंत्रण की आवश्यकता होती है और यदि इसे प्राप्त कर लिया जाए तो यह निश्चित रूप से आपको सफलता की ओर ले जाएगा।
  • 17) सख्त अनुशासन का पालन करने के लिए, आपको हमेशा एक लक्ष्य और उसके प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है और अंततः यह आपको सख्त अनुशासन का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा।
  • 18) यदि आपका कोई लक्ष्य है, तो आप स्वतः ही भौतिकवादी इच्छाओं से दूर रहेंगे और अपने व्यवहार में एक सख्त दिनचर्या और आचार संहिता का पालन करेंगे।
  • 19) अनुशासन आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आने और आत्म सुधार के द्वारा अपनी कमजोरियों पर काबू पाने में मदद करता है।
  • 20) अनुशासन हमें अधिक केंद्रित और समर्पित बनाकर हमारी दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है।

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अनुशासन पर लघु निबंध (Short Essay on Discipline in Hindi)

Discipline Essay in Hindi – अनुशासन हमारे जीवन को खुश और सुनियोजित बनाने के लिए एक बहुत ही आवश्यक हिस्सा है। अनुशासन के बिना जीवन समस्याओं और अराजकता से भरा होता है। अनुशासन व्यक्ति को बेहतर बनाने में मदद करता है। अनुशासन व्यक्ति को अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इस व्यस्त दुनिया में लोग भ्रमित और विचलित हो जाते हैं। अनुशासन व्यक्ति के जीवन में ईमानदारी लाता है। किसी व्यक्ति के जीवन में अनुशासन को लागू करना कठिन होता है।

 एक अनुशासित व्यक्ति की हमेशा प्रशंसा की जाती है और उसे महत्व दिया जाता है। छात्रों के लिए अनुशासन भी बहुत जरूरी है। बच्चों को बचपन से ही अनुशासन की शिक्षा देनी चाहिए। एक अनुशासित व्यक्ति के पास हर चीज के लिए एक निश्चित समय होता है। इसलिए यह उनके सभी कार्यों को समय पर प्रबंधित किया जाता है। एक अनुशासित छात्र समय पर उठेगा और अपनी सभी गतिविधियों को समय पर पूरा करेगा। समय प्रबंधन अनुशासन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। एक व्यक्ति जो अपने समय को अच्छी तरह से प्रबंधित कर सकता है वह अच्छी तरह से अनुशासित हो सकता है। अनुशासन निश्चित रूप से किसी व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाने की सीढ़ी है।

अनुशासन निबंध 100 शब्द (Discipline Essay 100 words in Hindi)

अनुशासन सफलता की सीढ़ी है। स्वतंत्रता और स्वतंत्रता का जीवन किसे पसंद नहीं है? लेकिन इस स्वतंत्रता की कुछ सीमाओं का प्रयोग सनक और कल्पनाओं को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। जीवन में व्यवस्था लाने के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है। अनुशासन के सख्त रखरखाव के बिना, लोग सफलता प्राप्त करने में ध्यान खो देते हैं।

एक अनुशासित छात्र एक उचित करियर बनाने में सफल होता है, एक अनुशासित टीम दूसरों पर अपनी छाप छोड़ती है। देश की सुरक्षा भी एक अनुशासित सेना द्वारा सुनिश्चित की जाती है। नियम सख्त प्रतीत होते हैं लेकिन जब लोग इन सख्ती का पालन करते हैं, तो वे लंबे समय में सफल हो जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने छात्र जीवन से अनुशासन का विकास करना चाहिए।

अनुशासन निबंध 150 शब्द (Discipline Essay 150 words in Hindi)

अनुशासन हमारे दैनिक जीवन का एक मूलभूत हिस्सा है। निबंध लिखने से लेकर उत्तम स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से लेकर शतरंज या बैडमिंटन जीतने तक- हमारे स्कूली जीवन से जुड़ी हर चीज अनुशासन पर आधारित है। वयस्क भी अपनी सफलता का अधिकांश श्रेय अनुशासन को देते हैं। काम पर अच्छा प्रदर्शन बनाए रखना या उम्र के साथ अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना – सभी को एक निश्चित मात्रा में अनुशासन की आवश्यकता होती है।

आदेश और नियमों के एक समूह के अनुसार कार्य करने से समय की पाबंदी और योजना में सुधार होता है। अनुशासन नियमों, प्रबंधन और व्यवस्था का एक संयोजन है जो जीवन के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा अनुशासन संतुलन भी जोड़ता है। यह हमें अपने कार्यों को अलग करने और प्रबंधित करने में मदद करता है। यह न केवल स्कूल जाने वाले छात्रों के जीवन में बल्कि सेना में या एक खिलाड़ी के जीवन में भी आवश्यक है जो एक शांतिपूर्ण और सफल जीवन बनाना चाहता है और दूसरों को यह प्रेरणादायक लगता है।

अनुशासन निबंध 200 शब्द (Discipline Essay 200 words in Hindi)

अनुशासन एक विशेषता है जिसमें नियमों, मापदंडों और व्यवहार पैटर्न का एक निश्चित सेट शामिल होता है। जब संयुक्त और एक साथ लागू किया जाता है, तो ये जीवन में घटनाओं के सामाजिक और व्यक्तिगत क्रम को बनाए रखने में मदद करते हैं।

अनुशासन बहुत कम उम्र से ही घर पर ही विकसित होना शुरू हो सकता है। यह बदले में फैलता है और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करने के लिए विकसित होता है। एक उचित नींद कार्यक्रम बनाए रखना, एक स्वस्थ आहार, व्यायाम, जुनून या शौक का पीछा करना, नियमित रूप से एक खेल का अभ्यास करना सभी व्यक्तिगत अनुशासन के अंतर्गत आते हैं। सामाजिक अनुशासन में सभाओं, बैठकों या आयोजनों में एक विशेष तरीके से व्यवहार करना शामिल है। जबकि पेशेवर अनुशासन में ज्यादातर समय प्रबंधन, समय सीमा को पूरा करना, वरिष्ठों का उचित अभिवादन करना, स्वस्थ संबंध बनाए रखना आदि शामिल हैं।

अनुशासन समाज का एक अंतर्निहित हिस्सा है और इसकी भूमिका की शुरुआत हमारे शिक्षण संस्थानों में होती है। लेकिन आजकल लोग अक्सर समय से चूक जाते हैं और अनुशासित जीवन शैली को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास करने पड़ते हैं। स्कूल, कार्यस्थलों या घरों में भी अनुशासन बनाए रखने के कुछ तरीकों में शामिल हैं:

  • किसी संस्थान के दिशा-निर्देशों और नियमों से अवगत होना
  • सहकर्मियों के साथ विचारशील और समझदार होना
  • सख्ती बनाए रखना लेकिन निष्पक्ष रहना
  • स्पष्ट परिणाम और दंड निर्धारित करना
  • परिवार या व्यक्तिगत नियम बनाना
  • एक नियोजित कार्यक्रम के साथ रहना

उपरोक्त उपाय हंगामे और पछतावे से रहित अनुशासित जीवन जीने के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकते हैं। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि अनुशासन की सही गुणवत्ता के साथ हमारे सभी उपक्रमों का सफल होना निश्चित है!

अनुशासन निबंध 250 शब्द (Discipline Essay 250 words in Hindi)

मनुष्य एक सामाजिक ढांचे के बड़े हिस्से हैं और किसी भी ढांचे के कार्य करने के लिए, नियम और कानून एक परम आवश्यकता हैं। जब ये नियम मानव व्यवहार का मार्गदर्शन करते हैं और संगठन की भावना विकसित करते हैं, तो एक प्रणाली या व्यक्ति को अनुशासित कहा जाता है। अनुशासन मानव के हर पहलू के साथ-साथ जीवन के अन्य रूपों में अपना महत्व पाता है। यह जिम्मेदारी, विश्वसनीयता की भावना पैदा करता है और एक व्यक्ति को अपने कार्यों के लिए अधिक जवाबदेह होने का पोषण करता है।

एक खिलाड़ी की दिनचर्या से लेकर व्यवसायी के नियमित कार्यक्रम से लेकर पहले कदम या बच्चों की उपलब्धियों तक, अनुशासन सभी जगहों पर मौजूद है। लेकिन यह समझना भी उतना ही जरूरी है कि नियमों की एक ही किताब हर व्यक्ति के काम नहीं आती। स्कूल में एक बच्चे के लिए सजा शानदार ढंग से काम कर सकती है लेकिन दूसरे बच्चे को अपने बारे में दुखी महसूस कराती है। इसलिए अनुशासन कहीं भी संगत और विचारशील होना चाहिए। “नियम और शर्तों” के विपरीत, जो उनकी अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप हैं, अनुशासन को हमेशा पहले व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जाना चाहिए।

हमारे तेज-तर्रार जीवन में, हमें भीड़ का हिस्सा बनने के लिए अक्सर इतनी तेजी से दौड़ना पड़ता है कि हम अपने नियोजित कार्यक्रम को भूल जाते हैं। इससे रातों की नींद हराम, चिंता, विकार और चरम मामलों में अराजकता और हंगामा होता है। हमें वास्तव में प्रतिस्पर्धा के साथ घुलने-मिलने के लिए खुद को आगे बढ़ाते रहने की जरूरत है, लेकिन खुद को पहले रखना अनिवार्य है।

जबकि अनुशासन की कई व्याख्याएँ और धारणाएँ होती हैं, इसका अंतिम उद्देश्य हमें जीवन का एक स्पष्ट विचार देना है। महान व्यक्तियों का इतिहास उपलब्धियों को चलाने में अनुशासन की शक्ति का साक्षी है। अनुशासन हमेशा हमारे जीवन के हर मिनट को निर्धारित करने वाला कुछ नहीं होता है, यह छोटे कदमों के रूप में हो सकता है, जो एक अच्छा दिन घर में खुद का एक बड़ा, बेहतर संस्करण लाता है।

अनुशासन निबंध 300 शब्द (Discipline Essay 300 words in Hindi)

इसलिए यदि आप एक ऐसा जीवन जीना चाहते हैं जो विनियमित और व्यवस्थित हो तो आपको अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। नियमों के एक निश्चित सेट का पालन करने की क्षमता को अनुशासन के रूप में जाना जाता है। यह हर किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह व्यक्ति को अपने जीवन में मर्यादा बनाए रखता है। इसलिए यदि आप किसी भी प्रकार की अराजकता से बचना चाहते हैं तो आपको उस समाज के कानूनों का पालन करना चाहिए जिसमें आप रहते हैं।

प्रकृति स्वयं अपने तंत्र में अनुशासन का प्रदर्शन करती है। आप हर दिन देख सकते हैं कि सूर्य पूर्व में उगता है और पश्चिम में अस्त होता है और यह प्रकृति की एक ही प्रक्रिया है। कई अन्य प्रक्रियाएं हैं जो प्रतिदिन अनुशासन प्रदर्शित करती हैं।

जिस दिन से हम पैदा हुए हैं और आज तक हम अनुशासन के महत्व को सीखते हुए बड़े हुए हैं। बचपन में ही हमें सुबह जल्दी उठकर, अपने दाँत ब्रश करके और नहाने के लिए और फिर स्कूल के लिए तैयार होकर अनुशासन में रहना सिखाया जाता था। यह दिन की शुरुआत में अनुशासन का पहला कदम है। पूरा दिन अनुशासन की मांग करता है ताकि हमारा जीवन पटरी पर रहे और व्यवस्था न बिगड़े।

स्कूल में, हमारे शिक्षक हमेशा हमारे दिमाग में अनुशासन और समय की पाबंदी लगाने की कोशिश करते हैं। इस तरह वे हमें सिखाते हैं कि स्कूल में शिष्टाचार कैसे बनाए रखें, चाहे वह सुबह की सभा हो, या समय पर गृहकार्य करना हो। इसलिए उन्हें बेहतर बनाने के लिए हमारे दैनिक जीवन में अनुशासन के महत्व को जानना महत्वपूर्ण है।

न केवल स्कूल बल्कि अनुशासन कार्यस्थलों पर भी उतना ही महत्वपूर्ण है जहां सैकड़ों कर्मचारी एक साथ काम करते हैं। कार्यालय में काम करने वाले लोगों को अपने कार्यस्थल पर अनुशासन बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। इससे ऑफिस का माहौल स्वस्थ और शांतिपूर्ण रहता है। इसलिए किसी व्यक्ति के लिए अनुशासन के महत्व को सीखना बहुत महत्वपूर्ण है, इससे निश्चित रूप से उन्हें एक सफल और सुखी जीवन जीने में मदद मिलेगी।

अनुशासित रहने के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको अपने जीवन के लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मदद करता है। अनुशासन में रहने वाले लोग आमतौर पर बुरी आदतों से दूर रहते हैं और बाहरी दुनिया से ज्यादा अपने काम पर फोकस कर पाते हैं। हर कोई अनुशासित व्यक्ति का सम्मान करता है और उन्हें अपना आदर्श मानता है।

संक्षेप में, किसी व्यक्ति के जीवन में सबसे आवश्यक चीज अनुशासन है। अनुशासन में रहकर ही कोई सार्थक जीवन व्यतीत कर सकता है। यह हमें सही काम नहीं करने देता है और चारों ओर सकारात्मकता से भरा एक खुशहाल जीवन व्यतीत करता है।

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अनुशासन निबंध 500 शब्द (Discipline Essay 500 words in Hindi)

अनुशासन पर निबंध- अनुशासन एक ऐसी चीज है जो प्रत्येक व्यक्ति को नियंत्रण में रखती है। यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। हर कोई अपने जीवन में अलग-अलग रूप में अनुशासन का पालन करता है। इसके अलावा, हर किसी के पास अनुशासन की अपनी संभावना होती है। कुछ लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं और कुछ नहीं। यह वह मार्गदर्शक है जो उपलब्धता व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जाती है।

महत्व और अनुशासन के प्रकार

अनुशासन के बिना व्यक्ति का जीवन नीरस और निष्क्रिय हो जाएगा। साथ ही, एक अनुशासित व्यक्ति उन लोगों की तुलना में परिष्कृत तरीके से जीने की स्थिति को नियंत्रित और संभाल सकता है जो नहीं करते हैं।

इसके अलावा, यदि आपके पास कोई योजना है और आप उसे अपने जीवन में लागू करना चाहते हैं तो आपको अनुशासन की आवश्यकता है। यह आपके लिए चीजों को संभालना आसान बनाता है और अंततः आपके जीवन में सफलता लाता है।

यदि अनुशासन के प्रकारों की बात करें तो वे सामान्यत: दो प्रकार के होते हैं। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन।

प्रेरित अनुशासन एक ऐसी चीज है जो दूसरे हमें सिखाते हैं या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। आत्म-अनुशासन के लिए दूसरों से बहुत प्रेरणा और समर्थन की आवश्यकता होती है।

इन सबसे ऊपर, बिना किसी गलती के अपने दैनिक कार्यक्रम का पालन करना भी अनुशासित होने का हिस्सा है।

अनुशासन की आवश्यकता

हमें जीवन में लगभग हर जगह अनुशासन की आवश्यकता होती है। इसलिए, हमारे जीवन के शुरुआती चरणों से अनुशासन का अभ्यास करना सबसे अच्छा है। आत्म-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग चीजें हैं। छात्रों के लिए इसका अर्थ एक कर्मचारी के लिए अलग है इसका अर्थ अलग है, और बच्चों के लिए इसका अर्थ अलग है।

इसके अलावा, अनुशासन का अर्थ जीवन के चरणों और प्राथमिकता के साथ बदलता है। हर किसी को अनुशासित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसके लिए बहुत मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। साथ ही इसके लिए सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर की जरूरत होती है। अनुशासन के प्रति सख्त होना होगा ताकि वह सफलता की राह को सफलतापूर्वक पूरा कर सके।

अनुशासन के लाभ

शिष्य एक सीढ़ी है जिसके द्वारा व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। साथ ही, यह उसे लक्ष्य से विचलित नहीं होने देता।

इसके अलावा, यह व्यक्ति के मन और शरीर को नियमों और विनियमों का जवाब देने के लिए प्रशिक्षण और शिक्षित करके व्यक्ति के जीवन में पूर्णता लाता है, जो उसे समाज का एक आदर्श नागरिक बनने में मदद करेगा।

अगर हम पेशेवर जीवन की बात करें तो अनुशासित व्यक्ति की तुलना में अनुशासित व्यक्ति को अधिक अवसर मिलते हैं। साथ ही, यह व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक असाधारण आयाम जोड़ता है। इसके अलावा, व्यक्ति जहां भी जाता है, लोगों के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

अंत में, हम कह सकते हैं कि अनुशासन किसी के भी जीवन के प्रमुख तत्वों में से एक है। एक व्यक्ति तभी सफल हो सकता है जब वह एक स्वस्थ और अनुशासित जीवन व्यतीत करे। इसके अलावा, अनुशासन हमें कई तरह से मदद करता है और हमारे आस-पास के व्यक्ति को अनुशासित होने के लिए प्रेरित करता है। इन सबसे ऊपर, अनुशासन एक व्यक्ति को वह सफलता प्राप्त करने में मदद करता है जो वह जीवन में चाहता/चाहती है

अनुशासन निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

जीवन में अनुशासन क्यों जरूरी है.

अनुशासन सभी नियमों का पालन करने के बारे में है। बिना किसी नियम या कानून का पालन किए आप जीवन में सफल नहीं हो सकते।

हम अनुशासन कैसे बनाए रख सकते हैं?

किसी विशेष दिनचर्या का पालन करके और उस पर टिके रहकर अनुशासन बनाए रखा जा सकता है।

क्या सफल होने के लिए अनुशासन जरूरी है?

हां, हमें अनुशासन विकसित करना चाहिए और सफल होने के लिए उसी के अनुसार काम करना चाहिए।

सैन्य प्रशिक्षण को इतने गहन अनुशासन की आवश्यकता क्यों है?

सेना में लोगों को युद्ध और संकट की बहुत ही विकट परिस्थितियों में पनपना पड़ता है। आदेश और आदेश के संदर्भ में इसके लिए वर्षों के अभ्यास की आवश्यकता होगी।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध

Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi: हम यहां पर विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में छात्र जीवन में अनुशासन का महत्व (Chatra Jeevan Mein Anushasan ka Mahatva) के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध | Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi

विद्यार्थी जीवन और अनुशासन 150 शब्दों में निबंध (vidyarthi jeevan mein anushasan ka mahatva).

अनुशासन हर व्यक्ति के लिए जरूरी होता है। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन एक अलग ही महत्व रखता है। अनुशासन के जरिए ही विद्यार्थी अपने जीवन में सफलता हासिल करता है। अनुशासन विद्यार्थी को सही रास्ता दिखाने में मदद करता है। ऐसे तो अनुशासन हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। लेकिन विद्यार्थियों के लिए यह अत्यधिक जरूरी इसलिए है क्योंकि विद्यार्थी के जीवन की शुरुआत स्कूल से होती है और स्कूल से ही विद्यार्थी यदि अनुशासन की पालना करता है।

तब विद्यार्थी ना सिर्फ सफलता हासिल करता है बल्कि विद्यार्थी आगे जाकर एक अच्छा और आदर्श नागरिक भी बन सकता है। विद्यार्थी यदि अनुशासन की पालना करता है तो विद्यार्थी के संस्कार की जड़े मजबूत हो जाती है जो भविष्य में और पूरे जीवन व्यक्ति को आदर्श इंसान बनाती है।

अनुशासन व्यक्ति को जीवन जीने का तरीका, बड़ों का सम्मान करना, माता-पिता का आदर करना, अध्यापकों का सम्मान करना, धैर्य रखना और परिश्रम करना सिखाता है। अनुशासन दो प्रकार के होते हैं। एक वह जो हम अपने आपसे सीखते हैं। उसे आत्म अनुशासन कहते हैं और दूसरा जो किसी अन्य को देखकर सीखते हैं उसे प्रेरित अनुशासन कहते हैं।

vidyarthi jeevan mein anushasan nibandh

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध 250 शब्दों में (Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Nibandh)

अनुशासन हमारे जीवन में काफी अहमियत रखता है। यह जीवन में क्रमबद्धता को संदर्भित करता है, जो किसी के भी जीवन में सफलता के लिए आवश्यक है। हर कोई अपने जीवन में अलग-अलग रूप में अनुशासन का पालन करता है। अनुशासन हमें ईमानदार, मेहनती, धैर्यवान, महत्वाकांक्षी, स्वतंत्र और समयनिष्ठ बनाता है। अनुशासन के बिना जीवन रडार के जहाज के समान है।

हम सब जानते है की विद्यार्थी राष्ट्र के भविष्य की संपत्ति हैं। विद्यार्थी जीवन पुरे जीवन की नींव का निर्माण करते हैं इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का काफी गहरा महत्व है। एक अनुशासित विद्यार्थी का जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण होता है। अनुशासन हमेशा विद्यार्थी के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक मार्गदर्शक का काम करता है। एक अनुशासित छात्र अपने लक्ष्य से कभी विचलित नहीं होता और इससे विद्यार्थी अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।

अनुशासन के दो प्रकार है। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन। प्रेरित अनुशासन एक ऐसी चीज है जो दूसरे हमें सिखाते हैं या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के कई अनगिनत लाभ है। विद्यार्थी के सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर के लिए अनुशासन जरुरी है। अनुशासन विद्यार्थी को तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना है।

अनुशासन विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के अन्य क्षेत्रों के प्रति एकाग्र और प्रेरित होना सिखाता है। एक अनुशासित विद्यार्थी अपनी शैक्षणिक संस्थान का गौरव होता है। समाज द्वारा हमेशा उनका सम्मान किया जाता है। अनुशासन के बिना हम एक सफल छात्र की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

vidyarthi jeevan me anushasan ka mahatva essay in hindi

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध 500 शब्दों में (Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan ka Mahatva Nibandh)

हिंदी में एक कहावत है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। अनुशासन जीवन में आवश्यक व्यवहारों में से एक है। लेकिन दुनिया में कुछ ही लोग अनुशासन से जीवन जीना पसंद करते है। वैसे तो अनुशासन हर उम्र की व्यक्ति के लिए जरुरी होता है लेकिन विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व अधिक होता है। क्योंकि विद्यार्थी जीवन हमारे पूरे जीवन की नींव होती है, जिस पर हमारी जिंदगी की इमारत बनती है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा करते है, जो उनके आने वाले भविष्य को तहसनहस कर देते है। बिना अनुशासन के पढ़ाई करना और सफलता पाना बेहद मुश्किल है। अनुशासन जीवन को क्रमबद्धता प्रदान करता है।

अगर हम विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासन का महत्व समझ जाते है तो हमें किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता। विद्यार्थी जीवन बाहरी अनुशासन के साथ साथ आत्म अनुशासन बहुत भी महत्वपूर्ण है, जो उनके सिर की इच्छाओं और जुनून को रोकने में मददगार साबित होता है।

वर्तमान समय में माता-पिता अपने व्यस्त करियर के कारण अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं, जिसके कारण बच्चे अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए टीवी, मोबाइल, इंटरनेट का सहारा लेते हैं और वो अनुशासन से जीना छोड़ देते है। देर रात तक जागना, सुबह देर से उठना, अपने मित्रों के साथ पार्टी करना आजकल फैशन बन गया है, जो आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी है। विद्यार्थी जीवन में अगर अनुशासन का अभाव हो तो उदासी, चिड़चिड़ापन, कुसंगति जैसे लक्षण का हमारी जिंदगी में प्रवेश हो जाता है।

विद्यार्थी के लिए अनुशासन का रूप यह है कि वह नियमित रूप से अपने स्कूल जाता है, हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करता है और जो उसने कहा है उस पर अमल करता है, स्कूल के सभी छात्रों के साथ अच्छा व्यवहार करता है, उनका सामाजिककरण करके उनके साथ मित्रवत व्यवहार करता है।

हमेशा अपने से बड़े लोगों का सम्मान करें, पढ़ाई के दौरान अपना ध्यान कहीं और न लगाएं, हमेशा एकाग्रता से पढ़ाई करें, अपने माता-पिता का सम्मान करें और उनके कहे अनुसार काम करें। अनुशासन की अवहेलना करने वालों की तुलना में अनुशासित बच्चा अपने करियर को अधिक आसानी से और स्वतंत्र रूप से चुन सकता है।

अनुशासन के द्वारा ही बच्चों में धैर्य, संयम, नियमितता जैसे गुण आते है, जो उनके जीवन में सफलता पाने के लिए बेहद जरुरी है। अनुशासन बच्चों के दिमाग पर बहुत प्रभाव डालता है। किसी भी व्यक्ति के बहेतर चरित्र का निर्माण केवल अनुशासन से ही हो सकता है। इसलिए विद्यार्थी को अनुशासन का महत्व समझना बेहद जरुरी है।

अनुशासन एक राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और समाज में शारीरिक और नैतिक कानूनों के प्रति सम्मान प्रदर्शित केवल अनुशासन के द्वारा ही हो सकता है। हम सभी जानते हैं कि विद्यार्थी राष्ट्र की भविष्य की संपत्ति हैं। राष्ट्र के एक सुनहरे भविष्य के लिए अगर हम विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासन की नींव डाल देते है तो बच्चे आगे जाकर देश के विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते है और देश को प्रगति के पथ पर ले जाते है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध (800 शब्द)

जीवन जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। विद्यार्थी जीवन ही व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का आधार होता है। किसी व्यक्ति का भविष्य जीवन की इस अवधि पर निर्भर करता है। यदि यह आधारशिला कमजोर हो तो भविष्य कठिनाइयों से भरा होगा और असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है। इन सबके लिए अनुशासन एक बहुत जरूरी चीज है।

अनुशासन ही विद्यार्थी जीवन की सफलता की कुंजी है। सिर्फ अनुशासन ही विद्यार्थी को जीवन में एकाग्र, स्वतंत्र, समयनिष्ठ और महत्वाकांक्षी बनाता है। दूसरों का सम्मान करना और आज्ञाकारी रहना अनुशासन का सिद्धांत है। अनुशासन विद्यार्थी को तनाव मुक्त जीवन देता है और साथ साथ आत्मविश्वास को बढ़ाता है। 

अनुशासन का महत्व

अनुशासन वह प्रकृति है जो प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज में मौजूद है। हमारा ब्रह्मांड भी अनुशासन को अनुसरण करता है। तारे, ग्रह, चंद्रमा और सूर्य  अपनी निश्चित धरी और गति पर ही घूमते है। यदि ब्रह्मांड की वस्तुएं कुछ नियमों के अनुसार काम करना बंद कर देती हैं तो चारों ओर अराजकता और अव्यवस्था फैल जाएगी।

अनुशासन हमारे जीवन को नियंत्रित करता है। यह हमारे जीवन को जीने लायक बनाता है। विद्यार्थियों को बचपन से ही अनुशासन में रहना सिखाया जाना चाहिए ताकि उनमें अच्छे गुणों का विकास हो सके और भविष्य में किसी भी प्रकार की कठिनाई में वे स्वयं को सफल व्यक्ति के रूप में पहचान सकें। सिर्फ अनुशासन लक्ष्य और सफलता के बीच एक पुल की तरह काम करता है।

अनुशासन के प्रकार

वैसे तो पुरे जीवन में अनुशासन के कई रूप होते है लेकिन  विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के दो प्रकार है। पहला है प्रेरित अनुशासन, जिस में विद्यार्थी दूसरों को देखकर सीखते हैं या किसी महान विभूति के जीवन से प्रेरणा लेकर सीखते है। दूसरा है आत्म-अनुशासन, जो हमारे भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। आत्म-अनुशासन सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद करता है। व्यक्ति सही निर्णय लेता है और सकारात्मकता फैलाता है।

अनुशासन के लाभ

अनुशासन ही विद्यार्थी को श्रेष्ठता प्रदान करता है। उसे संस्थान और समाज में उत्तम स्थान दिलाने में सहायता करता है। अनुशासन विद्यार्थी को धैर्यवान और संयमित बनाता है। यह विद्यार्थी को शांत रहने में मदद करता है। अनुशासन की वजह से विद्यार्थी अपने निश्चित लक्ष्य को आसानी से हांसिल कर पाते है। अपने दैनिक जीवन में क्रमबद्धता सिर्फ अनुशासन से ही आती है ।

विद्यार्थी को अनुशासन से सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त होता है। इन में समझदारी का विकास होता है। समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। अनुशासन जीवन में ईमानदारी और नैतिकता जैसे गुणों का विकास करता है। अनुशासन के कारन विद्यार्थी कभी बुरी संगत में नहीं पड़ता। अनुशासन से विद्यार्थी में नेतृत्व के गुण विकसित कर सकते हैं। अनुशासन आपको जिम्मेदार होना सिखाता है।

विद्यार्थी के लिए किताबी शिक्षा के साथ साथ  शारीरिक शिक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। शारीरिक शिक्षा केवल अनुशासन से ही मिलती है। अनुशासन आत्म-नियंत्रण और समर्पण जैसी भावना का विकास होता है। जो खुद को नियंत्रित नहीं कर सकता वह दूसरों को नियंत्रित कभी नहीं कर सकता। यह आपके सहनशीलता के स्तर को भी बढ़ाता है।

अनुशासनहीनता के नुकसान

अनुशासन के अभाव में विद्यार्थी एकाग्रता का अध्ययन नहीं कर पाता है। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी चिड़चिड़े हो जाते हैं। विद्यार्थी को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने लगता है। अनुशासन के बिना विद्यार्थी में धैर्य और आत्म-संयम की कमी हो जाती है और वह हर कार्य को शीघ्रता से करना चाहता है।

वह अपने से बड़े लोगों का सम्मान नहीं करता है। विद्यार्थी बड़े सपने देखता है लेकिन अनुशासन की कमी के कारण उनमें सफल नहीं हो पाता। वह उस कार्य को कभी पूरा नहीं कर पाता। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी काम की चोरी करना शुरू कर देता है। वह उसे दिया गया काम कभी नहीं करता है और बहाने बनाने लगता है।

अनुशासन की कमी के कारण उनकी शिक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी परीक्षा में सफल नहीं हो पाता और निराश हो जाता है, जिसका परिणाम बहुत ही खराब होता है। उसका भविष्य खतरे में पड़ जाता है।

विद्यार्थी एक कोरे कागज की तरह होता है, जिसमें कुछ भी लिखा जा सकता है। यदि छात्र को उचित समय पर सही शिक्षा नहीं मिलती है तो वह अपने लक्ष्य से भटक सकता है और गलत रास्ते पर जा सकता है, इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व ओर भी बढ़ जाता है। अनुशासन के बिना विद्यार्थी जीवन की कल्पना करना मूर्खतापूर्ण है।

विद्यार्थी हमारे देश की भावी पीढ़ी हैं, जो आगे बढ़कर हमारे देश का निर्माण करेंगे। अगर विद्यार्थी अनुशासन में रहना नहीं जानते हैं तो वे देश को तबाही की दिशा में ले जायेंगे। विद्यार्थी को अपने विद्यार्थी जीवन में काफी अनुशासित रहना चाहिए। जो अनुशासित होता है वह जीवन में ऊँचा उठता है। महापुरुषों का जीवन अनुशासन का उदाहरण है।

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Rahul Singh Tanwar

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Comments (5).

Sir Very Nice Essay

Inspirative essay 👍👍

Good nibandh sir

Best website for kids

Very nice nibandh

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छात्र और उनुशासन पर निबंध | Essay on Students and Discipline in Hindi

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छात्र और उनुशासन पर निबंध | Essay on Students and Discipline in Hindi!

किसी भी देश या राष्ट्र का भविष्य वहाँ के छात्रों पर ही निर्भर करता है । यदि वहाँ के छात्र सच्चरित्र, विनीत, सुशील, सहिष्णु कर्तव्यनिष्ठ एवं अनुशासन-प्रिय होंगे तो राष्ट्र अवश्य सुखी, संपन्न, समुन्नत और प्रगतिशील होगा; क्योंकि आज के छात्र कल के कर्णधार होते हैं ।

नन्हे-मुन्ने कोमल शिशुओं की सुकुमार भावनाओं में देश का भविष्य निहित रहता है, किंतु खेद है कि आज का छात्र-समुदाय एक विपरीत दिशा की ओर जा रहा है । उसमें स्वेच्छाचारिता, उद्‌दंडता, अनुशासनहीनता तथा धृष्टता चरम सीमा तक पहुँच गई है ।

गुरुजनों से अशिष्टता करना, सभा-सम्मेलनों में उत्पात मचाना, राह चलती छात्राओं को छेड़ना, निराधार और अनावश्यक हड़ताल व अनशन आदि करना तथा भावावेश में आकर तोड़-फोड़ करना उनका स्वभाव सा वन गया है । एक समय था जब छात्र देश की अमूल्य निधि और अनुपम विभूति समझे जाते थे । वे अपने कार्यों से राष्ट्र तथा समाज का मस्तक सदा उन्नत रखने की चेष्टा करते

थे । गुरुजनों से शिक्षा प्राप्त कर वे राष्ट्र के ऐसे आदर्श नागरिक बनते थे, जिनकी प्रशंसा शासक वर्ग मुका कंठ से करते थे । किंतु आज उसी देश के छात्र अनुशासनहीन होकर अपना ही नहीं बल्कि अपने देश का भविष्य बिगाड़ रहै हैं ।

छात्रावस्था में अनुशासन अति महत्त्वपूर्ण है । छात्रावस्था अबोधावस्था होती है । उसमें न तो बुद्धि परिष्कृत होती है और न विचार । ऐसी स्थिति में छात्र के माता-पिता तथा उसके गुरुजन उसकी बुद्धि का परिष्कार करके उसमें विवेक-शक्ति जाग्रत् करते हैं और उसे कर्तव्य पालन का पाठ पढ़ाते हैं । वे उससे अपनी आज्ञाओं का पालन कराते हैं और उसे अनुशासन में रहने की प्रेरणा देते हैं ।

अनुशासन छात्र-जीवन का प्राण है । अनुशासनहीन छात्र न तो अपने देश का सभ्य नागरिक बन सकता है और न अपने व्यक्तिगत जीवन में ही सफल हो सकता है । यों तो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन की परम आवश्यकता है, परंतु सफल छात्र-जीवन के लिए तो यह एकमात्र कुंजी है ।

ADVERTISEMENTS:

छात्र-जीवन में अनुशासन में रहने की शिक्षा विद्यालय में मिलती है । विद्यालय में छात्र अध्यापक के अनुशामन में रहकर ही पढ़ना-लिखना, आपस में मिल-जुलकर रहना, खेलना-कुदना और हँसना-बोलना सीखते हैं । अध्यापक के अनुशासन में रहने से ही उनके चरित्र का निर्माण होता है और उनमें सामूहिक रूप से कार्य करने की क्षमता उत्पन्न होती है ।

छात्र समय का सदुपयोग करना अध्यापक के अनुशासन में रहकर सीखते हैं । अध्यापक के अनुशासन का अर्थ है- उनकी आज्ञाओं का पालन करना । जो छात्र अनुशामन-प्रिय होते हैं, वे अपने अध्यापकों की आज्ञाओं का पालन निष्ठापूर्वक करते हैं । वे अपने गुरुजनों की आलोचना नहीं करते । अध्यापकों की आज्ञा को न मानना अनुशासनहीनता है ।

छात्रों में अनुशासनहीनता का मुख्य कारण माता-पिता का लाड़-प्यार है । सर्वप्रथम विद्याथी माता-पिता के संस्कार ही ग्रहण करते हैं । छात्र की प्राथमिक पाठशाला उसका घर हें । वह सर्वप्रथम अपने घर में ही सदाचार की शिक्षा प्राप्त करता है । जिस घर में वालकों को माता-पिता की ढिलाई के कारण सदाचार की शिक्षा नहीं मिलती, वे ही विद्यालय में जाकर अनुशासनहीनता करते हैं ।

माता-पिता के अत्यधिक दुलार के कारण जब वे हठी हो जाते हैं तब निर्भय होकर बड़े-हों की आज्ञा का उल्लंघन करने लगते हैं और विद्यालय में पहुँचकर वहाँ का वातावरण विषाक्त बना देते हैं । उन्हें इस दोष से मुक्त करने की पूरी जिम्मेदारी माता-पिता पर है । जो माता-पिता अपने हठी बालकों को विद्यालय में भेजकर चुपचाप बैठ जाते हैं और यह आशा करते हैं कि उनके बालक आदर्श नागरिक बनकर विद्यालय से निकलेंगे, तो वे भूल करते हैं । विद्यालय में अध्यापक उनके सहयोग से ही उनके हठी बालकों को सुधारने में सफल हो सकते हैं ।

विद्यालय में मुख्यत: जीविका की यानी किताबी शिक्षा दी जाती है । नैतिक शिक्षा विद्यालयों में नहीं मिल पाती । जीवन की शिक्षा देना धर्म का एक अंग समझा जाने लगा है । यह वर्तमान शिक्षा-प्रणाली का एक ऐसा दोष है जिसे दूर करना अत्यंत आवश्यक है । वालकों को विद्यालयों में जीवन की शिक्षा के साथ-साथ जीविका की भी शिक्षा मिलनी चाहिए । ऐसा करने से ही छात्र अनुशासनप्रिय हो सकते हैं ।

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दा इंडियन वायर

अनुशासन का महत्व पर निबंध

essay on discipline in students in hindi

By विकास सिंह

importance of discipline essay in hindi

अनुशासन का मतलब समय की पाबंदी, नियमों का पालन करना और हमारे जीवन के हर पहलू में संगठित होना है। इससे हमारे विभिन्न कार्यों और गतिविधियों को कुशलतापूर्वक पूरा करना और आसानी से सफलता प्राप्त करना आसान हो जाता है।

विषय-सूचि

अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (100 शब्द)

अनुशासन एक मूल्यवान गुण है। यदि आप अनुशासित हैं तो आप अपने स्कूल के असाइनमेंट को पूरा कर सकते हैं और उन्हें समय पर जमा कर सकते हैं। समय के प्रति सचेत रहने से आपको अपने लक्ष्यों को उत्कृष्टता के साथ हासिल करने में मदद मिलती है।

आप अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुंच सकते हैं। यदि आप बेकार और अप्रासंगिक गतिविधियों पर अपना समय बर्बाद नहीं करते हैं, तो आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जो महत्वपूर्ण है उसे पूरा करने के लिए अपने समय का उपयोग कर सकते हैं।

समय की पाबंदी के अलावा, अपनी गतिविधियों और असाइनमेंट को व्यवस्थित रूप से करने से आपको अनुशासन के साथ काम करने में मदद मिलती है। बेतरतीब ढंग से काम करने से समय और ऊर्जा बर्बाद होती है। अनुशासन विकसित करने के लिए निम्नलिखित नियम भी आवश्यक हैं।

अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (150 शब्द)

अनुशासन आपके काम को आसान और कुशलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। अनुशासन के साथ काम करना आपको गतिविधि को घंटे के अनुकूल बनाता है। एक छात्र के रूप में आपको अध्ययन करने की आवश्यकता है। सुबह के शुरुआती घंटों में अध्ययन करना सबसे अच्छा है जब पूरी रात की नींद के बाद मन ताजा होता है।

यदि आप देर से उठते हैं तो आप दिन के सबसे अधिक उत्पादक समय को खो देते हैं। इसी तरह, यदि आप बेकार की गतिविधियों में लिप्त हैं, तो आप अपने इच्छित लक्ष्यों तक नहीं पहुँच पाते है। इसलिए, एक व्यावहारिक समय-सारणी तैयार करना और उसके अनुसार काम करना बेहतर है।

एक क्रमबद्ध तरीके से काम करने से अनुशासन विकसित करने में मदद मिलती है। यदि आप एक व्यवस्थित तरीके से काम करते हैं, तो आप अपने काम को अधिक आसानी से पूरा कर सकते हैं। आप तनावग्रस्त होने से भी बच सकते हैं। आपको नियमों का पालन करके अनुशासित किया जा सकता है। इससे आपका काम सरल हो जाएगा।

अनुशासन का महत्व पर लेख, article on importance of discipline in hindi (200 शब्द)

अनुशासन अच्छी तरह से व्यवहार में चीजों को करने का सही तरीका है। इसे मन और शरीर पर नियंत्रण की आवश्यकता है। किसी के पास आत्म-अनुशासन की प्राकृतिक संपत्ति है, लेकिन किसी को उनके अंदर इसे विकसित करना है। अनुशासन भावना को नियंत्रित करने और सही समय पर सही काम करने की क्षमता है और साथ ही कमजोरियों को दूर करता है।

अनुशासन के बिना जीवन अधूरा और असफल है। हमें अपने बुजुर्गों और वरिष्ठों का सम्मान करते हुए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। यह घर, कार्यालय, खेल के मैदान या अन्य जगह पर जीवन के हर क्षेत्र में हर किसी के लिए बहुत आवश्यक उपकरण है। यदि हम अनुशासन का पालन नहीं करेंगे तो हमारा दैनिक जीवन असंगठित हो जाएगा। इस दुनिया में हर चीज में अनुशासन होता है और अनुशासन से संगठित होता है।

हवा, पानी और जमीन हमें जीवन जीने का रास्ता देते हैं। पूरी दुनिया, देश, समाज, समुदाय, आदि अनुशासन के बिना अव्यवस्थित हो जाएंगे क्योंकि सब कुछ अनुशासन की आवश्यकता है। अनुशासन वह प्रकृति है जो प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज में मौजूद है।

अनुशासन का महत्व पर अनुच्छेद: paragraph on importance of discipline in hindi (250 शब्द)

प्रस्तावना:.

अनुशासन का पालन किया जा रहा है और उचित अधिकार के आदेशों का पालन करने के लिए आत्म-नियंत्रित व्यवहार है। अनुशासन का पूरे जीवन में बहुत महत्व है और जीवन के हर क्षेत्र में इसकी आवश्यकता है। यह उन सभी के लिए आवश्यक है जिन्हें किसी भी कार्य को गंभीरता से करने की आवश्यकता है। यह हम वरिष्ठों के आदेशों का पालन और पालन नहीं करते हैं; निश्चित रूप से हम समस्याओं का सामना करेंगे या असफल हो सकते हैं।

दैनिक जीवन में अनुशासन:

हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने माता-पिता और शिक्षकों के आदेश का पालन करना चाहिए। हमें सुबह-सुबह बिस्तर से उठना चाहिए और एक गिलास पानी पीना चाहिए और खुद को तरोताजा रखना चाहिए। हमारे दांतों को ब्रश करें, स्नान करें और फिर हमारा स्वस्थ नाश्ता करें। बिना भोजन ग्रहण किए हमें कभी स्कूल नहीं जाना चाहिए। हमें अपने होमवर्क को सही समय पर साफ और स्वच्छ तरीके से करना चाहिए।

हमें अपने माता-पिता को कभी भी अस्वीकार नहीं करना चाहिए, उनका अपमान करना चाहिए या उन्हें नाखुश करना चाहिए और हमेशा उनके आदेश का पालन करना चाहिए। हमें सही समय पर और उचित यूनिफॉर्म में स्कूल जाना चाहिए। कक्षा में, हमें स्कूल के मानदंडों के अनुसार प्रार्थना करनी चाहिए। हमें शिक्षक के आदेशों का पालन करना चाहिए, कक्षा में सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और सही तरीके से सब कुछ सीखना चाहिए।

निष्कर्ष:

हमें शिक्षकों, प्रिंसिपल, नौकरानी, ​​गेट कीपर्स या छात्रों के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए। हमें घर, स्कूल, कार्यालय या अन्य स्थानों पर सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। बिना अनुशासन के कोई भी अपने जीवन में कुछ भी बड़ा हासिल नहीं कर सकता है। इस प्रकार, हम सभी को अपने माता-पिता और शिक्षकों का पालन करना चाहिए और जीवन में एक सफल व्यक्ति बनना चाहिए।

अनुशासन का महत्व पर निबंध, importance of discipline essay in hindi (300 शब्द)

अनुशासन हमारे शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रण में रखने और परिवार के माता-पिता, शिक्षकों और बड़ों के आदेशों का पालन करके सभी कार्यों को सही तरीके से करने का कार्य है। अनुशासन में रहने के लिए नियमों और विनियमों को स्वीकार करने के लिए हमारे दिमाग को प्रशिक्षित करने का कार्य है। हम अपने दैनिक जीवन में प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण भी देख सकते हैं

प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण:

सूर्य हर दिन सही समय पर उठता है और सही समय पर अस्त होता है, चाँद सही समय पर उठता है, सुबह और शाम बिना देर किए उठता है, नदी हमेशा बहती है, माता-पिता हमेशा प्यार करते हैं, शिक्षक हमेशा हमें सिखाते हैं और बहुत कुछ। तो क्यों हमें अपने जीवन में पीछे छोड़ दिया जाना चाहिए, हमें समस्याओं से पीड़ित हुए बिना आगे बढ़ने के लिए अपने जीवन में आवश्यक सभी अनुशासन का पालन करना चाहिए।

अनुशासन कैसे सीखें?

हमें माता-पिता, शिक्षकों और अपने बुजुर्गों का पालन करना चाहिए। हमें उनके अनुभवों के बारे में जानने और उनकी जीत और असफलताओं से सीखने के लिए उन्हें सुनना चाहिए। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना शुरू करते हैं, तो यह हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक देती है।

मौसम सही पैटर्न में आते हैं और चलते हैं, बारिश होती है और जाती है और सब कुछ सही समय पर होता है ताकि हमारे जीवन को संतुलित बनाया जा सके। इसलिए, हमें भी इस धरती पर जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए अनुशासन में रहने की आवश्यकता है।

हमारे जीवन, माता-पिता, शिक्षक, परिवार, पर्यावरण, वातावरण आदि के प्रति हमारी बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं। एक इंसान के रूप में, हमारे पास सोचने, सही या गलत के बारे में निर्णय लेने और इसे कार्य में बदलने के लिए अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए बहुत दिमाग है। इसलिए, हम अपने जीवन में इस अनुशासन की आवश्यकता और महत्व को जानने के लिए अत्यधिक जिम्मेदार हैं।

अनुशासनहीनता जीवन में बहुत भ्रम पैदा करती है और एक व्यक्ति को गैर जिम्मेदार और आलसी बनाती है। यह आत्मविश्वास के स्तर को कम करता है और मन को एक साधारण काम करने के बारे में अनिश्चित बनाता है। हालाँकि, अनुशासन में रहना हमें जीवन की उच्चतम सीढ़ी की ओर अग्रसर करता है और हमें सफलता पाने में मदद करता है।

अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (350 शब्द)

अनुशासन हमें अपने कार्यों और गतिविधियों को एक कुशल तरीके से पूरा करने में मदद करता है। हमें अपने जीवन के हर चरण और गतिविधि में अनुशासित होना चाहिए। अनुशासित होने से सफलता मिलने में मदद मिलती है।

नियमों का पालन करने से हम अनुशासन विकसित करते हैं:

अनुशासन के लिए आवश्यक है कि हम उन नियमों का पालन करें जो हम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, सड़क नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। अगर हमें एक सड़क पार करनी है तो हमें पैदल यात्री क्रॉसिंग पर ऐसा करने की आवश्यकता है। अगर हम नियम की अवज्ञा करते हैं, तो यह खतरनाक होगा।

इसी तरह, हमें उन नियमों का पालन करना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए जिन्हें हम संगठन का हिस्सा मानते हैं। यदि हम किसी स्कूल या शिक्षण संस्थान में पढ़ते हैं, तो हमें उपस्थिति और अध्ययन के सभी नियमों का पालन करना चाहिए।

अगर हम छुट्टी लेते हैं तो हमें छुट्टी का आवेदन जमा करना होगा। इसी तरह, अगर हम स्कूल में प्रयोगशाला, कंप्यूटर कक्ष और खेल के मैदान जैसी सुविधाओं का उपयोग करना चाहते हैं, तो हमें उनके उपयोग के लिए निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।

यदि हम किसी सामाजिक, व्यावसायिक, राजनीतिक, आध्यात्मिक या सांस्कृतिक संगठन का हिस्सा हैं, तो हमें इसके सुचारू और सामंजस्यपूर्ण कामकाज के नियमों का पालन करने की आवश्यकता है। हमें उस देश के नियमों और कानूनों का भी पालन करना होगा जो हम हैं। यदि किसी देश के सभी नागरिक गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं तो पूरे देश में अराजकता होगी।

नियमों का पालन करने से न केवल हम किसी सुविधा या सेवा से लाभ प्राप्त करते हैं बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि इसका उपयोग करने वाले या अन्य लोगों को कोई गड़बड़ी या विनाश न हो। इसलिए, सभी के अनुशासित होने पर अधिक सामंजस्य और व्यवस्था होती है।

अनुशासन समय के विवेकपूर्ण उपयोग की अनुमति देता है:

सही समय पर सही गतिविधि करके हम अधिक अनुशासित भी हो सकते हैं। इस प्रकार हम अपने पास उपलब्ध समय का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करते हैं। अप्रासंगिक गतिविधियों में समय बर्बाद करने के बजाय, हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने प्रयासों और ऊर्जाओं को लागू करते हैं।

एक छात्र के रूप में हमें समय के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है ताकि हम समय पर स्कूल पहुँच सकें। हमें अपने कार्य और परियोजनाएँ समय पर पूरी करनी चाहिए। इसी तरह, अगर हमारी किसी विशेष समय पर नियुक्ति होती है, तो हमें समय पर पहुंचने के लिए समयनिष्ठ होना चाहिए। समय की पाबंदी में कमी अनुशासनहीनता को दर्शाता है।

अनुशासन का महत्व पर लेख: article on importance of discipline in hindi (400 शब्द)

अनुशासन एक ऐसी चीज है, जो सभी को अच्छे नियंत्रण में रखती है। यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। हम में से हर एक ने अपनी आवश्यकता और जीवन के प्रति समझ के अनुसार विभिन्न रूपों में अनुशासन का अनुभव किया है। सभी के जीवन में इसकी उपलब्धता सही रास्ते पर जाने के लिए बहुत आवश्यक है।

अनुशासन: इसका महत्व और प्रकार (importance of discipline)

अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है क्योंकि योजना के अनुसार कुछ भी नहीं होता है। अगर हमें किसी भी कार्य को पूरा करने के बारे में सही तरीके से अपनी रणनीति को लागू करने की आवश्यकता है, तो हमें पहले अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। अनुशासन चीजों को आसान बनाता है और हमारे जीवन में सफलता लाता है।

अनुशासन आम तौर पर दो प्रकार के होते हैं। एक प्रेरित अनुशासन है जिसमें हम दूसरों के द्वारा अनुशासन में रहना सीखते हैं और दूसरा एक आत्म-अनुशासन है जो अनुशासन में रहने के लिए हमारे स्वयं के मन से आता है। हालाँकि, हमें अपनी आत्म-अनुशासन की आदत को सुधारने के लिए कुछ प्रभावी व्यक्तित्व से प्रेरणा की आवश्यकता हो सकती है।

हमें अनुशासन की आवश्यकता क्यों है?

हमें अपने जीवन के कई चरणों में अनुशासन की आवश्यकता है, इसलिए बचपन से अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा है। स्व-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है जैसे कि छात्रों के लिए, इसका मतलब है कि स्वयं को अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना और सही समय पर काम पूरा करना।

हालांकि, कामकाजी व्यक्ति के लिए, इसका मतलब है कि सुबह समय पर बिस्तर से उठना, व्यायाम करना, समय पर कार्यालय जाना और नौकरी के कार्यों को ठीक से करना।

जीवन में सेल्फ डिसिप्लिन

स्व-अनुशासन की सभी के लिए बहुत आवश्यकता होती है, क्योंकि आधुनिक समय में किसी के पास दूसरों को अनुशासन में रहने के लिए प्रेरित करने का समय नहीं है। अनुशासन के बिना कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में असफल हो सकता है और अपने कैरियर में शैक्षणिक या अन्य सफलता का आनंद नहीं ले सकता है।

हर क्षेत्र में आत्म-अनुशासन की आवश्यकता होती है, जैसे कि डाइटिंग में, किसी को वसायुक्त और जंक फूड पर नियंत्रण करने और नियमित व्यायाम आदि करने की आवश्यकता होती है। कोई भी भोजन पर नियंत्रण के बिना मोटापे जैसे स्वास्थ्य मुद्दों को विकसित कर सकता है, इसलिए इसे सख्त अनुशासन की आवश्यकता है।

माता-पिता को आत्म-अनुशासन की आदतों को विकसित करने की आवश्यकता होती है क्योंकि उन्हें अपने बच्चों को एक अच्छा अनुशासन सिखाने की आवश्यकता होती है। उन्हें हर समय अच्छा व्यवहार करने और सही समय पर सबकुछ करने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। कुछ शरारती बच्चे अपने माता-पिता की सलाह का पालन नहीं करते हैं, ऐसे में माता-पिता को उन्हें अनुशासन सिखाने के लिए धैर्य रखने की आवश्यकता होती है।

प्रकृति के अनुसार अनुशासन का अर्थ सीखने के लिए हर किसी के पास अलग-अलग समय और क्षमता है। इसलिए, कभी भी हार न मानें और हमेशा अनुशासन में रहने की कोशिश करें, क्योंकि आज उठाया गया एक छोटा कदम कल के लिए एक बड़ा बदलाव ला सकता है। अनुशासन हमेशा आपको एक बेहतर इंसान बनाएगा और आपको सफलता के करीब लाएगा।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Nice very helpful

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अनुशासन हर व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन कायम कर लेता है, वो व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त कर लेता है। अनुशासन का अर्थ (anushasan ka arth) की बात करें, तो ये दो शब्दों से अनु और शासन से मिलकर बना हुआ है जिसका अर्थ है नियंत्रण में रहना अथवा किसी भी काम के प्रति नियमों में रहना। विद्यार्थी और अनुशासन (vidyarthi aur anushasan) का नाता बहुत ही पुराना है। अगर विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व सिख लेते हैं, तो वे हर पड़ाव आसानी से पार कर लेते हैं। अनुशासन क्या है, अब तक आप समझ चुके होंगे। जीवन में अनुशासन का महत्व, अनुशासन के प्रकार और अनुशासन के लाभ बारे में जानने के लिए हमारा आर्टिकल पढ़ें।

अनुशासन दो शब्दों अनु और शासन से मिलकर बना हुआ है जिसका अर्थ है नियंत्रण में रहना अथवा किसी भी काम के प्रति नियमों में रहना। एक सुखीपूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है और उससे भी ज्यादा जरूरी है अनुशासन को निभाना उसे पूर्ण रूप से जीवन में बनाए रखना। यह जीवन के एक अभिन्न अंग की तरह काम करता है। अनुशासन सफलता पाने की कुंजी है।

अनुशासन का महत्त्व

अनुशासन का किसी एक कार्य में नहीं बल्कि जीवन के प्रत्येक हिस्से में महत्त्व है। अनुशासन हमारे भटकते जीवन को एक नई दिशा दिखाने का काम करता है। अनुशासन सफल जीवन की पहली राह है क्योंकि प्रगति की ओर बढ़ने में अनुशासन मुख्य रूप से सहयोगी होता है। समय किसी की नहीं सुनता, समय पर हर काम पूरा करना बेहद जरूरी होता है। यह अनुशासन के बिना असम्भव है।

समय को अपने हाथों में संजो कर रखना अनुशासन के साथ ही हो सकता है। अगर हम अनुशासन को बचपन से या विद्यार्थी समय से ही जीवन में उतार लेते हैं, तो हमारा जीवन किसी स्वर्ग से कम नहीं कहलाता है। हमारी पृथ्वी सजग रूप से चल रही है, किस वजह से? इसमें अनुशासन की ही अहम भूमिका है; समय पर सूर्य का उगना और ढलना, मौसम में परिवर्तन, फसलों को समय पर उगाना और काटना। यदि हमें राष्ट्र का भी विकास सजग रूप से होते हुए देखना है, तो उसमें भी अनुशासन का पालन करते हुए सभी परिवर्तन समय से होना जरूरी है।

अनुशासन का लाभ और आवश्यकता

अनुशासन के लाभ:- यदि हम अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, तो उससे ना हमारे जीवन में बदलाव आएगा बल्कि हमारी बढ़ती हुई बढ़ोतरी की वजह से हमें हर जगह मान–सम्मान प्राप्त होगा। प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा आदर किया जाएगा। यदि कोई भी ऐसा काम हो कि ये हमें आज ही करना जरूरी है जिसकी पल भर देरी सभी खराब कर सकती है वहां सबसे ज्यादा हमें अनुशासन ही लाभ देगा। अनुशासन की विद्यालय, सेना, सरकार से जुड़े काम, जीवन की हर प्रक्रिया में जरूरत होती है।

अनुशासन का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है?

अनुशासन हमारे जीवन से जुड़े प्रत्येक कार्य में जरूरी होता है। अनुशासन अपनाए बिना जीवन जीने का कोई मूल्य नहीं। यदि हम कोई भी काम करते हैं, तो जब तक हम उसमें कोई समय निश्चित नहीं करेंगे, उससे जुड़े नियमों के प्रति अनुशासन में नहीं रहेंगे, तो वह काम कभी समय पर पूरा होगा ही नहीं, वह आज करने या कल करने पर ही चलता रहेगा।

इससे जीवन की अर्थव्यवस्था हिल–डुल जाती है। प्रत्येक कार्यों में परिपक्वता बनाए रखने के लिए जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है। अनुशासन के बिना हमारा जीवन असफल है। अनुशासन को अपनाना शुरू में हमारे लिए बहुत ही मुश्किल होता है, क्योंकि एक ही बार में हम किसी भी कार्य के प्रति सजग नहीं होते है लेकिन अगर हम इसे पूर्ण रूप से अपना लेते हैं, तो उसका परिणाम हमारे लिए सबसे अधिक लाभप्रद होगा।

विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का क्या महत्त्व है?

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन कई प्रकार से विद्यार्थी का सहयोगी होता है। यदि विद्यार्थी शुरू से ही अनुशासन को अपने जीवन में उतार लेता है, तो उसे हर पग पर सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता। इससे वह केवल स्वयं का नहीं बल्कि अपने परिवार, अपने राष्ट्र का भी उद्धार करेगा। एक विद्यार्थी के लिए अनुशासन उसकी पढ़ाई, खेल–कूद, करियर हर चीज़ में काम आता है।

विद्यार्थी को अपने पूरी दिनचर्या में अनुशासन को बनाए रखना जरूरी होता है चाहे वह काम विद्यालय से जुड़ा हो या फिर घर से। उसे समय पर उठना, प्रतिदिन स्नान करना, समय से खाना खाना, अनुशासन में विद्यालय में जाना, सभी नियमों का पालन करना, विद्यालय द्वारा दिया गया कार्य समय से करना बहुत जरूरी माना जाता है। इस तरह की जीवनशैली ही जीवन को एक नई दिशा दे सकती है।

हम ऐसे कई विद्यार्थी भी देख सकते हैं जो बिना पढ़े ही पास होना चाहते हैं, किसी भी तरह के प्रयत्न में उनका कोई ध्यान नहीं होता। वे अपने जीवन की दुर्दशा कर लेते है। सबसे पहले तो ऐसे विद्यार्थियो के लिए अनुशासन बहुत जरूरी होता है।

अनुशासन का पालन कैसे करना चाहिए?

हमें समय से उठकर, नियमित नहाकर, संतुलित आहार खाना चाहिए। हम जो भी काम करते हैं हमें ध्यान रखना चहिए कि वह काम समय से पूरा हो जाए। हमें इधर-उधर घूमकर व्यर्थ की बातों में समय नहीं गवाना चाहिए। ना ही ऐसी कोई आदत अपनानी चाहिए जो हमारे जीवन और अनुशासन पर गलत प्रभाव डाले।

अनुशासन कितने प्रकार के होते हैं?

अनुशासन के प्रकार मुख्य रूप से दो होते हैं:- 1. बाह्य अनुशासन और 2. आंतरिक अनुशासन। बाह्य रूप से अनुशासन का अर्थ है किसी के द्वारा थोपने पर अनुशासन को जीवन में उतारना जिसका कोई मोल नहीं; यह भी कुछ ही समय के लिए जीवन में चलता है। जबकि आंतरिक अनुशासन का ही जीवन में मोल होता है। क्योंकि जब तक हम किसी भी चीज़ को आंतरिक रूप से नहीं अपनाएंगे, वह बात और लक्ष्य कभी पूरा नहीं होगा।

अनुशासन का उद्देश्य क्या है?

अनुशासन का उद्देश्य है समाज में शांति बनाए रखना, सामाजिक या आर्थिक अर्थव्यवथा को नियंत्रण में रखना, शासन बनाए रखना, जीवन को सही दिशा में रखना, मनुष्य को जीवन के कर्म के प्रति प्रेरित करना। अनुशासन का दूसरा नाम क्या है:- अनुशासन के दूसरे नाम को हम विद्यार्थी जीवन से संबोधित कर सकते हैं। यह धारना त्रिभुवनेश भारद्वाज द्वारा मानी गई है।

अनुशासन कैसे बनाया जाता है?

हमें अपने जीवन में अनुशासन को बनाए रखने के लिए हर एक चीज़ का ध्यान रखना होगा कि कब हमें उठना है, किस समय खाना खाना है ऐसी दिनचर्या के साथ हमें सबसे पहले समय के महत्त्व को समझना है। हमें नियमों का सटीकता से पालन करना है। किसी भी काम को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास बनाए रखना है। इसके साथ हमें सकारात्मक सोच भी रखनी है ताकि किसी भी काम में अगर हमें कोई हानि प्राप्त होती है, तो भी हम अनुशासन बनाते हुए आगे बढ़ सकें।

हम इसका यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यदि हम अपने जीवन में अनुशासन को नियमित रूप से मानने लगते हैं, तो यह हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। एक अनुशासित व्यक्ति को कोई पकड़ नहीं सकता, हर कोई उसके जैसा बनने की इच्छा रखेगा। अनुशासन के बिना जीवन जीने का कोई मतलब नहीं होता है। अनुशासन हमारे लिए जिंदगी सवारने जैसा होता है।

अनुशासन पर निबंध 100 शब्द

अनुशासन जीवन का एक मूल अंग है। इसके बिना कोई भी इंसान सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है। हमें एक अच्छा इंसान बनना है तो हमें अपने जीवन में अनुशासन लाना बहुत ही जरूरी है। हर एक इंसान की सफलता के पीछे अनुशासन होता है। यदि आप छात्र हैं और आप एक अनुशासन के साथ अपनी पढ़ाई करते हैं, तो आपको परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता है। अगर आप एक निजी कंपनी में काम करते हो। उस काम को आप पूरे अनुशासन के साथ करते हो, तो आपको एक सफल इंसान बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।

अनुशासन पर निबंध 300 शब्द

मेरे परीक्षा में अच्छे अंक नहीं आए। क्या अपने अपनी पढ़ाई अनुशासन के साथ की थी?, सवाल इसलिए है क्योंकि अगर आप परीक्षा से पहले पूरे अनुशासन के साथ पढ़ाई करते तो आपके जरूर अच्छे अंक आते। जो विद्वान आज सफलता की सीढ़ी चढ़ रहें हैं, उसके पीछे केवल अनुशासन ही है।

उन्होंने अपने सभी काम एक अनुशासन के साथ किये हैं। ऐसे दुनिया में अनेक लोग हैं जो अपना सभी काम अनुशासन के साथ करते हैं। अनुशासन के बिना हमारा जीवन असफल है। अनुशासन को अपनाना शुरू में हमारे लिए बहुत ही मुश्किल होता है, क्योंकि एक ही बार में हम किसी भी कार्य के प्रति सजग नहीं होते हैं लेकिन अगर हम इसे पूर्ण रूप से अपना लेते हैं, तो उसका परिणाम हमारे लिए सबसे अधिक लाभप्रद होगा।

हमें अपने जीवन में अनुशासन लाने के लिए हर प्रयास करने चाहिए। जैसे कि हमें सुबह कब उठना है, हमें किस समय पढ़ाई करनी है, किस समय लंच-डिनर करना है, हमें दिनचर्या को पूरे अनुशासन के साथ करना है। इसके साथ-साथ हमें एक सकारात्मक सोच भी रखनी है। यदि हम सकारात्मक सोच रखेंगे, तो हमारा पूरा काम आसान हो जायेगा।

अनुशासन हमारे लिए एक बहुत अच्छा अवसर पैदा करता है। जीवन में आगे बढ़ने का एक सही तरीका भी सिखाता है। अनुशासन के साथ हम कम समय में अपने जीवन को बहुत अच्छा बना सकते हैं। एक अनुशासित व्यक्ति जब समाज के लिए काम करता है, तो उसके सभी गुण एक मिसाल बन जाते हैं। अनुशासित व्यक्ति के साथ लोग अच्छे से पेश आते हैं। लेकिन अनुशासनहीन व्यक्ति के साथ न ही समाज और न ही लोग अच्छे से पेश आते हैं। इसलिए जीवन में हर व्यक्ति को अनुशासन का पालन कर एक अच्छा इंसान बनना चाहिए।

अनुशासन पर 10 लाइनें

  • अनुशासन हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
  • हमें आज से ही अपने जीवन में अनुशासन का पालन करना होगा।
  • अनुशासन के बिना हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
  • अगर हमने अनुशासन का पालन नहीं किया, तो हमारा जीवन असफलता की तरफ जा सकता है।
  • अनुशासन हमें एक अच्छा इंसान बनाता है।
  • अनुशासन का पालन करना विद्वान का सबसे बड़ा गुण है।
  • जीवन में अनुशासन का न होना, हमें आलसी, बेपरवाह और लापरवाह बनाता है।
  • अनुशासन हमें जीवन में सम्मान दिलाता है।
  • जीवन में अनुशासन हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
  • अनुशासन के परिणाम हमारे लिए सबसे अधिक लाभदायक होंगे।

अनुशासन पर आधारित FAQ s

अनुशासन से क्या समझते हैं?

अनुशासन हर इंसान के लिए बहुत जरूरी है जैसे इंसान के लिए खाना, पीना, रहना, सोना घूमना-फिरना आदि। अनुशासन का मतबल साफ है यदि अनुशासन नहीं तो जीवन में सफलता नहीं।

जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है?

जैसे जीवन को जीने के लिए पानी बहुत जरूरी है वैसे ही जीवन में अनुशासन भी बहुत जरूरी है। अनुशासन का किसी एक कार्य में नहीं बल्कि जीवन के प्रत्येक हिस्से में महत्त्व है।

विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है?

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन कई प्रकार से विद्यार्थी का सहयोगी होता है। यदि विद्यार्थी शुरू से ही अनुशासन को अपने जीवन में उतार लेता है, तो उसे हर पग पर सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता। इसलिए विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का बहुत ही महत्व है।

अनुशासन के प्रकार मुख्य रूप से दो होते हैं:- बाह्य और आंतरिक अनुशासन। पूरी जानकारी ऊपर आर्टिकल से पढ़ें।

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अनुशासन का महत्व पर निबंध | Essay on Discipline In Hindi

अनुशासन का महत्व पर निबंध Essay on Discipline In Hindi : सभी के जीवन में अनुशासन अत्यंत आवश्यक हैं. अनुशासन जीवन को संयमित एवं नियंत्रित करता हैं.

अनुशासन के माध्यम से ही जीवन संतुलित बनता हैं और विकास करता हैं. अनुशासन का अर्थ हैं निति नियमों का पालन करना.

आज के अनुशासन के महत्व   पर यहाँ बात करने वाले हैं. अनुशासन पर निबन्ध हिंदी में आपकों इसका अर्थ परिभाषा प्रकार, जीवन व विद्यार्थी के जीवन में महत्व तथा अनुशासन हीनता के नुकसान तथा डिसिप्लिन के फायदों के बारे में जानकारी इस निबन्ध में दी गई हैं.

अनुशासन का महत्व पर निबंध Essay on Discipline In Hindi

अनुशासन का महत्व पर निबंध | Essay on Discipline In Hindi

जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन अलग अलग हैं. जैसे भोजन का अनुशासन अलग हैं. रहन सहन का अनुशासन अलग हैं. जीवन जीने के तौर तरीको का अनुशासन अलग हैं.

अनुशासन हमारे जीवन के लिए आवश्यक नही, बल्कि प्रकृति ने स्वयं को भी अनुशासनबद्ध करके रखा हैं. बिना अनुशासन के वह अनियंत्रित होती हैं.

प्रकृति का अनुशासन सभी पर समान लागू होता हैं. लेकिन मानव जीवन का अनुशासन देश काल की परिस्थतियों के अनुसार बदलता हैं.

अनुशासन है नीति नियमों का पालन करना. अनुशासनों का निर्धारण मनुष्य स्वयं करता हैं, इनमें आवश्यकतानुसार फेर बदल भी करता हैं. लेकिन अनुशासन का निर्माण बहुत सोच समझकर किया जाता हैं.

अनुशासन होते ही इसलिए है ताकि जीवन को सही दिशा दी जा सके. इनके माध्यम से जीवन की ऊर्जा का अनावश्यक व्यय नही होता, बल्कि सुनियोजन होता हैं.

जीवन में अनुशासन पर निबंध

पतंजली ने भी योगदर्शन के आरम्भिक सूत्र में सबसे पहले योग अनुशासन की बात कही हैं. अथ योगानुशासनम. अनुशासन है हमें सचेत करने के लिए.

इस बात पर ध्यान आकर्षित करने के लिए कि अब हम विशेष पथ पर चल रहे हैं, विशेष नियमों का पालन करना अब जरुरी हैं, अन्यथा हम भटक सकते हैं, दिग्भ्रमित हो सकते हैं.

अनुशासन नदी के दो किनारों की तरह हमें बहकने तथा भटकने नही देता. अनुशासन हमारे जीवन में वह रेखा खीच देता हैं, जो हमारे लिए अत्यंत जरुरी है और जिसे पार करने में हमारे नुकसान की संभावना हैं.

इसलिए विशेष कार्यों में अनुशासन का पालन करना अत्यंत जरुरी हो जाता हैं. अनुशासन के अभाव में सारी व्यवस्थाएं गड़बड़ा जाती हैं.

अनुशासनहीनता होने पर नुक्सान होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसलिए किसी बड़े कार्य को प्रारम्भ करने से पूर्व अनुशासन के नीति नियम निर्धारित कर लिए जाते हैं.

और उसी के अनुसार कार्यक्रम सम्पन्न किये जाते हैं, जरा भी अनुशासन की अवहेलना होने वाले कार्यक्रम की सफलता में बाधा डालती हैं.

हमारी प्रकृति को भी अनुशासन अति प्रिय हैं. प्रकृति की इसी अनुशासनप्रियता के कारण ही ऋतुएँ समय पर आती और चली जाती हैं. मौसम में समयानुसार ही परिवर्तन होता हैं और हम यह निश्चित कर पाते है कि अमुक महीने में वर्षा ठंड या गर्मी होगी.

यदि प्रकृति का अनुशासन हमें पता नही होता तो इस बात का निर्धारण करना कठिन हो जाता कि आने वाला समय क्या लेकर आने वाला हैं.

आज प्रकृति और मानव जीवन दोनों का ही अनुशासन गड़बड़ाया हैं. मनुष्य के अवांछनीय कार्यों के कारण प्रकृति में प्रदूषण बढ़ा हैं व इसका जलवायु पर बहुत ही घातक प्रभाव पड़ा हैं.

फलतः प्रकृति के अनुशासन में गड़बड़ियाँ उत्पन्न होने लगी हैं और इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा हैं. मनुष्य व अन्य सभी जीवधारियों व वनस्पतियों को. मनुष्य जीवन का भी अनुशासन गड़बड़ाया हैं.

फलतः कई तरह की जीवन शैली से सम्बन्धित बीमारियाँ प्रकट होने लगी हैं. जब तक मानव अनुशासन के इस विशेष महत्व को नही समझेगा और उसका पालन नही करेगा, उसे प्रकृति उसकी इस अनुशासनहीनता का दंड विभिन्न स्वरूप में देती रहेगी.

अनुशासन व अनुशासनहीनता को समझने के लिए पानी का उदहारण बहुत सटीक और उपयुक्त हैं.पानी बाढ़ के रूप में बहता हैं और बाँध के द्वारा भी बहता हैं. बाढ़ का पानी अनुशासनविहीन होता हैं.

उसके पास बहने और बधने की कोई विधि नही होती, इसलिए वह कोई लाभ नही पहुचाता, केवल बह जाता हैं और बहुत नुकसान पहुचाता हैं, विनाश का कारण बनता हैं.

जबकि बाँध का पानी मर्यादा में रहता हैं तटों की मर्यादा से बंधा रहता हैं. उसकी यह मर्यादा और अनुशासन उसे विकास का माध्यम बना देती हैं.

पानी दोनों ही अवस्था में हैं और पानी की बूद जीवनदायिनी होती हैं, लेकिन अनुशासनविहीन होने पर बाढ़ का पानी विनाश करता है और अनुशासन में रहकर बाँध का पानी विकास कार्यों में सहयोगी होता हैं.

इसलिए हमें भी अपने जीवन को टटोलना चाहिए, कि हमारा जीवन अनुशासन के दायरे में हैं अथवा नही. अनुशासन मतलब जीवन के सिद्धांत, नीति नियम, मर्यादाएं, सीमाएं हमारे जीवन में हैं अथवा नही.

यदि है तो हम उनका कितना पालन कर पाते हैं, यदि नही है हम किसी अनुशासन को नही मानते हैं, इन्हें बंधन समझते हैं तो फिर हमारे जीवन की स्थिति कैसी हैं. नीति नियम इसलिए बनाएं जाते हैं ताकि जीवन की ऊर्जा व्यर्थ बर्बाद न हो.

इसका सदुपयोग हो. साधना इसलिए की जाती है और इसके नियम निर्धारित किये जाते हैं, ताकि साधना सही मार्ग पर, सही ढंग से आगे बढ़े और अपने गंतव्य तक पहुच सके.

सिद्धि को प्राप्त हो सके. अन्यथा साधना तो बहुत से लोग शुरू करते हैं लेकिन नियम अनुशासनों के अभाव में भटककर रह जाते हैं.

यह जरुरी नही कि सदैव दूसरों के बने बनाएं अनुशासन पर चला जाए और उनका पालन करते रहा जाए. यदि जीवन में कुछ विशेष करना हैं तो अपने जीवन का अनुशासन हमें स्वयं बनाना होगा और उसका पालन करना होगा.

परमपूज्य गुरुदेव का कहना था कि अनुशासन का पालन करने क्व लिए छोटे छोटे संकल्प ले और उन्हें पूरा करे और इस तरह अपने जीवन में अनुशासन की शुरुआत करे.

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10 Lines Discipline in Hindi | अनुशासन पर 10 लाइन निबंध

In this article, we are providing 10 Lines on Discipline in Hindi for students and kids for classes 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. अनुशासन पर 10 वाक्य | पंक्तियाँ, Short Essay on Discipline in Hindi 10 lines.

10 Lines Discipline in Hindi | अनुशासन पर 10 लाइन निबंध

( Set- 1 ) 10 Lines Discipline in Hindi for kids

1. हमारे जीवन मे अनुशाशन का बहुत महत्व है |

2. अनुशाशन हमे नियमो का महतव बताता है |

3. इसके किसी किसी भी कार्य को आसानी से नहीं किया जा सकता है |

4. अनुशासन हीन व्यक्ति कभी भी सफलता नहीं पा सकता है |

5. अनुशाशन ही सफलता की पहली सीढ़ी है |

6. यह हमे सही रास्ते पर ले जाता है |

7. इसकी सहायता से मुश्किल कार्य को आसानी से पूरा किया जा सकता है |

8. अनुशाशन हमरे अच्छे चरित्र का निर्माण करता है|

9. विद्यार्थी जीवन मे अनुशाशन का बहुत महत्व है |

10. इसलिए सदैव अनुशाशन के नियमो का पालन करना चाहिए |

जरूर पढ़े-

Vidyarthi Aur Anushasan Par Nibandh

Adarsh Vidyarthi Par Nibandh

( Set- 2 ) 10 Lines Discipline in Hindi | Anushasan par 10 line

1. अनुशासन का मतलब होता है, हमेशा अपने नियमों का पालन करते रहना।

2. किसी भी काम में सफल होने के लिए अनुशासन का होना बहुत जरूरी है।

3. एक अनुशासित व्यक्ति हमेशा अपने सारे काम पुरी ईमानदारी से करता है।

4. एक अनुशासित व्यक्ति का जिवन बहुत सफल और समृद्ध होता है।

5. अनुशासन हमारी बुद्धि और चरित्र को विकसित करता है।

6. हमारे खाने की आदतों में अनुशासन, हमें स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।

7. हर महान इंसान में एक बात सामान्य होती हैं कि सभी के सभी बहुत ही अनुशासित इंसान होते हैं।

8. अनुशासन से ही हमारे जीवन में आत्मविश्वास और आत्म-नियंत्रण आता है।

9. अनुशासन की मदत से हम अपनें सारे काम समय से पहले ही कर लेते हैं।

10. एक अनुशासनहीन व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता है।

Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Essay

Speech on Discipline in Hindi

इस लेख के माध्यम से हमने Ten lines on Discipline in Hindi Essay का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

Anushasan ke bare mein 10 line lines on Anushasan in hindi Discipline par lines | Vakya

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Nibandh

अनुशासन पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - अनुशासन का अर्थ - अनुशासित व्यक्ति के गुण - अनुशासन का महत्त्व - अनुशासन के नियम - अनुशासन के लाभ - उपसंहार।

अनुशासन किसी के व्यक्तित्व का आधार होता है। हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। अगर आधार सही नहीं है, तो व्यक्तित्व मजबूत नहीं हो सकता। अनुशासन हमे सही समय में सही तरीके से समय का उपयोग करना तथा काम करना सिखाता हैं। अनुशासित होने का अर्थ है अपने शरीर और मस्तिष्क पर नियंत्रण रखना। यह हमें अपने समाज के नियमों का पालन करने योग्य बनाता है।

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है - 'अनु' और 'शासन'। अनु का अर्थ है 'पालन' और शासन का अर्थ है 'नियम'। अनुशासन का अर्थ है 'नियमों का पालन करना'। हमारे जीवन में अनुशासन का अधिक महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज में रहता है और उसमें रहने के अनुशासित रहना आवश्यक है। अनुशासन हमारी सफलता की वह सीढ़ी है, जिसके सहारे हम अपनी मंजिल हासिल कर सकते है तथा अपने सपने पुरे कर सकते है।

हमलोगों को बचपन से ही अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है। बैठना, खड़ा होना, बात करना, खाना खाना, व्यवहार करना आदि के तरीके अनुशासन के प्रारंभिक पाठ हैं। हमारे बुजुर्ग हमें ये पाठ पढ़ाते हैं। हम कभी-कभी गुस्सा हो जाते हैं, परंतु हमें यह समझना चाहिए कि यह हमारी भलाई के लिए ही है। एक अनुशासित व्यक्ति अपने समाज के सभी नियमों का पालन करता है। वह दूसरों को सम्मान देता है और दूसरों से सम्मानित होता है। उसे अपने व्यवहार पर पूर्ण नियंत्रण रहता है। वह कभी कानून का उल्लंघन नहीं करता। वह कभी किसी को दुःख नहीं देता। वह एक सच्चा देशभक्त होता है। वह स्वयं को भ्रष्टाचार एवं धोखेबाजी से दूर रखता है।

छात्र-जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्त्व होता है। छात्र को हर सुबह जल्दी जग जाना चाहिए। उसे अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। उसे अपना अधिकांश समय अपने अध्ययन में देना चाहिए। उसे झूठ नहीं बोलना चाहिए। उसे कभी भी धोखा नहीं देना चाहिए। उसे कभी किसी के प्रति अशिष्ट नहीं होना चाहिए। उसे अच्छी संगति रखनी चाहिए। छात्र देश के भविष्य होते हैं। इसलिए उन्हें उचित रूप से अनुशासित होना चाहिए। संसार के प्रत्येक महान् व्यक्ति का जीवन अनुशासित रहा है। अनुशासन के बिना कोई व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। अनुशासन हमें हमेशा शानदार अवसर देता है जैसे, आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के भीतर अधिक अनुभव करने, आदि। जबकि, अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा होते हैं। अनुशासनहीनता के कारण जीवन में कोई शांति और प्रगति नहीं होती है, जिस कारण मनुष्य अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता और अपने जीवन से निराश होकर गलत कदम उठाने पर विवश हो जाता हैं।

हमें अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि बाल काल से अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीड़ी मानी जाती है। हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए :

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
  • अपने से छोटे और बड़े लोगों का सम्मान करना चाहिए।
  • अपने कार्यों को समय पर पूरा करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना चाहिए अर्थात समय का सही उपयोग करना चाहिए।
  • बुरी आदतों और कार्यों से हमेशा दूर रहना चाहिए।
  • हर व्यक्ति के प्रति सकारात्मक सोच रखना चाहिए।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना चाहिए और हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए।
  • अपने जीवन में कोशिश करें की हमेशा सयम से काम करें।

जीवन में अनुशासन से रहने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। विद्यार्थियों के लिये अनुशासन सफलता का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यदि कोई छात्र अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हुए अपना अध्ययन करता है, तो उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। यही कारण है कि छात्र जीवन में अनुशासन को सफलता का आधार माना गया है। जो लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, वह कई तरह की परेशानियों से दूर रहते हैं। इसके साथ ही जो व्यक्ति अनुशासन के साथ जीवन जीते हैं, उन्हें अनुशासनहीन व्यक्तियों कि अपेक्षा जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। एक ओर जहाँ छात्रों के लिये यह उनके भविष्य को सुनहरा बनाने का कार्य करता है, वही दूसरी ओर नौकरी-पेशा लोगों के लिये यह तरक्की के मार्ग भी खोलता है।

स्वतंत्रता के पहले बहुत-सी समस्याएँ नहीं थीं। लेकिन अब, हमारा देश भ्रष्टाचार, घूसखोरी, घोटाला, धोखेबाजी, आतंकवाद आदि-जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। कुछ युवा भ्रमित हो चुके हैं। सिर्फ शिक्षित और अनुशासित युवा ही हमारे देश को उज्ज्वल भविष्य दे सकते हैं। अंत: यह कहना गलत नहीं होगा कि अनुशासन वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई की ओर चढ़ सकता है। यह उसे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्य से भटकने नहीं देता हैं। अनुशासन ही इन समस्याओं का एकमात्र समाधान है।

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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के महत्व पर भाषण

अनुशासन छात्र जीवन का इतना अभिन्न हिस्सा है कि हम इसके बिना हमारे अस्तित्व की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जब हम रोज़ अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हैं तो हम अक्सर इसके बारे में बात करते हैं तथा इससे मुक्ति पाना चाहते हैं। जब हम गुज़रे समय पर नज़र डालते हैं और हमारे स्कूल के दिनों के बारे में सोचना शुरू करते हैं जब हमारे शिक्षक हमें जीवन में अनुशासन के महत्व के बारे में बताते थे। तो यह एक ऐसा विषय है जब शिक्षक अपनी कक्षाओं में उनके छात्रों के व्यवहार को निखारने के लिए संबोधित करते हैं।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के महत्व पर भाषण (Speech on Value of Discipline in Student Life in Hindi)

सम्मानित प्रिंसिपल, अध्यक्ष समिति के सदस्य, शिक्षकगण और प्रिय साथी छात्र – आप सभी को मेरी ओर से नमस्कार!

आइए सबसे पहले सुबह में खिली हुई धूप और हमारे स्कूल की सुंदरता का आनंद ले और हमें यह बहुमूल्य उपहार देने के लिए सर्वशक्तिमान के प्रति आभार व्यक्त करें।

आज मैं – कक्षा-X का छात्र शिखवंत शर्मा अनुशासन पर भाषण देने के लिए आपके सामने मंच पर खड़ा हूँ। मुझे आप सभी के साथ यह तथ्य साझा करते हुए जरा भी प्रसन्नता नहीं हो रही है कि हमारे शिक्षक और प्रबंध समिति हमारे स्कूल में बढ़ती अनुशासनहीनता से बहुत ज्यादा परेशान हैं। एक समय था जब हमारे स्कूल को पूरे क्षेत्र में सभी वर्गों में अनुशासन बनाए रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्कूल से सम्मानित किया गया था और अब दुर्भाग्यवश यह समय आ गया है कि हमारा स्कूल धीरे-धीरे अपने विशिष्ट गुणों की वजह से बुरी पहचान बना रहा है।

कुछ छात्रों को अक्सर स्कूल में देर से आते हुए देखा जा सकता है जिसके कारण अन्य छात्रों की भी इसके कारण बुरी छवि बन रही है। इतना ही नहीं छात्रों ने कक्षाएं बंकींग करनी भी शुरू कर दी हैं जिसके कारण छात्र परीक्षाओं की ओर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और अपने परीक्षणों में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि मैंने अनुशासन पर भाषण देने के लिए पहल की और मेरे कनिष्ठ और साथ-साथ छात्रों को हमारे जीवन में अनुशासन के महत्व का एहसास करने पर जोर दिया क्योंकि प्रबंधन समिति छात्रों के लिए सख्त नियम लागू नहीं करना चाहती है। वे उन छात्रों के लिए पर्यावरण अनुकूल और मददगार बनाने में विश्वास करते हैं जहां वे स्वाभाविक रूप से छात्रों को सीखने और विकास की संभावनाओं के प्रति प्रेरित कर सकें।

तो मैं आपको मित्रों यह बताना चाहूंगा कि ये हमारे सभी शिक्षाविदों की अच्छी नींव रखने के लिए सबसे बहुमूल्य समय है। दूसरा यह मजबूत नींव केवल अनुशासित जीवन शैली को अपनाने से ही निर्धारित की जा सकती है और यह अनुशासन हमारे विद्यालय से ही शुरू होता है। शैक्षिक अनुशासन में क्रमशः मानव शरीर और मस्तिष्क की शारीरिक और मानसिक कंडीशनिंग की प्रक्रिया शामिल है।

हम सभी को यह जानना चाहिए कि अनुशासन हमारे उद्देश्यों और उपलब्धियों के बीच पुल के रूप में कार्य करता है। अनुशासन का उद्देश्य एक निजी राष्ट्र के निर्माण के लिए व्यक्तिगत लक्ष्यों को हासिल करने के लिए या समाज द्वारा बनाए गए नियमों और कायदा कानूनों का पालन करने के लिए तैयार करने का प्रावधान है। ज्यादातर समय अनुशासन को दूसरों के द्वारा पालन करने की सलाह देने की बजाए स्वयं पालन करना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति में यह दूसरे व्यक्ति का जीवित रहना मुश्किल कर सकती है। हालांकि हमें यह समझना चाहिए अनुशासन हमारी अपनी भलाई और प्रगति के लिए है। यह महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति अनुशासन का पालन करें, चाहे वह गृहिणी हो, पेशेवर, व्यापारिक व्यक्ति, कलाकार या किसी विषय पर काम कर रहा कोई छात्र हो।

छात्रों के रूप में अनुशासित जीवन जीना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है यानी समय पर विद्यालय आना, सभी कक्षाओं में भाग लेना, सभी कक्षाओं की शिक्षाओं का पालन करना और हमारी शिक्षाविदों और इच्छाओं के बीच संतुलन बनाना।

हिसाब लगाना जरा मुश्किल है लेकिन अनुशासन हमारे व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है इसके बाद बड़े पैमाने पर हमारी संस्था और हमारे देश की प्रगति का नंबर है। इसकी अनुपस्थिति हमें विफलताओं और पराजय का सामना करने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए छात्रों के रूप में हमारा सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण समय पर ध्यान होना चाहिए और हमारी पढ़ाई के लिए ईमानदारी से समर्पित होना चाहिए।

अंत में मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि हमें अपने स्कूलों के उज्ज्वल छात्र बनने और हमारे संस्थान को प्रोत्साहन देने के लिए स्व-नियमन के साथ-साथ अपने जीवन पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए।

आदरणीय शिक्षकगण और प्रिय छात्रों – मैं आपका हमारे संस्थान के मासिक भाषण समारोह में स्वागत करता हूं!

मुझे इस तथ्य पर बहुत प्रसन्नता हो रही है कि हमारी संस्था ने सफलतापूर्वक 5 वर्ष पूरे कर लिए है और उसके बाद से इस जगह के साथ मेरा बंधन मजबूत हो रहा है। मैं ऐसे और कई वर्षों की लगातार सफलता और विकास की इच्छा रखता हूं और आशा करता हूं कि हम अपने देश के युवाओं को ज्ञान और सही मूल्यों के साथ सही रास्ता दिखाएंगे। आज इस संस्थान के वरिष्ठ संकाय सदस्यों में से एक के रूप में मैं यहां इस समारोह की मेजबानी कर रहा हूं और अपने सभी विद्यार्थियों के लिए अनुशासन पर एक संक्षिप्त भाषण देना चाहता हूं क्योंकि यह समय की आवश्यकता बन गया है। वर्तमान समय में हमारे युवा बहुत हद तक एक अनियमित जीवन शैली जी रहे हैं और नियमों और कायदे-कानूनों को तोड़ रहे हैं।

हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि समय पैसा है और अगर हम समय को नष्ट करेंगे तो समय हमें नष्ट कर देगा! इसलिए जीवन के हर दौर में अनुशासन आवश्यक है चाहे हम छात्र हों या न हों। अनुशासन हमारे जीवन का सार है और यदि हम इससे दूर रहते हैं तो हमारे भविष्य की संभावनाओं पर निश्चित रूप से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यद्यपि समय बीतने के साथ आपको अस्थायी खुशी जरुर मिलेगी लेकिन अंत में आपको केवल एक दर्दनाक अनुभव का परिणाम मिलेगा। इसलिए शुरुआत से ही हमारी ज़िंदगी को अनुशासित करना महत्वपूर्ण है जिससे हमारे जीवन को संचालन करने का एक आधार बन सके।

वास्तव में जीवन के सभी चरणों में न केवल अनुशासन की आवश्यकता होती है बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में भी। उदाहरण के लिए एक सेना इसके बिना अपने अस्तित्व की कल्पना भी नहीं कर सकती है और इसलिए सेना अपने विभाग में जीरो टोलरेंस नीति के साथ सख्त अनुशासन लागू करती है। एक शैक्षिक संस्थान भी इसके बिना कार्य नहीं कर सकता है। यह यही कारण है कि शिक्षक और छात्रों दोनों के लिए तयशुदा समय आवंटित किए जाते हैं और हर एक को इसका पालन करने को कहा जाता है ताकि संस्था का नियम और कायदा-कानून बरकरार रखा जा सके।

इसी तरह कॉर्पोरेट, अदालतों, सभागारों आदि में जगह की पवित्रता को बनाए रखने के लिए छोटे निजी फर्म अनुशासन सहित बनाए रखे जाने चाहिए। अस्पतालों में आगंतुकों को केवल निश्चित घंटों में ही मिलने की अनुमति दी जाती है। इसके अलावा किसी भी आगंतुक को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिलता। यहां तक ​​कि आपके बिजली बिल या टेलीफोन बिल का भुगतान या फिल्म टिकट खरीदने के लिए भी आपको एक कतार में खड़े होना होगा और अपना काम पूरा करना होगा।

जब हमारे निजी जीवन की बात आती है तो हम पूरी तरह से शाही जीवन का आनंद नहीं उठा सकते और थोड़ा अनुशासन स्थिर और सार्थक जीवन के लिए बनाया रखा जाना ज़रूरी है। उदाहरण के लिए यदि आप अत्यधिक मात्रा में खाना खाते हैं तो आपको पेट में दिक्कत हो जाएगी। इसी तरह यदि आप देर रात तक टीवी देखते हैं तो आप अगली सुबह बीमार महसूस करेंगे। यदि आप अपने अध्ययन के प्रति अनुशासित नहीं रहेंगे तो आप विचलित महसूस करेंगे और अपनी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे।

इसलिए संक्षेप में कहूँ तो जीवन का आनंद तब उठाया जा सकता है जब अनुशासन की पालना समय पर हो। जीवन तब नीरस हो जाता है जब मनुष्य के जीवन में किसी प्रकार की उत्सुकता ना रहे और हमारा अस्तित्व पशु जैसा बन जाए। अंत में मैं अपने विद्यार्थियों से अनुरोध करता हूं कि किसी भी अन्य व्यक्ति को अपने जीवन में नियम लागू न करने दे बल्कि आत्म-अनुशासन का पालन करें, अपने आप को व्यवस्थित करें और इससे लाभ हासिल करने की कोशिश करें।

आदरणीय प्रधानाचार्य, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्रिय छात्रों! मेरी ओर से आप सभी को सुप्रभात।

आज छात्रों के बीच अनुशासन के बारे में चर्चा के उद्देश्य से यह विशेष सभा आयोजित की गई है। इस विद्यालय में एक शिक्षक के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि छात्रों को अपने जीवन में अनुशासन के महत्व का एहसास कराना चाहिए। तो अपना भाषण शुरू करने से पहले मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि अनुशासन क्या है? अनुशासन वास्तव में एक ऐसे व्यक्ति का एक नियंत्रित व्यवहार है जो हर क़ायदे और नियम का पालन करता है और इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि नियमों का पालन कहाँ किया जा रहा है। इन दिनों छात्रों के बीच अनुशासन के प्रति उत्साह कम हो रहा है और यह एक बहुत ही समस्याग्रस्त स्थिति है जिसे तुरंत हल करने की जरूरत है।

अनुशासन एक छात्र की जिंदगी में वह पहली चीज है जो उसे सफलता की राह पर ले जाती है। स्कूल में नियमों और कायदों को स्थापित करने का कारण यह है कि छात्रों को अनुशासन और उनके बीच विनयशील बने रहने के बारे में सिखाना है। किसी भी छात्र की शुरुआती जिंदगी में जब वह पढाई शुरू करता है तो यह वह समय है जहां अनुशासन का शिक्षण शुरू होता है और माता-पिता अपने बच्चे में अनुशासन बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि एक बच्चा केवल स्कूल में ही लगभग आठ घंटे बिता देता है और शेष अपने माता-पिता के साथ। हमारे जीवन में अनुशासन के महत्व को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। अनुशासन केवल बच्चों के लिए महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि हर व्यक्ति के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।

अगर हम परिपक्वता के बारे में बात करे तो सीखने के लिए आत्म अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमें अनुशासन में रहने और विनम्र रहने में मदद करता है। यह सबसे कठिन कार्य है। एक अच्छे स्कूल का अस्तित्व केवल तभी संभव है अगर वहां अनुशासन है यह माता-पिता के लिए स्कूल में बच्चों को भेजने का पहला उद्देश्य यही है। जरा सोचिए यदि छात्र अपने स्कूल में अपनी मन-मर्ज़ी से ही सब कुछ करेंगे तो शिक्षकों के लिए पढ़ाना असंभव हो जाएगा। मुझे विद्यार्थियों से कई शिकायतें मिली हैं कि वे अपनी कक्षा में साथी छात्रों के द्वारा किए शोर के कारण अध्ययन करने में सक्षम नहीं हैं। यह छात्रों के बीच अनुशासन की कमी के कारण है। यह जिम्मेदारी न सिर्फ स्कूल की बल्कि माता-पिता, स्कूल और सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार द्वारा इससे संबंधित कुछ उपाय किए जाने चाहिए। अनुचित थोड़ी उपस्थिति धारकों के लिए जुर्माना होना चाहिए। सही व्यवहार के लिए स्कूल में सख्त नियम होना चाहिए।

लेकिन कभी-कभी एक छात्र के खराब व्यवहार के पीछे का कारण उसके परिवार की स्थिति और व्यक्तिगत समस्याएं भी होती हैं। कई बार विद्यार्थी अपनी समस्याओं को समझने में सक्षम नहीं होते और वे हताश-निराश हो जाते हैं तथा बुरा व्यवहार करना शुरू कर देते हैं। शिक्षकों की जिम्मेदारी विद्यार्थियों के खराब व्यवहार के कारण समझने की है और उन्हें अपनी जिम्मेदारी की उपेक्षा नहीं करना चाहिए। इस प्रकार मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि हम सभी को छात्रों के बीच अनुशासन बनाए रखने की जिम्मेदारी समझनी चाहिए। केवल तभी इस समस्या का हल हो पाएगा।

इसी के साथ मैं अपना भाषण समाप्त करता हूं और मुझे आशा है कि अब से आप सभी अपने जीवन में अनुशासन बनाए रखने का प्रयास करेंगे।

धन्यवाद। आप सभी का दिन शुभ हो।

आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, शिक्षकगण तथा मेरे सभी साथी छात्रों आपका आज के इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है।

आज हमारे विद्यालय की स्थापना के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, इन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। जिसके अंतर्गत इस भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है। इस दिन के महत्व को देखते हुए, मैने अपने भाषण के लिए ऐसे विषय को चुना है, जिसने हमारे विद्यालय को आज इस शहर के शीर्ष विद्यालयों की श्रेणी में पहुचाया है।

आज हमारा विद्यालय जिस स्तर पर है, उसका सिर्फ एक ही कारण है और वह है, अनुशासन यह हमारे विद्यालय की वह विशेषता है जो सभी छात्रों को उनके कार्यों के प्रति नियमित बनाने के साथ अपने कार्यों और कर्तव्यों के प्रति उनका सौ प्रतिशत सर्मपण देने के लिए भी प्रेरित करती है। हम सभी छात्रों ने जो सफलता प्राप्त की है। वह सिर्फ हमारे विद्यालय के अनुशासन द्वारा ही संभव हो पाया है क्योंकि हमें हमारे शिक्षकों द्वारा शुरु से ही अनुशासन और आदर्श जीवन की शिक्षा दी गयी और इसके साथ ही हमें समझाया गया कि जीवन में मिलने वाली सफलताओं में इसका कितना बड़ा महत्व है।

अपने भविष्य में चाहे हम जो भी कार्य करें लेकिन हमारे स्कूली जीवन में हमें सिखाया गया यह अनुशासन का पाठ सदैव हमारे काम आयेगा। यही कारण है कि हमारे विद्यालय के कई वरिष्ठ छात्र आज कई बड़ी कंपनियों तथा संगठनों में बड़े पदों पर कार्यरत है। हम जो भी कार्य करते है उसमें अनुशासन बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह हमारी कमियों और हमसे होने वाली गलतियों की संभावना को कम करता है और हमें एक सफल व्यक्ति बनाने में हमारी सहायता करता है।

अनुशासन हमारे जीवन का वह पाठ है, जिसके बिना हमारा जीवन अधूरा है। यदि हमें हमारे जीवन के शुरुआती दौर में अनुशासन की शिक्षा न मिले तो, हमें हमारे जीवन में कई प्रकार की असफलताओं का सामना करना पड़ता है और आज के इस आधुनिक दौर में जहां हर ओर सिर्फ गलाकाट प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है, तो ऐसे स्थिति में अनुशासन के बिना सफलता की आशा भी नही की जा सकती है।

एक छात्र का जीवन अनुशासन पर टिका होता है। आज हम संसार में जितने प्रसिद्ध व्यक्तियों को देखते है। उनके सफलता के पीछे का मुख्य कारण उनका अनुशासन और अपने कार्य के प्रति किया गया समर्पण और लगन है। यही कारण है कि अनुशासन को सफलता की कुंजी भी कहा गया है। हमें सदैव इस बात को लेकर प्रयासरत रहना चाहिये कि हम अपने जीवन में कुछ नया सीखे अपने जीवन में कुछ नया करे क्योंकि अनुशासन के लिए हमें अभ्यास और लगन की भी आवश्यकता होती है।

कई बार सख्त अनुशासन हमे काफी कष्टदायक महसूस होता है लेकिन वास्तव में यह हमारे ही भलाई के लिए होता है क्योंकि परिवर्तन ही संसार की नियम है और जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन का पालन करते हुए परिवर्तन को स्वीकार करता है वह अपने जीवन में सफलता अवश्य प्राप्त करता है। इसी तरह जब कई बार हमारे शिक्षक हम पर सख्ती लागू करते है, तो हमें इस बात को समझना चाहिए कि वह ऐसा हमारे भलाई के लिए ही कर रहे है।

जब हमारे शिक्षक हमारी पढ़ाई को लेकर सख्त रुख अपनाते है, तो वह ऐसा सिर्फ इसलिए करते है ताकि हम अपने परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त कर सके। यही कारण है कि कई बार वह हमें डांटते भी है लेकिन ऐसा सिर्फ वह हमारे भलाई के लिए करते है, क्योंकि वह चाहते है कि हम अपने जीवन में अनुशासित बनकर एक सफल व्यक्ति बन सके।

मेरे इस भाषण को इतना ध्यान से सुनने के लिए आप सबका धन्यवाद, मैं उम्मीद करता हूँ कि अनुशासन के विषय पर मेरा यह भाषण आप सबको पसंद आया हो अब मैं दूसरे प्रतिभागियों से अनुरोध करता हूँ कि वह मंच पर आये और अपने विचार व्यक्त करके इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कष्ट करें।

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प्राचीन काल में अनुशासन - 

हमारे जीवन में अनुशासन - , विद्यार्थी जीवन में अनुशासन - .

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सही कहा आपने, अनुशासन से ही जीवन के हर क्षेत्र में शासन कायम हो सकता है।

Bahut Hi badiya Sir , Aanusasan Ka Mahatav Bahut jaada Hai hamari Jindgi me

Absolutely Write..... Discipline Jaroori Hai

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Essay on discipline in hindi अनुशासन का महत्व पर निबंध.

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Discipline Meaning in Hindi and Essay

hindiinhindi Discipline in Hindi

Discipline Meaning in Hindi – अनुशासन

अनुशासन का महत्व पर निबंध – Anushasan Ka Mahatva Par Nibandh

विचार-बिंदु – • अनुशासन का अर्थ • अनुशासन प्रगति का मूल कारण • शक्तियों का केंद्रीकरण • समय की बचत • निरंतर गतिशीलता • प्रकृति-चक्र में अनुशासन • अनुशासन द्वारा सफल व्यक्तियों के कुछ उदाहरण।

अनुशासन का अर्थ है – नियमों के अनुसार जीवन-यापन। अनुशासन मानव की प्रगति का मूलमंत्र है। अनुशासन से मनुष्य की सारी शक्तियाँ केंद्रित हो जाती हैं। उससे समय बचता है। बिना अनुशासन के बहुत सारा समय इधरउधर के सोच-विचार में नष्ट हो जाता है। मनुष्य आलसी, निकम्मा और चुस्त नहीं रहता। वह अपनी सुविधा के अनुसार शिथिल हो जाता है। इससे बहुत-से काम हो सकते हुए भी नहीं हो पाते। यदि सूर्य और चंद्रमा को भी अनुशासन ने न बाँध रखा होता, तो शायद ये भी किसी दिन अँगड़ाई लेने ठहर जाते। तब इस सृष्टि का न जाने क्या होता !

मनुष्य को प्रकृति ने छूट दी है। वह चाहे तो अनुशासन अपना कर अपना जीवन सफल कर ले; अन्यथा पश्चात्ताप कर ले। संसार के सभी सफल व्यक्ति अनुशासन की राह से गुजरे हैं। गाँधी जी समय और दिनचर्या के अनुशासन का कठोरता से पालन करते थे। अंग्रेजों की थोड़ी-सी सेना पूरे भारत पर इसलिए शासन कर सकी, क्योंकि उसमें अद्भुत अनुशासन था। इसके विपरीत भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम केवल इसीलिए विफल हो गया, क्योंकि उनमें आपसी तालमेल और अनुशासन नहीं था।

# Anushasan Ka Mahatva in Hindi

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